05-09-2020, 10:36 PM
कालू की बातें सुन मधु मदमस्त हो चुकी थी और कालू से बोली बहुत चुत चोदे हो इस लौड़े से आज मैं भी देखना चाहती हूँ क्या क्या सिखाया तुझे तेरी मालिक ने कुत्ते और वो हँसने लगी और कालू मधु के तलवों को उठा कर चाटने लगा और मधु आहे भर्ती मचलने लगी ।
कालू बोला मालकिन आप बहुत करारी माल हो आपको चोदने मे बहुत मज़ा आएगा आप जैसी गदरायी औरतें मुझे बहुत पसंद है और वो मधु के अंघुटे को चुसने लगा और विरजु से बोला साहब को छोर इधर आ पहले मालकिन की सेवा करते है ,विरजु झट से मधु के पास जा बैठा और कालू के कहने पर मधु के नाभि मे जीभ डाल चुसने लगा और बोला मालकिन हाथों को ऊपर रखिये समझई बंधी हुई है तभी हम दोनों आपको दिल खोल के मज़ा दे पाएंगे ,मधु बोली कुत्तों बांध ही दे ना ,कालू एकदम से चमकती आँखों से बोला जी मालकिन और मुझे देख बोला साहब एक गमछा दीजेए न और मैं कुत्ते के लिए गमछा लाया और विरजु ने कस के मधु के दोनों हाथों को पलग पर बांध कर बोला कालू भाई मेमसाहब बड़ी करारी है इनको इतनी आसानी से नहीं करेंगे इनको तड़पाने से और मज़ा आएगा ,कालू पैरों को चाटते बोला है विरजु इनको वैसे ही करेंगे की मालकिन भूले नहीं हम्हे कभी और दोनों मिल के मधु की एक एक टांग चाटने लगे और उँगली चूस मधु के चिकने पैरों को सहलाने लगे ,वो तेल मलते बस मधु के इठलाते बदन को देख मस्त था ।
उनकी उंगलिया ताल से ताल मिलाती मधु के जिस्म पर फिरती जिससे मधु सिहर जाती और उफ्फ्फ करती कमुक हो जाती और आंनद पूर्वक मज़ा लेती । यू तोह दोनों मधु जैसी प्यासी औरतों को चोद ही जवान हुए थे ऐसे मे उनका अनुभव कमाल का था ।
मधु की टांग बिल्कुल खुली दोनों के होंठो के पास थी और वो तेल ऊपर डालते जो धीरे धीरे बहती मधु के जीन्स के पास पहुँच गायब हो जाती मानो प्यासी चुत मधु की तेल पिये जा रही हो ।
तेल की धार मधु को गुदगुदी देती रोमांचित भी करती और वो कमर डोलाने लगती और हाथो को झटकती जिसे देख वो हँसते और आनंदित होते बोलते मेमसाहब आपने हम्हे ख़ुद ही जवानी सौपी है अब खुद ही लड़ रहीं और मधु अजीब कमुक आवाज़ मैं बोलती जवानी सोपी हु तोह चोद कुत्ते तड़पता क्या है और वो बोलते मालकिन हम कुत्ते है हम्हे बस कुतिया चोदनी है ,जब तलक आपको कुतिया न बना दे तब तक आप तड़पोगी और मधु हल्का गुसा करती बोलती कुतिया नहीं तेरी मालकिन हुँ कुत्ते और वो बोलता हाँ आप मालकिन ही है पर हम दोनों आपको कुतिया बना ही देंगे और मधु घमंड मे बोली मादरचोद हिमंत है तोह बना देखती हूँ तुम दोनों की औकाद ।
