21-08-2020, 02:51 PM
ब बारी मेरी थी मम्मे चूसने की, जरा सा दबाने पर ही उसके मम्मों से दूध की धार लग गई।
जब उसका दूध मेरे मुँह में गया तो एक अजीब सा नशा छाने लगा था, अब मुझे समझ में आ रहा था कि मेरे पतिदेव क्यों मुझे हर कभी उनकी गोदी में बैठाकर घण्टों तक मेरे मम्मे चूसा करते है!
15-20 तक ऐसे ही उसके मम्मे चूसती रही और निप्पल भी काटती रही।
वो बस ‘सीईईई ईईईए और अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह.’ की आवाज निकाल रही थी।
इसके बाद हम दोनों फिर से चुम्बन करने लगे।
मैंने उसे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी, वो बस सिसकारियाँ ले रही थी।
मैं 10 मिनट तक उसकी ऐसे चूत चाटती रही, जब उसका वीर्य निकलने को आया तो मैंने उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगी और कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
कुछ देर बाद बिस्तर पर अब वो मेरी चूत चाट रही थी, मेरी भी ऐसी ही सिसकारियाँ निकल रही थी।
अचानक ही मुझे कुछ देर बाद 69 पोजीशन का ध्यान आया तो दोनों उस आसन में आ गए।
दस मिनट तक ऐसे ही सब चलता रहा, कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।
तब वो बोली- तेरी चूत की फांकें तो बहुत खुली हैं, लगता है जीजा जी तेरा कुछ ज्यादा ही ध्यान रखते हैं?
मैंने भी कहा- तेरा भी तो रखते हैं!
और फिर हम दोनों सहेलियाँ हंस दी।
जब उसका दूध मेरे मुँह में गया तो एक अजीब सा नशा छाने लगा था, अब मुझे समझ में आ रहा था कि मेरे पतिदेव क्यों मुझे हर कभी उनकी गोदी में बैठाकर घण्टों तक मेरे मम्मे चूसा करते है!
15-20 तक ऐसे ही उसके मम्मे चूसती रही और निप्पल भी काटती रही।
वो बस ‘सीईईई ईईईए और अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह.’ की आवाज निकाल रही थी।
इसके बाद हम दोनों फिर से चुम्बन करने लगे।
मैंने उसे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी, वो बस सिसकारियाँ ले रही थी।
मैं 10 मिनट तक उसकी ऐसे चूत चाटती रही, जब उसका वीर्य निकलने को आया तो मैंने उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगी और कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
कुछ देर बाद बिस्तर पर अब वो मेरी चूत चाट रही थी, मेरी भी ऐसी ही सिसकारियाँ निकल रही थी।
अचानक ही मुझे कुछ देर बाद 69 पोजीशन का ध्यान आया तो दोनों उस आसन में आ गए।
दस मिनट तक ऐसे ही सब चलता रहा, कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।
तब वो बोली- तेरी चूत की फांकें तो बहुत खुली हैं, लगता है जीजा जी तेरा कुछ ज्यादा ही ध्यान रखते हैं?
मैंने भी कहा- तेरा भी तो रखते हैं!
और फिर हम दोनों सहेलियाँ हंस दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)