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Adultery लवली फ़ोन सेक्स चैट
#24
मैं: वाउ यार, मस्त बोलती हो तुम, मुझे तो बहुत अच्छी लगी. मस्त बोलती हो एकदम, यु गोयिंग टू राक यार.

आंशिका: सच? मेरा मन रखने के लिए तो नहीं बोल रहे ऐसा?
मैं: अरे नहीं यार, सच में बहुत अच्छी लगी. तुम चिंता मत करो, आई नो यु आर ग्रेट

आंशिका: थॅंक्स यार, फॉर गिविंग मी कॉन्फिडेन्स.
मैं: मेन्षन नोट, अछा ये बताओ कल क्या पहन रही हो?

आंशिका: साडी ही पहननी है हम टीचर्स को.
मैं: ओक, किस कलर की पहन रही हो इस बार.

आंशिका: अभी डिसाइड नहीं करा, तीन हैं – एक ब्लू है, एक रेड है और एक ब्लॅक, कौनसी पहनूं इनमे से?
मैं: यार तुम सारी पहनो या ना पहनो मुझे तो मस्त लगती हो, वैसे गो फॉर ब्लॅक.

आंशिका: ब्लॅक ना? मेरा भी यही मन था, हम सेम थिंक करते है , है ना?
मैं: तभी तो इतने अच्छे फ्रेंड्स हैं.

आंशिका: हाँ ये भी है, मुझे आज तक इतना अंडरस्टॅंड एंड केरिंग फ्रेंड नहीं मिला.
मैं: केरिंग किस बात के लिए?

आंशिका: अछा केरिंग नहीं हो? मेरे लिए कल सुबह जल्दी उठोगे , कौन करता है किसी फ्रेंड के लिए.
मैं: सच कहूँ तो, अगर कोई और फ्रेंड होता या होती तो मैं उसे मना कर देता बट तुमसे ना नहीं करी जाती.

आंशिका: आई नो तभी तो केरिंग कहा.
मैं: तुम भी तो बहुत केरिंग हो.

आंशिका: मैं कैसे?
मैं: मैने तुम्हे इतना परेशन करा है, इतनी ज़िद मनवाई हैं, पर तुम बिना कुछ कहे आराम से सब करा लेती हो.

आंशिका: मुझे भी तो तुम्हे ना नहीं कहा जाता ना, क्या करूँ.
मैं: आई नो, तभी तो जान बुझकर ज़िद करता हूँ.

आंशिका: बदमाश तो तुम हो ही. अछा अब लंच ब्रेक ओवर, वर्क टाइम स्टार्ट, बाद में बात करते हैं ओक?
मैं: ओक जान, केरी ओन . बाइ और स्पीच सच में बहुत अच्छी थी, चाहे किसी को भी सुना कर पूछ लेना.

आंशिका: तुमसे पूछ लिया बस अब किसी और की ज़रूरत नहीं मुझे, थॅंक्स, बाइ
मैं: बाइ

नेक्स्ट डे सुबह मैं जल्दी उठ गया और तैयार होकर मैने अंशिका को कॉल करा.

मैं: हेलो, गुड मॉर्निंग मेम
अंशिका: ओह हाय , गुड मॉर्निंग, ई एम् इंप्रेस्ड, तुम तो सच में जल्दी उठ गये, मुझे यकीन नहीं हो रहा है.

मैं: कोई नहीं जब थोड़ी देर में तुम्हारे पास आऊंगा तो छूकर यकीन कर लेना.
आंशिका: तुम रेडी हो?

मैं: हाँ रेडी हूँ, और तुम?
आंशिका: हाँ बस साडी पहनने लगी थी, तुम्हारी कॉल आ गयी.

मैं: इसका मतलब ब्लाउस पेटिकोट में हो अभी?
आंशिका: हाँ

मैं: हाय यार, क्या मस्त लग रही होगी, ऐसे ही चलो ना.
आंशिका: सुबह सुबह शुरू हो गये.

मैं: मैं तो कभी ख़तम ही ना हूँ अगर तू मेरे साथ हो हमेशा.
आंशिका: ये सब छोड़ो, ये बताओ कितनी देर में आ रहे हो यहाँ.?

मैं: मैं तो रेडी हूँ, तुम बताओ कितनी देर में निकलूं?
आंशिका: तुम्हे कितना टाइम लगता है पहुँचने में मेरे यहाँ?

