23-08-2020, 09:45 PM
मोनिका की पतली कमर को हाथों से जकड़ कर जीभ की नोंक से उसके गाँड को सहलाते मे अति आनंद विभोर हो गया और मोनिका उफ्फ्फ भइया बोलती मेरी उतेजना को चर्म पर ले जाने लगी और अपनी कमर डोलाने लगी जिस कारण मेरी नाक उसके गिले चुत पर दब गई और मैं साँसे खिंचता एक अदभुत सुख को भोगने लगा । अजीब होती है ये जिस्म की क्रीड़ा न जाने कब कैसे क्या नया अनुभव दे जाए ओर मैं अभी वैसे ही नए अनुभव को ग्रहण करता आत्मविभोर हो रहा था और मोनिका की सिसकिया और काँपते जिस्म की भार उठाये बस अपनी जीभ को फेरता चला जा रहा था , भइया उफ्फ भैया अहह ये शब्द मेरे कानों को अजीब सुख देने लगे और मान मर्यादा सब धूल समान बन चुका था और बस कामदेव की वासना हावी हुई पड़ी थी कि मोनिका एक दम से मेरे बालों को खिंची ओर मेरे नाक पर तेज धार मारती बोली ओए माँ और एकदम से हाँफने लगी और मेरे जिस्म पर सरकती मेरी गोद पर बैठ लिपट गई और इस फ़िसलन से मेरी लूली उसके नर्म गीले चुत पर जा घुसी और उसके गर्म सासों से मेरा संपूर्ण बदन रोमांचित हो गया और मधु हल्के हाथों से मोनिका के नंगे पीठ को सहलाते बोली क्यों रे मेरी प्यारी ननद थक गई क्या भइया से चटवा के जो आ बैठी इनके लड़ पर ,मोनिका सासों को सम्हालती बोली भाभी कसम से ऐसे कभी किसी ने मेरी चुत गाँड नहीं चाटी, भइया के जीभ से इतना रोमांच और आनंद मिला कि अब बस भइया पटक कर चोद दे तोह सारी गर्मी निकल जायेगी मेरी ।
मधु बोली तू खुद उछाल मार ले वैसे भी इतने छोटे लड़ पर उछल कर ही कुछ मज़ा आएगा और हँसते हुए मेरी और चढ़ि आँखों से देखती बोली वाह मेरे पतिदेव क्या मज़ा लुटा आपने बहन के कमसिन जवानी का ,लगता है सच मे बहनचोद हो आप तभी आपका लड़ ढीला नहीं पड़ा और ननद ही सही कोई तोह मिली आपको जिसके साथ आप ये समझ पाओ की कुछ छण के लिए चुदाई नहीं होती ,चुदाई तोह इतनी होनी चाहिए कि जिस्म पसिने से तर बतर हो जाये और देखिये बहन की कच्ची उमर के जोश तले दोनों कैसे भीगे पड़े है और आपकी लूली अच्छे से गर्मी महसूस करती अभी तक कड़क बनी पड़ी है ।
सुनीता भाभी ने हँसते हुए बोला मधु तेरे पति को कहीं जवान चुत ने तोह नहीं मर्द बना दिया , मधु मुश्कुराते दारू की सिप मारती बोली क्या दीदी मैं भी तोह ऐसे कच्ची मिली थी इनको ,कहाँ कभी इनका ये रूप दिखा मुझे ,कल रात तक एकदम खिंचा योवन लिए इनके साथ रही वो तोह वसंत ने मेरी चुत के दीवारों की नस नस खोली और गहराई मैं उत्तर कर महसूस करवाया की आखिर चुदाई होती क्या है , सभी भाभियाँ हँसने लगी और मोनिका थोड़ी शांत होती कमर को मेरे लिंग पर घिसती बाहों की हार गले मै डालती अपने नर्म होठों को मेरे सूखे होठो पर रख चूमने लगी और गाँड हिलाती गोते मारने लगी और आनान्यास ही मेरा हाथ मोनिका के मटकती गाँड पर फिरने लगा और उंगलिया बहन की सुर्ख़ गाँड की छेद को सहलाने लगी ।
