21-08-2020, 03:58 PM
वह मेरी बात समझ गई. सुमन ने अपनी दो उंगली डाल दीं. जब इससे भी उसे मैं गर्म होती हुई दिखाई न दी तो उसने तीन उंगली डाल दीं लेकिन तीसरी उंगली पूरी नहीं जा रही थी मगर चूत का द्वार फैल गया था और उसकी उंगलियों से घर्षण से मुझे मजा सा आने लगा.
सुमन ने तेजी के साथ अपनी उंगलियों से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. जब मैं काफी गर्म हो गई तो मैंने उसको चूत चाटने को कहा और वो मेरे किये अनुसार ही अपनी जीभ से मेरी चूत को मजा देने लगी. उसकी गर्म जीभ से मेरी चूत में कुछ और ज्यादा आनंद बढ़ने लगा. मैंने अपने चूचों को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया. दस मिनट तक मेहनत करने के बाद मैंने सुमन के मुंह पर अपनी चूत का पानी फेंक दिया.
मेरा पानी निकलने लगा तो सुमन उठने लगी मगर मैंने उसे नीचे बिठाये रखा. मैं इस पल का आनंद लेना चाहती थी. जब मैं अच्छे तरीके से झड़ गई तो सुमन उठ गई. उसके बाद हमने अपने आप को साफ किया और बाथरूम से बाहर आ गई.
सुमन ने तेजी के साथ अपनी उंगलियों से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. जब मैं काफी गर्म हो गई तो मैंने उसको चूत चाटने को कहा और वो मेरे किये अनुसार ही अपनी जीभ से मेरी चूत को मजा देने लगी. उसकी गर्म जीभ से मेरी चूत में कुछ और ज्यादा आनंद बढ़ने लगा. मैंने अपने चूचों को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया. दस मिनट तक मेहनत करने के बाद मैंने सुमन के मुंह पर अपनी चूत का पानी फेंक दिया.
मेरा पानी निकलने लगा तो सुमन उठने लगी मगर मैंने उसे नीचे बिठाये रखा. मैं इस पल का आनंद लेना चाहती थी. जब मैं अच्छे तरीके से झड़ गई तो सुमन उठ गई. उसके बाद हमने अपने आप को साफ किया और बाथरूम से बाहर आ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.