21-08-2020, 03:57 PM
फिर मैं उसके चूचों से नीचे की तरफ चली. उसके पेट को चूमती हुई उसकी नाभि पर किस करती हुई उसकी चूत के ऊपर आ रहे हल्के बालों वाली जगह को चूमने और चूसने लगी. सुमन ने अपने हाथ बाथरूम की दीवार से पीछे की तरफ सटा लिये और उसकी चूत आगे की तरफ मेरे मुंह की तरफ आने लगी. फिर मैंने अपने गर्म होंठ उसकी चूत पर रख दिये तो सुमन की जोर से आह … निकल गई. उसकी टांगें थोड़ी फैल गईं. उसकी चूत से चिपचिपा पदार्थ बहना शुरू हो गया था.
मैंने उसकी चूत में जीभ को घुसा दिया तो वह मचलने लगी. वह बाथरूम की दीवार को नोंचने लगी. उसकी चूत मेरे मुंह पर आकर लगने लगी. मैंने सुमन की भीगी हुई गांड को अपने हाथों में थाम रखा था. सुमन अपनी चूत को मेरे होंठों पर धकेलते हुए आह-आह करते हुए अपनी चूत चुसाई का मजा लेने लगी थी.
उसके बाद मैंने सुमन की चूत में उंगली डाल दी. चूंकि उसकी चूत बिल्कुल नई-नवेली कुंवारी कली की तरह थी इसलिए उसकी दोनों फांकें आपस में लगभग चिपकी हुई थीं. मगर मैं तो अपनी चूत का उद्घाटन अपने जीजा से करवा चुकी थी. उसकी चूत पर नीचे के बाल कुछ ज्यादा बड़े थे जबकि मैंने अपनी चूत के बाल बिल्कुल साफ किये हुए थे.
मैंने उसकी चूत में जीभ को घुसा दिया तो वह मचलने लगी. वह बाथरूम की दीवार को नोंचने लगी. उसकी चूत मेरे मुंह पर आकर लगने लगी. मैंने सुमन की भीगी हुई गांड को अपने हाथों में थाम रखा था. सुमन अपनी चूत को मेरे होंठों पर धकेलते हुए आह-आह करते हुए अपनी चूत चुसाई का मजा लेने लगी थी.
उसके बाद मैंने सुमन की चूत में उंगली डाल दी. चूंकि उसकी चूत बिल्कुल नई-नवेली कुंवारी कली की तरह थी इसलिए उसकी दोनों फांकें आपस में लगभग चिपकी हुई थीं. मगर मैं तो अपनी चूत का उद्घाटन अपने जीजा से करवा चुकी थी. उसकी चूत पर नीचे के बाल कुछ ज्यादा बड़े थे जबकि मैंने अपनी चूत के बाल बिल्कुल साफ किये हुए थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.