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Adultery मेरी सहेली
#7
कहते हुए मैं उस पर लेट गई. वो गया नीचे दबा हुआ था इसलिए पूरी चोट नहीं दे पा रहा था. पर मेरे आनंद के लिए उतना ही बहुत था. मैंने उसे जकड़ लिया. अब मेरे से भी उत्तेजना सहन नहीं हो रही थी. मैंने अपनी चूत लण्ड पर पटकनी चालू कर दी. फच फच की आवाजों से कमरा गूंजने लगा. हम दोनों आनंद में सिस्कारियाँभर रहे थे.

‘हाय मेरे राजा… मजा आ रहा है… हाय चूत और लंड भी क्या चीज़ है… हाय रे…’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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मेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:29 PM
RE: मेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:33 PM



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