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Adultery Meri Chalu Modern Maa
#41
मैंने उसको फिर से स्लैब पर टिका दिया और अपना लण्ड बाहर निकाल कर सारा माल उसके पेट और चूची पर गिरा दिया… 
और मैं अपनी नंगी मां के साथ रसोई छोड़ बैडरूम में आकार बाथरूम में घुस गया… 
वाकयी बहुत मजेदार रात थी… मेरे दिमाग में अब आगे के विचार चल रहे थे… 
इस जबरदस्त चुदाई के बाद रात भर मां मेरे से चिपकी रही और बिस्तर पर नंगे चिपककर सोने का मजा ही अलग है। 
सुबह मां जल्दी उठ जाती है, वो सभी घरेलू कार्य बहुत दिल से करती है… 
वो जब उठी तो आज पहली बार मेरी आँख भी जल्दी खुल गई… या यूँ कहिये कि मैं बहुत सोच रहा था कि कैसे अब सब कुछ किया जाये… 
मां ने धीरे से उठकर मेरे चेहरे की ओर देखा फिर मेरे होंठों को चूम लिया… 
उसने बहुत प्यार से मेरे लण्ड को सहलाया और झुककर उस पर भी एक गर्मागर्म चुम्बन दिया… 
उसके झुकने के कारण पीछे से उसके मस्त नंगे चूतड़ और चूतड़ के बीच झलक रही गुलाबी, चिकनी चूत देख मेरा दिल भी वहाँ चूमने का किया… 
पर मैंने अपने आप पर काबू किया और सोने का बहाना किये लेटा रहा… 
मैं बंद अधखुली आँखों से मां को देखते हुए अपनी रणनीति के बारे में सोच रहा था… कि मस्ती भी रहे और इज्जत भी बनी रहे… 
मां मेरे से खुल भी जाए… वो मेरे सामने मस्ती भी करे परन्तु उसको ऐसा भी ना लगे कि मैं खुद चाहता हूँ कि वो गैर मर्दों से चुदवाये… 
पता नहीं मेरे ये कैसे विचार थे कि मेरा दिल मेरी प्यारी मां को दूसरे मर्दों की बाँहों में देखना भी चाहता था… उसको सब कुछ करते देखना चाहता था… 
पर ना जाने क्यों एक गहराई में एक जलन भी हो रही थी… कि नहीं मेरी मां की नाजुक चूत और गांड पर सिर्फ मेरा हक़ है…इस पर मैं कोई और लण्ड सहन नहीं कर सकता… 
लेकिन इन्सान की इच्छा का कोई अंत नहीं होता और वो उसको पूरी करने के लिए हर हद से गुजर जाता है… 
मां को भी दूसरी डिशेस अच्छी लगने लगी थीं.. उसने भी दूसरे लण्डों का स्वाद ले लिया था… 
वो तो अब सुधर ही नहीं सकती थी…अब तो बस इस सबसे एक तालमेल बनाना था… 

तभी मां बोली:- सुन, मैंने कल कुछ अच्छे सेट का आर्डर दिया है… आज कोशिश करुँगी, शायद मिल जाएँ… 

मैं- अच्छा तो क्या ब्रा, चड्डी भी आर्डर पर तैयार होने लगे? 

मां- जी हाँ जानू… अब तो हर चीज फैशन पर आ गई है… मगर कुछ रुपए दे जाना… 

मैं- ठीक है मेरी जान… 

मैं तैयार होते हुए सोचने लगा कि आज शायद मां फिर उसी दुकान पर जाएगी… मैं क्या करूँ? कैसे करूँ? 

मां - अब जल्दी तैयार हो जाओ, मैं भी फटाफट तैयार हो नाश्ता लगाती हूँ… 

मैं- अच्छा जानू… 

उसके बाथरूम में जाते ही सबसे पहले मैंने अपना रिकॉर्डर पेन ओन कर उसके पर्स में डाला… 
और यह भी सोचने लगा कि यार कैसे आज इनकी उस शॉपिंग को देखा जाए… 
मैंने एक बार फिर बिल पर से उस दुकान का पता नोट किया और मां से उसका जाने के समय के बारे में जानने कि सोचने लगा… 
तभी मां भी बाथरूम से बिल्कुल नंगी नहाकर बाहर आ गई… 
मां में ये दो आदते हैं कि एक तो वो कपड़े हमेशा कमरे में आकर ही पहनती थी… इसलिए बाथरूम से हमेशा नंगी या केवल तौलिया लपेट कर ही बाहर आती थी… 
और रात को सोते हुए मेरे लण्ड पर अपना हाथ रखकर ही सोती थी… 
और ये दोनों आदतें मुझे बहुत पसन्द थी… 
उसने हल्का सा गाउन ही डाला और हम दोनों ने नाश्ता किया… फिर मैं उसको चूमकर अपने मन में अच्छी तरह सब कुछ सोच विचार कर मैं घर से बाहर निकल गया… 

