21-08-2020, 03:45 PM
शोनेन आइ" (shonen ai) और "स्लेश" (slash)
खैर बात शुरु की थी वेरुस्का साबूक्को की किताब "शोनेन आइ" से. "शोनेन आइ" (shonen ai) शब्द जापानी भाषा का है, शोनन का अर्थ है लड़का Shonen ai comicsऔर आइ का अर्थ है प्यार, तो "शानन आइ" का अर्थ हुआ "लड़कों का प्यार". इस पुस्तक में उन्होंने जापान में और अमरीका में नारियों द्वारा नारियों के लिए लिखे जाने वाले कामुक लेखन की बात की है.
इस कामुक लेखन की खासियत है कि वह जाने माने साहित्य, चित्रकथाओं और फ़िल्मों के पुरुष पात्रों को ले कर उनके बारे में समलैंगिक प्रेम कल्पना की संरचना करता है. जापान में इस तरह की कामुक किताबें चित्र कथाओं के रूप में होती हैं जिनके पात्र किशोर या नवयुवक होते हैं, जिनके शरीर एन्ड्रोगाईनस होते हैं, यानि कि वैसे तो पुरुष होते हैं पर उनके हाव भाव नारी रूप के होते हैं.
इसके विपरीत है अमरीकी युवतियों द्वारा अन्य युवतियों के लिए लिखे हुए कामुक लेखन, जिसे "स्लेश" (slash) कहा जाता है जिसमें फिल्मों या टेलीविजन के पुरुष पात्रों को ले कर समलैंगिक प्रेम कहानियाँ लिखी जाती हैं. स्लेश लेखन में उम्र में बड़े पुरुष पात्र जैसे स्टार ट्रेक (Star Trek) या एक्स फाईलस (X files) जैसी टेलिविजन सीरियल के पुरुष पात्रों को ले कर लिखी गयीं कहानियाँ. स्लेश लेखन में स्त्री पात्रों को ले कर भी कुछ समलैंगिक कल्पनाओं का लेखन है पर यह अधिक महत्वपूर्ण नहीं है.
शोनेन आइ और स्लेश लेखनों में कामुकता का नारी दृष्टिकोण मिलता है यानि यौन अंगों या सम्भोग की बात कम होती है, पात्रों के आपस में प्यार, उनकी भावनाओं की बात अधिक होती है. पर स्त्रियों को पुरुष समलैंगिक सम्बंध में क्यों या कैसे कामुकता मिली यह मैं ठीक से नहीं समझ पाया. यह तो पढ़ा था कि कई पुरुष नारी समलैंगिक सम्बंधों के बारे में पढ़ना या देखना पसंद करते हैं और इस तरह के दृष्य पोर्नोग्राफिक फिल्मों में दिखाये जाते है.
खैर कोई क्या महसूस करता है, क्यों करता है, यह सब शायद समझने की कोशिश करना समय बरबाद करना है. जब यौनता की बात होती है तो अक्सर विषमलैंगिक, समलैंगिक, आदि शब्दों पर रुक जाती है, पर यह शब्द कैदखाने जैसे हैं जिनमें पूरी मानव जाति को बन्द करने की कोशिश करने की कोशिश करना गलत है.
अगर सोनेन आइ या स्लेश के बारे में अधिक जानना चाहते हें तो इन्हें गूगल पर खोजिये, बहुत सामग्री मिल जायेगी.
खैर बात शुरु की थी वेरुस्का साबूक्को की किताब "शोनेन आइ" से. "शोनेन आइ" (shonen ai) शब्द जापानी भाषा का है, शोनन का अर्थ है लड़का Shonen ai comicsऔर आइ का अर्थ है प्यार, तो "शानन आइ" का अर्थ हुआ "लड़कों का प्यार". इस पुस्तक में उन्होंने जापान में और अमरीका में नारियों द्वारा नारियों के लिए लिखे जाने वाले कामुक लेखन की बात की है.
इस कामुक लेखन की खासियत है कि वह जाने माने साहित्य, चित्रकथाओं और फ़िल्मों के पुरुष पात्रों को ले कर उनके बारे में समलैंगिक प्रेम कल्पना की संरचना करता है. जापान में इस तरह की कामुक किताबें चित्र कथाओं के रूप में होती हैं जिनके पात्र किशोर या नवयुवक होते हैं, जिनके शरीर एन्ड्रोगाईनस होते हैं, यानि कि वैसे तो पुरुष होते हैं पर उनके हाव भाव नारी रूप के होते हैं.
इसके विपरीत है अमरीकी युवतियों द्वारा अन्य युवतियों के लिए लिखे हुए कामुक लेखन, जिसे "स्लेश" (slash) कहा जाता है जिसमें फिल्मों या टेलीविजन के पुरुष पात्रों को ले कर समलैंगिक प्रेम कहानियाँ लिखी जाती हैं. स्लेश लेखन में उम्र में बड़े पुरुष पात्र जैसे स्टार ट्रेक (Star Trek) या एक्स फाईलस (X files) जैसी टेलिविजन सीरियल के पुरुष पात्रों को ले कर लिखी गयीं कहानियाँ. स्लेश लेखन में स्त्री पात्रों को ले कर भी कुछ समलैंगिक कल्पनाओं का लेखन है पर यह अधिक महत्वपूर्ण नहीं है.
शोनेन आइ और स्लेश लेखनों में कामुकता का नारी दृष्टिकोण मिलता है यानि यौन अंगों या सम्भोग की बात कम होती है, पात्रों के आपस में प्यार, उनकी भावनाओं की बात अधिक होती है. पर स्त्रियों को पुरुष समलैंगिक सम्बंध में क्यों या कैसे कामुकता मिली यह मैं ठीक से नहीं समझ पाया. यह तो पढ़ा था कि कई पुरुष नारी समलैंगिक सम्बंधों के बारे में पढ़ना या देखना पसंद करते हैं और इस तरह के दृष्य पोर्नोग्राफिक फिल्मों में दिखाये जाते है.
खैर कोई क्या महसूस करता है, क्यों करता है, यह सब शायद समझने की कोशिश करना समय बरबाद करना है. जब यौनता की बात होती है तो अक्सर विषमलैंगिक, समलैंगिक, आदि शब्दों पर रुक जाती है, पर यह शब्द कैदखाने जैसे हैं जिनमें पूरी मानव जाति को बन्द करने की कोशिश करने की कोशिश करना गलत है.
अगर सोनेन आइ या स्लेश के बारे में अधिक जानना चाहते हें तो इन्हें गूगल पर खोजिये, बहुत सामग्री मिल जायेगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.