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शोनेन आइ नारी कामुक लेखन
#2
अपने घर के पास के पुस्तकालय में किताबें देख रहा था कि एक गुलाबी रंग की छोटी सी किताब पर दृष्टि पड़ी. वेरुस्का सबूक्को द्वारा लिखी [Image: shonen_ai.JPG]इस पुस्तक का शीर्षक है "शोनेन आइ - पूर्व और पश्चिम के बीच नारी कामुकता का कल्पना जगत". शीर्षक देख कर मन में जिज्ञासा जागी तो उसे पढ़ने के लिए ले आया.
इस प्रारम्भ से आप समझ सकते हैं कि इस लेख का विषय यौन सम्बंधी है और अगर आप इस तरह की बातों में रुचि नहीं रखते या उन्हें गलत मानते हैं तो कृपया इस लेख को न पढ़ें.
कामुक लेखन और पोर्नोग्राफी
बात हो रही है "एरोटिक लेखन" (erotic writing) की. एरोटिक का सही हिंदी में अनुवाद क्या होगा यह मुझे ठीक से नहीं समझ में आया. मैं इसके लिए "कामुक लेखन" का उपयोग कर रहा हूँ. यानी कि वैसा लेखन जिसे पढ़ कर मन में काम भावना का जागरण हो या काम इच्छा को प्रेरणा या उत्साह मिले. काम भावना की बात उठे तो पोर्नोग्राफी का नाम भी लिया जाता है, तो क्या एरोटिक और पोर्नोग्राफी एक ही बात के दो नाम हैं? पश्चिमी लेखन में पोर्नोग्राफी और एरोटिक में अंतर माना जाना है.
पोर्नोग्राफी (pornography) का अर्थ दिया जाता है कि दो या अधिक व्यक्तियों के बीच सेक्स क्रिया की बात करना, चाहे वह लेखन में हो, चाहे तस्वीरों में या फिल्म के रूप में. पोर्नोग्राफी यौन अंगों पर केंद्रित होती है. इस बारे में बात करते हुए "व्यक्ति" शब्द का प्रयोग कर रहा हूँ क्योंकि यौन सम्बंध नारी और पुरुष के बीच भी हो सकता है, केवल नारियों या केवल पुरुषों के बीच भी. दूसरी ओर, एरोटिक का अर्थ दिया जाता है आपस में आंतरिकता, रिश्ते की बात करना, जिसमें सम्बंध तन का हो या मन का, वह यौन अंगों पर केंद्रित नहीं होता, उसमें दूसरे के प्रति चाह की बात अधिक होती है हालाँकि एरोटिक लेखन में भी सेक्स सम्बंधों की बात कम या अधिक खुले तरीके से हो सकती है.
पर सच कहूँ तो मेरे लिए पोर्नोग्राफी और एरोटिक लेखन का अंतर इतना स्पष्ट नहीं है, कभी कभी लगता है कि अगर साहित्यिक भाषा का उपयोग करें तो उसे एरोटिक बुला लेते हैं और लेखक अच्छा न हो तो उसे पोर्नोग्राफी कह देते हें. या फ़िर सीधे दौ टूक शब्दों में बात की जाये तो वह पोर्नोग्राफी और और उसके बारे में साहित्यिक शब्दों का प्रयोग किया जाये तो एरोटिस्सिम. खैर मुझे लगता है कि इस बहस में किसी निर्णय पर पहुँचना शायद कठिन है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शोनेन आइ नारी कामुक लेखन - by neerathemall - 21-08-2020, 03:44 PM



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