यू लग रहा था कि मधु खुद उनको उकसा रही थी कि वो मधु को नए अनोखे तरीके से मज़ा दे और ये बातें उनके बीच काफी उतेजना डाल रही थी , कालू उठ बाहर निकला और मधु बोली हिलाने चला क्या कुत्ते ,वो बिना जबाब दिए थोड़ी देर मे सरसों तेल की बोतल ला वापस बैठ पैरों से खेलने लगा और विरजु नाज़ुक उँगलियों से मधु के तलवों को मसाज करने लगा ,अब यू तलवे दबाये जाए तोह बदन सुख ही भोगे और मधु आँखे बंद वहीं सुख बटोरे इठलाती रही और कालू ने बड़े आराम से सरसों तेल को मधु के टॉप पर डाला और हाथों से सहलाते बोला मालकिन बड़ी गर्मी होती है इस तेल मे अब आप सुखी अच्छी नहीं लगती और मधु की टॉप तेल से पूरी तरह तरबतर हो गई और उसकी ब्रा तेल को सोखने लगी ,कालू ने अच्छे से टॉप के हर कोने को भिगोया और वापस आ बैठ मधु के पैरों को दबाने लगा ,मधु एक अजीब सुरसुरी मेहसूस करती खुद के जिस्म को छूने को तड़पने लगी और तेल ब्रा से होते अब उसके चिकने जिस्म पर फैलने लगा और मधु की कसमसाहट देख कालू बोला मालकिन जितना तड़पोगी उतना आनंद है ये जो हल्की हल्की सनसनाहट और खुजली तेल की बूंदे आपको देने लगी है यही आपको कुतिया बनायेगी और मधु बोली कुत्तों तुम दोनों चाहे जो कर लो कुतिया नहीं बना पाओगे पर मैं तुम दोनों की गाँड लाल ज़रूर करूँगी ।
कालू हँसते बोला मालकिन लाल कर दीजेएगा आपके खुशी के लिए कालू अपनी गाँड लाल करवा लेगा ,कालू ने मधु के चपचप टॉप को आईस्ते सहलाया और मधु के कड़क निप्पलों को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगा वो मधु सर उठा कर सिसकी मारने लगी जिसे देख विरजु ने मधु के नाभी पर तेल डाल उँगली से दबाया और मधु बिल्कुल कामुक्ता बस बोली कालू ओह मेरे विरजु चोद न और कालू बड़े शान्त मन बोला मालकिन अभी नहीं और मधु कस्मसाती तड़पती रही और दोनों मधु के जज़्बात से ऐसे खेल मे ढालने लगा कि मुझे आभाष हो गया कि मधु खुद को कुतिया बना ही देगी इन कुत्तों के लिए ।
कालू बोला मालकिन आप बहुत करारी माल हो आपको चोदने मे बहुत मज़ा आएगा आप जैसी गदरायी औरतें मुझे बहुत पसंद है और वो मधु के अंघुटे को चुसने लगा और विरजु से बोला साहब को छोर इधर आ पहले मालकिन की सेवा करते है ,विरजु झट से मधु के पास जा बैठा और कालू के कहने पर मधु के नाभि मे जीभ डाल चुसने लगा और बोला मालकिन हाथों को ऊपर रखिये समझई बंधी हुई है तभी हम दोनों आपको दिल खोल के मज़ा दे पाएंगे ,मधु बोली कुत्तों बांध ही दे ना ,कालू एकदम से चमकती आँखों से बोला जी मालकिन और मुझे देख बोला साहब एक गमछा दीजेए न और मैं कुत्ते के लिए गमछा लाया और विरजु ने कस के मधु के दोनों हाथों को पलग पर बांध कर बोला कालू भाई मेमसाहब बड़ी करारी है इनको इतनी आसानी से नहीं करेंगे इनको तड़पाने से और मज़ा आएगा ,कालू पैरों को चाटते बोला है विरजु इनको वैसे ही करेंगे की मालकिन भूले नहीं हम्हे कभी और दोनों मिल के मधु की एक एक टांग चाटने लगे और उँगली चूस मधु के चिकने पैरों को सहलाने लगे ,वो तेल मलते बस मधु के इठलाते बदन को देख मस्त था ।
उनकी उंगलिया ताल से ताल मिलाती मधु के जिस्म पर फिरती जिससे मधु सिहर जाती और उफ्फ्फ करती कमुक हो जाती और आंनद पूर्वक मज़ा लेती । यू तोह दोनों मधु जैसी प्यासी औरतों को चोद ही जवान हुए थे ऐसे मे उनका अनुभव कमाल का था ।
