29-08-2020, 12:06 AM
माँ - आअह्हह्ह्ह्ह रामु क्या कर रहे हो थोड़ा पीछे हटो
रामु तुरंत पीछे हैट गया और थोड़ी देर बाद फिर से माँ के गांड पे लण्ड सटाने लगा किसी न किसी बहाने से हहम्म्मम्म्म्म माँ ने महसूस किया की रामु का लण्ड टाइट लग रहा है
माँ- रामु बीवी की याद सता रही है क्या ...।
रामु- जज्जी जी मालकिन आपको कैसे पता हहम्म्म्म
माँ- हस्ते हुए आज घर में कोई नहीं तो उसका फायदा उठा रहे हो ह्ह्ह्हम्म
रामु- न न नहीं मालकिन कैसी बाते कर रही है आप
माँ- देखो मै एक औरत हु और आदमियों को मै अच्छी तरह जानती हु आदमी को उसकी बीवी से कई दिन अलग रहने पर उसकी याद सताती है ह्म्म्मम्म
रामु- और औरत को नहीं सताती ह्ह्हम्म्म्म
माँ- औरत को तो बहुत सताती है अपने पति की याद जब वह अपने पति से कई दिन नहीं मिल पाती ह्ह्हम्म्म अच्छा चलो मै हम दोनों दोस्ती करते है बताओ बीवी की याद तुम्हे कब आती है
रामु- अरे मालकिन क्या बताओ हमेशा लेकिन कर भी क्या सकता हु वैसे साहब भी तो कई कई दिन बाहर रहते है आप को भी तो उनकी याद सताती होगी न
माँ- हां हां सताती तो बहोत है लेकिन मै भी क्या कर सकती हु हहम्म्मम्म्म्म
रामु- हम दोनों की कंडीशन एक ही है हहह्म्म मालकिन आप बहोत सुन्दर है छ्हम्म
माँ- अच्छा थैंक्यू ह्ह्हम्म्म
रामु- क्या मै आपके करीब आ सकता हु हहम्म्म्म
माँ- करीब तो हु और कितना करीब ह्ह्ह्हहम्म्मम्म
रामु ने माँ के पास जाके उसको बाँहों में भरना चाहा माँ को हसी आगई
![[Image: 4d2ieu.gif]](https://i.ibb.co/FbQmf3W/4d2ieu.gif)
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रामु तुरंत पीछे हैट गया और थोड़ी देर बाद फिर से माँ के गांड पे लण्ड सटाने लगा किसी न किसी बहाने से हहम्म्मम्म्म्म माँ ने महसूस किया की रामु का लण्ड टाइट लग रहा है
माँ- रामु बीवी की याद सता रही है क्या ...।
रामु- जज्जी जी मालकिन आपको कैसे पता हहम्म्म्म
माँ- हस्ते हुए आज घर में कोई नहीं तो उसका फायदा उठा रहे हो ह्ह्ह्हम्म
रामु- न न नहीं मालकिन कैसी बाते कर रही है आप
माँ- देखो मै एक औरत हु और आदमियों को मै अच्छी तरह जानती हु आदमी को उसकी बीवी से कई दिन अलग रहने पर उसकी याद सताती है ह्म्म्मम्म
रामु- और औरत को नहीं सताती ह्ह्हम्म्म्म
माँ- औरत को तो बहुत सताती है अपने पति की याद जब वह अपने पति से कई दिन नहीं मिल पाती ह्ह्हम्म्म अच्छा चलो मै हम दोनों दोस्ती करते है बताओ बीवी की याद तुम्हे कब आती है
रामु- अरे मालकिन क्या बताओ हमेशा लेकिन कर भी क्या सकता हु वैसे साहब भी तो कई कई दिन बाहर रहते है आप को भी तो उनकी याद सताती होगी न
माँ- हां हां सताती तो बहोत है लेकिन मै भी क्या कर सकती हु हहम्म्मम्म्म्म
रामु- हम दोनों की कंडीशन एक ही है हहह्म्म मालकिन आप बहोत सुन्दर है छ्हम्म
माँ- अच्छा थैंक्यू ह्ह्हम्म्म
रामु- क्या मै आपके करीब आ सकता हु हहम्म्म्म
माँ- करीब तो हु और कितना करीब ह्ह्ह्हहम्म्मम्म
रामु ने माँ के पास जाके उसको बाँहों में भरना चाहा माँ को हसी आगई
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