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Adultery पड़ोसन दीदी के दूध का कर्ज
#10
मैंने उनको दोनों हाथों से पकड़ लिया और एक ज़ोर से होंठों पर किस कर दिया।
किस करते-करते ही हम वापिस सोफे पर जा गिरे।
इस बार मेरा राईट हैंड उनकी स्कर्ट के अन्दर अपना रास्ता ढूँढ रहा था और वो भी अपनी टाँगों को खोलते हुए मेरे हाथ को चूत का रास्ता दिखा रही थीं।

हम लोग लगातार किस कर रहे थे। मेरा हाथ अब उनकी पैन्टी के ऊपर से उनकी चूत सहला रहा था। मुझे उनकी पैन्टी काफी गीली सी फील हुई, पर मुझे क्या था.. मैं तो मजे ले रहा था।

दीदी- ऊपर से ही करते रहेगा.. या अन्दर भी हाथ डालेगा।
मैं- जरूर दीदी।

अब मैंने दीदी की पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया। दीदी की चूत बिल्कुल साफ़ थी.. एक भी बाल नहीं था।

मैं- दीदी मुझे आपकी चूत देखनी है।
दीदी- आपको शर्म नहीं आएगी अपनी दीदी की चूत देखते हुए।

वो एक स्माइल देने लगीं।

दीदी- चलो, फिर उतारो मेरी पैन्टी.. अभी दिखाती हूँ।

मैंने दीदी की पैन्टी से हाथ बाहर निकाला और उसको नीचे को खींच दिया।
दीदी ने अपनी स्कर्ट भी उतार दी, उन्होंने पिंक पैन्टी जॉकी की पहन रखी थी।

मैं- दीदी आपकी कलर चॉइस तो बहुत अच्छी है।

इतने में मैं आगे बढ़ा और दीदी की पैन्टी नीचे करने लगा।
दीदी की चूत किसी मक्खन की टिकिया लग रही थी। चूत के बीचों बीच में एक लाइन और अन्दर सब पिंक-पिंक दिख रहा था।

मैं- दीदी अब समझा.. आपको पिंक क्यों इतना पसंद है। आपकी चूत भी पूरी पिंक है।
दीदी- मजाक तो बहुत अच्छा कर लेता है तू.. अब दिखा इसके अन्दर उंगली भी इतनी अच्छी कर लेता है क्या?

मैं यह मौका कहाँ छोड़ने वाला था, मैंने उनकी पैन्टी नीचे उतारी और चूत में उंगली करने लगा।

मैं- दीदी आपसे एक बात पूछूँ.. मुझे सच तो बताओगी ना?
दीदी- मैं तुझसे झूठ क्यों बोलूंगी।
मैं- आप पहले किसी से चुदवा चुकी हैं?

दीदी- हाँ.. अपने मंगेतर से दो बार चुदवा चुकी हूँ। बस अब उनसे शादी हो जाएगी फिर मैं सिर्फ उनकी ही बन कर रहूँगी।
मैं- आपकी तो पांच-छह महीनों में शादी हो ही जाती.. तो फिर मुझसे क्यों?

दीदी- लड़कियों को तुझ जैसे शर्मीले लड़के बहुत पसंद होते हैं। वैसे भी मैंने कभी नहीं सोचा था कि तेरे साथ ऐसा करूँगी। पर जैसा-जैसा मन करता गया.. मैं करती गई और वैसे भी तेरे लिए तो अच्छा ही है.. कम से कम अब मेरा बेटा लड़कियों से शर्माएगा तो नहीं ना।

इतना कह कर दीदी ने अपनी चूत से मेरी उंगली निकाली और फिर मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं।
दीदी- इससे आगे बढ़ने का क्या कोई इरादा नहीं आपका?

मैंने अपनी पैन्ट और चड्डी पूरी तरह निकाल दी। अब मैं उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत में लंड डालने लगा।
दीदी को अभी मेरी तरफ देख कर हँसी आई।

दीदी- आपको अभी ज्यादा कुछ नहीं पता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पड़ोसन दीदी के दूध का कर्ज - by neerathemall - 21-08-2020, 04:26 PM



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