24-08-2020, 08:26 AM
नहाकर बाहर आई और फिर सरजू देवी को फोन किया जिसे उसने एक ही रिंग में उठा लिया
और हेलो बोली
तो उधर से वो चालू हो गयी ,--रेखा अगर तू चाहती है कि तू हमेशा खुश रहे और मुझे अपनी सास की जगह एक दोस्त की तरह समझेगी तो वो तेरे ही भले के लिए होगा मेरा क्या है अब थॉडी सी जिंदगी बचीं है लेकिन जो मेने देखा है और महसूस किया है उसके आधार पर मुझे तुम दोनों की चिंता हो रही है।
मैं ,--ऐसा क्या देखा आपने।
मम्मी ,--पहले अमित को देखा और अब तुम्हारी बातों से महसूस कर रही हूँ।
मुझे लग रहा था कि अब शरमाने या बहु बनकर रहने में समझदारी नही है अच्छा है कि खुलकर मज़ा लिया जाए ।
इसलिए बोली ,--मम्मी आप को जो बोलना है खुलकर बोलिये तभी में समझ पाऊंगी।
मम्मी ,--ठीक है सुन अमित की तरह उसके पापा भी कम उम्र में सेक्स करने लग गए थे और फिर उनको अनाल सेक्स का शोक लग गया इसलिए जल्दी ही उनका आकर्षण मेरी तरफ से समाप्त हो गया और वो शादी के एक साल में ही मेरे प्रेग्नेंट होने के बाद अपने दोस्त के साथ लग गए उनका दोस्त भी इसी चीज का शौकीन था पर बाद में पता चला कि उसकी नज़र मुझ पर थी ।
मैं ,--मतलब ।
मम्मी ,--मतलब ये की वो अमित के पापा के साथ अनाल सेक्स करता था जिससे अमित के जन्म के बाद उनका ध्यान मेरे से हट गया और फिर वो मुझसे दूर रहने लगे , मुझे सेक्स की कमी महसूस होने लगी तो हमारा झगड़ा होने लगा और बात तलाक तक पहुंच गई।
मैं ,--फिर ।
मम्मी ,--फिर एक दिन उनके दोस्त ने दोनों को एक साथ बिठा कर समझाया और मुझे कहा कि अब मुझे दुसरीं दिक्कत तो है नही सिर्फ सेक्स की कमी है वो में किसी दूसरे से पूरा कर लूं ,जिसमे अमित के पापा भी सहमत हो गए ।
मैं ,--ओह्ह फिर ।
मम्मी ,--फिर मेने अमित के पापा से कहा कि उसके लिए मैं कहाँ ढूंढने फिरूँ दूसरा आदमी, तो अमित के पापा ने अपने दोस्त को इशारा किया और वो बोला कि भाभी आप चिन्ता मत करो आप को कहीं बाहर नहीं जाना है बंदा हाजिर है ।
मैं ,--मतलब अंकल ने खुद ही।
मम्मी ,--हां , वो सब दोनों ने पहले से तय कर रखा था बस मुझे बताना था और उसके बाद से ये सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक चल रहा है ।
में ,--तो रीता दीदी को मालूम है ये सब।
मम्मी ,--नही ,रीता और अमित जब छोटे थे तब तक घर पर होता था पर बाद में मैं अमित के पापा के साथ दिन में चली जाती थी और फिर अमित के शहर जाने के बाद रीता को भी होस्टल में रख दिया था।
में ,--पर अभी तो रीता दीदी घर पे रहती है।
मम्मी ,-अब रोज रोज थॉडी जाना होता है इस उम्र में, जब जाना होता है उसको सत्संग का बोल देती हूं।
मैं ,--पर आप की कहानी का मेरे से क्या संबंध हुआ।
