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Thriller कामुक अर्धांगनी
आख़िरकार मेरे मूंगफली पर अकड़ छाने लगी और झटकों के आभास से मेरी सयानी बहन समझ गयी और गाँड की छेद सख्त करती मेरे लड़ से निकली हल्की धार को अपनी गाँड के दीवारों पर महसूस करती बोली भइया आपने तोह हार मान ली और हँसते मुझे कस कर बाहों मे जकड़ बेताहाशा चूमने लगी और मेरे मूंगफली की अकड़ ढीली पड़ते अचानक जोश से तन गई मनो मोनिका का मुझे भइया बोलना मेरे लिंग को भा गया ओर वो सुर्ख़ छेद की गीली गर्माहट को ओर महसूस करने को उत्सुख हो, गाँड की दीवारों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते कह रहा हो तेरी इस मदमस्त गाँड से मूंगफली का दिल अभी भरा नहीं ।


झड़ने के बाबजूद मेरे लिंग पर तनाव महसूस करती मेरी बहन जोश खरोश से मुझे बोली भइया ऐसा क्या है मुझमें की आज आप ठंडे नहीं पड़ रहे ,दोपहर तक सब भाभियाँ आपको नामर्द गांडू कह के चिढ़ा रहे थे और मुझे तोह आप पक्के मर्द मालूम हो रहें है और मोनिका की बातें सुन मैंने उसके दोनों संतरो को सहलाते बोला तेरी ये उनीस साल की कमसिन जवानी जो है ना बहना और तेरा यू मुझे भइया बुलाना मुझे नामर्द से मर्द बना रहा है और वो शरमाते बोली फिर तोह ये तय रहा कि अब भइया के लड़ की लाडली मैं ही हूँ और कोई नहीं ।


हाँ बस तू मेरी लाड़ली है और सदा रहेगी ,उसके सख्त निप्पलों को उँगलियों से सहलाते वो सिहर कर बोली उफ्फ भइया दुखता है धीरे मसलों न क्या तड़पाने मे आपको मज़ा आता है अपनी छोटी बहन को ,उफ्फ्फ हाँ मैं तुझे चाट के खा जाऊँगा और ये नसीलि आँखे मे दु मे डूबा रहूँगा और उसके हाथों को सर के ऊपर करते उसकी काँखों को सूँघते बोला तेरे बदन की ये खुशबू ऐसी है कि तेरा भइया का बस चले तोह तू सारी जिंदगी बस ऐसे ही लेटी रहे मेरे जिस्म के नीचे और तुझे यू ही प्यार करता रहूँ ।


मोनिका मेरे नाक के स्पर्श को अपने काँखों पर महसूस करती इठलाने लगी और सिसकी लेती बोली भइया ये क्या कर रहे गुदगुदी हो रहीं ,मैंने हौले से जीभ फिराते मोनिका को रोमांचित करता उसके जिस्म को मेरे जिस्म के तले कसमसाते महसूस करता बोला बहन बड़ी स्वादिस्ट है तेरी ये पसिने से लतपत खुरदुरी जगह ,वो हाथों को झटकने को तत्पर काँपते लबों से बोली नहीं भइया न करो सुसु लग जायेगी , उफ्फ तोह कर दो सुसु मेरी बहन ,न भइया न करो न और मैं जीभ से चाटने लगा और मेरी बहन के सब्र के बांध को तोड़ने लगा और वो विरोध करती इठलाने लगी और मेरे जीभ के चाटने से पूरी तरह बाबली हो गई और अपनी टांगो को मेरे कमर पर जकड़ती गाँड उठा उठा कर बोलने लगी न भइया ऐसा न करो उफ्फ्फ भइया नहीं और थोड़े ही पल के बाद मेरे जिस्म को अपने गर्म सुसु से गीला करती बोली भइया आप बड़े गंदे हो , मैंने उसके लबों को अपने लबों से मिला चूमने लगा और बोला मेरी बहन ऐसे गर्म सुसु से नहला दिया करो भइया को हर सुबह आ कर वो शर्माती बोली उफ्फ्फ भइया आप सच मे गन्दे हो और हँसते बोली बढ़े दिनों बाद सुसु बिस्तर पर की हुँ न जाने भाभी कितना गुससा करेगी ,मैं निप्पलों को मसल कर बोला तेरी भाभी रोज ही करेगी बिस्तर पर सुसु अगर तू सुबह आ कर ऐसे उसके काँखों को चाट दोगी तोह और वो हँसने लगी और हम दोनों चिपक कर आनंद लेने लगे ।


देखो गांडू को रंडी बहन पर चढ़ा पड़ा है और ये रंडी भइया के नीचे कितनी खुश है , शालिनी भाभी पास आते बोली और उनके पीछे सभी भाभियाँ आ पहुँची और हँसने लगी , मेरे किसी भाभी के बदन पर पैंटी के सिवाय कोई और वस्त्र नहीं था और मेरी नज़र अपनी अर्धांगनी को तलाशती रही कि फातिमा भाभी बोली क्यों देवर जी मधु को ढूंढ रहे हो क्या ,मैं झेप सा गया और वो बोली आ रही है तेरी बीवी तुम तोह बस अभी बहन पर धयान दो ।


