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Thriller कामुक अर्धांगनी
चित्कारती मधु बेबस पड़ी मेरे लड़ के थपेड़ों से चीख़ती रही ओर एक धन्नाटेदार थपड़ मैंने मधु के हिलते चूची पर जड़ दिया और वो चीख़ती बोली बहनचोद और मैंने जोश भरे अंदाज़ मे उसके निपल्लों को खिंचते पूछा चकले मे बैठेंगी, मेरे नाम का मंगलसूत्र पहन के भरी मांग सिंदूर के साथ साली । मधु चीखते बोली बैठ जाती पर जिस कदर ये बहनचोद लड़ मेरी गाँड फाड़ रहा अब हिमत नहीं और इतने साल ऐसे चोदते तोह आज रांड भी नहीं बनती ।


शालिनि भाभी बोली क्यों री बिरजू और कालू का नहीं लेगी क्या , उफ्फ्फ दीदी कब मना किया ओर मेरी और देखते बोली सुनिए जी दर्द हो रहा ज़रा तोह रहम किजेए बीवी हुँ आपकी ,मोनिका उठ कर अपनी मधु भाभी के निप्पल को चुसने लगी और मधु की सिशकिया फुट पड़ी और वो बोली हाये राम ये दोनों भाई बहन न जाने किस जनम का बदला ले रहे और शालिनि भाभी बोली अरि ये दोनों तोह तुझे मज़ा दे के त्यार कर रहे कि जब कालू का लड़ तेरी सकरी गाँड चिर के घुसेगा और बिरजू का मोटा लड़ तेरी चुत मे फसेगा तब तू कहि ढीली न पड़ जाओ ।



दीदी गाँड नहीं देने वाली अब मैं चाहें जो हो बड़ा दुखता है दीदी मूंगफली के झटकों से न जाने क्या दर्द होगा उन मर्दों के मसलन से , देगी तोह तू गाँड भी मेरी बहन क्योंकि मैं जबान दे चुकी हूँ कालू को की तुझे कसी गाँड मिलेगी आज रात , उफ्फ्फ नही दीदी इतनी बेहरम मत बनो आप अपनी गाँड दे दो , भाभी हँसते बोली मेरी तोह देखी न तू कैसी खुली पड़ी है ,कालू को सकरी छेद चाहिए जैसे तेरी है मेरी जान और तू क्या चिंता करती है आज रात की बात है फिर तोह तू खुद उछाल मारेगी ऐसी लत लगेगी तुझे गाँड मरवाने की और फिर तू अकेली थोड़े न दर्द झेलेगी अपने देवर की भी नथ उतवाने की ज़िम्मेदारी मेरी ही है ना , बस पहले तेरी जवानी रोद कर फिर कालू को अपने देवर के गाँड मे लगा दूँगी तभी तोह मेरा देवर पक्का गांडू बनेगा ।


सच भाभी क्या मेरी बरसों पुरानी मुराद पूरी हो जाएगी , हाँ देवर जी मैं तोह पहले ही समझ गईं थी कि तुझे गाँड मरवानी है इशलिये तोह तूने मेरी भोली भाली मधु को यू बेबस कर वसंत के नीचे डाला था ताकी तुम भी गांडू बन कभी उसके लड़ की अकड़ को अपनी गाँड मे महसूस करो , ओह भइया आप सच मे गाँड मरवाओगे ,हाँ मोनिका मुझे बहुत मन है कि साड़ी पहन किसी मर्द की प्यास बुझाऊ , हये राम मेरे भइया साड़ी पेहनोगे उफ्फ्फ ,शालिनि भाभी हँसते बोली तू तोह बड़ी खुश लग रहीं मोनिका , नही भाभी मैं तोह सोच रहीं भइया साड़ी मैं किसे लगेंगे ,कैसे क्या लगेंगे खूबसूरत दिखेंगे तेरे भइया क्योंकि तेरी दोनों भाभी मिल के तेरे भइया की आज नथ उतारने की तैयारी जो करेंगी , मोनिका झेंपती बोली भाभी भइया का मेकअप मैं कर दूँगी और मधु बोली अब रुक भी जाओ जी मेरी गाँड छिल गई जलन हो रहीं , चुप मेरी रंडी बीवी बड़ा आनंद आ रहा मुझे रोक मत , मधु बोली बहनचोद कालू को बोल के तेरी ऐसे ही छिलवाऊंगी देखना , छिलवा देना मेरी गर्म नर्म बीवी बस अभी चोदने दे बड़ा मजा आ रहा तेरी गाँड मार कर और मधु मोनिका के बालों को खिंचती बोली सब तेरी वज़ह से हो रहा, न जाने क्या जादू की मेरे मरद पे साला ढ़ीला नहीं पड़ रहा ,भाभी मैं तोह बस भइया से चिपकी और कहा कुछ किया आपने तोह बोला गांडू है अब क्या पता इनको गाँड का ही शौक हो आज बहन की गाँड मिली तोह समझे अपनी ताकत और मुझे तोह प्यार से झटके मार झड़े भी पर ढीले न पड़े अब आप साथ दे दो तोह ढीले हो जाए नही तोह क्या पता आपकी गाँड मार मार कर कहि आपको न ढीला कर दे ।