मैं किसी भी तरह आज मां की उस दुकानदार के साथ मुलाकात को देखना चाहता था जिसने मेरी सुन्दरता की मूरत मां को ना केवल नंगी ही नहीं देखा था… बल्कि उसकी गद्देदार, गुलाबी और रसीली चूत एवं गांड को सहलाया था… 
उसकी चोटियों जैसी नुकीली चूचियों को दबाया और निप्पल तक को छुआ था… 
उस दिन तो वो पारस के साथ थी… जो उस दुकानदार के लिए तो मां का पति ही था… 
शायद इसलिए वो ज्यादा हिम्मत नहीं कर पाया होगा… पर आज जब मां उससे अकेले मिलेगी… तो पता नहीं क्या-क्या करेगा… 
इसीलिए आज मैंने मां के पर्स में वॉउस रिकॉर्डर तो रखा… परन्तु पैसे नहीं रखे… जिससे उसकी दुकान पर जाने का कार्यक्रम पता लग सके… 
करीब बारह बजे मुझे मां का फोन आया… 

मां- सुन बेटा वो आज तू शायद पैसे देना भूल गए… वो क्या है कि मैं बाजार आई थी तो… 

मैं- ओह जान… यह आज कैसे हो गया… तुम चिंता ना करो… बताओ तुम कहाँ हो… मैं भिजवाता हूँ… 

मां- मैं कश्मीरी मार्किट में हूँ… 

मैं- ठीक है… दस मिनट रुको… 
… 
… 
मैं वहाँ पहुंचा और एक जानकार के हाथ उसको पैसे भिजवा दिए, क्यूकी की मै मां के सामने नहीं आना चाहता था। जिससे उसे पता चल जाए के मै अब वाहा पर ही हु। 
वो उस अंडरगार्मेंट्स की दुकान के बहुत पास थी… 
और आज मेरी जान क्या लग रही थी… मैंने देखा हर कोई केवल उसे ही घूर रहा था… 
उसने एक स्किन टाइट सफ़ेद कैप्री पहनी थी, जो उसके घुटनों से करीब 6 इंच नीचे थी…और गुलाबी कसी सिल्की शर्ट पहनी थी। उसकी कैप्री और शर्ट के विचमे 6 इंच का फ़र्क था। जिसके कारण उसकी नाभि उसके गोरे पेट पर साफ दिख रही थी। जो किसी का भी लौड़ा खड़ा करने के लिए बुहत थी।

उसने अपने रेशमी बाल खुले छोड़ रखे थे और गोरे मुखड़े पर… गुलाबी फ्रेम का फैशनेबल गोगल्ज़ थे जो उसके चेहरे को हीरोइन की तरह चमका रहे थे…
उसने हाई हील की सफ़ेद कई तनी वाली सैंडल पहनी थी… कुल मिलाकर वो क़यामत लग रही थी…
मैंने बहुत सावधानी से उसका पीछा किया… उसने कुछ दुकानों पर इधर उधर कुछ-कुछ वस्तुओं को देखा…
मगर कुछ लिया नहीं… हाँ इस दौरान कुछ मनचलों ने जरूर उसको छुआ… वो उसके पास से उसके चूतड़ों को सहलाते हुए निकल गए…
दरअसल उसकी सफ़ेद कैप्री कुछ पतले कपड़े की थी… जिससे कुछ पारदर्शी हो गई थी…
उसकी कैप्री से मां की गुलाबी त्वचा झांक रही थी जिससे उसका बदन गजब ढा रहा था…
इसके ऊपर मेरी जान का क़यामत बदन… जिसका एक-एक अंग सांचे में ढला था…
मैं अब मां के काफी निकट था… मैंने ध्यान दिया कि उसकी कैप्री से उसकी पैंटी की किनारी का तो पता चल रहा था… मगर रंग का नहीं.. इसका मतलब आज उसने सफ़ेद ही कच्छी पहनी थी…

