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Thriller कामुक अर्धांगनी
शालिनि भाभी की बातों से मुझे एक नया जोश मिला था और मैं उठ खड़ा हुआ और मेरी कमसिन जवान बहन मेरी बाहों मे लिपटी हुई थी और मैं धीमे कदमों से चलने लगा तोह मेरी अर्धागनी बोली कहा चल दिये जी मेरी ननद को ले कर , मैं बोला बिस्तर पर ,उफ्फ्फ यहाँ सामने गाँड मारने मे आपको क्या परेशानी आ गईं जो अकेले ले चले मेरी ननद को , मैं बिना मुड़े बस चलता चला और शालिनि भाभी बोली तू भी न मधु जाने दे ना ,कौन सा तीर मरेगा अकेले मे और वैसे भी तुझे तोह चिंता होनी नहीं चाहिए गांडू की, तू तोह बस ये सोच तेरी चुत का भोसड़ा कौन बनाइयेगा , और मधु बोली दीदी वो तोह आप बताओ जिसे भी बुलाओगी मैं तोह चुदवा लुंगी और इतना सुनते मे रंडियो के टोली से दूर शांत कमरे मे दाखिल होते दरवाज़े को हल्का धकेल मोनिका को लिए बिस्तर पर गिर पड़ा और वो मेरे नीचे दब गई और उसकी कमुक आँखें मुझे देख शर्म हया से बंद हो गई और उसके शर्मो हया से लाल चेहरे को देख मैंने उसके पलको को चूमते बोला अरे मेरी गुड़िया रानी मुझसे क्या नज़रे चुराना , मैंने तोह तुझे गोद पर खिलाया कितनी दफ़े तुम मेरे झाघो पर मुती हो और देखो आज तोह अपने भइया को मुत भी पिला दी चुत के रस के साथ , वो और लजाती मुझे खिंच कर अपने जिस्म पर दबाने लगी और तेज़ सासों से अपनी उतेजना महसूस कराती बड़े मासूम लहजे मैं बोली भइया ज़रा धीरे से डालना गाँड मे और मैं उसके होंठो को दाँतो से खिंचते बोला मेरी बहन हल्के हल्के डालूंगा वैसे भी तेरा भइया कोई पक्का मर्द तोह है नहीं जो तू इतना डरी पड़ी है ।


मोनिका मेरे बालो को सहलाते बोली आप मेरे लिए मर्द ही हो भइया रोज आऊँगी आपसे लिपट के चुत चटवाने ,उफ्फ्फ सच्ची मेरी बहन ,हाँ मेरे भइया सच्ची और मैंने इतना सुनते ही नाज़ुक संतरो को हाथों मैं भर बेदर्दी से दबाते बोला तोह ये कैसे हुआ कि तुम इस बाली उमर मे रण्डी भाभियों के बीच आ पहुँची , मोनिका थोड़ी शर्माती झेंपती बोली अपनी माँ को चुदवाते देख खुद को रगड़ती रहती थी और वसंत माँ को इतने ज़ोर से चोदता था कि भइया मेरी चुत झड़ने लगती थी और मेरी माँ मस्त टांग खोले बस कहती ओर करो राजा बड़ी तड़पती जवानी है मेरी और वसंत बोलता तेरी रंडी चुत तोह आग उगलती है साली और तेरी जवान बेटी को देख तुझे चोदने मैं और मज़ा आता है , बोल मेरी छिनाल कब तेरी बेटी को देगी मेरे नीचे , माँ हवस की आग मे तपती बोलती जब जी करे पटक के चोद दे मेरी बेटी पर अभी मेरी आग बुझा दे ।


ऐसा रोज होता और मेरी माँ मुझे वसंत के लड़ से चुदवाते रोज नीलाम करती और पापा के आते है घर का माहौल भक्तिमय रहता और मैं आँखे बंद कर बस माँ और वसंत की चुदाई के बारे मे सोचती खुद को रगड़ती रहती और एक दिन मुझसे रहा न गया और मैं वसंत के दुकान जा पहुँची और उसकी आँखें मुझे देख चमक उठी, मैं सीधे पर्दे के पीछे जा खड़ी हो गई और आधे घंटे बाद वसंत सभी ग्राहकों को निबटा कर मेरे पास आ कर बोला मोनिका क्या चाहिए ,मैं पूरी तरह चुदने को तड़प रही थी पर खुल के बोलने को हिचक रही थी और लड़ की जगह बोल पड़ी ब्लाउज सिलानी है ,वो फीता ले कर पास आ कर बोला कैसी ब्लाउज चाहिए तुझे ,मैं बोली बिना बाह के पीछे एक दम खुली और आगे बस एक हुक वाली ,वसंत ये सुनते बोला किसको दिखाएगी पहन के ऐसी ब्लाउज ,तुझे क्या मैं जबाब देती बोली , वो बोला मुझे क्या बस सोच रहा था तेरी माँ क्या सोचेगी तुझे ऐसे ब्लाउज मे देख कर , माँ का जिक्र आते मेरी आँखों के सामने वसंत का