मैं: 15 मिनट मेक्स
आंशिका: ठीक है निकल जाओ घर से.

मैं: ओके जान, निकल रहा हूँ, और जब मैं आऊं तो पेटीकोट ब्लाउस में मत मिलना, वरना मैं फिर बिना चोदे नहीं मानूँगा.
आंशिका: अरे बाबा, ई एम् ऑलमोस्ट रेडी, अब फोन रखो और जल्दी आओ.

मैं: ओके मिलता हूँ. बाइ
आंशिका: हाँ बाइ.

थोड़ी देर बाद में उसके घर के पास वाले बस स्टॉप पर पहुँच गया और उसे कॉल करके बुला लिया. वो मुझे सामने से दिखी, ब्लेक साडी में थी, सबकी नज़र उसी पर थी रोड पर, दूधवाला, हॉकर, बेगर्स, कॉलेज चिल्ड्रन्स, सब उसे ही घूर रहे थे, ब्लेक साडी मैं: वो बहुत मस्त लग रही थी, ब्राउन कलर की लिपस्टिक, मॅचिंग ब्लाउस, सुबह सुबह लंड टन गया देख कर और उसकी छाती के तो कहने ही क्या. उसने मुझे दूर से देख लिया था पर वो मेरी नज़रों में ना देखकर नीचे देख कर चलती हुई मेरे पास आ रही थी, ऐसा आग रहा था की मैं दूल्हा हूँ और वो मेरी दुल्हन, वो मेरे पास आकर खड़ी हुई और बोली –

आंशिका: ऐसे क्यूँ घूर रहे थे दूर से, शरम नहीं आती.
मैं: अच्छा अब घूर भी नहीं सकता, लंड को तुमने पहले ही पिंजरे में डाल दिया है.

आंशिका: अछा ये बताओ की मैं कैसी लग रही हूँ.
मैं: मोस्ट ब’फूल वुमन , ब्लॅक कलर लुकिंग आसम ओन यु यार. मेरा मन भी काला हो गया तुम्हरे ऐसे देख कर. कितनों की जान लेने का इरादा है आज?

आंशिका: तुम्ही दे देना अपनी जान बस, आई विल बी हेप्पी , तुम भी बहुत स्मार्ट लग रहे हो आज.
मैं: थॅंक यु , सब आपका ही कमाल है.

आंशिका: अब आपका मन हो तो चलें?
मैं: हाँ क्यूँ नहीं, चलो.

आंशिका: थोड़ी तेज़ चलना बाईक.
मैं: जितना चिपक कर बेठोगी उतनी तेज़ चलाऊंगा .

उसने स्माइल पास करी और मेरी बाईक पर पीछे बैठ गयी, वो थोड़े डिस्टेन्स पर बैठी थी शायद घर के पास होने की वजह से, पर मैने भी बाईक को धीरे ही चलाया, थोड़ी आगे जाकर वो मेरे से चिपक गयी, जैसी एक वाइफ अपने हज़्बेंड के साथ जाती है बाईक पर, उसने अपनी ब्रेस्ट मेरी बेक पर लगा दी अच्छी तरह और बोली –

आंशिका: अब सही है मेरे राजा? अब तो कम से कम तेज़ चला लो.
मैं: हाँ क्यूँ नहीं मेरी जान.

आंशिका: बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते तुम.
मैं: जब रिश्वत में तुम मिल रही हो तो क्यूँ ना लूँ.

थोड़ी देर में हम उसके कॉलेज पहुँच गये. वहाँ मैने पार्किंग में बाईक पार्क करी की तभी उसकी सीनियर जो मॅरेज में थी उसके साथ वो भी तभी आई थी अपनी कार पार्क कर के उतर रही थी. आंशिका को देख कर वो मुस्कुरई और बोली…….

आंशिका: हाय मेम ,
सीनियर : हाय अनु, सही टाइम पर आ गयी.

आंशिका: हाँ इसकी वजह से (मेरी तरफ इशारा करते हुए बोली)

मैने हेल्मेट पहना हुआ था, तो हू मुझे पहचान नहीं पाई, मैने हेल्मेट उतरा तभी वो बोली

सीनियर: ओक ओक, तुम्हारा कसीन राईट ? शादी में भी आया था तुम्हे लेने.
आंशिका: हाँ मेम .

