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Adultery हर ख्वाहिश पूरी की
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दीदी मेरे पीछे से उतर कर बॅग हाथ में लिए घर के अंदर जा रही थी, उसकी चाल कुच्छ बदली-2 सी देख भाभी को कुच्छ शक़ हुआ लेकिन उन्होने कुच्छ कहा नही..

हमें घर पहुँचते-2 शाम के 4 बज गये थे, तो भाभी ने हमें चाय नाश्ता दिया, क्योंकि खाने का तो ये समय ही नही था..

दीदी नाश्ता करके अपने कमरे में आराम करने चली गयी… वो बहुत थकान महसूस कर रही थी…

अब मे और भाभी ही रह गये तो वो मुझे अपने कमरे में ले गयी, और हम दोनो पलंग पर लेटे-लेटे बात करने लगे…

भाभी – और सूनाओ लल्ला… कैसा रहा तुम्हारा शहर का सफ़र… बड़े देवर्जी ने कुच्छ खातिर-वातिर की अपने छोटे भाई बेहन की या ऐसे ही टरका दिया…

मे – अरे भाभी ! पुछो मत ! क्या रूतवा है भैया का… पोलीस वाले उनके आगे-पीछे घूमते हैं…

और फिर मेने वहाँ भैया के साथ जो-जो खरीदारी की वो सब बताया, फिर दूसरे दिन मूवी देखी..

भाभी – अच्छा लल्लाजी ! अब मे जो पुच्छू.. उसका सच-सच जबाब दोगे..?

मे – क्या भाभी ! आपको लगता है कि मे आपसे कभी झूठ भी बोल सकता हूँ..?

वो – नही ! ऐसा अब तक तो नही हुआ है… पर ये सवाल ही ऐसा है कि शायद इसका तुम जबाब ही ना देना चाहो…!

मे – आप निश्चिंत रहो भाभी.. मेरे जीवन में आपसे बढ़कर ऐसी कोई बात नही है जो मे आपसे शेयर ना कर पाउ…आप पुछिये क्या पुच्छना है…

वो – मुझे शक़ है कि तुम्हारे और रामा के बीच ऐसा कुच्छ हुआ है, जो मुझे पता नही है…

आज जब वो बाइक से उतरकर अंदर आ रही थी, तो उसकी चाल कुच्छ बदली-2 सी लग रही थी… ये कहकर वो मुझे स्वालिया नज़रों से घूर्ने लगी..

मे कुच्छ देर चुप रहा और फिर नज़रें नीची करके बोला - सॉरी भाभी ! आज से पहले तो ऐसा कुच्छ नही था हम दोनो के बीच पर आज ही………..

वो – हां बोलो ! आज ही क्या…? बताओ मुझे.. वो मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर बोली…

मे – आज से पहले हम दोनो के बीच बस कुच्छ बराबर के लड़को-लड़कियों जैसी थोड़ी बहुत छेड़-छाड़ होती रहती थी, जो मेरे लिए तो बस एक नॉर्मल भाई-बेहन वाली ही छेड़-छाड़ जैसी थी, लेकिन दीदी की भावना कुच्छ अलग ही थी मेरे लिए…

कल जब हम मूवी देख रहे थे तब….और फिर मेने जो भी हम दोनो के बीच हुआ, और फिर दीदी ने जो बताया वो सब मेने भाभी को बता दिया… जिसे सुनकर वो एकदम सकते में आ गयी….

फिर मेने आज जो कुच्छ हम दोनो के बीच हुआ वो भी सब बता दिया…उसके बाद रास्ते में जो हमारी बातें हुई वो भी बता दी…. तब जाकर उनको थोड़ा तसल्ली हुई..

मे – अब आप ही बताओ भाभी इसमें मेने कुच्छ ग़लत किया…?

कुच्छ देर वो चुप-चाप मेरे चेहरे को देखती रही… फिर कुच्छ सोच कर बोली – वैसे एक तरह से देखा जाए, तो रामा भी अपनी जगह सही है…

आख़िर उसकी भी उम्र ये सब करने की है ही, और ज़्यादातर लड़के लड़कियाँ इस उम्र में बहक कर ग़लत-सलत कदम उठा लेते हैं.. जिससे कभी-2 बदनामी का भी डर पैदा हो जाता है..

लेकिन अब तुम दोनो एक लिमिट में रह कर ही ये सब आगे करना, वैसे मे उससे भी बात करूँगी… पर तुम भी ये बात ध्यान रखना… कि अब अपना वीर्य उसके अंदर कभी मत छोड़ना… ठीक है..

फिर उन्होने मेरे होठों पर एक किस करके कहा – अब तुम थोड़ा अपने कॉलेज पर ध्यान दो, कल से रेग्युलर क्लास अटेंड करना…

फिर थोड़ा स्माइल करते हुए बोली - और हां ! समय निकाल कर थोड़ा छोटी चाची के पास चले जाया करो..

मे – क्यों ? उनको मुझसे क्या काम है.. मेने आपको बताया था ना, उनके बारे में..

वो – इसी लिए तो कह रही हूँ… मेरे अनाड़ी बलम… उन्हें तुम्हारी ज़रूरत है..शादी के इतने सालों बाद भी वो माँ नही बन पाई.. बेचारी अधूरी सी हैं…तो तुम थोड़ा कोशिश करो…प्लीज़… उन्हें भी खुशी होगी.

मे – क्या आप भी यही चाहती हैं..?

वो – मे भी यही चाहती हूँ… इसलिए तो कह रही हूँ… बोलो ! दोगे ना उन्हें ये खुशी…
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RE: हर ख्वाहिश पूरी की - by nitya.bansal3 - 06-09-2020, 05:36 PM



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