30-08-2020, 09:07 PM
भौजी ऊपर
फिर तो गारी की वो बौछार , और होली खाली रंग की बौछार से थोड़ी पूरी होती है , जब तक जम के गारी न हो , ...
" बोल स्साले मादरचोद , बचपन में खूब अपनी महतारी के संग गुल्ली डंडा खेले होंगे न , खूब मुठियाये होगी वो बचपन में , बोल गदहा से चोदवा के तोहैं पैदा किया या घोड़ा से , तबहिं तो गदहा घोडा अस ,... बहुत आपन महतारी बहन चोदे होगे न बचपन में , लेकिन आज सब भूल जाओगे गांडू ,... ऐसा चोदुंगी न तुझे जैसा तेरे खानदान में न तेरी महतारी चोदी गयी होगी न तेरी बहनें , ... स्साले लेकिन बुर का मजा लेना है न भौजाई का तो पहले चूस चाट के , ... "
और कम्मो अब उनके सर के ऊपर उसकी बुर ,
सीधे इनके मुंह पर और क्या कस के घिस्से मार रही थी वो उनकी भौजी ,
और ये नहीं की उसके देवर का लंड आजाद हो गया था , वो अब कम्मो की मुट्ठी में और साथ में गारियाँ खोल
" तोहार महतारी खूब चुसवाये होगी बचपन में तभी इतना मस्त , .. अरे स्साले बुर में जीभ डाल अरे अभी तो तो तुझसे अपनी गांड भी चटवानी है , गाँड़ के अंदर का भी , जीभ अंदर डाल के , जैसे टेढ़ी ऊँगली अंदर डाल के घी निकालते हैं न एकदम वैसे ही लसर लसर ,
हाँ तब भौजी क बुर मिलेगी होली में , ...
हाँ चाट गांडू चाट "
चाट वो कम्मो की रहे थे , गरमा मैं रही थी , बाल्टी में फिर मैंने दो चार बाल्टियां रंग की भर लीं , हाथ में पेण्ट भी ,
कुछ देर बाद कम्मो ने अपना चौड़ा पिछवाड़ा सीधे उनके मुंह के ऊपर ,
और उसके पहले हाथ से अपने दोनों चूतड़ फैला के छेद खोल के , सीधे उनके मुंह पर सील कर दिया ,
उनकी जीभ कम्मो की गांड में घुसी पता नहीं , लेकिन दरवाजे पर जोर जोर से खटखट हुयी
भाभी , भाभी , ..दरवाजा खोलिये न ,...
सब रंगभग ,
वो क्या पहनते उनका पजामा तो चीर चीर , आँगन में पड़ी कम्मो की साड़ी उन्होंने उठाया और लपेटा , बाथरूम के अंदर ,
कम्मो सिर्फ पेटीकोट में थी उसने बरामदे में पड़ी मेरी साडी लपेट ली और दरवाजा खोलने चली गयी , ... और मं खूब गीली देह से चिपकी
आवाज तो मैं पहचान ही गयी थी , मेरी मोहल्ले की दो लड़कियां इंटर वाली ,
दोनों ननदे , ज्योति , नीता ,...
ननदे , ज्योति ,
नीता ,..
आवाज तो मैं पहचान ही गयी थी , मेरी मोहल्ले की दो लड़कियां इंटर वाली , दोनों ननदे , ज्योति , नीता ,...
और दोनों पक्की छिनार ,
ज्योति तो खूब दबवा मिजवा के गदरा गयी थी , जोबन उसके आलमोस्ट मेरे साइज के , दोनों ११ वे पढ़ती हैं ,
वहीँ जहाँ गुड्डी पढ़ती है , हम लोगो के घर के बगल वाले गवर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज ,
नीता भी कम मस्त नहीं है , हंसती है तो गाल में गड्ढे पड़ते हैं ,
और दोनों मुझे जबसे मैं आयी तबसे होली का नाम ले ले कर धमका रही थीं ,
" भाभी अभी आप भैया से मजा ले लीजिये , आने दीजिये होली , इस होली में आपके कपडे से नहीं सिर्फ देह से होली होगी "
नीता छेड़ती रहती ,
और ज्योति और
" अरे हमारी भाभी बनारस की डांसिंग क्वीन थीं , आने दो होली को इस आंगन में हम ननदें नचाएंगी , हाँ बिना कपडे के , और सेल्फी वीडियो , सब ,... "
वही दोनों ,
उन दोनों को पता चल गया था की मैं होली में नहीं रहूंगी , सीधे होली के तीन दिन पहले अपने मायके ,
जैसे मैंने किवाड़ खोला , दोनों जोर जोर से बोलती घुसी ,
" अरे भाभी ये सख्त नाइंसाफी है , होली में अपने मायके यारों की पिचकारी का मजा लेने जा रही है , आप डर गयीं की होली में यहाँ ननदें नंगे नचाएंगी न ,
अरे बचपन की छिनार अपने भौजाई बहुत मजा लिया होगा अबकी अपने देवर और ननदों का रस लेना चाहिए था न ,
भाभी ये एकदम फाउल है "
उन दोनों को क्या मालूम था मैं केवाड़ी के पीछे छुपी खड़ी हूँ , बनारस वाली हूँ इन आजमगढ़ वालियों की लेने के लिए आयी हूँ , ...
