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Thriller कामुक अर्धांगनी
अरे फ़ातिमा उठ जल्दी तेरे सोहर तुझे गली गली ढूँढ रहे ,फ़ातिमा भीभी ये सुनते हड़बड़ा कर मेरी मधु को अपने तपते गर्म जिस्म से उतारती मुरझा सी गई और डरती घबराती बोली दीदी मेरे कपड़े ,शालिनि भाभी ने भुरका देते बोला मेरी चुदासी रांड तू बस भुरके मे आई थी भूल गई क्या ओर फ़ातिमा भाभी भुरका पहन खुद को वेवस्तित करती चेहरे को धो कर सरीफ औरत बन बोली अकेली जाउंगी तोह मेरे सोहर झगड़ा करेंगे दीदी तुम साथ चलो न ,शालिनि भाभी बोली इशिका को  लेकर जा तू क्योंकि मेरे पति मुझे देख लेंगे तोह यहीं डेरा डाल देंगे और तेरे चक्कर मे कोई चुद न पायेगा और इशिका भाभी मेरे मुँह पर गाँड दबाती बोली वाह दीदी मुझे क्यों फ़सा रही हो देखती नहीं अपने गांडू देवर से चटवा रहीं  अपनी प्यासी गाँड और शालिनि भाभी बोली वाह री छिनाल ये मत भूल की फ़ातिमा का सोहर लौट आया तोह साथ तेरे पति भी होगा ,इतना भी नहीं याद तुझे की दोनों साथ काम करते है और इशिका भाभी ये स्मरण करते बोली हये रे किस्मत कहा लौड़े का सोच चटवा रहीं थी और कहा अब ढीले पति से पेलवानी पड़ेगी झूट का अहह अहह करती और वो मेरी मुँह से गाँड हटाती बोली देवर जी अब तोह उधार रहा और उठ सतिसावित्री बन बालो को ठीक कर के फ़ातिमा भाभी के साथ निकल पड़ी और मेरी अर्धागनी बिस्तर पर दारू के नशे मे खुद को सहलाते बोली दीदी जो भी हो मुझे तोह लड़ चाहिए और शालिनि भाभी हँसते बोली तेरे लिए इंतज़ाम कर दूँगी रे थोड़ा सांझ तोह हो जाने दे ।


मेरी बहन मेरे होंठो को चूमते बोली भइया मुझे घर नहीं जाना कुछ उपाय कर दो न मुझे आपके साथ मज़ा आता है और मैं अपनी नन्ही बहन को निहारते बोला जा घर बोल आ माँ को की तू मधु भाभी के यहाँ रुकेगी और तेरी माँ वैसे भी वसंत को बुला ही लेगी तेरे पापा जो निकल चुके कमाने , मोनिका हँसते बोली भइया भाभी को ले जाऊं की माँ रोके न रोक पाए ,मधु बोली ओह ननद जी तुम घर जाओ मैं खुद तुझे ले कर आ जाऊँगी और मोनिका बोली ठीक है भाभी पर जल्दी क्या है अभी थोड़ी देर भइया के पास और रह लू ,क्या भाभी मुझे अपनी चुत चटवाओगी कहती मेरी बहन तिरछी नज़र मधु पर डाली और मधु उठ कर घोड़ी बन के मोनिका के चेहरे के ऊपर गाँड हिलाती बोली तू चुत चाट तेरे भइया से गाँड चटवा लेती हूँ और शालिनि भाभी बोली अरे सब कितने कमीने हो मेरी कोई पूछता नहीं और मेरी धर्मपत्नी हँसते बोली दीदी आप मेरे सामने लेट जाओ न आपकी चुत मैं चाटे देती हूँ और इस तरह वापस माहौल वासना से भरने लगा ओर मेरी मुंफली आनान्यास बहन की गाँड पर हिलने लगा और मेरी बहन सिसकी लेती गाँड चुदाई का लुप्त उठाने लगी और मैं अपनी बीवी की गाँड के सुराख को जीभ से सहलाने लगा ।



शालिनि भाभी की सिशकिया अति उतेजित ही चुकी थी जिस कारण मधु उँगलियों के सहारे उनकी चुत सहलाने लगी थी और मधु के तीन उँगलियों के गहराई मे प्रेवेश हो जाने से शालिनि भाभी की भाषा अभद्र होने लगी और वो बोली तेज़ उँगली चला रंडी साली आग लगी है और तू सहला रही है ,ज़ोर से चोद , मधु जीभ से चाट, दाँतो से खरोच कर बोली रंडी दीदी लौड़े का मज़ा उँगली से कहा मिलेगी बुला ले मर्दो की टोली और चुदवा मे तोह ऐसे ही तुझे तड़पाउंगी और शालिनि भाभी अहह मधु उफ्फ्फ मधु करती मधु की उंगलियों पर गाँड हिलाती मचलती रही और मेरी बहन मधु भाभी के चुत की चमड़ी दाँतो से खिंचती जीभ घुमाते चली गईं और मेरी जीभ गाँड के छेद को खुलते सिकुरते महसूस करता रोमांचित हों उठा और सोचने लगा कि आज मेरी अर्धागनी की सुर्ख़ गाँड का भी भौसड़ा बन जाएगा।

