21-08-2020, 03:57 PM
सुमन की अनछुई चूत थी क्योंकि शायद पहली बार मैं ही उसको सहला रही थी. इससे पहले सुमन के अलावा उसकी चूत को किसी ने स्पर्श नहीं किया होगा. फिर अब मैं भी खड़ी हो गई और सुमन भी वैसे ही करने लगी जैसे मैं उसकी चूत में कर रही थी. वह मेरी नकल करने की कोशिश कर रही थी चूंकि उसका तो यह पहला अनुभव था.
अब हम दोनों ही एक दूसरे की चूत में उंगली करने लगीं. दोनों के मुंह से काम वासना की आवाजें बाथरूम में गूंजने लगीं. आह-आह … अम्म … आ … ह्हह … करती हुई दोनों ही तेजी से एक दूसरे की चूत में उंगली करने लगीं. कुछ ही देर में सुमन अकड़ने लगी और जोर से आवाजें करते हुए उसने मेरे हाथ को अपने रस भिगो दिया. मैंने उसकी चूत पर मुंह लगा लिया और उसकी चूत के कुंए से निकल रहे नमकीन पानी को मैं चाटने लगी. वह पता नहीं क्या बड़बड़ा रही थी जो मेरी समझ में नहीं आ रहा था. मैं उसकी चूत को चूसती रही और सुमन शांत हो गई.
उसके बाद हम दोनों ही एक-दूसरे को नहलाने लगीं. नहाते हुए सुमन पूछने लगी- सेक्स इसी को कहते हैं क्या?
मैंने कहा- यह तो सेक्स की एक झलक भर थी. सेक्स का असली मजा क्या होता है वह तो तब पता चलता है जब किसी मर्द का लंड चूत में लिया जाता है. अभी मैंने चाट कर तुम्हारा पानी निकलवाया है लेकिन जब तुम लंड से अपनी चूत की कुटाई करवाओगी और उसके बाद जो रस निकलेगा वह होता है सेक्स का असली मजा. मर्द के बिना औरत की की चूत की प्यास अधूरी ही रहती है. इस प्यास को केवल एक दमदार लंड ही बुझा सकता है.
उसके बाद नहाते हुए मैं फिर से सुमन को चाटने लगी तो सुमन बोली कि मैं थक गई हूँ.
मैंने कहा- तेरी चूत का पानी तो निकल गया लेकिन मेरी चूत तो अभी भी वैसी की वैसी गर्म है.
वह बोली- तो मैं क्या करूं?
मैंने कहा- जिस तरह से मैंने तुम्हारे साथ किया है तुम भी वैसे ही करो.
मेरे कहने पर सुमन मेरी चूत में एक उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगी.
मैंने कहा- एक उंगली से कुछ पता नहीं चलेगा इस निगोड़ी को. यह अपने जीजा का मूसल लंड ले चुकी है.
अब हम दोनों ही एक दूसरे की चूत में उंगली करने लगीं. दोनों के मुंह से काम वासना की आवाजें बाथरूम में गूंजने लगीं. आह-आह … अम्म … आ … ह्हह … करती हुई दोनों ही तेजी से एक दूसरे की चूत में उंगली करने लगीं. कुछ ही देर में सुमन अकड़ने लगी और जोर से आवाजें करते हुए उसने मेरे हाथ को अपने रस भिगो दिया. मैंने उसकी चूत पर मुंह लगा लिया और उसकी चूत के कुंए से निकल रहे नमकीन पानी को मैं चाटने लगी. वह पता नहीं क्या बड़बड़ा रही थी जो मेरी समझ में नहीं आ रहा था. मैं उसकी चूत को चूसती रही और सुमन शांत हो गई.
उसके बाद हम दोनों ही एक-दूसरे को नहलाने लगीं. नहाते हुए सुमन पूछने लगी- सेक्स इसी को कहते हैं क्या?
मैंने कहा- यह तो सेक्स की एक झलक भर थी. सेक्स का असली मजा क्या होता है वह तो तब पता चलता है जब किसी मर्द का लंड चूत में लिया जाता है. अभी मैंने चाट कर तुम्हारा पानी निकलवाया है लेकिन जब तुम लंड से अपनी चूत की कुटाई करवाओगी और उसके बाद जो रस निकलेगा वह होता है सेक्स का असली मजा. मर्द के बिना औरत की की चूत की प्यास अधूरी ही रहती है. इस प्यास को केवल एक दमदार लंड ही बुझा सकता है.
उसके बाद नहाते हुए मैं फिर से सुमन को चाटने लगी तो सुमन बोली कि मैं थक गई हूँ.
मैंने कहा- तेरी चूत का पानी तो निकल गया लेकिन मेरी चूत तो अभी भी वैसी की वैसी गर्म है.
वह बोली- तो मैं क्या करूं?
मैंने कहा- जिस तरह से मैंने तुम्हारे साथ किया है तुम भी वैसे ही करो.
मेरे कहने पर सुमन मेरी चूत में एक उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगी.
मैंने कहा- एक उंगली से कुछ पता नहीं चलेगा इस निगोड़ी को. यह अपने जीजा का मूसल लंड ले चुकी है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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