08-03-2019, 11:11 AM
दोस्तों ! नमस्कार !
मैं कई कहानियां literotica dot com (किन्ही कारणों से ) अलग अलग नाम से पोस्ट की थी (जैसे की masterji1970, seksyseema, seemawithravi, raviram69 आदि), जो की मैं इस BIG PLATFORM पर पोस्ट करने जा रहा हूँ //
आपसे सहयोग की उम्मीद //से ...
आपका
// सुनील पण्डित //
(suneeellpandit)
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मैं अच्छी पर्सनेलिटी का आदमी हूँ. मैं केवल अपने अनुभव ही लिखता हूँ, जो पाठकों को अच्छे लगते हैं.
आज जो कहानी लिख रहा हूँ, यह उस वक्त की बात है जब मैं चंडीगढ़ में नया-नया गया था. उस वक्त मेरी उम्र 22 वर्ष थी. मैंने एम.बी.ए. के कोर्स में एडमिशन लिया था. हॉस्टल में कमरा नहीं मिलने के कारण रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था और मैं पहले किसी दोस्त के कमरे में ठहरा था. उस दोस्त ने मुझे बताया कि यहां पर मकानों के बाहर ‘टू लेट’ (किराये के लिए) के बोर्ड लगे होते हैं और उसके लिए संडे के दिन, जब घर के मालिक घर में होते हैं तो कमरा ढूंढने के लिए चक्कर लगाने होते हैं और जहां भी ‘टू लेट’ का बोर्ड दिखाई देता है, वहां जाकर बात करनी होती है.
मैं आने वाले संडे को चंडीगढ़ के कुछ पुराने सेक्टर के चक्कर लगाने लगा और मुझे एक जगह कॉर्नर के मकान पर ‘टू लेट’ का बोर्ड दिखाई दिया. जब मैंने नीचे आँगन में खड़ी एक बहुत ही सुंदर सी लेडी से पूछा कि क्या कमरा खाली है? तो उन्होंने बताया कि बीच वाले फ्लोर में जो रहते हैं, उनसे बात करो.
मैं सीढ़ियों से होता हुआ बीच वाले पोर्शन में गया. वहाँ एक कॉलेज के प्रोफेसर रहते थे. उनके 4 और 6 साल के दो बच्चे थे और एक सुंदर, मस्त-सी बीवी थी. दरअसल वे दोनों ही परिवार उस मकान में किराए पर रहते थे.
प्रोफेसर साहब के पास बीच वाला पोर्शन और ऊपर टॉप में, फ्रंट में एक वन रूम सेट था जिसके पीछे खुली छत थी. मैंने प्रोफेसर साहब से मुलाकात की, प्रोफेसर साहब बहुत ही व्यस्त आदमी थे, वह बच्चों को अलग-अलग बैचेज़ में ट्यूशन पढ़ाते थे, उन्हें बिल्कुल भी फुर्सत नहीं होती थी. वह ऊपर वाला कमरा किराए पर देना चाहते थे. जब उन्होंने मेरे बारे में पूछा तो कहने लगे कि कमरा बहुत छोटा है और थोड़ी सी ही जगह है. उन्होंने बताया कि जगह कम होने की वजह से हम यह कमरा किसी परिवार वाले को नहीं दे सकते, अतः हमें कोई बैचलर ही चाहिए.
मैं कई कहानियां literotica dot com (किन्ही कारणों से ) अलग अलग नाम से पोस्ट की थी (जैसे की masterji1970, seksyseema, seemawithravi, raviram69 आदि), जो की मैं इस BIG PLATFORM पर पोस्ट करने जा रहा हूँ //
आपसे सहयोग की उम्मीद //से ...
आपका
// सुनील पण्डित //
(suneeellpandit)
// दोस्तों ये कहानी का पूरा का पूरा श्रेय इसके असली लेखक का है //
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मैं अच्छी पर्सनेलिटी का आदमी हूँ. मैं केवल अपने अनुभव ही लिखता हूँ, जो पाठकों को अच्छे लगते हैं.
आज जो कहानी लिख रहा हूँ, यह उस वक्त की बात है जब मैं चंडीगढ़ में नया-नया गया था. उस वक्त मेरी उम्र 22 वर्ष थी. मैंने एम.बी.ए. के कोर्स में एडमिशन लिया था. हॉस्टल में कमरा नहीं मिलने के कारण रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था और मैं पहले किसी दोस्त के कमरे में ठहरा था. उस दोस्त ने मुझे बताया कि यहां पर मकानों के बाहर ‘टू लेट’ (किराये के लिए) के बोर्ड लगे होते हैं और उसके लिए संडे के दिन, जब घर के मालिक घर में होते हैं तो कमरा ढूंढने के लिए चक्कर लगाने होते हैं और जहां भी ‘टू लेट’ का बोर्ड दिखाई देता है, वहां जाकर बात करनी होती है.
मैं आने वाले संडे को चंडीगढ़ के कुछ पुराने सेक्टर के चक्कर लगाने लगा और मुझे एक जगह कॉर्नर के मकान पर ‘टू लेट’ का बोर्ड दिखाई दिया. जब मैंने नीचे आँगन में खड़ी एक बहुत ही सुंदर सी लेडी से पूछा कि क्या कमरा खाली है? तो उन्होंने बताया कि बीच वाले फ्लोर में जो रहते हैं, उनसे बात करो.
मैं सीढ़ियों से होता हुआ बीच वाले पोर्शन में गया. वहाँ एक कॉलेज के प्रोफेसर रहते थे. उनके 4 और 6 साल के दो बच्चे थे और एक सुंदर, मस्त-सी बीवी थी. दरअसल वे दोनों ही परिवार उस मकान में किराए पर रहते थे.
प्रोफेसर साहब के पास बीच वाला पोर्शन और ऊपर टॉप में, फ्रंट में एक वन रूम सेट था जिसके पीछे खुली छत थी. मैंने प्रोफेसर साहब से मुलाकात की, प्रोफेसर साहब बहुत ही व्यस्त आदमी थे, वह बच्चों को अलग-अलग बैचेज़ में ट्यूशन पढ़ाते थे, उन्हें बिल्कुल भी फुर्सत नहीं होती थी. वह ऊपर वाला कमरा किराए पर देना चाहते थे. जब उन्होंने मेरे बारे में पूछा तो कहने लगे कि कमरा बहुत छोटा है और थोड़ी सी ही जगह है. उन्होंने बताया कि जगह कम होने की वजह से हम यह कमरा किसी परिवार वाले को नहीं दे सकते, अतः हमें कोई बैचलर ही चाहिए.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!