08-03-2019, 12:31 PM
(This post was last modified: 08-03-2019, 12:32 PM by suneeellpandit. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
हुस्न की जलन बनी चूत की अगन-2
इस चोदन कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि चंढ़ीगढ़ में मैंने एक रूम किराये पर लिया मगर साथ में ही मिली दो गर्म भाभियां, दोनों ही हुस्न की मल्लिकाएँ थीं और शायद एक दूसरी से जलती थीं.
अब आगे:
प्रोफेसर साहब और उनके दोनों बच्चे सुबह 8 बजे कॉलेज और कॉलेज चले जाते थे. मैं यूनिवर्सिटी 10 बजे जाता था. इन दो घंटों में हेमा भाभी मुझे कई बार अपने छोटे मोटे काम के बहाने अपने घर नीचे बुला लेती थी.
एक दिन जब हेमा भाभी स्टूल पर चढ़कर ऊपर की अलमारी से कुछ सामान निकाल रही थी तो उनका पाँव लड़खड़ा गया और वह सामान सहित मेरे ऊपर गिर गई और जब मैंने उन्हें संभालना चाहा तो हम आपस में एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे के ऊपर गिर गए. मेरे दोनों हाथों में भाभी के मम्मे आ गए और भाभी बिल्कुल मेरे ऊपर गिरी और सामान भाभी के पांव पर गिर गया.
भाभी ने गाउन पहना हुआ था और उनका गाउन उनकी जांघों तक उल्टा हो गया था जिससे मैंने भाभी के पूरे पट और गुदाज गोरी चिकनी नंगी टांगें देख ली थीं. भाभी के पाँव में चोट लग गई थी. उनसे चला नहीं गया तो मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर बेड पर बैठा दिया.
क्या गुदाज शरीर था उनका.
जब उन्होंने गाउन ऊपर किया तो उनकी गोरी पिंडली लाल हो गई थीं. उन्होंने मुझसे अलमारी से आयोडेक्स निकालने को कहा. मैं आयोडेक्स निकाल लाया और भाभी की गोरी पिंडली पर आयोडेक्स लगाने लगा. उन्होंने अपना गाउन घुटनों तक उठा लिया था और मैं फर्श पर बैठ कर आयोडेक्स लगाने लगा. सामान और स्टूल गिरने की आवाज़ सुनकर नीचे से लता भाभी ऊपर आ गई और उन्होंने मुझे हेमा भाभी के नंगे पाँव में दवाई लगाते देख लिया था.
मैंने लोअर और टीशर्ट पहन रखी थी और घर पर मैं लोअर के नीचे अंडरवियर नहीं पहनता हूँ. मेरा 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड भाभी के गुदाज पट और पाँव देखकर टाइट होने लगा था, परन्तु मैं बैठा था इसलिए दिखाई नहीं दे रहा था.
जब मैं दवाई वापिस रखने के लिए उठा तो लोअर में उभार साफ़ दिखाई देने लगा था जिसे दोनों भाभियों ने साफ देख लिया था. लता भाभी मुस्कराने लगी थी.
उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
तो हेमा भाभी ने बता दिया कि सामान उतारते वक्त मैं गिर गई थी, राज सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तो आवाज सुन कर अन्दर आ गया।
इस चोदन कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि चंढ़ीगढ़ में मैंने एक रूम किराये पर लिया मगर साथ में ही मिली दो गर्म भाभियां, दोनों ही हुस्न की मल्लिकाएँ थीं और शायद एक दूसरी से जलती थीं.
अब आगे:
प्रोफेसर साहब और उनके दोनों बच्चे सुबह 8 बजे कॉलेज और कॉलेज चले जाते थे. मैं यूनिवर्सिटी 10 बजे जाता था. इन दो घंटों में हेमा भाभी मुझे कई बार अपने छोटे मोटे काम के बहाने अपने घर नीचे बुला लेती थी.
एक दिन जब हेमा भाभी स्टूल पर चढ़कर ऊपर की अलमारी से कुछ सामान निकाल रही थी तो उनका पाँव लड़खड़ा गया और वह सामान सहित मेरे ऊपर गिर गई और जब मैंने उन्हें संभालना चाहा तो हम आपस में एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे के ऊपर गिर गए. मेरे दोनों हाथों में भाभी के मम्मे आ गए और भाभी बिल्कुल मेरे ऊपर गिरी और सामान भाभी के पांव पर गिर गया.
भाभी ने गाउन पहना हुआ था और उनका गाउन उनकी जांघों तक उल्टा हो गया था जिससे मैंने भाभी के पूरे पट और गुदाज गोरी चिकनी नंगी टांगें देख ली थीं. भाभी के पाँव में चोट लग गई थी. उनसे चला नहीं गया तो मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर बेड पर बैठा दिया.
क्या गुदाज शरीर था उनका.
जब उन्होंने गाउन ऊपर किया तो उनकी गोरी पिंडली लाल हो गई थीं. उन्होंने मुझसे अलमारी से आयोडेक्स निकालने को कहा. मैं आयोडेक्स निकाल लाया और भाभी की गोरी पिंडली पर आयोडेक्स लगाने लगा. उन्होंने अपना गाउन घुटनों तक उठा लिया था और मैं फर्श पर बैठ कर आयोडेक्स लगाने लगा. सामान और स्टूल गिरने की आवाज़ सुनकर नीचे से लता भाभी ऊपर आ गई और उन्होंने मुझे हेमा भाभी के नंगे पाँव में दवाई लगाते देख लिया था.
मैंने लोअर और टीशर्ट पहन रखी थी और घर पर मैं लोअर के नीचे अंडरवियर नहीं पहनता हूँ. मेरा 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड भाभी के गुदाज पट और पाँव देखकर टाइट होने लगा था, परन्तु मैं बैठा था इसलिए दिखाई नहीं दे रहा था.
जब मैं दवाई वापिस रखने के लिए उठा तो लोअर में उभार साफ़ दिखाई देने लगा था जिसे दोनों भाभियों ने साफ देख लिया था. लता भाभी मुस्कराने लगी थी.
उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
तो हेमा भाभी ने बता दिया कि सामान उतारते वक्त मैं गिर गई थी, राज सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तो आवाज सुन कर अन्दर आ गया।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!