मैं: गुड मॉर्निंग मेम .
सीनियर: हाय डियर,

उसने हाथ आगे बड़ा कर मुझसे शेक हॅंड करा, मैं ये एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था. वो मुझसे हंसकर बोली.

सीनियर: तो बेचारी आंशिका ने तुम्हे ड्राइवर बना दिया है. चलो आओ उंड़र आओ, फर्स्ट टाइम आए हो ना शायद हुमारे कॉलेज, देखो और बताओ कैसा है हमारा कॉलेज और आज का इवेंट भी. आंशिका आज मत भेज दियो , पूरा इवेंट अटेंड करवाना इससे भी.
आंशिका: नो मेम , आज तो मेरे साथ ही रहेगा ये ड्राइवर, हहहे

वो दोनो इस बात पर हँसने लगी तो मैं भी थोडा सा मुस्कुरा दिया.

उसकी सीनियर ने अपने बच्चो को आवाज़ लगाई जो कार में बैठे थे,

सीनियर: स्नेहा, सचिन चलो बाहर आओ, अन्दर चलो

कार का गेट खुला और उसके दोनो बच्चे सामने आए.

मुझे याद है आंशिका ने मुझे पहले बताया था की इसकी एक लड़की 15 साल की है और एक लड़का 11 साल का. दोनो कार में से उतरे, मैं तो उसकी लड़की को ही देखने में लगा था. बहुत स्वीट लग रही थी, स्कर्ट पहन रखी थी उसने, और उपर टॉप, जिस पर से उसकी छोटी छोटी चुचियाँ उबर रही थी और उसकी स्वीट सी स्माइल उसके फेस के ग्लो को और बड़ा रही थी. सीनियर ने उनसे कहा…

सीनियर : से गुड मॉर्निंग टू देम.

स्नेहा & सचिन : गुड मॉर्निंग सर , गुड मॉर्निंग मेम .

आंशिका & मैं मॉर्निंग.

सीनियर: चलो अन्दर चलते हैं, और हाँ आंशिका डाइरेक्टर सर के रूम में चली जाओ, तेरी स्पीच रेडी है ना.
आंशिका: हाँ, सुबह सुबह बुड्ढा क्यूँ बुला रहा है?

सीनियर: पागल है हू, चली जा वरना जान खा जाएगा. चलो अन्दर चलते हैं

हम चलने लगी, आगे आगे सीनियर और उसके बच्चे जा रहे थे, मैं और आंशिका उनके पीछे थे. उसकी सीनियर की गांड बड़ी मस्त थी, ऐसा लग रहा था की जितनी भी लौड़ों से चुदी है सब गांद में ही भर लिए हैं इसने, आंशिका के बूब्स और उसकी सीनियर की गांद, दोनो ही लाजवाद हैं, मन कर रहा था पीछे से पकड़ लूँ. मैने आंशिका से कहा…

मैं: तुम्हारी सीनियर का नाम क्या है?
आंशिका: हम इन्हे कॉलेज में किटी मेम बुलाते हैं.

मैं: तो बाहर कुछ और बुलाते हो क्या?
आंशिका: हाँ, सिर्फ़ किटी, उन्हे नहीं पसंद ये मेम कॉलेज के बाहर, शी इस वेरी कूल टाइप ऑफ पर्सन, देखा नहीं तुमसे अभी हॅंड शेक करा.

मैं: हाँ ये तो है, मेरे शरीर में करंट दौड़ गया था तब.

अंशिका कुछ नहीं बोली और मुझे टेडी निगाहों से देखनी लगी..

मैं: क्या करूँ लंड है की मानता नहीं.
आंशिका: उसकी चिंता मत करो, उसकी तो अच्छी खबर लूँगी एक दिन मैं , अच्छा तुम चलो हॉल में जाओ मैं अभी आती हूँ.

मैं: कहाँ जा रही हो?
आंशिका: अभी बोला तो किटी मेम ने की डाइरेक्टर ने बुलाया है.

मैं: क्यूँ बुलाया है?
आंशिका: मुझे क्या पता, वहीं जाकर पता चलेगा.

मैं: चूत चाहिए उसे तुम्हारी ?
आंशिका: पागल हो क्या? कुछ भी बोलते हो. तुम जाओ हॉल में वेट करो मैं अभी आती हूँ. रास्ता हॉल का यहाँ से है.

