08-03-2019, 12:34 PM
लता भाभी अदा से मुस्कराकर बोली- अच्छा छोड़ो अब, आज सांय को मुझे पिक्चर दिखा कर लाओ?
मैं खुश हो गया, मैंने कहा- ठीक है, 6 से 9 बजे वाले शो में चलते हैं।
वह बोली- तीन टिकट ले आना, बच्ची भी साथ चलेगी लेकिन हेमा को पता नहीं चलना चाहिए, हम पिक्चर हाल में ही मिलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
और मैं पास के थिएटर के तीन एडवांस टिकट लास्ट लाइन के कार्नर की सीट के ले आया.
हम अलग-अलग पौने छः बजे पिक्चर हाल पहुँच गए. हाल लगभग खाली था. बच्ची को कॉर्नर की सीट पर बैठा दिया. बैठते ही लता बोली- हेमा के साथ कहाँ तक पहुंचे हो?
मैंने कहा- जहाँ तक आपने देखा था.
वह बोली- झूठ बोल रहे हो, वह तो आप पर पूरे डोरे डाल रही है, कैसे स्कूटर पर चिपक कर बैठती है.
मैंने कहा- भाभी! आपकी कसम है, मैंने कुछ नहीं किया है।
वह बोली- हेमा मुझसे ज्यादा सुन्दर है क्या?
मैंने थोड़ा मक्खन लगाते हुए कहा- कहाँ हेमा और कहाँ आप, आप तो अप्सरा जैसी हैं।
भाभी खुश हो गईं. मैंने सोच लिया था कि आज लता को कस कर चोदना है.
मैंने धीरे से लता भाभी के हाथ पर हाथ रख दिया, उन्होंने बच्ची की तरफ देखा और कुछ नहीं कहा. बच्ची सोने लगी थी.
मैंने लता का हाथ पकड़े-पकड़े उसे किस कर लिया.
भाभी बोली- कोई देख लेगा.
मैंने कहा- यहाँ अँधेरे में कौन देखेगा?
मैंने धीरे-धीरे लता के ब्लाऊज़ के ऊपर हाथ फिरना शुरू किया, लता ने थोड़ी देर बाद ब्लाऊज़ के ऊपर के दो-तीन हुक खोल दिए. मैंने झट से लता के मम्मों को पकड़ लिया और मसलने लगा. लता भाभी आँखें बंद करके चेयर पर पसर गई. मैंने लता भाभी की साड़ी ऊपर उठा कर उसके पटों (जांघों) पर हाथ फिराया. कुछ देर में लता ने अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा किया तो मैंने अपना हाथ उनकी चूत तक पहुंचा दिया, लता ने पैंटी नहीं पहनी थी.
मैं खुश हो गया, मैंने कहा- ठीक है, 6 से 9 बजे वाले शो में चलते हैं।
वह बोली- तीन टिकट ले आना, बच्ची भी साथ चलेगी लेकिन हेमा को पता नहीं चलना चाहिए, हम पिक्चर हाल में ही मिलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
और मैं पास के थिएटर के तीन एडवांस टिकट लास्ट लाइन के कार्नर की सीट के ले आया.
हम अलग-अलग पौने छः बजे पिक्चर हाल पहुँच गए. हाल लगभग खाली था. बच्ची को कॉर्नर की सीट पर बैठा दिया. बैठते ही लता बोली- हेमा के साथ कहाँ तक पहुंचे हो?
मैंने कहा- जहाँ तक आपने देखा था.
वह बोली- झूठ बोल रहे हो, वह तो आप पर पूरे डोरे डाल रही है, कैसे स्कूटर पर चिपक कर बैठती है.
मैंने कहा- भाभी! आपकी कसम है, मैंने कुछ नहीं किया है।
वह बोली- हेमा मुझसे ज्यादा सुन्दर है क्या?
मैंने थोड़ा मक्खन लगाते हुए कहा- कहाँ हेमा और कहाँ आप, आप तो अप्सरा जैसी हैं।
भाभी खुश हो गईं. मैंने सोच लिया था कि आज लता को कस कर चोदना है.
मैंने धीरे से लता भाभी के हाथ पर हाथ रख दिया, उन्होंने बच्ची की तरफ देखा और कुछ नहीं कहा. बच्ची सोने लगी थी.
मैंने लता का हाथ पकड़े-पकड़े उसे किस कर लिया.
भाभी बोली- कोई देख लेगा.
मैंने कहा- यहाँ अँधेरे में कौन देखेगा?
मैंने धीरे-धीरे लता के ब्लाऊज़ के ऊपर हाथ फिरना शुरू किया, लता ने थोड़ी देर बाद ब्लाऊज़ के ऊपर के दो-तीन हुक खोल दिए. मैंने झट से लता के मम्मों को पकड़ लिया और मसलने लगा. लता भाभी आँखें बंद करके चेयर पर पसर गई. मैंने लता भाभी की साड़ी ऊपर उठा कर उसके पटों (जांघों) पर हाथ फिराया. कुछ देर में लता ने अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा किया तो मैंने अपना हाथ उनकी चूत तक पहुंचा दिया, लता ने पैंटी नहीं पहनी थी.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!