Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 2.45 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#76
मजा पहली होली का, ससुराल में


[Image: holi-image-3-big.jpg]



देह की होली 





तन रंग लो जी आज मन रँग लो 


[Image: Holi-1513182346-Poonam-Pandey.jpg]


अब तक 



पता नहीं जिपर उन्होंने खोला , छुटकी से खुलवाया या मंझली ने मस्ती की। 

रंग पेंट में लीपा पुता चरम दंड बाहर था और मंझली अब खुल के उसके बेस पे पकड़ के रंग लगा रही थी , कभी मुठिया रही थी। 

उन्होंने छुटकी का हाथ पकड़ के उसपे लगाया , थोड़ी देर तक वो झिझकती रही , न न करती रही , फिर उसने भी अपने जीजू के लंड को ,



आब आगे से छुटकी हलके सुपाड़े को दबा रही थी अपनी नाजुक उँगलियों से और पीछे से मंझली। 


[Image: FFM-G-tumblr-n07aq1-D4-FN1qaoeoqo1-500.jpg]

किसी भी जीजा के औजार को होली के दिन उसकी दो किशोर सालियाँ मिल के एक साथ रंग लगाएं तो कैसा लगेगा ?

उनकी तो होली हो गयी , ले


किन टिकोरे का मजा लेना उन्होंने अभी भी नहीं छोड़ा। 

पर रंग में भंग पड़ा , 



या कहूं मंझली ने नाटक का दूसरा अंक शुरू कर दिया देह की होली का। 


[Image: Girls-fd9416710d54c095eafb214c2b3cbe2c.jpg]



आगे 









मंझली ने नाटक का दूसरा अंक शुरू कर दिया देह की होली का। 

[Image: colors-holi-11.jpg]

बाहर से भाभियों के गाने की होली के हुड़दंग की जोर जोर से आवाज आ रही थी। 



बस लग रहा था वो हम लोगो के घर की और आ रही हैं। 

उसने जल्दी से जीजू के पैंट से हाथ निकाला , और बोला , 



"अरे जीजू भाभियाँ कालोनी वाली "

और , दुछत्ती की ओर भागी। 

उसके जीजू उसके पीछे पीछे , लेकिन वो उनके पहले छत पे पहुँच गयी। 

इस बीच अब ये लग रहा था , वो बजाय हमारे यहाँ आने के सामने वाले घर में पहुंचगयी है और अब १०-१५ मिनट में हम लोगों के यहाँ आ धमकेगी। 

और वो भाभियाँ थी तो पहला हमला उनके नए नंदोई होते , लेकिन हम ननदे भी कहाँ बचती। 



[Image: Holi-party-2014-Photos-Hyderabad-Holi-20...Photos.jpg]

और मैं तो ससुराल से आयी ही इसलिए थी वहाँ ननदो को रगड़ा यहाँ भाभियों को। 



मैंने और छुटकी ने जल्दी जल्दी बाल्टियों में रंग भरा , अबीर गुलाल , रंग पेंट रखा 



और भांग वाली गुझिया और दहीबड़े निकाले। 

छुटकी ने अपनी फटी फ्राक की ओर इशारा किया। 

मैंने पहली बार इतनी नजदीक से देखा , वास्तव में एकदम चुन्चिया उठान। इनकी निगाह एकदम सही थी। 

" दीदी , क्या करूँ। " 



वो निगाह उठा के बोली। 

[Image: Girls-126.jpg]



" अरे यार जीजा साली की होली में होता है , रुक " 



और मैंने एक सेफ्टी पिन लगा दी। 

मैं मन ही मन सोच रही थी , मेरी बहन अभी तो तेरी बहुत कुछ फटनी बाकी है। 


ऊपर जीजा साली की होली चालु हो गयी थी। 


देह की होली। 


दुछत्ती ऐसी जगह पे थी , जहाँ से आंगन दिखता था , लेकिन वो आँगन क्या कही से भी नहीं दिखता था। 

मंझली के पीछे पीछे जो वो पहुंचे तो पहला काम उन्होंने ये किया कि सीढ़ी का दरवाजा बंद कर दिया। 


[Image: kacche-tik5.jpg]
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मजा पहली होली का ससुराल में , - by komaalrani - 09-03-2019, 09:30 AM



Users browsing this thread: 11 Guest(s)