इस वक़्त सिर्फ़ 8 बजे थे, तो वहाँ स्टूडेंट्स बहुत कम थे, सिर्फ़ वोही थे जो वॉलंटियर्स थे, मैं  तो लड़की देखने की चाह में इधर उधर घूम रहा था. थोड़ी देर में आंशिका आ गयी.

आंशिका: हा अब बोलो, बोर तो नहीं हो रहे?
मैं: हो रहा हूँ, किसलिए बुलाया था बुड्ढे ने?

आंशिका: कुछ इंपॉर्टेंट इन्स्ट्रक्षन्स दे रहा था बस,
मैं: पक्का ना? अगर इससे कुछ और ज़्यादा बात हुई तो गांड मार लूँगा उसकी.

आंशिका: ना बाबा, बस मेरी छाती घूर रहा था वो तुम्हारी तरह
मैं: अब इसमें उसका कसूर नहीं.

आंशिका: अच्छा तुमने कॉलेज देखा?
मैं: नो

आंशिका: तो देख लेते अब तक यूँही बोर हो रहे थे.
मैं: तुमने ही तो कहा की हॉल में जाकर वेट करो, यहाँ तो अभी कोई ढंग की लड़की भी नहीं है.

आंशिका: चलो मैं फ्री हूँ थोड़ी देर, तुम्हे कॉलेज दिखाती हूँ चलो.
मैं: ओके

हम कॉलेज घूमने लगे, सारी क्लासेस खाली थी आज फेस्ट की वजह से, मन कर रहा था एक क्लास में ले जा कर यहीं बजा दूं इसे, पर नहीं कर सकता था. घूमते घूमते उसने बोला तुम यहीं वेट करो मैं अभी लू होकर आती हूँ.

मैं: क्यूँ जा रही हो?
आंशिका: क्यूँ नहीं जाऊ ?

मैं: नहीं जाओ पर किसलिए जा रही हो?
आंशिका: मेर्को जाना है अब स्टेज पर , तो कपड़े ठीक कर लूँ एक बार.

मैं: तो मेरे सामने क्या प्राब्लम है?
आंशिका: फिर शुरू हो गये तुम?

मैं: प्राब्लम तो बताओ क्या है?
आंशिका: तुम हो प्राब्लम, छोड़ोगे नहीं मुझे एक बार देख लिया तो.

मैं: अछा इतनी देर से कंट्रोल नहीं कर रखा क्या, अगर इतना बेकाबू होता तो तुम अभी किसी झाड़ियों में पड़ी हुई होती बुरी तरह चुदी हुई,
आंशिका: मैं इसीलिए नहीं लाना चाह रही थी तुम्हे, हर जगह शुरू हो जाते हो.

मैं: क्लासरूम में चलते हैं लॉक कर लेते हैं, तुम वहीं अपने क्लोथ्स सही कर लेना.
आंशिका: बिल्कुल नहीं, मैं नहीं आ रही किसी रूम में तुम्हारे साथ वो भी कॉलेज में, कोई आ गया न बस, तुम्हारा तो कुछ नहीं होगा बट मैं मारी जाउंगी , एवेरिबडी नोस मी हेयर .

मैं: पूरी बिल्डिंग में कोई नहीं है और हम टॉप फ्लोर के लास्ट रूम के पास हैं, कौन पागल आएगा.
आंशिका: मना कर दिया ना मेने एक बार, बस अब कुछ मत बोलना.

ये बोलकर वो लेडीस टाय्लेट में चली गयी, और मैं बाहर खड़ा रहा, पर मैं ये चान्स मिस नहीं करना चाहता था, मैने सोचा क्यूँ ना लेडिस टाय्लेट के अंदर ही चला जाऊ , कम से कम वहाँ से तो नहीं भागेगी वो , पर मेर्को भी डर लग रहा थी की ग़लती से कोई आ गया तो, वैसे कोई नहीं आता, पूरे कॉलेज में कोई नहीं था, मैने हिम्मत करी और अंदर घुस गया. जैसे अन्दर घुसा मैने देखा की आंशिका मिरर के सामने खड़ी है और उसका पल्लू हटा हुआ है और सेफ्टी क्लिप उसके मुँह में है. उसने मुझे मिरर में देखा और डर गयी…
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RE: लवली फ़ोन सेक्स चैट - by playboy131 - 19-03-2020, 10:40 PM
RE: लवली फ़ोन सेक्स चैट - by sanskari_shikha - 25-08-2020, 10:01 PM



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