21-08-2020, 01:53 PM
अत्याधुनिका कहलाने वाली नवब्याहता श्रीमती प्रथा रंजन कहती हैं कि पुरूष अनेक स्त्रियों से शारीरिक संबंध बनाकर भी पवित्र ही माना जाता है किंतु स्त्री अपवित्र हो जाती है। 'अपवित्र' शब्द पुरूषों ने अपने स्वार्थ के लिए ही बनाया है। पुरूष वीर्य की चन्द बूंदों से अगर स्त्री अपवित्र हो जाती है, तो पुरूष 'योनिरस' को ग्रहण कर अपवित्र क्यों नहीं होते?
आज का युवा वर्ग 'विवाह-बंधन' के पवित्र संबंध का अर्थ कुछ भी लगाये, परन्तु यह शत-प्रतिशत सत्य है कि भारतीय समाज में 'एक्सचेंज' (अदला--बदली) प्रथा को कभी भी प्रश्रय नहीं दिया जा सकता। इस घिनौनी प्रथा में मस्त रहने वाले पुरूष-स्त्री स्वयं तो अनेक प्रकार के यौन रोगों से ग्रसित रहते ही हैं, साथ ही समाज को भी अस्वस्थ बना डालते हैं।
'वाइफ एक्सचेंज' प्रथा किसी सभ्य व्यक्ति द्वारा बनायी गई विकसित प्रथा नहीं है बल्कि यह एक ऐसी घिनौनी प्रथा है जो महिलाओं का दैहिक एवं भावनात्मक शोषण-दोहन करने के लिए पुरूषों द्वारा बनायी गयी है।
आज का युवा वर्ग 'विवाह-बंधन' के पवित्र संबंध का अर्थ कुछ भी लगाये, परन्तु यह शत-प्रतिशत सत्य है कि भारतीय समाज में 'एक्सचेंज' (अदला--बदली) प्रथा को कभी भी प्रश्रय नहीं दिया जा सकता। इस घिनौनी प्रथा में मस्त रहने वाले पुरूष-स्त्री स्वयं तो अनेक प्रकार के यौन रोगों से ग्रसित रहते ही हैं, साथ ही समाज को भी अस्वस्थ बना डालते हैं।
'वाइफ एक्सचेंज' प्रथा किसी सभ्य व्यक्ति द्वारा बनायी गई विकसित प्रथा नहीं है बल्कि यह एक ऐसी घिनौनी प्रथा है जो महिलाओं का दैहिक एवं भावनात्मक शोषण-दोहन करने के लिए पुरूषों द्वारा बनायी गयी है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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