08-03-2019, 12:43 PM
मैंने भाभी की चूत पर थोड़ा सा लंड का दबाव दिया तो लंड का सुपारा चूत के नर्म और छोटे से पिंक छेद के अंदर चला गया.
भाभी कहने लगी- राज, थोड़ा धीरे करना.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपको भैया अच्छी तरह से नहीं चोदते क्या?
तो भाभी कहने लगी- उनकी तो आप बात ही छोड़ो, अब हमारे अंदर यह संबंध रहा ही नहीं है, शादी के 7 साल हो चुके हैं, और कहावत है कि 7 साल के बाद आदमी का औरत से मन भर जाता है परन्तु तुम्हारे भैया का तो 3 साल में ही भर गया था, आज बहुत दिनों बाद तुम मेरी चूत की आग को शांत करोगे.
बातें करते-करते मैंने लंड को थोड़ा और ज़ोर लगा कर अन्दर किया और आधा लंड भाभी की चूत में घुसेड़ दिया. भाभी थोड़ा असहज लग रही थी तो मैंने भाभी के होंठों पर किस किया और एक ज़ोर का धक्का लगा कर पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया.
भाभी उस धक्के के लिए तैयार नहीं थी और जैसे ही पूरा लंड चूत के अंदर फंसा, भाभी की एकदम चीख निकल गई, बोली- राज! मुझे मार ही दिया, इतना मोटा लंड है तुम्हारा.
कुछ देर तक मैंने अपने लंड की हरकत रोक दी और लंड को चूत में डाल कर भाभी के ऊपर लेट गया और भाभी को प्यार करने लगा.
कुछ देर बाद लता भाभी बोली- अब ठीक लग रहा है, धीरे-धीरे करो.
मैं लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा. लंड पूरा भाभी की बच्चेदानी के ऊपर लग रहा था. कुछ ही देर में जब सब कुछ सेट हो गया और भाभी को मज़ा आने लगा तो लता भाभी ने अपनी टांगें मेरी टांगों के अंदर फंसा दी.
मैं समझ गया कि अब भाभी को मज़ा आने लगा है. उनके टांगे फसाने से मैं ज्यादा ऊपर नहीं उठ पा रहा था, मैंने भाभी की टांगों को अपने हाथों में लिया और चूत के ऊपर अच्छी तरह से चढ़कर लंड से ठुकाई करने लगा.
भाभी कहने लगी- आह … आए …. हाय … मार दिया … मार दिया … इतना बड़ा लंड … इतना मोटा … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने पहली बार लिया है. तुम तो असली मर्द हो, तुमने पहली बार मेरी चूत मारी है, मैंने तुम्हारे कुंवारेपन को तोड़ दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा है, राजा! मुझे चोदो, चोदो … मुझे … हाय … हाय … आई …
करते हुए भाभी अपना सिर बेड पर इधर-उधर मारती रही.
जैसे-जैसे मैं भाभी की चूत में धक्के लगा रहा था, उसी रफ्तार से भाभी की चूचियां उनकी छाती पर ज़ोर-ज़ोर से हिल रही थी.
भाभी कहने लगी- और ज़ोर से करो मेरे राजा. आज तो मज़ा दे दिया तुमने. सच में … अब मैं हर रोज़ तुमसे चुदा करूंगी, हाय मेरी जान … करो … करो … करो, मेरे राजा!
और अचानक भाभी का शरीर अकड़ने लगा, उन्होंने ज़ोर से मुझे अपनी बांहों में कसकर अपनी छाती के साथ भींच लिया और भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
भाभी कहने लगी- मेरा तो हो गया है. अब तुम अपना काम कर लो.
मैंने उसी पॉजीशन में भाभी की टांगों को अपने कंधों पर उठा लिया और धकाधक चुदाई जारी रखी.
मार्च का महीना था, हम दोनों उस कमरे में पसीना-पसीना हो गए थे. मैं बेड से नीचे उतरा और भाभी को बेड के किनारे पर घसीट कर उनकी चूत में दोबारा लंड डाल कर उन्हें पेलने लगा.
भाभी ने कहा- मुझे दर्द होने लगा है.