मधु ने मोनिका के बालों को खींच अपने होंठो से लगा चूमने लगी और शालिनि भाभी खुद के चुत मे तीन उँगली डाली बोली देवर जी लगता है मधु और तुम हफ्ते भर चल नहीं पाओगे तोह मोनिका ही यहाँ रुक दोनों की गाँड गर्म पानी से सेकेंगी , भाभी मेरी बहन गाँड सेकेंगी या अपनी गाँड मेरे मूंगफली पर सेंकने लगेंगी मुझे नहीं पता पर भाभी मुझे तोह मरवानी है और भाभी बोलने लगी दोनों पति पत्नी एक नंबर के छिनाल निकले इधर मधु कहती और इधर तुम कहते ,मोनिका ने मधु के होंठो को काट कर बोला भाभी मेरे भइया भीभी अब तोह सहेली बन रहेंगे अपने शर्मा जी को सम्हाल लेना कही मेरे भैया के पीछे पीछे न आ जाए ।



मधु हँसते बोली उफ्फ्फ देवरानी अगर शर्मा जी आ गए तोह दीदी उनकी भी नथ उतरवा देगी और फिर खुल के कालू ओर बिरजू को ले बिस्तर पर शर्मा जी से दोनों का लड़ चुस्वा कर चुदवायेगी । शालिनि भाभी शरमाते बोली सच रे मेरा मरद एक बार ढीला तोह पड़े रोज रात नए मर्द के नीचे कुटेगी मेरी जवानी । 


भाभी बोली मधु थोड़ा चुत चटेगी मेरी ,हाँ दीदी बैठो न मुँह पर ओर भाभी के बैठते मेरी बहन मधु के निप्पल्स चुस्ती बोली भइया गाँड मरवाने के समय अपनी बहन की गाँड मे मुंफली डाले रखना ताकी मे कालू के झटकों से थोड़ा मज़ा ले लुंगी और आपकी होंठो को चूस आपकी चीख दबा दूँगी की मोहल्ले वाले सुबह ये न बोले कि मेरे भइया की फट गई और वो हँसते मधु के निप्पलों को सहलाती मुझे देखती रही ओर मैं बोला बहन अपनी भाभी के काँख तोह चाट फिर देख कैसे तेरी भाभी की पिचकारी से स्नान होगा सबका और वो हँसते बोली सुन रहीं हो भाभी भइया आपको मुतवान्ने को बोल रहे पर बेचारी मधु शालिनि भाभी के चुत तले दबी क्या बोले ओर मोनिका शालिनि भाभी के मुड़े झागों के नीचे सरक मधु की काँख चाटने लगी ओर मधु बिस्तर पर कस्मसाती नागिन सी लहराई और मैंने झुक कर उसके निप्पलों को खींच बोला मधु मुत दे मेरी जान जैसे सुहागरात मुत कर पति को नहलाई थी और वो गाँड उठा मेरी मूंगफली पर कमर डोलाने लगी मानो उसको याद आ गया हो कि कैसे मैंने सुहागरात को उसके चिकने काँखों को जीभ से चाट बेबस कर मुतवाया था और वो मुतती शर्मा कर मुझे अपने ऊपर खिंच हाँफते बोली थी जी मॉफ किजेए निकल गईं ओर मैं टांगो के बीच पहुँच मुत से सनी उसके जिस्म को चाट चाट सूखा दिया था और वो झेप गईं ओर खुद मेरे मूंगफली को सहलाते सर्वप्रथम अपनी जीभ से सहलाते मुँह मे लेती चुसने लगी थी और चंद सेकंड मे मेरा मूंगफली गढ़ा बीर्य उसके मुँह पर उगल चुका था ओर वो बड़े चाव से गटक लड़ को चाट मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चूमने लगी थी और ऐसे दोनों नवविवाहित जोड़ी बिना शिकायत बरसों एक विश्वास के डोरी पर जीते चले रहे ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 28-08-2020, 10:54 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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