09-03-2019, 11:46 AM
(28-02-2019, 10:39 AM)komaalrani Wrote: होली हो और साली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
होली हो, साली हो और उसकी चोली न खुले, बहुत ना इंसाफी है।
चोली में हाथ घुसे, और साली की गाली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
जीजा और साली की होली, नंदोई और सलहज की होली,
ननद और भाभी की होली।
ससुराल में मची पहली होली का धमाल, एक साली की जुबानी, कैसे खेली जीजा ने होली?
कैसे खोली जीजा ने चोली? और फिर क्या-क्या खुला?
और अब शुरू होती है कहानी, होली जीजा साली की।
// क्या मस्त शुरुआत है कोमल जी , आपकी लेखनी का जादू तो सच में सर चढ़कर बोलता है //
// सुनील पण्डित //
(suneeellpandit)
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!