तो मैंने उनकी चूत में 15-20 ज़बरदस्त झटके लगाए और उनकी चूत को अपने लंड के वीर्य की पिचकारियों से भर दिया. लगभग 10-15 पिचकारियों के बाद मेरा लंड शांत हुआ और मैं भाभी को ऊपर सरका कर उनके ऊपर ही लेट गया. मैं दोनों हाथों में उनके चेहरे को पकड़कर प्यार करने लगा. मैंने भाभी की चूचियों पर काटने के निशान बना दिए थे. भाभी पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे ऊपर से हटने का इशारा किया. मैंने अपने लंड को बाहर निकाला, लंड के बाहर निकलते ही ढेर सारा वीर्य उनकी चूत से निकल कर उनके चूतड़ों को भिगोता हुआ बेड की चादर पर गिरने लगा.
भाभी लेटी रही, मैं उठकर बाथरुम में चला गया, जब वापस आया तो भाभी भी उठ कर बाथरुम जाने लगी तो खड़े होते ही उनकी चूत से वीर्य निकल कर उनके पटों से होता हुआ नीचे उनके घुटनों तक बह रहा था और भाभी अपनी टाँगें चौड़ी करके लड़खड़ाती हुई चल रही थी.
भाभी बाथरूम गई और अपनी चूत को साफ करके आई. आने के बाद भाभी ने वही गाउन फिर पहन लिया और रसोई से मेरे लिए गर्म दूध और कुछ ड्राई फ्रूट लेकर आई, मुझसे कहने लगी- मेरे राजा, आज जिंदगी में तुमने जो मेरी चुदाई की है वह सदा याद रहेगी.
इस पूरी चुदाई में रात के 11:00 बज गए थे. मैंने दूध पिया और कुछ ड्राई फ्रूट खाए, गर्म दूध पीने के बाद मेरे अंदर फिर जोश पैदा हो गया, मैंने भाभी को उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया और प्यार करने लगा. मैंने भाभी की सुंदरता की खूब तारीफ की और कहा- हेमा भाभी तो आपके मुकाबले में कुछ भी नहीं है, उसके पट मैंने देखे हैं.
मैंने वह सारी बात बता दी जब वह मेरे ऊपर गिरी थी, मैंने उनको बताया कि हेमा भाभी ने आपसे बात छुपा ली थी.
भाभी कहने लगी- राज, थोड़ा धीरे करना.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपको भैया अच्छी तरह से नहीं चोदते क्या?
तो भाभी कहने लगी- उनकी तो आप बात ही छोड़ो, अब हमारे अंदर यह संबंध रहा ही नहीं है, शादी के 7 साल हो चुके हैं, और कहावत है कि 7 साल के बाद आदमी का औरत से मन भर जाता है परन्तु तुम्हारे भैया का तो 3 साल में ही भर गया था, आज बहुत दिनों बाद तुम मेरी चूत की आग को शांत करोगे.
बातें करते-करते मैंने लंड को थोड़ा और ज़ोर लगा कर अन्दर किया और आधा लंड भाभी की चूत में घुसेड़ दिया. भाभी थोड़ा असहज लग रही थी तो मैंने भाभी के होंठों पर किस किया और एक ज़ोर का धक्का लगा कर पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया.
भाभी उस धक्के के लिए तैयार नहीं थी और जैसे ही पूरा लंड चूत के अंदर फंसा, भाभी की एकदम चीख निकल गई, बोली- राज! मुझे मार ही दिया, इतना मोटा लंड है तुम्हारा.
कुछ देर तक मैंने अपने लंड की हरकत रोक दी और लंड को चूत में डाल कर भाभी के ऊपर लेट गया और भाभी को प्यार करने लगा.
कुछ देर बाद लता भाभी बोली- अब ठीक लग रहा है, धीरे-धीरे करो.
मैं लंड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा. लंड पूरा भाभी की बच्चेदानी के ऊपर लग रहा था. कुछ ही देर में जब सब कुछ सेट हो गया और भाभी को मज़ा आने लगा तो लता भाभी ने अपनी टांगें मेरी टांगों के अंदर फंसा दी.
मैं समझ गया कि अब भाभी को मज़ा आने लगा है. उनके टांगे फसाने से मैं ज्यादा ऊपर नहीं उठ पा रहा था, मैंने भाभी की टांगों को अपने हाथों में लिया और चूत के ऊपर अच्छी तरह से चढ़कर लंड से ठुकाई करने लगा.