मगर उसकी शर्ट से कहीं भी ब्रा की किसी भी तनी का पता नहीं चल रहा था… यानि वो बिना ब्रा के ही शर्ट पहने थी…
तभी उसकी गोल मटोल चूची इतना हिल रही थी… और जालिम ने अपना ऊपर का बटन भी खोल रखा था जिससे गोलाइयों का पूरा आकार पता चल रहा था…
ज्यादातर लोग उससे टकराने का प्रयास कर रहे थे…
मैंने आज तक मां की इस तरह से निगरानी नहीं की थी… यह एक अलग ही अनुभव था…
उसके पीछे चलते हुए, मां के एक रिदम में हिलते डुलते चूतड़ देख मेरे दिमाग में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि…
इस दृश्य को देख जब मेरा यह हाल था तो दूसरों के दिल का क्या होता होगा…
कुछ देर में ही मां उसी दुकान में प्रवेश कर गई…
दुकान काफी बड़ी थी… मैं भी अंदर जा एक ओर खुद को छुपाते हुए… मां पर नजर रखे था…
वो सीधे एक ओर जहाँ कोई मध्यम कद का एक लड़का खड़ा था… उस ओर गई..

मैं इधर उधर देखता हुआ, मां से छिपता छिपाता… उस पर नजर रखे था…
उन दोनों की कोई आवाज तो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी… मगर मां उस लड़के से बहुत हंस हंस कर बात कर रही थी…
लड़का भी बार बार मां को छू रहा था और उसकी चूचियों की ओर ही देख रहा था…
मां बार बार अपनी शर्ट सही करने का बहाना कर उसका ध्यान और भी ज्यादा अपनी चूचियों पर आकर्षित कर रही थी…
इधर उधर नजर मारते हुए ही मैंने देखा कि एक लड़की बहुत कामुक ढंग से एक छोटी सी… डोरी वाली कच्छी को अपनी जीन्स के ऊपर से ही बांधकर देख-परख रही थी…
और दूसरी तरफ एक मोटी सी लड़की एक उम्रदराज अंकल को अपनी मोटी-मोटी छातियाँ उभारकर न जाने क्या बता रही थी…
कुल मिलाकर बहुत सेक्सी दृश्य थे…
तभी मां एक और बने पर्दों के पीछे जाने लगी… मेरे सामने ही उस लड़के ने मां के चूतड़ों पर हाथ रख उसे आगे आने के लिए कहा…
मैं अभी उस ओर जाने का जुगाड़ कर ही रहा था कि एक बहुत सेक्सी लड़की मेरे सामने आ पूछने लगी- क्या चाहिए सर?

मैं- व… वव… वो…

लड़की- अरे शर्माइये नहीं सर… यहाँ हर तरह के अंडरगार्मेंट्स मिलते हैं… आपको अपनी पत्नी के लिए चाहिए या गर्लफ्रेंड के लिए…

मैं- अररर्र रे नहीं… व… वव वो क्या है कि…

लड़की- अरे सर, आप तो केवल साइज बताइये… मैं आपको ऐसे डिज़ाइन दिखाऊँगी कि आपकी गर्लफ्रेंड खुश हो जायगी… और आपको भी… हे हे…

मैं- अरे वो क्या है कि मुझे मां के लिए ही चाहिए… और वो अभी यहीं आने वाली है… मैं उसी का इन्तजार कर रहा हूँ !

लड़की- ओह… ठीक है सर… मैं वहाँ हूँ… आप कहें, तो तब तक मैं आपको भी दिखा सकती हूँ…
उसके खुले गले के टॉप से उसकी गदराई चूची का काफी भाग दिख रहा था…
मैं उसकी चूची को ही देखते हुए- क्या?
लड़की अपना टॉप सही करते हुए- …क्या सर आप भी… अंडरगारमेंट और क्या…

