08-03-2019, 11:15 AM
जो ग्राउंड फ्लोर पर फैमिली रहती थी उसमें तीन ही लोग थे. दो मियां बीवी और एक उनकी 3 साल की बच्ची. वह लेडी भी लगभग 30 साल की थी और वह भी बहुत ही सुंदर, गोरी, थोड़े छोटे कद और गुदाज शरीर की थी. उसकी भी चूचियां और गांड बहुत मस्त थी, उस भाभी का नाम लता था, जो भुवनेश्वर की रहने वाली थी. उनका फिगर भी हेमा भाभी की ही तरह था, परन्तु उनका रंग थोड़ा ज्यादा गोरा था. उनके पति एक बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर थे और अक्सर टूर पर रहते थे, जो महीने-महीने बाद आते थे. लता भाभी थी तो बहुत सुन्दर परन्तु घर पर ढीली सी साड़ी, सर्दी के कारण सिर पर स्कार्फ, पैरों में जुराबें और गर्म स्वेटर पहनती थी, जिसमें उनका हुस्न छिपा हुआ रहता था.
मैं उसी दिन ऑटो से अपने दोस्त के यहां से अपना सूटकेस और छोटा-मोटा सामान ले आया और अपना सामान तीसरी मंज़िल पर बने कमरे में रख लिया.
जब मैं बाहर से आ रहा था तो ग्राउंड फ्लोर वाली लता भाभी मेरे सामान को देख कर बोली- आप यहां रहने आए हैं?
मैंने कहा- जी हां.
उन्होंने पूछा- आप कहां सर्विस करते हैं?
तो मैंने बता दिया कि मैं तो एक स्टूडेंट हूँ.
जब मैंने कमरे में सामान रखा तो उस वक्त शाम के 5:00 बज गए थे. नीचे से हेमा भाभी मेरे कमरे की सेटिंग देखने आई. जैसे ही वह कमरे में आई, कमरा उनके परफ्यूम की खुशबू से भर गया. वह बहुत धीरे-धीरे और बड़ी अदा से बात करती थी, आंखें हमेशा उनकी ऐसे रहती थी जैसे उन्होंने ड्रिंक किया हो.
उन्होंने मुझसे पूछा- किसी चीज की जरुरत तो नहीं है?
मैंने कहा- नहीं भाभी जी, मेरे पास सभी चीजें हैं, आप फिक्र न करें, मैं अपना काम करता रहा और हेमा भाभी को बैठने को कहा.
भाभी जी थोड़ी सी देर चेयर पर बैठी और कुछ थोड़ा बहुत मेरे बारे में और मेरी फैमिली के बारे में जानकर कहने लगी- अब मैं चलती हूँ, नीचे खाना बनाने का काम करना है.
मैंने जब भाभी जी से पूछा- आप दिनभर क्या करती हैं?
तो उन्होंने बताया- प्रोफेसर साहब को तो फुर्सत नहीं है, वे तो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते रहते हैं. मैं जब अकेली बोर होती हूं तो थोड़ा मार्केट में घूमने चली जाती हूँ.
पास में ही मार्केट था.
मैंने कहा- भाभी जी! आप जब चाहें इस कमरे में आ सकती हैं, छत के ऊपर बैठ सकती हैं, इसे आप अपना ही कमरा समझो.
वह कहने लगी- ठीक है, मुझे आपका स्वभाव बड़ा पसंद आया और मैं भी यही चाहती थी कि कोई ऐसा लड़का यहां आए जो थोड़ी बहुत मेरी भी हेल्प कर दे.
मैंने कहा- आपको जो हेल्प मुझसे चाहिए, वह मैं करूंगा.
मैं उसी दिन ऑटो से अपने दोस्त के यहां से अपना सूटकेस और छोटा-मोटा सामान ले आया और अपना सामान तीसरी मंज़िल पर बने कमरे में रख लिया.
जब मैं बाहर से आ रहा था तो ग्राउंड फ्लोर वाली लता भाभी मेरे सामान को देख कर बोली- आप यहां रहने आए हैं?
मैंने कहा- जी हां.
उन्होंने पूछा- आप कहां सर्विस करते हैं?
तो मैंने बता दिया कि मैं तो एक स्टूडेंट हूँ.
जब मैंने कमरे में सामान रखा तो उस वक्त शाम के 5:00 बज गए थे. नीचे से हेमा भाभी मेरे कमरे की सेटिंग देखने आई. जैसे ही वह कमरे में आई, कमरा उनके परफ्यूम की खुशबू से भर गया. वह बहुत धीरे-धीरे और बड़ी अदा से बात करती थी, आंखें हमेशा उनकी ऐसे रहती थी जैसे उन्होंने ड्रिंक किया हो.
उन्होंने मुझसे पूछा- किसी चीज की जरुरत तो नहीं है?
मैंने कहा- नहीं भाभी जी, मेरे पास सभी चीजें हैं, आप फिक्र न करें, मैं अपना काम करता रहा और हेमा भाभी को बैठने को कहा.
भाभी जी थोड़ी सी देर चेयर पर बैठी और कुछ थोड़ा बहुत मेरे बारे में और मेरी फैमिली के बारे में जानकर कहने लगी- अब मैं चलती हूँ, नीचे खाना बनाने का काम करना है.
मैंने जब भाभी जी से पूछा- आप दिनभर क्या करती हैं?
तो उन्होंने बताया- प्रोफेसर साहब को तो फुर्सत नहीं है, वे तो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते रहते हैं. मैं जब अकेली बोर होती हूं तो थोड़ा मार्केट में घूमने चली जाती हूँ.
पास में ही मार्केट था.
मैंने कहा- भाभी जी! आप जब चाहें इस कमरे में आ सकती हैं, छत के ऊपर बैठ सकती हैं, इसे आप अपना ही कमरा समझो.
वह कहने लगी- ठीक है, मुझे आपका स्वभाव बड़ा पसंद आया और मैं भी यही चाहती थी कि कोई ऐसा लड़का यहां आए जो थोड़ी बहुत मेरी भी हेल्प कर दे.
मैंने कहा- आपको जो हेल्प मुझसे चाहिए, वह मैं करूंगा.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!