मोनिका एक अनाड़ी की तरह मुझे बेताहाशा चूमती रही और अपनी जीभ से मेरी जीभ फ़साती थूक के अदान प्रदान को सुनिशित करती चली गयी और उसके हिलती नाज़ुक कमर से मेरा लड़ पहली बार इतनी देर तक घिसता रहा और सुपाडे ने अजीब नए सुख को महसूस कर मेरे अन्तरमन मे ये बोध करवाया की आखिर लड़ को कैसी अनुभूति होती है जब वो चुत को भोग रहा होता है ।
मोनिका के रुकते ही मैंने उसके संतरो को हाथों मे ले कर निचोड़ दिया और वो अपने केसों से मुझे ढक कर स्तनपान करवाने को बेताब होती बोली भइया चुसिये न और हल्का दबाव बनाती अपनी गर्म बदन को मेरे जलते जिस्म पर दबाने लगी और मे एक मासूम बच्चे सा अपनी बहन के निप्पल को चुसता बेदर्दी से दबाता रहा और वो भइया भइया करती मुझे उकसाती चीख़ती लिंग पर चुत को दबाती रही ।
छोटे मुलायम निपल को जीभ से सहला कर खिंचने का सुख लेता मे ज़ोर से स्तन दबाये जा रहा था और वो प्यासे की तरह अपने आप को मुझे लुटाते जा रही थी और मादक सिसकियों से ये जता रही थी कि वो सुख भोग रही है , मेरे बदन पर खुद के जिस्म को रगड़ कर । मैंने आहिस्ता से मोनिका को वापस लड़ पर बिठा कर उसके नर्म होंठो को चूम कर बोला तेरी गाँड किसी ने मारी की नही, वो हल्का शर्माती मेरे लबों को चूम कर बोली नहीं भइया और मैं अपने हाथों को उसके गाँड पर दबाता बोला भइया का लॉलीपॉप लोगी गाँड मे , मोनिका झेंप कर बोली भइया दर्द होगा न ,अरे नहीं दर्द कैसा इतने छोटे लड़ से ,वो हँसते बोली हुआ तोह , मैं चाट चाट कर आराम दे दूँगा और वो बोली बिना कुछ लगाए कैसे जाएगा भइया ,थूक लगा लो न ढेर सारा और बैठ जाओ मोनिका ।
उफ्फ्फ भइया आप ही लगा दीजेए और डाल लिजेए मुझसे नहीं होगा , मधु मेरे कान को खिंचती बोली क्यों जी बेचारी ननद की गाँड पर नज़र गड़ाये है क्या ओर शालिनी भाभी बोली गाँड देख तो गांडू के बहन की एकदम ऐसी है कि गली मोहल्ले बाजार के कितने लड़ बेताब होंगे मारने के लिए और मेरा देवर मारने को तड़प रहा तो क्या अजीब है वैसे भी इसकी बहन छिनाल है आज नही तोह कल कोई न कोई साली को पटक के गाँड खोलेगा ही जब तक कोई मर्द ढीला न कर दे क्यों न मेरा देवर अपनी मूंगफली ही सेक ले ।
मधु बोली तू खुद उछाल मार ले वैसे भी इतने छोटे लड़ पर उछल कर ही कुछ मज़ा आएगा और हँसते हुए मेरी और चढ़ि आँखों से देखती बोली वाह मेरे पतिदेव क्या मज़ा लुटा आपने बहन के कमसिन जवानी का ,लगता है सच मे बहनचोद हो आप तभी आपका लड़ ढीला नहीं पड़ा और ननद ही सही कोई तोह मिली आपको जिसके साथ आप ये समझ पाओ की कुछ छण के लिए चुदाई नहीं होती ,चुदाई तोह इतनी होनी चाहिए कि जिस्म पसिने से तर बतर हो जाये और देखिये बहन की कच्ची उमर के जोश तले दोनों कैसे भीगे पड़े है और आपकी लूली अच्छे से गर्मी महसूस करती अभी तक कड़क बनी पड़ी है ।
