21-08-2020, 04:25 PM
उनके इस बिंदास अंदाज पर मैं कुछ नहीं बोला और ना ही अपनी पैन्ट खोली।
मैं- दीदी नहीं मुझे कुछ भी नहीं करना।
इतने में दीदी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोली और पैन्ट नीचे कर दी।
अब वो मेरी चड्डी सरका कर मेरा लंड अपने हाथ में पकड़े हुए थीं और बड़े ही गौर से उसे देख रही थीं।
मैं दीदी के चश्मे में से उनकी उस काली आँखों में चमक देख सकता था।
दीदी- तेरा तो बहुत अच्छा है, दीदी से क्यों छुपा कर रखता है इसे?
इतने में उन्होंने एक किस बिल्कुल मेरे लंड के मुँह पर कर दिया, जिससे मेरे लंड से एक-दो बूँदें बाहर को आने लगीं..
रस देख कर दीदी हंसने लगीं।
दीदी- आप कुछ और कहते हो.. और आपका लंड तो कुछ और ही बोल रहा है।
मैं चुप रहा और इधर-उधर देखने लगा जैसे मेरा इन चीजों में कोई इंटरेस्ट ना हो।
दीदी ने इतने में एक और किस किया। मैं दीदी के चेहरे की तरफ देखने लगा। उन्होंने मुझे एक आँख मारी और सारा का सारा मेरा लंड मुँह में डाल लिया।
मैं तो जैसे नशे के सातवें आसमान पर था।
यह मेरा पहली बार था.. इसलिए मैं एक-दो मिनट से ज्यादा न टिक सका और दीदी के मुँह में ही निकल गया।
दीदी ने अब मेरा लंड मुँह से निकाला और मेरा पानी भी बाहर थूका।
दीदी- बता तो देता कि छूटने वाला है.. अपनी दीदी के मुँह में पानी गिराना अच्छा लगता है?
मैं- नहीं दीदी वो बस मजा आ रहा था और मैं आपको रोकना नहीं चाहता था। दीदी अभी मेरा हो गया.. अभी और मन नहीं कर रहा.. मुझे जाना है।
दीदी के मन में पता नहीं क्या आया और मेरा मुरझाया हुआ लंड उन्होंने फिर से मुँह में ले लिया। थोड़ी मेहनत के बाद उसमें फिर से जान आ गई।
दीदी- अभी तो नहीं न जाने का मन कर रहा?
मैं- नहीं दीदी।
दीदी- तो फिर मुझे खुश नहीं करेगा क्या?
उनके इतना कहते ही मैंने उनको सोफे पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया मैं उनके पिंक टॉप के ऊपर से ही उनके मम्मों पर खूब सारे किस करने लगा।
दीदी- ऊपर से ही करेगा.. या कुछ उतारेगा भी?
मैंने दीदी का टॉप उतार दिया। उनके पिंक टॉप के नीचे पिंक निप्पल मुझ पर जादू करते जा रहे थे। मैं तो मानो पागल ही हो गया था। उन्हें देखते हुए कभी एक निप्पल चूस रहा था और कभी दूसरा.. और वो मेरे सिर पर प्यार से हाथ फिराते हुए जा रही थीं।
कुछ मिनट चूचे चूसने के बाद मैं उठा- दीदी मुझे कुछ और भी करना है।
दीदी- और क्या करना है आपने मेरे साथ?
मैंने दीदी को अपना हाथ पकड़ाया और एक साथ से उन्हें खड़ा किया।
अब मैं दीदी को सिर्फ एक स्कर्ट में देख रहा था सफ़ेद स्कर्ट में मेरी प्यारी सफ़ेद सी दीदी बहुत मस्त लग रही थीं।
मैं- दीदी मुझे आपकी स्कर्ट को भी उतारना है।
दीदी- भला मैं अपने बेटे को कैसे मना कर सकती हूँ.. आ जाओ मेरे पास।
मैं- दीदी नहीं मुझे कुछ भी नहीं करना।
इतने में दीदी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोली और पैन्ट नीचे कर दी।
अब वो मेरी चड्डी सरका कर मेरा लंड अपने हाथ में पकड़े हुए थीं और बड़े ही गौर से उसे देख रही थीं।
मैं दीदी के चश्मे में से उनकी उस काली आँखों में चमक देख सकता था।
दीदी- तेरा तो बहुत अच्छा है, दीदी से क्यों छुपा कर रखता है इसे?
इतने में उन्होंने एक किस बिल्कुल मेरे लंड के मुँह पर कर दिया, जिससे मेरे लंड से एक-दो बूँदें बाहर को आने लगीं..
रस देख कर दीदी हंसने लगीं।
दीदी- आप कुछ और कहते हो.. और आपका लंड तो कुछ और ही बोल रहा है।
मैं चुप रहा और इधर-उधर देखने लगा जैसे मेरा इन चीजों में कोई इंटरेस्ट ना हो।
दीदी ने इतने में एक और किस किया। मैं दीदी के चेहरे की तरफ देखने लगा। उन्होंने मुझे एक आँख मारी और सारा का सारा मेरा लंड मुँह में डाल लिया।
मैं तो जैसे नशे के सातवें आसमान पर था।
यह मेरा पहली बार था.. इसलिए मैं एक-दो मिनट से ज्यादा न टिक सका और दीदी के मुँह में ही निकल गया।
दीदी ने अब मेरा लंड मुँह से निकाला और मेरा पानी भी बाहर थूका।
दीदी- बता तो देता कि छूटने वाला है.. अपनी दीदी के मुँह में पानी गिराना अच्छा लगता है?
मैं- नहीं दीदी वो बस मजा आ रहा था और मैं आपको रोकना नहीं चाहता था। दीदी अभी मेरा हो गया.. अभी और मन नहीं कर रहा.. मुझे जाना है।
दीदी के मन में पता नहीं क्या आया और मेरा मुरझाया हुआ लंड उन्होंने फिर से मुँह में ले लिया। थोड़ी मेहनत के बाद उसमें फिर से जान आ गई।
दीदी- अभी तो नहीं न जाने का मन कर रहा?
मैं- नहीं दीदी।
दीदी- तो फिर मुझे खुश नहीं करेगा क्या?
उनके इतना कहते ही मैंने उनको सोफे पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया मैं उनके पिंक टॉप के ऊपर से ही उनके मम्मों पर खूब सारे किस करने लगा।
दीदी- ऊपर से ही करेगा.. या कुछ उतारेगा भी?
मैंने दीदी का टॉप उतार दिया। उनके पिंक टॉप के नीचे पिंक निप्पल मुझ पर जादू करते जा रहे थे। मैं तो मानो पागल ही हो गया था। उन्हें देखते हुए कभी एक निप्पल चूस रहा था और कभी दूसरा.. और वो मेरे सिर पर प्यार से हाथ फिराते हुए जा रही थीं।
कुछ मिनट चूचे चूसने के बाद मैं उठा- दीदी मुझे कुछ और भी करना है।
दीदी- और क्या करना है आपने मेरे साथ?
मैंने दीदी को अपना हाथ पकड़ाया और एक साथ से उन्हें खड़ा किया।
अब मैं दीदी को सिर्फ एक स्कर्ट में देख रहा था सफ़ेद स्कर्ट में मेरी प्यारी सफ़ेद सी दीदी बहुत मस्त लग रही थीं।
मैं- दीदी मुझे आपकी स्कर्ट को भी उतारना है।
दीदी- भला मैं अपने बेटे को कैसे मना कर सकती हूँ.. आ जाओ मेरे पास।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.