08-03-2019, 06:46 PM
राणा ने जीवन की तरफ देखा..और उसे पत्ते उठाने के लिए कहा..
जब वो पत्ते उठा रहा था तो केशव और बिल्ली बड़े गोर से उसे देख रहे थे, की कहीं वो बीच मे अपनी हाथ की सफाई दिखा कर पत्ते ना बदल डाले..पर ऐसा कुछ हुआ नही..क्योंकि पत्तो को अपने सामने खिसकाने के बाद जीवन ने एक-2 करते हुए अपने पत्ते सामने फेंकने शुरू कर दिए.
पहला पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा था 3 नंबर..
ये दोनो पत्ते देखकर तो केशव को यकीन सा होने लगा की आज वो बिना काजल के भी जीत सकता है...क्योंकि बीच मे लगभग 10 हज़ार रुपय थे..
पर जैसे ही जीवन ने आख़िरी पत्ता फेंका, केशव का चेहरा उतार गया.
वो बादशाह था.
केशव ने भी बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने पत्ते ज़ोर से पटक दिए..सिर्फ़ एक पत्ते से हारा था वो..गुस्सा आना तो लाजमी था.
और केशव से ज़्यादा गुस्सा तो गणेश को आ रहा था अपने उपर...क्योंकि उसके पास पेयर था और उसके बावजूद उसने पैक कर दिया था. अगर उसने पैक नहीं किया होता तो वो ये बाजी जीत चुका होता
पर अब कुछ नही हो सकता था..
अगली गेम की तैयारी होने लगी...
गणेश पत्तों को ज़ोर-2 से पीटने लगा , शायद अपना गुस्सा उनपर उतार रहा था वो.
और जैसे ही वो पत्ते बाँटने लगा, पीछे से काजल की सुरीली आवाज़ आई
''आज मेरे बिना ही खेल शुरू कर दिया आप लोगो ने..
बिल्लू और गणेश तो कब से उसका इंतजार कर रहे थे...पर राणा ने जब देखा की काजल भी वहाँ आकर खड़ी हो गयी है और वो भी अपनी नाइट ड्रेस में ...तो उसकी बाँछे खिल उठी...उसके बारे मे सोचकर वो कितनी मूठ मार चुका था..कितनी लड़कियों को उसके साथ कम्पेयर कर चुका था, पर उस जैसी लड़की उसे पुर मोहल्ले मे नही दिखी थी..
और जब उसे गोर से देखने के बाद राणा को ये एहसास हुआ की उसने ब्रा नही पहनी है तो उसका लंड जींस के अंदर बड़ी ज़ोर से कसमसाने लगा..
उसने सोच लिया की जब सामने से वो खुद चलकर आ रही है तो उसपर एक बार तो चांस लेना बनता ही है..
सभी ने काजल का स्वागत किया खड़े होकर..और काजल लचकति हुई सी आई और केशव की बगल मे आकर बैठ गयी.
बिल्लू ने राणा को समझा दिया की वो भी एक-दो दिनों से उनके साथ खेल रही है...अपने भाई के साथ या उसकी जगह पर..इस बात से भला राणा को क्या प्राब्लम हो सकती थी,क्योंकि वो तो खुद ही जीवन के भरोसे खेल रहा था..
पर राणा के दिमाग़ मे एक ही बात चल रही थी की कैसे काजल को शीशे मे उतार कर उसके साथ मज़ा लिया जाए..
अभी तो खेल शुरू ही हुआ था...अभी तो पूरी रात पड़ी थी उस काम के लिए..
जब वो पत्ते उठा रहा था तो केशव और बिल्ली बड़े गोर से उसे देख रहे थे, की कहीं वो बीच मे अपनी हाथ की सफाई दिखा कर पत्ते ना बदल डाले..पर ऐसा कुछ हुआ नही..क्योंकि पत्तो को अपने सामने खिसकाने के बाद जीवन ने एक-2 करते हुए अपने पत्ते सामने फेंकने शुरू कर दिए.
पहला पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा था 3 नंबर..
ये दोनो पत्ते देखकर तो केशव को यकीन सा होने लगा की आज वो बिना काजल के भी जीत सकता है...क्योंकि बीच मे लगभग 10 हज़ार रुपय थे..
पर जैसे ही जीवन ने आख़िरी पत्ता फेंका, केशव का चेहरा उतार गया.
वो बादशाह था.
केशव ने भी बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने पत्ते ज़ोर से पटक दिए..सिर्फ़ एक पत्ते से हारा था वो..गुस्सा आना तो लाजमी था.
और केशव से ज़्यादा गुस्सा तो गणेश को आ रहा था अपने उपर...क्योंकि उसके पास पेयर था और उसके बावजूद उसने पैक कर दिया था. अगर उसने पैक नहीं किया होता तो वो ये बाजी जीत चुका होता
पर अब कुछ नही हो सकता था..
अगली गेम की तैयारी होने लगी...
गणेश पत्तों को ज़ोर-2 से पीटने लगा , शायद अपना गुस्सा उनपर उतार रहा था वो.
और जैसे ही वो पत्ते बाँटने लगा, पीछे से काजल की सुरीली आवाज़ आई
''आज मेरे बिना ही खेल शुरू कर दिया आप लोगो ने..
बिल्लू और गणेश तो कब से उसका इंतजार कर रहे थे...पर राणा ने जब देखा की काजल भी वहाँ आकर खड़ी हो गयी है और वो भी अपनी नाइट ड्रेस में ...तो उसकी बाँछे खिल उठी...उसके बारे मे सोचकर वो कितनी मूठ मार चुका था..कितनी लड़कियों को उसके साथ कम्पेयर कर चुका था, पर उस जैसी लड़की उसे पुर मोहल्ले मे नही दिखी थी..
और जब उसे गोर से देखने के बाद राणा को ये एहसास हुआ की उसने ब्रा नही पहनी है तो उसका लंड जींस के अंदर बड़ी ज़ोर से कसमसाने लगा..
उसने सोच लिया की जब सामने से वो खुद चलकर आ रही है तो उसपर एक बार तो चांस लेना बनता ही है..
सभी ने काजल का स्वागत किया खड़े होकर..और काजल लचकति हुई सी आई और केशव की बगल मे आकर बैठ गयी.
बिल्लू ने राणा को समझा दिया की वो भी एक-दो दिनों से उनके साथ खेल रही है...अपने भाई के साथ या उसकी जगह पर..इस बात से भला राणा को क्या प्राब्लम हो सकती थी,क्योंकि वो तो खुद ही जीवन के भरोसे खेल रहा था..
पर राणा के दिमाग़ मे एक ही बात चल रही थी की कैसे काजल को शीशे मे उतार कर उसके साथ मज़ा लिया जाए..
अभी तो खेल शुरू ही हुआ था...अभी तो पूरी रात पड़ी थी उस काम के लिए..