पीछे से मैंने नीतू को धर दबोचा और आगे से कम्मो ने ज्योति को अपनी अँकवार में कस के भींच लिया ,
कम्मो की पकड़ लोहे की सँडसी से भी जबरदस्त , चार चार बच्चो की माँ उससे पार नहीं पा सकती , ये ज्योति तो नयी बछेड़ी थी ,
ज्योति शलवार सूट में , जोबन उसके छलक रहे थे , ...
बोली ,
" नहीं नहीं भाभी , ये ड्रेस मेरा , रंग से , ... आप लोग ,... "
उसकी निगाह रंग से लिथड़ी कम्मो पर पड़ी।
कम्मो ने बिना बोले , पहले उसे हलके से गुदगुदी लगाई , जब तक वह सम्हले , पीछे से उसकी दोनों कलाई कम्मो के हाथ में ,
और मुंह से ही उसने ज्योति का दुप्पटा खींच लिया , और हँसते हुए बोली
" ननद रानी ई जोबना फागुन में मिजवाने मसलवाने के लिए हैं , काहें हमारे देवर को ललचाती हो , देखाओ न खुल के , ... "
और आराम से ज्योति के दोनों हाथ दुप्पटे से बाँध दिए ,
मैंने नीतू के दोनों हाथ पीछे से पकड़ रखे थे , वो टॉप और स्कर्ट में थी।
कम्मो ने ज्योति की शलवार का नाड़ा न सिर्फ खोला बल्कि खींच कर निकाल दिया और उसी नाड़े से अब नीतू के हाथ बंधे थे ,
हम चारो अब आंगन में थे , आंगन में चारो ओर रंग बिखरा था , बाल्टियों में रंग भरा था , लग रहा था भी जबरदस्त होली हुयी थी , ..
फिर तो गारी की वो बौछार , और होली खाली रंग की बौछार से थोड़ी पूरी होती है , जब तक जम के गारी न हो , ...
" बोल स्साले मादरचोद , बचपन में खूब अपनी महतारी के संग गुल्ली डंडा खेले होंगे न , खूब मुठियाये होगी वो बचपन में , बोल गदहा से चोदवा के तोहैं पैदा किया या घोड़ा से , तबहिं तो गदहा घोडा अस ,... बहुत आपन महतारी बहन चोदे होगे न बचपन में , लेकिन आज सब भूल जाओगे गांडू ,... ऐसा चोदुंगी न तुझे जैसा तेरे खानदान में न तेरी महतारी चोदी गयी होगी न तेरी बहनें , ... स्साले लेकिन बुर का मजा लेना है न भौजाई का तो पहले चूस चाट के , ... "
और कम्मो अब उनके सर के ऊपर उसकी बुर ,
सीधे इनके मुंह पर और क्या कस के घिस्से मार रही थी वो उनकी भौजी ,
और ये नहीं की उसके देवर का लंड आजाद हो गया था , वो अब कम्मो की मुट्ठी में और साथ में गारियाँ खोल
" तोहार महतारी खूब चुसवाये होगी बचपन में तभी इतना मस्त , .. अरे स्साले बुर में जीभ डाल अरे अभी तो तो तुझसे अपनी गांड भी चटवानी है , गाँड़ के अंदर का भी , जीभ अंदर डाल के , जैसे टेढ़ी ऊँगली अंदर डाल के घी निकालते हैं न एकदम वैसे ही लसर लसर ,
हाँ तब भौजी क बुर मिलेगी होली में , ...
हाँ चाट गांडू चाट "
चाट वो कम्मो की रहे थे , गरमा मैं रही थी , बाल्टी में फिर मैंने दो चार बाल्टियां रंग की भर लीं , हाथ में पेण्ट भी ,
कुछ देर बाद कम्मो ने अपना चौड़ा पिछवाड़ा सीधे उनके मुंह के ऊपर ,
और उसके पहले हाथ से अपने दोनों चूतड़ फैला के छेद खोल के , सीधे उनके मुंह पर सील कर दिया ,
उनकी जीभ कम्मो की गांड में घुसी पता नहीं , लेकिन दरवाजे पर जोर जोर से खटखट हुयी
भाभी , भाभी , ..दरवाजा खोलिये न ,...
