21-08-2020, 02:30 PM
मैं और कामिनी बचपन की सहेलियाँ है. हम कॉलेज से लेकर कॉलेज तक साथ साथ पढ़े. और अब मेरी और कामिनी की शादी भी लगभग एक ही साथ हुयी थी. मेरा घर और उसका घर पास में था. कामिनी का पति बहुत ही सुंदर और अच्छे शरीर का मालिक था. मेरा दिल उस पर शुरू से ही था. मैं उस से कभी कभी सेक्सी मजाक भी कर लेती थी. वो भी इशारों में कुछ बोलता था जो मुझे समझ में नहीं आता था. कामिनी भी मेरे पति पर लाइन मारती थी ये मैं जानती थी. जब हमारे पति नहीं होते तो हम दोनों साथ ही रहते थे.
उन दोनों के ऑफिस चले जाने के बाद मैं कामिनी के घर चली जाती थी. कामिनी आज कुछ सेक्सी मूड में थी.
मैंने कामिनी से कहा- ‘आज चाय नहीं..कोल्ड ड्रिंक लेंगे यार.’
‘हाँ हाँ क्यों नहीं…’
हम सोफे पर बैठ गए. कामिनी मुझसे बोली- ‘सुन एक बात कहूं… बुरा तो नहीं मानेगी…’
‘कहो तो सही..’
‘देख बुरा लगे तो सॉरी… ठीक है ना…’
‘अरे कहो तो सही…’
‘कहना नहीं… करना है…’
‘तो करो… बताओ..’ मैं हंस पड़ी.
उसने कहा- ‘रीता.. आज तुझे प्यार करने की इच्छा हो रही है…’
‘तो इसमे क्या है… आ किस करले..’
‘तो पास आ जा..’
‘अरे कर ले ना…’ मुझे लगा कि वो कुछ और ही चाह रही है
कामिनी ने पास आकार मेरे होटों पर अपने होंट रख दिए. और उन्हे चूसने लगी. मैंने भी उसका उत्तर चूम कर ही दिया. इतने में कामिनी का हाथ मेरे स्तनों पर आ गया और वो मेरे स्तनों को सहलाने लगी. मैं रोमांचित हो उठी.. ‘ये क्या कर रही है कामिनी…’
‘रीता मुझसे आज रहा नहीं जा रहा है… तुझे कबसे प्यार करने कि इच्छा हो रही थी…’
उन दोनों के ऑफिस चले जाने के बाद मैं कामिनी के घर चली जाती थी. कामिनी आज कुछ सेक्सी मूड में थी.
मैंने कामिनी से कहा- ‘आज चाय नहीं..कोल्ड ड्रिंक लेंगे यार.’
‘हाँ हाँ क्यों नहीं…’
हम सोफे पर बैठ गए. कामिनी मुझसे बोली- ‘सुन एक बात कहूं… बुरा तो नहीं मानेगी…’
‘कहो तो सही..’
‘देख बुरा लगे तो सॉरी… ठीक है ना…’
‘अरे कहो तो सही…’
‘कहना नहीं… करना है…’
‘तो करो… बताओ..’ मैं हंस पड़ी.
उसने कहा- ‘रीता.. आज तुझे प्यार करने की इच्छा हो रही है…’
‘तो इसमे क्या है… आ किस करले..’
‘तो पास आ जा..’
‘अरे कर ले ना…’ मुझे लगा कि वो कुछ और ही चाह रही है
कामिनी ने पास आकार मेरे होटों पर अपने होंट रख दिए. और उन्हे चूसने लगी. मैंने भी उसका उत्तर चूम कर ही दिया. इतने में कामिनी का हाथ मेरे स्तनों पर आ गया और वो मेरे स्तनों को सहलाने लगी. मैं रोमांचित हो उठी.. ‘ये क्या कर रही है कामिनी…’
‘रीता मुझसे आज रहा नहीं जा रहा है… तुझे कबसे प्यार करने कि इच्छा हो रही थी…’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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