21-08-2020, 04:26 PM
(This post was last modified: 24-08-2020, 02:52 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फिर मुझे नीचे आने को कहा और मेरे नीचे आते ही उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर टिकवा लिया। जैसे ही लौड़े को रास्ता मिला, वो अन्दर घुस गया।
दीदी की चूत काफी कसी हुई थी। मेरा लंड तो उनकी चूत के अन्दर ऐसे फिट हो गया.. जैसे ये चूत सिर्फ मेरे लिए ही बनाई गई हो।
वो एहसास मैं कभी नहीं भूल सकता।
मेरा लंड पूरी मस्ती में था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मेरे लंड पर गुदगुदी कर रहा हो।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं दीदी के दोनों मम्मों को हाथों में पकड़ रखे थे और ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।
साथ ही मैं दीदी को ज़ोर से किस किए जा रहा था।
दीदी भी मेरा साथ ऐसे दे रही थीं.. जैसे आज मेरे होंठ नोंच ही डालेंगी।
फिर मैं ऊपर आ गया। अभी उन्हें चोदते हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि मेरे शरीर में एक तेजी से बिजली दौड़ी और मेरा पानी दीदी की चूत में निकल गया।
मैं निढाल होकर गिर गया।
दीदी- आपका हो गया क्या?
मैं- हाँ जी दीदी।
फिर दीदी ने मुझे एक किस दिया और मुझे अपने ऊपर से उठा दिया और वो बाथरूम की तरफ जाने लगीं।
मैं बस जाते हुए उनकी मटकती हुई गांड देख रहा था जिनके ठुमकने से मेरे दिल की धड़कन और तेज़ कर रही थी।
इतने में दीदी बाथरूम में चली गईं और मैं बाहर उनके इंतज़ार में सोफे पर ही सो गया।
बाद में शायद दो घंटे बाद उन्होंने मुझे उठाया, वो अभी मेरे सामने ब्लैक लैगी और रेड टॉप में खड़ी थीं।
दीदी- आपके मम्मी पापा का फ़ोन आया था.. चलो तैयार हो जाओ।
मैं उठा और दीदी को किस करने कर लिए आगे बढ़ा।
दीदी ने मुझे रोका और प्यार से एक चपत मेरे चेहरे पर लगा दी- चलो मेरे राजा, पहले तैयार हो जाओ अभी.. पापा-मम्मी से वेट करवोगे क्या?
अब मैं तैयार हो गया।
कुछ देर तक मैं दीदी की यादों में लेटा हुआ था। मम्मी-पापा का वेट भी कर रहा था। तभी गेट पर बेल बजी.. और पापा-मम्मी और दीदी की फैमिली भी आ गई।
मम्मी ने खुद से गेट खोला और सामने दीदी ही खड़ी थीं।
मम्मी- इसने तंग तो नहीं किया न?
दीदी- अरे नहीं, ये तो बस सोता रहा.. मैंने इसके लिए आइसक्रीम बनाई थी.. पर ये सो रहा था इसलिए उठाना ठीक नहीं समझा।
दीदी की चूत काफी कसी हुई थी। मेरा लंड तो उनकी चूत के अन्दर ऐसे फिट हो गया.. जैसे ये चूत सिर्फ मेरे लिए ही बनाई गई हो।
वो एहसास मैं कभी नहीं भूल सकता।
मेरा लंड पूरी मस्ती में था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मेरे लंड पर गुदगुदी कर रहा हो।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं दीदी के दोनों मम्मों को हाथों में पकड़ रखे थे और ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।
साथ ही मैं दीदी को ज़ोर से किस किए जा रहा था।
दीदी भी मेरा साथ ऐसे दे रही थीं.. जैसे आज मेरे होंठ नोंच ही डालेंगी।
फिर मैं ऊपर आ गया। अभी उन्हें चोदते हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि मेरे शरीर में एक तेजी से बिजली दौड़ी और मेरा पानी दीदी की चूत में निकल गया।
मैं निढाल होकर गिर गया।
दीदी- आपका हो गया क्या?
मैं- हाँ जी दीदी।
फिर दीदी ने मुझे एक किस दिया और मुझे अपने ऊपर से उठा दिया और वो बाथरूम की तरफ जाने लगीं।
मैं बस जाते हुए उनकी मटकती हुई गांड देख रहा था जिनके ठुमकने से मेरे दिल की धड़कन और तेज़ कर रही थी।
इतने में दीदी बाथरूम में चली गईं और मैं बाहर उनके इंतज़ार में सोफे पर ही सो गया।
बाद में शायद दो घंटे बाद उन्होंने मुझे उठाया, वो अभी मेरे सामने ब्लैक लैगी और रेड टॉप में खड़ी थीं।
दीदी- आपके मम्मी पापा का फ़ोन आया था.. चलो तैयार हो जाओ।
मैं उठा और दीदी को किस करने कर लिए आगे बढ़ा।
दीदी ने मुझे रोका और प्यार से एक चपत मेरे चेहरे पर लगा दी- चलो मेरे राजा, पहले तैयार हो जाओ अभी.. पापा-मम्मी से वेट करवोगे क्या?
अब मैं तैयार हो गया।
कुछ देर तक मैं दीदी की यादों में लेटा हुआ था। मम्मी-पापा का वेट भी कर रहा था। तभी गेट पर बेल बजी.. और पापा-मम्मी और दीदी की फैमिली भी आ गई।
मम्मी ने खुद से गेट खोला और सामने दीदी ही खड़ी थीं।
मम्मी- इसने तंग तो नहीं किया न?
दीदी- अरे नहीं, ये तो बस सोता रहा.. मैंने इसके लिए आइसक्रीम बनाई थी.. पर ये सो रहा था इसलिए उठाना ठीक नहीं समझा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.