भाभी कहने लगी- आह … आए …. हाय … मार दिया … मार दिया … इतना बड़ा लंड … इतना मोटा … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने पहली बार लिया है. तुम तो असली मर्द हो, तुमने पहली बार मेरी चूत मारी है, मैंने तुम्हारे कुंवारेपन को तोड़ दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा है, राजा! मुझे चोदो, चोदो … मुझे … हाय … हाय … आई …
करते हुए भाभी अपना सिर बेड पर इधर-उधर मारती रही.
जैसे-जैसे मैं भाभी की चूत में धक्के लगा रहा था, उसी रफ्तार से भाभी की चूचियां उनकी छाती पर ज़ोर-ज़ोर से हिल रही थी.
भाभी कहने लगी- और ज़ोर से करो मेरे राजा. आज तो मज़ा दे दिया तुमने. सच में … अब मैं हर रोज़ तुमसे चुदा करूंगी, हाय मेरी जान … करो … करो … करो, मेरे राजा!
और अचानक भाभी का शरीर अकड़ने लगा, उन्होंने ज़ोर से मुझे अपनी बांहों में कसकर अपनी छाती के साथ भींच लिया और भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
भाभी कहने लगी- मेरा तो हो गया है. अब तुम अपना काम कर लो.
मैंने उसी पॉजीशन में भाभी की टांगों को अपने कंधों पर उठा लिया और धकाधक चुदाई जारी रखी.
मार्च का महीना था, हम दोनों उस कमरे में पसीना-पसीना हो गए थे. मैं बेड से नीचे उतरा और भाभी को बेड के किनारे पर घसीट कर उनकी चूत में दोबारा लंड डाल कर उन्हें पेलने लगा.
भाभी ने कहा- मुझे दर्द होने लगा है.
तो मैंने उनकी चूत में 15-20 ज़बरदस्त झटके लगाए और उनकी चूत को अपने लंड के वीर्य की पिचकारियों से भर दिया. लगभग 10-15 पिचकारियों के बाद मेरा लंड शांत हुआ और मैं भाभी को ऊपर सरका कर उनके ऊपर ही लेट गया. मैं दोनों हाथों में उनके चेहरे को पकड़कर प्यार करने लगा. मैंने भाभी की चूचियों पर काटने के निशान बना दिए थे. भाभी पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे ऊपर से हटने का इशारा किया. मैंने अपने लंड को बाहर निकाला, लंड के बाहर निकलते ही ढेर सारा वीर्य उनकी चूत से निकल कर उनके चूतड़ों को भिगोता हुआ बेड की चादर पर गिरने लगा.
भाभी लेटी रही, मैं उठकर बाथरुम में चला गया, जब वापस आया तो भाभी भी उठ कर बाथरुम जाने लगी तो खड़े होते ही उनकी चूत से वीर्य निकल कर उनके पटों से होता हुआ नीचे उनके घुटनों तक बह रहा था और भाभी अपनी टाँगें चौड़ी करके लड़खड़ाती हुई चल रही थी.
भाभी बाथरूम गई और अपनी चूत को साफ करके आई. आने के बाद भाभी ने वही गाउन फिर पहन लिया और रसोई से मेरे लिए गर्म दूध और कुछ ड्राई फ्रूट लेकर आई, मुझसे कहने लगी- मेरे राजा, आज जिंदगी में तुमने जो मेरी चुदाई की है वह सदा याद रहेगी.
इस पूरी चुदाई में रात के 11:00 बज गए थे. मैंने दूध पिया और कुछ ड्राई फ्रूट खाए, गर्म दूध पीने के बाद मेरे अंदर फिर जोश पैदा हो गया, मैंने भाभी को उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया और प्यार करने लगा. मैंने भाभी की सुंदरता की खूब तारीफ की और कहा- हेमा भाभी तो आपके मुकाबले में कुछ भी नहीं है, उसके पट मैंने देखे हैं.
मैंने वह सारी बात बता दी जब वह मेरे ऊपर गिरी थी, मैंने उनको बताया कि हेमा भाभी ने आपसे बात छुपा ली थी.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!