मोनिका को मधु की रसीली चुत चाट जोश उमड़ आया और वो मेरे मूंगफली पर दबाव बनाने लगी और मधु के निप्पलों को बेदर्दी से मसलने लगी जिस कारण मधु चीख़ती बोली क्यों री बहन की लोड़ी मार डालेगी क्या भाभी को और मोनिका तेज़ दबाव बनाती बोली वाह भाभी वसंत का झेल चुकी और मैं तुझे मारने लगी और शालिनि भाभी बोली मधु तू मेरी निपल्लों को रगड़ ले बाकी हैवानों के आने से पहले थोड़ा दर्द झेल लेने से दर्द कम हो जाएगा और मधु शालिनि भाभी के निप्पलों पर चिट्कोरी मारती बोली दीदी आप पक्की रांड हो जैसे कहती हो वैसा ही होता होगा और भाभी चीख़ती अपनी चुत चुदवाती चर्मसुख के मुहाने पहुँच गईं और जैसे ही भाभी के स्वर बदलने लगे मेरी शयनी बहन ने मधु की चुत मे उँगली कर मधु को मचलने पर विवश कर दिया और सीघ्र ही शालिनि भाभी झड़ गईं और मधु की हिलती गाँड मेरे चेहरे पर दबाब बनाने लगी और तेज़ उँगलियों के सहारे मोनिका ने अपनी भाभी को विवश कर बहने पर मजबूर कर दिया और मधु झट से शालिनि भाभी के ऊपर चढ़ कर उनके लबों का रस पान करने लगीं और मोनिका मेरे मुँह मे उँगली डाल मुझे अपनी अर्धागनी का वीर्य चुसवाने लगी और मेरी मर्दाना जोश को उकसाने लगी जिस कारण मैं हवस मे अंधा हो गाँड उठा उठा कर बहन की गाँड मारने लगा और मोनिका भइया धीरे अहह भइया अहह कहती चीखने लगी और अपने टाँगों को मेरे कमर पर लिपट रूवाशी होती मेरे झटकों को झेलती एक धार मरती निढ़ाल हो गईं और हाँफने लगी पर मेरा जोश ठंडा पड़ ही नही रहा था कि शालिनि भाभी बोली ओह देवर जी इतनी आग लगी हैं तोह अपनी बीवी की गाँड खोल दे बेचारी तोह थक गई है और मैं उठ कर मधु को बिस्तर पर लेटा टाँगे उठा कर थूक से उसके गाँड को भिगोने लगा और मेरी पत्नी बोली बहनचोद अगर जल्दी झड़े तोह टांग खोल चकले पर बैठ जाऊँगी और मैं जोश मैं आ कर एक झटके से बीवी की गाँड को चीरता संपूर्ण मुंफली डाल बैठा और वो चीखते रोने लगी और मुझे धक्के देने लगी और मैं मधु को दबा कर ज़ोर से गाँड मारने लगा और वो ज़ोर से चीख़ती बोली मादरचोद बहन के लौड़े दर्द हो रहा है और मैं मधु के गाल पर थपड़ मरता बोला साली रांड वसंत के साथ दर्द नहीं हुआ तुझे मेरे छोटे लड़ से दर्द हो रहा है कुतिया और झटका देते खुद के जिस्म मे एक अदभुत आनंद को भोगने लगा ।


मेरी हवस को देख शालिनि भाभी बोली देवर जी फाड़ दे शाली की गाँड और मधु ये सुन कर करहाती बोली दीदी तू छिनाल है मेरी हालत देख मज़ा ले रहीं और भाभी हँसते बोली अच्छा हुआ पहले पति से ले रही कोई मर्द डालता तोह मुँह से आवाज़ नहीं निकलती और शालिनि भाभी उठ मधु के मुँह पर जा बैठी और निपल्लों को सहलाते बोली देवर जी और तेज़ करो आज बता दो अपनी बीबी को की जब गांडू जोश में आ जाएं तोह क्या होता है । भाभी साली चकला मे टांग खोलेगी इतना चोदुगा कि चल नहीं पाएगी कहते मैं हैवान बन बैठा और मधु दबी चुत के नीचे बिलखती रही और मेरी बहन ये देख खुद के जिस्म को सहलाते बोली भइया मेरी चुत ऐसे चोद डालो माँ कसम रोकूंगी नहीं चाहे जितने तेज़ झटके मारो और शालिनि भाभी बोली वाह वाह देख इस बहन को कैसे भइया के लड़ की दीवानी बनी पड़ी है ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 27-08-2020, 11:25 AM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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