मैं- ठीक है, अभी आता हूँ…
उस लड़की के जाने के बाद मैंने पर्दों की ओर रुख किया… तभी वो लड़का बाहर को आ गया…
मैंने एक कोने के थोड़ा सा पर्दा हटा… अपने लिए जगह बनाई…
चारों ओर देखा किसी की नजर वहाँ नहीं थी… यह जगह एक कोने में बनी थी…
और चारों ओर काफी परदे लगे थे… मैं दो पर्दो के बीच खुद को छिपाकर… नीचे को बैठ गया…
अब कोई आसानी से मुझे नहीं देख सकता था…
मैंने अंदर की ओर देखा… अंदर दो तीन जमीन पर गद्दे बिछे थे… एक बड़ी सी मेज रखी थी…
मेज पर कुछ ब्रा चड्डी से सेट रखे थे… और दो कुर्सी भी थीं, बाकी चारों ओर सामान बिखरा था…
मां मेज के पास खड़ी थी ..उसके हाथ में एक बहुत नए स्टाइल की ब्रा थी… जिसे वो चारों ओर से देख रही थी…
फिर उसने ब्रा को मेज पर रखा ओर एक बार पर्दों को देखा… फिर अचानक उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए…

माय गॉड ! उसको जरा भी नहीं लगा कि यह एक खुली दुकान है… और चारों ओर केवल पर्दों का ही पार्टीशन है?
मां ने बिना किसी डर और शर्म के अपनी शर्ट पूरी निकाल कर वहीं मेज पर दी…
उसका दमकता शरीर अब केवल एक सफ़ेद कैप्री में… मेरे सामने था…
उसके पूरी तरह गोलाई लिए हुए चूचियाँ.. और उन पर कामुकता के रस से भरे उसके गुलाबी निप्पल… ऊपर उठे हुए जो किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे… इस समय पूरी तरह नग्न मेरे सामने थे…
उसने अपनी चूचियों को एक बार खुद अपने हाथों से मसलकर ठीक किया…
जैसे टाइट शर्ट में कसी होने से उनको कष्ट हुआ हो और मां उन दोनों को सहलाकर उनको पुचकार के मना रही हो…
कुल मिलाकर बहुत सेक्सी दृश्य था…
फिर वो अपनी ब्रा को उठा उसे… उलट पुलट कर पहनने के लिए देखने लगी…
तभी वो लड़का बिना कोई आवाज लगाये अंदर आ गया…
मां शरमाते हुए, अपनी ब्रा को चूची पर रख उनको छुपाने का नाकामयाब प्रयास करते हुए- …अररर… एक मिनट… ववव… वो मैं पहन ही रही थी…

लड़का- क्या मैडम जी, आप भी अभी तक शरमा रही हो… लाइए मैं सही कर देता हूँ…

उसके हाथ में एक क्रीम का डब्बा था…
वो उसको खोल उसमें से क्रीम निकाल मां ओर बढ़ा और बहुत अधिकार से उसके हाथ से ब्रा ले कर मेज पर रख दी…
मां बुरी तरह शरमा रही थी… मगर उसकी आखों में चुदास साफ़ दिख रही थी…
लड़के ने अपने एक हाथ से मां के हाथों को उसकी चूची से हटाते हुए अपना सीधे हाथ में लगी क्रीम उसकी चूची के ऊपरी भाग पर मलनी शुरू कर दी…
बहुत रोमांचित अनुभव था… एक सार्वजनिक स्थान में.. मेरे सामने… मेरी सेक्सी मां अनावृत वक्षा यानि टॉपलेस खड़ी थी..
और एक अनजान लड़का उसकी नंगी चूचियों पर क्रीम लगा रहा था… मेरी मां क्रीम लगवा भी रही थी और शरमा भी रही थी…

मां - अह्हाआ… क्या कर रहे हो… क्यों यो ओ… ??

लड़का- अरे मैडम जी… नई ब्रा है… और ये विदेशी कपड़े की है… आपकी इतनी मुलायम त्वचा को कोई नुकसान ना हो इसीलिए यह क्रीम लगा रहा हूँ…