लड़ और माँ की सिसकिया गूँजने लगी और मैं खो सी गयी और वसंत मेरे कंधो को हिलाते बोला क्या सोचने लागी , मैं झेप गई और वसंत बोला तेरा बदन अभी अच्छी तरह भरा नहीं इशलिये नाप कपड़ो के साथ लूंगा तोह ढीली हो जाएगी ,मैं उसके हरामी इरादों को समझ गई और उसके लड़ की आग की प्यासी होती बोली तोह क्या उतारू जो नाप अच्छे से ले पाओगे , वसंत बेशर्मी से बोला ये टॉप उतारनी पड़ेगी और समीज भी ,मैं इतराती बोली यहीं उतार दु या दुकान बंद करोगें ,वो बोला उतार दे दुकान क्यों बंद करू , दस मिनट मे नाप लूंगा तुझे ,मैं हवस की आग तले बाबली हुई पड़ी थी और खुद अपने हाथों से टॉप उतार फेकी और समीज खोल के अर्धनंगी खड़ी हो गईं, वसंत मेरे अन्छुवे छोटे नर्म स्तन को देख अपने लड़ को दबाने लगा और बोला मोनिका घूम जाओ और मैं घूम गई और वो फीता मेरे कंधो पर रख मेरे दोनों संतरो को दबोच आहिस्ता सहलाने लगा और मेरी चुत बह उठी और सिसकिया फुट पड़ी और वो बेफिक्र मेरे निपल्लों को उँगलियों से सहलाते खुद के लड़ को मेरी गाँड पर घिसते बोला तू अपनी माँ से ज़्यादा चुदासी है ,और मेरे गर्दन को पहले मर्द के चुम्बन का सुख देते बोला इशिका भाभी के यहाँ एक घंटे बाद मिलो तेरी प्यास बुझा दूँगा और नाप भी ले लूंगा और वो मुझसे दूर हो वापस अपने गल्ले पर जा बैठा और मैं कपड़े पहन कर बिना नज़रे मिलाए सीधे इशिका भाभी के पास पहुची और उनसे लिपट गईं ।


इशिका भाभी ने मुझे कस कर दबोचा और बोली लगता है सयानी हो गई तुम और हाथ पकड़ कर बिस्तर पर लेटा मेरे ऊपर चढ़ कर बोली कह से आ रही हो , मैं उनको दुकान की बात सुनाई और भाभी मुझे चूमते बोली इतनी जल्दी सुहागरात का सुख लोगी और मेरे जिस्म से एक एक वस्त्र निकाल खुद नंगी हो कर मेरे चेहरे पर अपनी चुत लगाती बोली चाटो और मे ऐसे अजीब परिस्थितियों मे इशिका भाभी के कहे करने लगी और भाभी ने मेरी चुत चाट कर बोला लगता है अब तेरे भइया के आने तक वसंत हम दोनों को बजायेगा और हँसने लगी और एक उँगली मेरी चुत मे डाली और मे उछल कर बैठ गई और भाभी हँसते बोली उँगली से डर गई वसंत तोह चार उँगलियो इतना मोटा लड़ डालेगा तब क्या करेंगी और फिर मुझे बिस्तर पर लेटा कर उँगली करने लगी और उनके ऐसा करने से मे रोमांचित हो गाँड हिलाने लगी और भाभी हँसती बोली वाह तू सच मे त्यार है चुदवाने को और दरवाज़े पर दस्तक हुई , भाभी नंगी ही बाहर गई और वसंत के गोद मे अंदर आई, मुझे संपूर्ण नग्न देख वसंत बोला वाह तूने तोह मेरी छिनाल की बेटी को तैयार रखा है और वो झट से नंगा हो मेरे पास आ बैठा और बोला मोनिका तेरी माँ रोज कहती थी चोद ले मोनिका को पर देती नही थी और आज देख खुद मोनिका मेरे नीचे लेटने के लिए नंगी हुई पड़ी है और वो मेरे जिस्म पर लेट गया और होंठो को चुसते मेरी झाघो को खोल अपने लड़ को मेरी कच्ची चुत के सामने घिसते बोला तुझे दर्द होगा सह लेगी न ,मैं हवस का बसीभूत बोली बस चोद दो हर दर्द सहूँगी और इशिका भाभी मेरे सिरहाने बैठ कर बोली चिंता मत करो चीखने नहीं दूँगी और वसंत उठ कर मेरी टाँगों को फैला कर लड़ चुत पर रगड़ने लगा और इशिका भाभी ने मेरे दोनो हाथों को जकड़ के मेरे होंठो को अपने होंठो से दबा दिया और एक तेज़ धार सी कटारी की वार सहती मैं तड़प उठी और वसंत ने मुझे अपने हाथों से दबा कर बंधक बना लिया और एक झटके से अपना आधा लिंग मेरी चुत फाड़ता रुक गया और मेरे दाने को सहलाते ओर एक जोरदार झटके से पूरा लड़ चुत के सीमाने तक डाल मेरे चुचियों को मसलने लगा और बोला इशिका मेरी जान छोर दे अब ,भाभी ने