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Adultery पड़ोसन दीदी के दूध का कर्ज
#8
मैं- नहीं दीदी.. मैंने जानबूझ कर नहीं किया.. यह अपने आप ही हो जाता है।
दीदी- ऐसे-कैसे अपने आप हो जाता है? जरूर आपने ही किया होगा।
मैं- नहीं दीदी सच में.. मैं तो आपके बारे में ऐसा सोच भी नहीं सकता हूँ।
उस वक़्त मेरा गला पूरा सूख चुका था।

दीदी- अच्छा, मेरे बेटे का मेरे लिए खड़ा भी होता है।
इतने में उन्होंने अपना राईट हैंड मेरे लंड पर रख दिया और हल्के से उसे पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगीं।

मेरी तो जैसे सारी दुनिया ही बदल गई कि ये क्या हो रहा है।
मैं- दीदी ये सब ठीक नहीं।
दीदी- मुझसे क्यों शर्माते हो, बड़ी हूँ मैं आपसे।

मैं- पर दीदी अगर किसी को पता चला तो बहुत पिटाई होगी।
दीदी- अपने बेटे को मैं क्यों पिटने दूँगी और मैं किसी को क्या बताऊँगी? पर पहले मुझे अपने बेटे का लंड देखना है देखूँ तो सही.. किसने मेरे सामने सिर उठाया है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पड़ोसन दीदी के दूध का कर्ज - by neerathemall - 21-08-2020, 04:25 PM



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