मां- ओह ठीक है…

बस इतना सुनते ही उस लड़के हाथ अब पूरी चूची पर चलने लगे…

मां- अहा धीरे धीरे…

मां ने अपने चूतड़ मेज पर टिकाकर अपने दोनों हाथ से मेज को पकड़ लिया…
इस अवस्था में मां की दोनों चूची और भी ज्यादा ऊपर उठ गई..
उस लड़के ने अब अपने दोनों हाथों में क्रीम ले ली…
और मां के दोनों उरोज़ अपने हाथों में लेकर क्रीम मलने के बहाने से मसलने लगा…
मां ने अपनी आँखें बंद कर ली थी… और उसके मुख से आनन्द भरी हल्की सिसकारी भी निकल रही थी…
साफ़ लग रहा था… मां को बहुत मज़ा आ रहा है…
मैं खुद को पूरी तरह से छुपाये हुए मां की रासलीला देख रहा था…
मां को देखकर कतई ये नहीं लग रहा था कि वो परेशान हो रही हो या उसको किसी का डर हो…
उसकी बंद आँखों और मुँह से निकलती हलकी सीत्कारों से यही प्रतीत हो रहा था कि उसको इस वक्ष मर्दन में मजा आ रहा है…

मां- अहाआआ… क्या कर रहे हो.. बस्स्स्स ना…

लड़का- हाँ मैडम जी बस हो ही गया… आप यही वाली क्रीम लेना… इससे बॉडी चमाचम हो जाती है और नए कपड़े से कोई निशान भी नहीं पड़ता…


वह मां के चारों ओर ब्रा वाले भाग पर क्रीम मलते हुए ही बोला…
अब लड़के का हाथ उसकी चूची से फिसलता हुआ नीचे उसके समतल पेट पर था…
उसने पूरे पेट पर मालिश करने के बाद उसकी सबसे खूबसूरत और गहरी टुंडी में अपनी उंगली घुसा दी..

मां- अहाआआ… आआआ… इइइइइ…
मां ने कसकर उसका हाथ पकड़ लिया…
लड़का- अर्रर… मैडमजी, इसको चमका रहा हूँ…
मां- बस्स्स्स… अब रहने दो… मैं ब्रा पहन कर बताती हूँ कि सही है या नहीं…
लड़का ने जबरदस्ती अपना हाथ छुड़ाते हुए… अपने बाएं हाथ से मां का हाथ पकड़कर अपना सीधा हाथ आगे से उसकी कैप्री में डालने का प्रयास करने लगा..
मां- ओह… नहीईईईई… यह क्या कर रहे हो… वहाँ नहीं…
लड़का- अरे क्या मैडम जी… आप ऐसा क्यों कर रही हो.. यहाँ कोई नहीं आएगा…
उसने थोड़ा और जोर लगाकर अपना हाथ कुछ इंच और उसकी कैप्री में अंदर को सरका दिया…
एक तो पहले से ही मां ने अपनी कैप्री अपनी टुंडी से काफी नीचे पहनी थी… और इस समय उस लड़के का हाथ करीब 5-6 इंच तो उसकी कैप्री में था…
मेरे हिसाब से उसकी उँगलियों का अगला भाग मां की चूत के ऊपरी हिस्से तक तो पहुँच ही गया था…
और यह भी पक्का था कि वो नंगी चूत को ही छू रहा होगा क्योंकि जब हम ऊपर से हाथ घुसाते हैं तो हाथ सीधा कच्छी के अंदर ही जाता है…
परन्तु आज शायद मां पूरे मूड में नहीं थी.. उसने अपना दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़ लिया और जोर लगाकर अपनी कैप्री से बाहर खींच लिया…
मां- मैंने मना किया न… मैं केवल ब्रा चेक करुँगी… बस… पैंटी घर जाकर चेक करके बता दूंगी… यहाँ नहीं..
लड़के का मुँह देख लग रहा था जैसे उसके हाथ से ना जाने कितनी कीमती चीज छीन ली गई हो…
मां- ओह ज़मील, आज मुझे जल्दी जाना है… फिर कभी तुम घर आकर आराम से चेक कर लेना…
और मां ने झुककर उस लड़के के मुँह पर चूम लिया…

बस अब तो कबीर की प्रसन्नता का गुब्बारा फट पड़ा..
उसने मां को कसकर अपनी बाँहों में भर लिया…

उसने अपनी कमर मां के चूत वाले भाग पर घिसते हुए ही बोला…
लड़का- मैडम जी कल से आपकी याद में मेरा लण्ड खड़ा ही है… यह साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा…
साफ़ लग रहा था कि वो अपना लण्ड मां कि चूत पर रगड़ रहा था… चाहे कैप्री के ऊपर से ही…

