Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.83 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery पत्नी एक्सचेंज
#63
और आज भी ऐसा ही करती हूँ, कोई न कोई बहाना बना ही लेती हूँ।
ठीक ऐसा कविता भी उसके पति के साथ कई बार चुकी है।
जब भी मैं इस बात की याद पतिदेव को दिलाती हूँ वो शर्म के मारे आँखें बन्द कर इधर उधर देखने लगते हैं और मैं हंसने लगती हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
REमेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:25 PM
RE: पत्नी एक्सचेंज - by neerathemall - 21-08-2020, 02:53 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)