मुझे मुक्त किया और मेरी आंखों से बहते आशु देख वसंत बोला तू अपनी माँ से बड़ी रांड बनेगी और मेरे ऊपर गिर के होंठो को चुसते तेज़ झटकों से मुझे चोदने लगा और मैं अंदर ही अंदर दर्द से तड़पती रही और आधे घंटे बाद एक अजीब सुख को महसूस करती गाँड हिलाने लगी और वसंत उठ कर मेरे झाघो को सहलाते बोला मोनिका अब तू कुँवारी नहीं मेरी रंडी बन गईं और फिर बेताहाशा चोदने लगा और मेरी कमर उठ उठ उसका साथ देती रही और मेरे जिस्म के अकड़न के साथ वो भी अकड़ गया और मेरे चुत को अपने वीर्य से नहलाने लगा और मैं खुशी से वसंत को चूमने लगी ।


मोनिका की बातें सुन कर मैंने अपने होठों को उसके गर्दन से ले कर सम्पूर्ण अंगों पर जीभ फेरता उसके नाभी को जीभ की नोक से सहलाता झाघो को चूमता रहा और चुदासी मेरी बहन ने पूरी टांग खोल दी और मेरे लबों को कमसिन गुलाबी चुत की मिठास ने बसीभूत कर लिया और मैंने अपने होठों को उसके चुत की दीवारों पर रख हाथों को आगे बढ़ाते बहन के संतरो को मसले लगा और वो मेरे सर को दबाते बोली भइया जीभ डालो न चाटो अपनी  बहन को देखो अब वो जवान हो गईं अब बिना भइया के प्यार के कैसे कटेगी जवानी ,ऐसी बातों से मोनिका मुझे उकसाती चली गईं और मैं दरिंदे की तरह कोमल चुत की दीवारों को दाँतो से नोचने लगा और जीभ डाल कर सहलाने लगा और छोटे नर्म चुचियों को रगड़ते पागल हो गया और मोनिका चीख़ती चिलाती बोलने लगी अहह भइया उफ्फ मेरे भइया और मेरी हवस ऐसी आग बन गईं की मैंने झटके से एक उँगली मोनिका के गाँड मे घुसाया और वो मचलती बोलने लगी भइया दर्द हो रहा है थोड़ा थूक तोह लगा लेते अहह , मैं रुक कर दोनों हाथों से उसके गाँड को उठाया और चाटने लगा और उसकी नज़रे मुझे देखते अपने होंठो को दबाते सिसकिया भर तड़प उठे और वो गाँड हिलाने लगी मानो वो मेरे जीभ को अपनी गाँड की गहराइयों मे लेना चाह रही हों और मेरा उतेजित मन बिना सोचे समझे गाँड चाटता रहा और वो चीख़ती बोली अब ओर नहीं सह सकती गाँड मार दो भइया उफ्फ्फ मैं गाँड पर थूकने लगा और जीभ से दरार पर फ़ैलाते बोला तू भी अपनी थूक लगा बहन और वो अपने हाथ पर थूक कर मेरे सामने लाते बोली लिजेए लगा दीजेए भइया और मैं उसकी थूक चाट कर गाँड पर थूकने लगा और एक उँगली डाल हिलाने लगा और वो सिसकिया भर्ती वासना से लबरेज होती बस भइया भइया उफ्फ्फ करती रही और मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके टाँगों को पेट पर दबते अपने मूंगफली को गाँड की सुराख पर रख ज़ोरदार झटके से धकेल दिया और थूक के फ़िसलन से मेरा संपूर्ण लिंग बहन की गाँड को चीरता घुस गया और मेरी बहन आँखों को नम किये बोली बड़े बेदर्दी भाई हो आप इतने ज़ोर से क्यों डाले ,मैं उसके टाँगों को फैला कर जिस्म पर लेटा और बोला क्या करता छोटा सा है ना कैसे धीमे डालता और वो हँसते बोली अब चोदिये भी भइया मेरी गाँड और मैं कमर उठा कर गाँड मारने लगा और मोनिका बोलने लगी भइया बड़ा दर्द हो रहा है ,मैं बोला बस मेरी बहन थोड़ी देर और और वो बोली घंटे भर से खड़ा है आपका अब कब झाड़ेगा ,मैं हँसते बोला तेरे भाई की थैली सुख चुकी हैं अब झाड़ेगा की नही वो तोह नही जानता पर तेरी नर्म गाँड के अंदर मज़ा बहुत आ रहा और वो हँसते बोली भइया फिर गाँड मैं रखे रहो जब तक चाहो और मेरे गले मे बाहो की माला डाल मुझे अपने जिस्म पर खिंच ली ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 24-08-2020, 10:56 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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