सब रंगभग ,
वो क्या पहनते उनका पजामा तो चीर चीर , आँगन में पड़ी कम्मो की साड़ी उन्होंने उठाया और लपेटा , बाथरूम के अंदर ,
कम्मो सिर्फ पेटीकोट में थी उसने बरामदे में पड़ी मेरी साडी लपेट ली और दरवाजा खोलने चली गयी , ... और मं खूब गीली देह से चिपकी
आवाज तो मैं पहचान ही गयी थी , मेरी मोहल्ले की दो लड़कियां इंटर वाली ,
दोनों ननदे , ज्योति , नीता ,...
ननदे , ज्योति ,
नीता ,..
आवाज तो मैं पहचान ही गयी थी , मेरी मोहल्ले की दो लड़कियां इंटर वाली , दोनों ननदे , ज्योति , नीता ,...
और दोनों पक्की छिनार ,
ज्योति तो खूब दबवा मिजवा के गदरा गयी थी , जोबन उसके आलमोस्ट मेरे साइज के , दोनों ११ वे पढ़ती हैं ,
वहीँ जहाँ गुड्डी पढ़ती है , हम लोगो के घर के बगल वाले गवर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज ,
नीता भी कम मस्त नहीं है , हंसती है तो गाल में गड्ढे पड़ते हैं ,
और दोनों मुझे जबसे मैं आयी तबसे होली का नाम ले ले कर धमका रही थीं ,
" भाभी अभी आप भैया से मजा ले लीजिये , आने दीजिये होली , इस होली में आपके कपडे से नहीं सिर्फ देह से होली होगी "
नीता छेड़ती रहती ,
और ज्योति और
" अरे हमारी भाभी बनारस की डांसिंग क्वीन थीं , आने दो होली को इस आंगन में हम ननदें नचाएंगी , हाँ बिना कपडे के , और सेल्फी वीडियो , सब ,... "
वही दोनों ,
उन दोनों को पता चल गया था की मैं होली में नहीं रहूंगी , सीधे होली के तीन दिन पहले अपने मायके ,
जैसे मैंने किवाड़ खोला , दोनों जोर जोर से बोलती घुसी ,
" अरे भाभी ये सख्त नाइंसाफी है , होली में अपने मायके यारों की पिचकारी का मजा लेने जा रही है , आप डर गयीं की होली में यहाँ ननदें नंगे नचाएंगी न ,
अरे बचपन की छिनार अपने भौजाई बहुत मजा लिया होगा अबकी अपने देवर और ननदों का रस लेना चाहिए था न ,
भाभी ये एकदम फाउल है "
उन दोनों को क्या मालूम था मैं केवाड़ी के पीछे छुपी खड़ी हूँ , बनारस वाली हूँ इन आजमगढ़ वालियों की लेने के लिए आयी हूँ , ...
पीछे से मैंने नीतू को धर दबोचा और आगे से कम्मो ने ज्योति को अपनी अँकवार में कस के भींच लिया ,
कम्मो की पकड़ लोहे की सँडसी से भी जबरदस्त , चार चार बच्चो की माँ उससे पार नहीं पा सकती , ये ज्योति तो नयी बछेड़ी थी ,
ज्योति शलवार सूट में , जोबन उसके छलक रहे थे , ...
बोली ,
" नहीं नहीं भाभी , ये ड्रेस मेरा , रंग से , ... आप लोग ,... "
उसकी निगाह रंग से लिथड़ी कम्मो पर पड़ी।
कम्मो ने बिना बोले , पहले उसे हलके से गुदगुदी लगाई , जब तक वह सम्हले , पीछे से उसकी दोनों कलाई कम्मो के हाथ में ,
और मुंह से ही उसने ज्योति का दुप्पटा खींच लिया , और हँसते हुए बोली
" ननद रानी ई जोबना फागुन में मिजवाने मसलवाने के लिए हैं , काहें हमारे देवर को ललचाती हो , देखाओ न खुल के , ... "
और आराम से ज्योति के दोनों हाथ दुप्पटे से बाँध दिए ,
मैंने नीतू के दोनों हाथ पीछे से पकड़ रखे थे , वो टॉप और स्कर्ट में थी।
कम्मो ने ज्योति की शलवार का नाड़ा न सिर्फ खोला बल्कि खींच कर निकाल दिया और उसी नाड़े से अब नीतू के हाथ बंधे थे ,
हम चारो अब आंगन में थे , आंगन में चारो ओर रंग बिखरा था , बाल्टियों में रंग भरा था , लग रहा था भी जबरदस्त होली हुयी थी , ..