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Adultery पत्नी एक्सचेंज
#86
कभी मैं सुमन के ऊपर वाले होंठ को चूसती तो कभी नीचे वाले होंठ को. जब उसने गर्म होकर सिसकारी ली तो मैंने अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर डाल दी. चूंकि मुझे किस करने का अनुभव जीजा जी से प्राप्त हो चुका था तो मैं सुमन को भी वैसे ही किस करने लगी. मैं सुमन को पूरी तरह से गर्म कर देना चाहती थी और मैं इसमें तेजी के साथ कामयाब भी होती जा रही थी.

सुमन भी मेरी हरकतों की नकल करते हुए मेरा साथ दे रही थी. मैंने उसके हाथों को पकड़ कर अपने चूचों पर रखवा लिया. उसके कोमल हाथों ने मेरे अंदर की काम ज्वाला को और भड़का दिया. मैं भी सुमन की बॉल को अपने हाथों से बारी-बारी से मसल रही थी. चूंकि सुमन को सेक्स का अनुभव नहीं था इसलिए वो वहीं तक आगे बढ़ रही थी जो मैं उसके साथ कर रही थी. वो मेरे चूचों को दबाते हुए मेरे होंठों को ही चूसने में लगी हुई थी.

मगर मैं यह दावे के साथ कह सकती हूं कि उस वक्त सुमन को बहुत मजा आने लगा था. मैंने अपने होंठ सुमन के चूचों पर तने हुए निप्पल पर रख दिये और उसके जवान चूचों को चूसने लगी. मैंने नीचे से अपना हाथ उसकी चूत पर ले जा कर उसको सहलाना शुरू कर दिया. आह-आह … सुमन के मुंह से कामुक सिसकारियाँ अब बाहर आकर बाथरूम में गूंजने लगी थी. आंखें बंद करके हम दोनों ही दोस्त इन आनंद के पलों का मजा ले रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
REमेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:25 PM
RE: पत्नी एक्सचेंज - by neerathemall - 21-08-2020, 03:55 PM



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