लड़का- मैडम जी, जब से आपकी इतनी प्यारी चूत देखी है… मेरा लण्ड ने तो जिद पकड़ ली है कि एक बार तो वहाँ जरूर जाऊँगा…
मां- ओह छोड़ो ना…

लड़का उसको और कसकर चिपकते हुए- …सच मेमसाब मैंने पूरी जिंदगी में इतनी प्यारी और चिकनी चूत नहीं देखी… यहाँ बाहर मेरे यहाँ 6-7 लड़कियां काम करती हैं, मैं सबको यहीं कई बार चोद चुका हूँ… मगर सबकी चूत आपकी चूत के सामने बिल्कुल बेकार है…

सच कहूँ कल एक बार आपकी चूत छूने से ही मेरा पानी निकल गया था… और आपके पति भी कितने अच्छे हैं, उन्होंने खुद अपने हाथों से मेरे को मजा करवाया…

मां- ओह नहीं…!!!
लड़का- अहा हा… ह्ह्ह… सही मैडम जी… मैंने 3-4 शादीशुदा को भी चोदा है और मेरी दिली इच्छा थी कि काश मैं उनको… उनके पति के सामने चोदूँ… पर वो सभी ना जाने क्यों डरती हैं… सुसरी चुदवाते हुए तो खूब आवाज करेंगी पर पति से कहने से भी डरती हैं… पर आप एकदम अलग हो, आप तो अपने पति के सामने ही मजा करती हो… आपको तो भाई शाब के सामने ही चोदूंगा…
ये बोलते हुऐ उसने मां की केप्री और चड़ी एक साथ ही नीचे खींच दी। अब मां उसके सामने बिल्कुल नंगी थी।
उसने मां को सर से पकड़ कर नीचे बिठा दिया। और जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा होगया। ये सब देख कर जैसे ही मां ने कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला उसने अपना लौड़ा मां के मुंह में देदिया। और उसके मुंह को चोदने लगा। मां के मुंह से बस गु गु की आवाजें ही निकल रही थी।
वो लड़का करीब 10 मिनट तक मेरी मां के मुंह को चोद ता रहा। और फिर उसने कविता के मुंह में ही अपना सारा माल दाल दिया।
ऐसा करते ही अचानक मां ने उसको कसकर धक्का दिया… वो पीछे को हो गया…

मां- बस बहुत हो गया… अब मुझे जाने दो…


लड़का- ओह सॉरी मैडम जी…

मां ने जल्दी से अपनी शर्ट पहनी और… जल्दी जल्दी वहाँ से बाहर निकल गई…
मैं और वो लड़का भौंचक्के से उसको जाते देखते रह गए…
कि अचानक यह हुआ क्या?

मैं वहाँ खड़ा अभी मां के बारे में सोच ही रहा था कि यह अचानक उसको क्या हुआ…
वो चुदवाने को मना तो कर सकती थी… मगर इस तरह… अपनी नई वाली कच्छी-ब्रा भी छोड़कर यूँ भाग जाना…?
जरूर कोई बात तो है…

मैं वहाँ से निकल… मां के पीछे जाने की सोच ही रहा था… और उस लड़के कबीर के हटने का इन्तजार कर रहा था कि…
लगता था कि कबीर कुछ ज्यादा ही गर्म हो गया था… उसने अपना लोअर नीचे कर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया…
उसका लण्ड कुछ बहुत ही अजीब सा था… 6-7 इंच लम्बा और शायद 2.5 से 3 इंच मोटा… पर उसका सुपाड़ा बहुत खतरनाक था… बिल्कुल खुला और बहुत मोटा…

मुझे लगा कि इसके लण्ड का यह अगला भाग अच्छी अच्छी चूतों की चीखें निकाल देता होगा…
और खास बात यह थी कि लण्ड बहुत अजीब तरीके से मुड़ा हुआ था, एकदम सीधा नहीं था…

उसका लन्ड अभी अभी झड़ा था पर फिर भी खड़ा था।

तो इस समय वो अपने लण्ड को सहलाते हुए ही बात भी कर रहा था… जैसे उसको समझा रहा हो…
लड़का- ओह मेरे यार, मैं क्या करूँ… साली, अच्छी खासी पट गई थी… मगर ना जाने क्या हुआ… पुच…पुच… मान जा… फिर किसी दिन दिलाऊँगा…