मधु की टांग बिल्कुल खुली दोनों के होंठो के पास थी और वो तेल ऊपर डालते जो धीरे धीरे बहती मधु के जीन्स के पास पहुँच गायब हो जाती मानो प्यासी चुत मधु की तेल पिये जा रही हो ।
तेल की धार मधु को गुदगुदी देती रोमांचित भी करती और वो कमर डोलाने लगती और हाथो को झटकती जिसे देख वो हँसते और आनंदित होते बोलते मेमसाहब आपने हम्हे ख़ुद ही जवानी सौपी है अब खुद ही लड़ रहीं और मधु अजीब कमुक आवाज़ मैं बोलती जवानी सोपी हु तोह चोद कुत्ते तड़पता क्या है और वो बोलते मालकिन हम कुत्ते है हम्हे बस कुतिया चोदनी है ,जब तलक आपको कुतिया न बना दे तब तक आप तड़पोगी और मधु हल्का गुसा करती बोलती कुतिया नहीं तेरी मालकिन हुँ कुत्ते और वो बोलता हाँ आप मालकिन ही है पर हम दोनों आपको कुतिया बना ही देंगे और मधु घमंड मे बोली मादरचोद हिमंत है तोह बना देखती हूँ तुम दोनों की औकाद ।
यू लग रहा था कि मधु खुद उनको उकसा रही थी कि वो मधु को नए अनोखे तरीके से मज़ा दे और ये बातें उनके बीच काफी उतेजना डाल रही थी , कालू उठ बाहर निकला और मधु बोली हिलाने चला क्या कुत्ते ,वो बिना जबाब दिए थोड़ी देर मे सरसों तेल की बोतल ला वापस बैठ पैरों से खेलने लगा और विरजु नाज़ुक उँगलियों से मधु के तलवों को मसाज करने लगा ,अब यू तलवे दबाये जाए तोह बदन सुख ही भोगे और मधु आँखे बंद वहीं सुख बटोरे इठलाती रही और कालू ने बड़े आराम से सरसों तेल को मधु के टॉप पर डाला और हाथों से सहलाते बोला मालकिन बड़ी गर्मी होती है इस तेल मे अब आप सुखी अच्छी नहीं लगती और मधु की टॉप तेल से पूरी तरह तरबतर हो गई और उसकी ब्रा तेल को सोखने लगी ,कालू ने अच्छे से टॉप के हर कोने को भिगोया और वापस आ बैठ मधु के पैरों को दबाने लगा ,मधु एक अजीब सुरसुरी मेहसूस करती खुद के जिस्म को छूने को तड़पने लगी और तेल ब्रा से होते अब उसके चिकने जिस्म पर फैलने लगा और मधु की कसमसाहट देख कालू बोला मालकिन जितना तड़पोगी उतना आनंद है ये जो हल्की हल्की सनसनाहट और खुजली तेल की बूंदे आपको देने लगी है यही आपको कुतिया बनायेगी और मधु बोली कुत्तों तुम दोनों चाहे जो कर लो कुतिया नहीं बना पाओगे पर मैं तुम दोनों की गाँड लाल ज़रूर करूँगी ।
कालू हँसते बोला मालकिन लाल कर दीजेएगा आपके खुशी के लिए कालू अपनी गाँड लाल करवा लेगा ,कालू ने मधु के चपचप टॉप को आईस्ते सहलाया और मधु के कड़क निप्पलों को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगा वो मधु सर उठा कर सिसकी मारने लगी जिसे देख विरजु ने मधु के नाभी पर तेल डाल उँगली से दबाया और मधु बिल्कुल कामुक्ता बस बोली कालू ओह मेरे विरजु चोद न और कालू बड़े शान्त मन बोला मालकिन अभी नहीं और मधु कस्मसाती तड़पती रही और दोनों मधु के जज़्बात से ऐसे खेल मे ढालने लगा कि मुझे आभाष हो गया कि मधु खुद को कुतिया बना ही देगी इन कुत्तों के लिए ।