21-08-2020, 02:50 PM
अचानक ही उसने ब्लू फ़िल्म फिर से लगा दी। मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी और मेरा हाथ भी चूत पर पहुँच गया था और मैं साड़ी के ऊपर से ही चूत को मसलने लगी और साड़ी में ही मेरा स्खलन हो गया।
मैंने जब कविता की तरफ देखा तो वो भी गर्म हो चुकी थी, उसे भी इस हालत में देखकर मेरे मन में लेस्बियन सेक्स की इच्छा होने लगी, पर मैं चाहती थी कि शुरुआत वो करे!
मैंने जब कविता की तरफ देखा तो वो भी गर्म हो चुकी थी, उसे भी इस हालत में देखकर मेरे मन में लेस्बियन सेक्स की इच्छा होने लगी, पर मैं चाहती थी कि शुरुआत वो करे!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.