मम्मी ,--बताती हूँ, अमित भी अपने पापा की तरह बचपन से गलत संगत में पड़ गया था उसको मेने उसके दोस्त के साथ आपत्तिजनक स्थिति मैं देखा,
उसके बाद उसकी इंकवारी में लग गयी और उसके रूम से सेक्सी कहानियो की किताबें मिलने लगी जिसमें बहुत ही गंदी कहानियां होती थी जिसको पढने के बाद निश्चित ही वो अपनी शरीर की एनर्जी को खराब करता रहा होगा ।
मैं ,--पर वो तो हर कोई करता है नासमझी में।
मम्मी ,--पर उसका जो गुरु रहा होगा उसने उसको सेक्स में बहुत आगे तक ले गया उसने इतना कामुक बना दिया कि वो मेरी पेंटी भी चुराने लगा इसलिये उसको गांव से शहर भेज दिया कि उसकी संगति से छुटकारा मिले ।
मैं ,--फिर ।
मम्मी , -पर तुम्हारी बातों से लगता है कि वो शहर में जाकर ज्यादा खराब ही हुआ होगा। अब तुम किसी अच्छे मनोविज्ञान के डॉक्टर से चेक करवाओ, अभी पूरी जिंदगी पड़ी है उसकी।
मैं मन मे सोचने लगी कि अब उसको कोई डॉक्टर ठीक नही कर सकता अगर कर दिया तो मेरी ज़रूरत को पूरा करना किसी अकेले इंसान के बस में नही है ।
में,--ठीक है अभी तो मुझे ऐसा लग नही रहा पर जब लगेगा तो इनसे बात करूँगी।
मम्मी ,--उससे बात करने से कोई फायदा नही है वो मना कर देगा और उसके अंदर हीन भावना आ जायेगी।
मैं ,--फिर कैसे होगा ।
मम्मी,--अब तुम मुझे शादी के बाद कि सेक्स की कहानी बताओ तब मैं कुछ बताऊं।
मैं ,--ऐसा तो कुछ नही है बताने लायक बस दिन में एक बार या कभी कभी नही भी होता है ।
मम्मी ,--और सुहागरात के दिन ।
मैं ,--बस एक बार उसके बाद वो या तो कोई सेक्सी फ़िल्म देखकर करते हैं या फिर कभी मूड नही होता ।
मम्मी ,--समझ गयी तू अमित को कुछ मत बोल बस कोई अच्छा डॉक्टर या मनो चिकित्सक से सलाह ले कि अमित की जानकारी बिना क्या उपाय हो सकता है ।
में ,--ठीक है लेकिन धीरे धीरे अपने आप भी तो ठीक हो सकते है ना।
मम्मी ,-- कुछ नही होने वाला बस जो मेने कहा है और कभी कोशिश करके देखना दुबारा कितनी देर में तैयार होता है ।
मैं मन मे सोचने लगी कि दुबारा तो वो तभी तैयार होगा जब कोई दूसरा मेरे ऊपर चढ़ेगा ।
मैं ,--ठीक है आप चिंता मत कीजिये , आप तो बस जल्दी से रीता दीदी के लिए कोई लड़का देखिये की आप भी चिंता से मुक्त हों।
मम्मी ,--अरे वही तो चिंता है कि कोई नोकरी मिल जाये तो वो किसी पर निर्भर नही रहेगी ,अगर मेरी नोकरी होती तो मैं उस समय पक्का तलाक दे देती ।इसलिए सोचती हूँ कि रीता की नोकरी लग जाये फिर शादी करवा दूँगी।
मैं ,--तो तब तक प्राइवेट नोकरी तो लग सकती है अगर प्राइवेट नोकरी करेगी तो आप को भी खुल के एन्जॉय करने का मौका मिल जाएगा।
मम्मी ,--पर ऐसे बिना जान पहचान के कहाँ भेजूं।
मैं ,--अगर आप कहो तो मेने जहां काम किया है वहां पर मेरी पोस्ट खाली है आप कहो तो बात करूं।
मम्मी ,--ठीक है रीता से पूछ लो ।