सुनीता भाभी ने हँसते हुए बोला मधु तेरे पति को कहीं जवान चुत ने तोह नहीं मर्द बना दिया , मधु मुश्कुराते दारू की सिप मारती बोली क्या दीदी मैं भी तोह ऐसे कच्ची मिली थी इनको ,कहाँ कभी इनका ये रूप दिखा मुझे ,कल रात तक एकदम खिंचा योवन लिए इनके साथ रही वो तोह वसंत ने मेरी चुत के दीवारों की नस नस खोली और गहराई मैं उत्तर कर महसूस करवाया की आखिर चुदाई होती क्या है , सभी भाभियाँ हँसने लगी और मोनिका थोड़ी शांत होती कमर को मेरे लिंग पर घिसती बाहों की हार गले मै डालती अपने नर्म होठों को मेरे सूखे होठो पर रख चूमने लगी और गाँड हिलाती गोते मारने लगी और आनान्यास ही मेरा हाथ मोनिका के मटकती गाँड पर फिरने लगा और उंगलिया बहन की सुर्ख़ गाँड की छेद को सहलाने लगी ।
मोनिका एक अनाड़ी की तरह मुझे बेताहाशा चूमती रही और अपनी जीभ से मेरी जीभ फ़साती थूक के अदान प्रदान को सुनिशित करती चली गयी और उसके हिलती नाज़ुक कमर से मेरा लड़ पहली बार इतनी देर तक घिसता रहा और सुपाडे ने अजीब नए सुख को महसूस कर मेरे अन्तरमन मे ये बोध करवाया की आखिर लड़ को कैसी अनुभूति होती है जब वो चुत को भोग रहा होता है ।
मोनिका के रुकते ही मैंने उसके संतरो को हाथों मे ले कर निचोड़ दिया और वो अपने केसों से मुझे ढक कर स्तनपान करवाने को बेताब होती बोली भइया चुसिये न और हल्का दबाव बनाती अपनी गर्म बदन को मेरे जलते जिस्म पर दबाने लगी और मे एक मासूम बच्चे सा अपनी बहन के निप्पल को चुसता बेदर्दी से दबाता रहा और वो भइया भइया करती मुझे उकसाती चीख़ती लिंग पर चुत को दबाती रही ।
छोटे मुलायम निपल को जीभ से सहला कर खिंचने का सुख लेता मे ज़ोर से स्तन दबाये जा रहा था और वो प्यासे की तरह अपने आप को मुझे लुटाते जा रही थी और मादक सिसकियों से ये जता रही थी कि वो सुख भोग रही है , मेरे बदन पर खुद के जिस्म को रगड़ कर । मैंने आहिस्ता से मोनिका को वापस लड़ पर बिठा कर उसके नर्म होंठो को चूम कर बोला तेरी गाँड किसी ने मारी की नही, वो हल्का शर्माती मेरे लबों को चूम कर बोली नहीं भइया और मैं अपने हाथों को उसके गाँड पर दबाता बोला भइया का लॉलीपॉप लोगी गाँड मे , मोनिका झेंप कर बोली भइया दर्द होगा न ,अरे नहीं दर्द कैसा इतने छोटे लड़ से ,वो हँसते बोली हुआ तोह , मैं चाट चाट कर आराम दे दूँगा और वो बोली बिना कुछ लगाए कैसे जाएगा भइया ,थूक लगा लो न ढेर सारा और बैठ जाओ मोनिका ।
उफ्फ्फ भइया आप ही लगा दीजेए और डाल लिजेए मुझसे नहीं होगा , मधु मेरे कान को खिंचती बोली क्यों जी बेचारी ननद की गाँड पर नज़र गड़ाये है क्या ओर शालिनी भाभी बोली गाँड देख तो गांडू के बहन की एकदम ऐसी है कि गली मोहल्ले बाजार के कितने लड़ बेताब होंगे मारने के लिए और मेरा देवर मारने को तड़प रहा तो क्या अजीब है वैसे भी इसकी बहन छिनाल है आज नही तोह कल कोई न कोई साली को पटक के गाँड खोलेगा ही जब तक कोई मर्द ढीला न कर दे क्यों न मेरा देवर अपनी मूंगफली ही सेक ले ।