मधु हँसते लड़खड़ाते कदमों से कमरे मे दाखिल होती चीखते बोली ओह बहनचोद अभी भी खड़ा है मेरे गांडू पति का लड़ और मेरी गाँड पर थपड़ मरती बोली बहन से ही विहा लेते मुझे तोह मर्द मिल जाता ।


सब हँसने लगी और मधु मेरी गाँड फैला कर बोली बेलन डाल देती हूँ गाँड मे आपके या बिरजू को कह के फड़वा देती हूँ और मेरे बदन पर कूद लेट गई और मोनिका चीखते बोली अहह भाभी ,चुप कर ननद मेरी न जाने क्या जादू कर दी मेरे मरद पर की नामर्द से मर्द बन बैठा बहन के लिए और वो अपनी गाँड हिलाते बोली ऐसे गाँड मरूँगी आपकी और फातिमा भाभी बोली कितना परेशान करेगी तू दोनों को चल छोड़ और मेरी चुत चाट ।


इशिका भाभी झट से बिस्तर पर लेट शालिनी भाभी को खिंचते बोली दीदी मेरी चुत चाटो न आप और मेरे आँखों के सामने बिस्तर पर चारों रंडिया नंगी हो एक दूसरे को नोचने लगी और मेरी बहन बोली भइया लगता है अब आज रात कई मर्दो की दावत होगी ।



क्यों क्या हुआ ,अरे मेरे भोले भइया ऐसा इशिका भाभी के यहाँ एक बार हुआ था उस रोज भी ऐसे सब एक दुज़े को नोच रही थी और फिर गरम हो कर मर्दों को बुलाने लगी ,मैं तोह वसंत से चिपकी रही बाकी फातिमा भाभी तोह तीन मर्दो का सुख भोगी ,इशिका भीभी दो और शालिनी भाभी ने तोह चार मर्दो को चिपका लिया था ।


एक बिस्तर पर सभी भाभियाँ सिसकिया लेती बस कामवासना मे खोई हुई थी ओर वसंत खड़े खड़े मुझे लड़ पर फ़सा कर चोदा ।


मोनिका की बातों से तय हो गया कि मेरा घर आज कोठा बनेगा और शालिनि भाभी जोश मे इशिका भाभी की चुत लप लप चाटते खुद के चुत को सहलाते बोली मधु तू कितने लड़ लेगी , मधु लप लप करती फातिमा भाभी के चुत पर टूटी पड़ी थी और तड़पती बोली दीदी कम से कम दो मर्द चाहिए मुझे ,फ़ातिमा भाभी बोली दीदी मुझे तोह तीन दिला दो और शालिनि भाभी ने इशिका भाभी की चुत पर दाँत काट पूछा और तुझे ,वो अहह करती बोली दो तोह चाहिए दीदी मुझे और शालिनि भाभी बोली कामिनी सब दस मर्द बुलानी पड़ेगी फिर तोह ओर फ़ातिमा भाभी बोली दीदी आप तोह मर्दो की लाइन लगा दोगी । शालिनि भाभी उठ खड़ी हुईं और बोली चलो सब खाना खा लो मैं देखती हूँ और उठ कर बाहर चली गईं पर वासना के बसीभूत मेरी अर्धागनी ओर फ़ातिमा भाभी चिपकी पड़ी थी और इशिका भाभी अपनी गाँड उठा कर मेरे चेहरे पर रगड़ते बोली बस बहन को मज़ा दोगे मेरी भी चाट के देखो रसीली है और मोनिका बोली भइया भाभी की चाट खाओ और मेरी जीभ शालिनी भाभी के चुत पर फिरने लगी और मेरी बहन हाथ उठा कर भाभी की लटकती चुचियों को खिंचने लगी और भाभी बोली दोनों भाई बहन मिल बैठे क्या और सिसकिया भर्ती बोली मधु तेरा ये गांडू पति तोह जीभ ऐसे घूमता है कि चुत की दीवारें सिहर जाती और मेरी मधु बोली थोड़ा वक्त दो चुत की दीवारें रिशने भी लगेगी दीदी ,और फ़ातिमा भाभी ने मधु को अपने चुत पर टाँगों से फ़सा बोलने लगी जैसा पति वैसी उसकी बीवी, मधु अब रुक मत ओर मधु झाघो के बीच दबी चुत से स्वास लेती जीभ फिराती लगी रही और फ़ातिमा भाभी को ठंडा कर उठ उनके ऊपर चढ़ कर होंठो को चुस्ती बोली दीदी चाटना तोह पति से सीखी हुँ और इधर शालिनि भाभी गाँड हिलाती चीख़ती बोली मोनिका तू ऐसे निप्पलों को रगड़ना क्या भइया से सीखी क्या और मेरी बहन अपनी कमर हिलाते मेरे मूंगफली पर झटके मरती बोली हाँ भाभी अभी अभी भइया ने ऐसे मेरे निप्पलों को मसला था और मेरी चुत गरम हो बह गयी थी ।
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Messages In This Thread
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 26-08-2020, 09:24 AM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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