मैं अभी यह सोच ही रहा था… कि क्या मां को उसके इस भयंकर लण्ड का आभास हो गया था… जो वो ऐसे भाग गई?
कि तभी उस लड़के और मेरी नजर एक साथ ही सामने एक परदे पर पड़ी…
वहाँ एक लड़की जो शायद उसी दुकान पर काम करती थी… दिखी.. जो छुपकर जाने का प्रयास कर रही थी…


लड़का- ऐ एएए… नाज़नीन… इधर आ… तू क्या कर रही है… यहाँ…
मैं स्थिति को समझने का प्रयास कर ही रहा था… कि उस लड़के के पास आ गई थी…
मगर वो अभी भी लण्ड को अपने हाथ से पकड़े उससे बात कर रहा था… उसने अपना लण्ड अभी तक लोअर के अंदर नहीं किया था…

नाज़नीन- वो सर… मैं तो आपको ही ढूंढ रही थी… ये सामान दिखाना था… उसके हाथ में दो ब्रा थीं…
नाज़नीन कोई 5 फुट की छोटे कद की, पतली दुबली… सांवले रंग की थी… उसके पहनावे और मेकअप से लग रहा था कि वो एक गरीब परिवार की होगी…

उसने एक सस्ती सी झीनी काले रंग की कुर्ती और सफ़ेद टाइट पजामी पहनी थी… कुर्ती से उसकी ब्रा साफ़ दिख रही थी…
उसने अपने कंधे तक के बालों को खुला छोड़ रखा था… जो कुछ बिखरे हुए भी थे…

उसकी चूचियाँ तो कुछ खास नहीं थीं…कुर्ती से हलकी सी ही उभरी हुई दिख रही थीं…
मगर हाँ उसकी गांड काफी उभरी हुई दिख रही थी… जो उसके पूरे शरीर का सबसे आकर्षक भाग था…


तभी…
वहाँ एक मोबाइल बजने लगा…
लड़का- रुक तू अभी… यह तो उसी का फोन है… हाँ मैडम जी, क्या हुआ आप इतना नाराज क्यों हो गई… अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो माफ़ कर दो… अपना सामान तो ले जाती…
…ओह ये तो मां का ही फोन था… मैंने रात को अपने वॉयस रिकॉर्डर से जान लिया था कि मां ने उससे क्या बात की थी… जो यहाँ बता रहा हूँ…

मां- अरे मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ… वो वहा कोई खड़ा था ना… इसलिए मैं आ गई… मुझे बहुत शर्म आ रही थी… वहाँ…
लड़का- अरे मैडम जी ये कोई नहीं… नाज़नीन ही थी… आप ही के कपड़े लेकर आई थी… यह यहाँ सिलाई का काम करती है… इससे न डरो… आप आ जाओ…

मां- अरे नहीं, अब नहीं… और वहाँ मुझे अच्छा नहीं लगा… तुम्हारे यहाँ एक चेंज रूम भी होना चाहिए ना…
लड़का- अब क्या करूँ मैडम जी… वो हो ही नहीं पाया… मगर आप डरो नहीं… यहाँ कोई नहीं आता…केवल यही सब ही आती हैं… बस…

मां- छोड़ो ये सब, तुम ऐसा करना, मैं बता दूंगी… मेरे घर ही भिजवा देना… या खुद ही ले आना…मैं वहीं चेक करके बता दूँगी…
लड़का- ठीक है मैडम जी, बताओ… कहाँ??… मैं अभी आ जाता हूँ…

मां- अरे अभी तो नहीं… मुझे अभी बाजार में ही काम है… और फिर इनके ऑफिस जाना है… फिर 1-2 दिन में बता दूंगी…
लड़का- ओह मैडम जी… यह तो बहुत बुरा हुआ… इस साली की वजह से…
वो नाज़नीन को बालों से पकड़ अपने लण्ड पर झुका देता है… जो फिर से तन गया था…
और इस समय कहीं ज्यादा भयंकर हो गया था… यह शायद मां की सेक्सी आवाज के कारण हुआ था…

नाज़नीन भी उसके लण्ड को अपने हाथ से पकड़ झुक कर उसको पुचकारने लगती है…
मैं उस लड़के की किस्मत पर रस्क करने लगता हूँ… कि क्या किस्मत है साले की…
अभी कुछ देर पहले मेरी मां के मम्मो को मसल रहा था… और अब इस लड़की से अपना लण्ड चुसवा रहा है…

