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Adultery पत्नी एक्सचेंज
#93
मैं, मेरी सहेली और उसका पति

1

मैं रसोई में सुनील के लिए चाय बना रही थी जब मैं सुनील के लिए चाय लेकर आई तो सुनील मुझे कहने लगे कि आशा क्या तुम मेरे लिए नाश्ता बना दोगी तो मैंने सुनील को कहा ठीक है सुनील मैं आपके लिए नाश्ता बना देती हूं। मैंने जल्दी से सुनील के लिए नाश्ता तैयार किया और सुनील नाश्ता करते ही तैयार होने के लिए चले गए वह तैयार होकर अपने दफ्तर के लिए निकल चुके थे। मेरी और सुनील की शादी शुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी हमारी जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं थी। सुनील मुझे बहुत प्यार भी करते थे और सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था लेकिन जब हमारे पड़ोस में रहने के लिए मीनाक्षी और ललित आए तो हम दोनों के बीच उसके बाद कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। सुनील हमेशा ही मीनाक्षी और ललित का उदाहरण देकर मुझे कहते कि वह लोग इतने प्यार से रहते हैं और एक तुम हो कि बिल्कुल भी अपने ऊपर ध्यान नहीं देती हो। मैं अपने घर के कामों में इतना ज्यादा उलझी हुई थी कि मेरे पास अपने लिए भी समय नहीं होता था सुनील चाहते थे कि मैं बदल जाऊं लेकिन यह सब इतना आसान कहां होने वाला था मैं इतनी जल्दी भला कैसे बदल सकती थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Messages In This Thread
REमेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:25 PM
RE: पत्नी एक्सचेंज - by neerathemall - 21-08-2020, 04:09 PM



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