फिर मेने कुछ देर बात करके फोन काट दिया
और हेलो बोली
तो उधर से वो चालू हो गयी ,--रेखा अगर तू चाहती है कि तू हमेशा खुश रहे और मुझे अपनी सास की जगह एक दोस्त की तरह समझेगी तो वो तेरे ही भले के लिए होगा मेरा क्या है अब थॉडी सी जिंदगी बचीं है लेकिन जो मेने देखा है और महसूस किया है उसके आधार पर मुझे तुम दोनों की चिंता हो रही है।
मैं ,--ऐसा क्या देखा आपने।
मम्मी ,--पहले अमित को देखा और अब तुम्हारी बातों से महसूस कर रही हूँ।
मुझे लग रहा था कि अब शरमाने या बहु बनकर रहने में समझदारी नही है अच्छा है कि खुलकर मज़ा लिया जाए ।
इसलिए बोली ,--मम्मी आप को जो बोलना है खुलकर बोलिये तभी में समझ पाऊंगी।
मम्मी ,--ठीक है सुन अमित की तरह उसके पापा भी कम उम्र में सेक्स करने लग गए थे और फिर उनको अनाल सेक्स का शोक लग गया इसलिए जल्दी ही उनका आकर्षण मेरी तरफ से समाप्त हो गया और वो शादी के एक साल में ही मेरे प्रेग्नेंट होने के बाद अपने दोस्त के साथ लग गए उनका दोस्त भी इसी चीज का शौकीन था पर बाद में पता चला कि उसकी नज़र मुझ पर थी ।
मैं ,--मतलब ।
मम्मी ,--मतलब ये की वो अमित के पापा के साथ अनाल सेक्स करता था जिससे अमित के जन्म के बाद उनका ध्यान मेरे से हट गया और फिर वो मुझसे दूर रहने लगे , मुझे सेक्स की कमी महसूस होने लगी तो हमारा झगड़ा होने लगा और बात तलाक तक पहुंच गई।
मैं ,--फिर ।
मम्मी ,--फिर एक दिन उनके दोस्त ने दोनों को एक साथ बिठा कर समझाया और मुझे कहा कि अब मुझे दुसरीं दिक्कत तो है नही सिर्फ सेक्स की कमी है वो में किसी दूसरे से पूरा कर लूं ,जिसमे अमित के पापा भी सहमत हो गए ।
मैं ,--ओह्ह फिर ।
मम्मी ,--फिर मेने अमित के पापा से कहा कि उसके लिए मैं कहाँ ढूंढने फिरूँ दूसरा आदमी, तो अमित के पापा ने अपने दोस्त को इशारा किया और वो बोला कि भाभी आप चिन्ता मत करो आप को कहीं बाहर नहीं जाना है बंदा हाजिर है ।
मैं ,--मतलब अंकल ने खुद ही।
मम्मी ,--हां , वो सब दोनों ने पहले से तय कर रखा था बस मुझे बताना था और उसके बाद से ये सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक चल रहा है ।
में ,--तो रीता दीदी को मालूम है ये सब।
मम्मी ,--नही ,रीता और अमित जब छोटे थे तब तक घर पर होता था पर बाद में मैं अमित के पापा के साथ दिन में चली जाती थी और फिर अमित के शहर जाने के बाद रीता को भी होस्टल में रख दिया था।
में ,--पर अभी तो रीता दीदी घर पे रहती है।
मम्मी ,-अब रोज रोज थॉडी जाना होता है इस उम्र में, जब जाना होता है उसको सत्संग का बोल देती हूं।
मैं ,--पर आप की कहानी का मेरे से क्या संबंध हुआ।
मम्मी ,--बताती हूँ, अमित भी अपने पापा की तरह बचपन से गलत संगत में पड़ गया था उसको मेने उसके दोस्त के साथ आपत्तिजनक स्थिति मैं देखा,