नाज़नीन की पीठ मेरी ओर थी… जब वो झुकी तो उसकी कुर्ती उसके मोटे चूतड़ों से ऊपर सरक गई…
ओह माय गॉड… उसके विशाल चूतड़ केवल सफ़ेद टाइट पजामी में मेरे सामने थे…
उसके चूतड़ उसकी उस इलास्टिक वाली

पजामी में नहीं समां रहे थे…

उसके झुकने से उसकी पजामी उसके चूतड़ों से काफी नीचे को फिसल रही थी जिससे उसके चूतड़ों का ऊपरी हिस्सा… और चूतड़ों की दरार तक साफ़-साफ़ दिख रही थी…
उसने एक काली कच्छी भी पहनी थी… जो पूरी साफ़ उसकी पजामी से दिख रही थी…

लेकिन उसकी कच्छी बहुत पुरानी थी… जिसकी इलास्टिक तक ढीली हो गई थी…
जो उसकी पजामी के साथ ही नीचे को सिमट गई थी…
इस सेक्सी नज़ारे को देख मैं मां को भूल गया… सोचा उसको तो बाद में भी देख लेंगे… पहले इसको ही देखा जाये…

लड़का अपना लण्ड चुसवाते हुए… मां से अभी भी बात कर रहा था…
लड़का- क्या मैडम जी, आप तो मेरा खड़ा करके भाग गई… अब मैं क्या करूँ…?

मां- तुम पागल हो क्या? इसमें मैं क्या कर सकती हूँ… वो तुम समझो… मुझे मेरे कपड़े चाहिए बस… बाकी अपना जो भी है वो तुम जानो… हे हे हे हे हा हा…
लड़का- मैडम जी ऐसा ना करो…

मां- अच्छा ठीक है… फिर बात करती हूँ… अभी तुम अपना काम करो… बाय…
लड़का- ओह नहींईई मैडम जी… ये क्या…
और वो गुस्से में ही… उस बेचारी नाज़नीन पर टूट पड़ता है…
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Messages In This Thread
Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 17-08-2020, 08:06 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by dannyboy0755 - 17-08-2020, 08:14 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Philander - 17-08-2020, 08:47 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Raj321 - 17-08-2020, 09:04 PM
Meri Chalu Modern Maa Part 1 - by hv987654 - 17-08-2020, 10:38 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Rumana - 18-08-2020, 09:20 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 18-08-2020, 12:52 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Rohan69 - 18-08-2020, 01:13 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 18-08-2020, 01:35 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa part 2 - by hv987654 - 18-08-2020, 09:57 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by justafantasydear - 18-08-2020, 10:58 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 19-08-2020, 09:02 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 19-08-2020, 09:08 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 19-08-2020, 09:11 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Pandu1990 - 19-08-2020, 09:21 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 19-08-2020, 09:26 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 19-08-2020, 10:00 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Lustkingalone - 19-08-2020, 10:50 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:24 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by vat69addict - 19-08-2020, 10:57 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:24 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Pandu1990 - 20-08-2020, 11:17 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:25 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Himanshuty - 20-08-2020, 12:52 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:25 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by whocarez - 20-08-2020, 08:37 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:26 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Kumar1080 - 21-08-2020, 12:56 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 23-08-2020, 10:26 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa part 4 - by hv987654 - 23-08-2020, 12:30 PM
PART 5 - by hv987654 - 23-08-2020, 03:50 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 25-08-2020, 05:03 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 25-08-2020, 05:37 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 25-08-2020, 05:58 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Mafiadon - 25-08-2020, 09:36 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by kamdev99008 - 27-08-2020, 07:13 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 28-08-2020, 08:05 AM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 28-08-2020, 06:20 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 28-08-2020, 07:59 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 29-08-2020, 02:44 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 29-08-2020, 06:04 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by Himanshuty - 29-08-2020, 06:19 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 29-08-2020, 06:38 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 29-08-2020, 06:50 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 02-09-2020, 03:35 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by hv987654 - 02-09-2020, 03:52 PM
RE: Meri Chalu Modern Maa - by sri7869 - 15-03-2024, 08:19 PM



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