उसके बाद उसकी इंकवारी में लग गयी और उसके रूम से सेक्सी कहानियो की किताबें मिलने लगी जिसमें बहुत ही गंदी कहानियां होती थी जिसको पढने के बाद निश्चित ही वो अपनी शरीर की एनर्जी को खराब करता रहा होगा ।
मैं ,--पर वो तो हर कोई करता है नासमझी में।
मम्मी ,--पर उसका जो गुरु रहा होगा उसने उसको सेक्स में बहुत आगे तक ले गया उसने इतना कामुक बना दिया कि वो मेरी पेंटी भी चुराने लगा इसलिये उसको गांव से शहर भेज दिया कि उसकी संगति से छुटकारा मिले ।
मैं ,--फिर ।
मम्मी , -पर तुम्हारी बातों से लगता है कि वो शहर में जाकर ज्यादा खराब ही हुआ होगा। अब तुम किसी अच्छे मनोविज्ञान के डॉक्टर से चेक करवाओ, अभी पूरी जिंदगी पड़ी है उसकी।
मैं मन मे सोचने लगी कि अब उसको कोई डॉक्टर ठीक नही कर सकता अगर कर दिया तो मेरी ज़रूरत को पूरा करना किसी अकेले इंसान के बस में नही है ।
में,--ठीक है अभी तो मुझे ऐसा लग नही रहा पर जब लगेगा तो इनसे बात करूँगी।
मम्मी ,--उससे बात करने से कोई फायदा नही है वो मना कर देगा और उसके अंदर हीन भावना आ जायेगी।
मैं ,--फिर कैसे होगा ।
मम्मी,--अब तुम मुझे शादी के बाद कि सेक्स की कहानी बताओ तब मैं कुछ बताऊं।
मैं ,--ऐसा तो कुछ नही है बताने लायक बस दिन में एक बार या कभी कभी नही भी होता है ।
मम्मी ,--और सुहागरात के दिन ।
मैं ,--बस एक बार उसके बाद वो या तो कोई सेक्सी फ़िल्म देखकर करते हैं या फिर कभी मूड नही होता ।
मम्मी ,--समझ गयी तू अमित को कुछ मत बोल बस कोई अच्छा डॉक्टर या मनो चिकित्सक से सलाह ले कि अमित की जानकारी बिना क्या उपाय हो सकता है ।
में ,--ठीक है लेकिन धीरे धीरे अपने आप भी तो ठीक हो सकते है ना।
मम्मी ,-- कुछ नही होने वाला बस जो मेने कहा है और कभी कोशिश करके देखना दुबारा कितनी देर में तैयार होता है ।
मैं मन मे सोचने लगी कि दुबारा तो वो तभी तैयार होगा जब कोई दूसरा मेरे ऊपर चढ़ेगा ।
मैं ,--ठीक है आप चिंता मत कीजिये , आप तो बस जल्दी से रीता दीदी के लिए कोई लड़का देखिये की आप भी चिंता से मुक्त हों।
मम्मी ,--अरे वही तो चिंता है कि कोई नोकरी मिल जाये तो वो किसी पर निर्भर नही रहेगी ,अगर मेरी नोकरी होती तो मैं उस समय पक्का तलाक दे देती ।इसलिए सोचती हूँ कि रीता की नोकरी लग जाये फिर शादी करवा दूँगी।
मैं ,--तो तब तक प्राइवेट नोकरी तो लग सकती है अगर प्राइवेट नोकरी करेगी तो आप को भी खुल के एन्जॉय करने का मौका मिल जाएगा।
मम्मी ,--पर ऐसे बिना जान पहचान के कहाँ भेजूं।
मैं ,--अगर आप कहो तो मेने जहां काम किया है वहां पर मेरी पोस्ट खाली है आप कहो तो बात करूं।
मम्मी ,--ठीक है रीता से पूछ लो ।
फिर मेने कुछ देर बात करके फोन काट दिया