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Thriller कामुक अर्धांगनी
#94
शालिनी भाभी के निप्पलों पर हाथ फेरते मैंने हुक पे उँगली लगाई और वो करहाती मेरे होंठो को खिंचते चुदासी हो गयी और मेरे होंठो पर दाँतो को गाढ़ने लगी जैसे वो मर्दो के नीचे हद से ज़्यादा चुदाई थी और  हैवानियत वाली चर्मसुख भोग एक रांड बन चुकी थीं , मैंने हुक खोलते खोलते भाभी की हल्की गुलाबी ब्रा पर हाथों से दबाब बनाया और उनके जीभ को चुसते चुसते खिंचने लगा और अपनी मूंगफली को उनके कमर पर दबाने लगा और मधु हँसती हुए बोली जी क्या कमर हिला रहे है , दीदी को लड़ चाहिए आपके खजूर से इनकी चुत शान्त नही होंगी और भाभी मुझे बिस्तर पर धकेल ज़ोर से हँसती उठ बैठी और अपनी चुदासी चेहरे से योवन टपकाती उठ मधु के पास जा कर बोली तेरा मरद ऐसे ही तुझे गर्म करके रखता था क्या , मधु फ़ौरन भाभी की कमर से लिपट कर बोली हाँ दीदी ऐसे ही ये मुझे तड़पाते थे और मन ही मन चुदवाने का सोचते रहते थे और इशलिये कल वसंत ने मुझे इनके सामने दिल खोल कर पेला और नोच नोच कर वो मज़ा दिया कि क्या बताऊँ दीदी ।


शालिनी भाभी ने मधु के बालों को सहलाते पूछा अब क्या सोचती है आज दो तीन नए नए लौंडो को बुलाकर सामुहिक सुख ले मेरे साथ और फिर देखना कैसे तू  सयानी चुड़ैल बन जाएगी , मधु ने भाभी के कमर को कस कर पकड़ कर तेज़ साँसे भर्ती बोली बुलाओ न दीदी खुजली मच गई आपको देख और भाभी बोली दिन दहाड़े रंडी नाच करेगी क्या ,रात होने दे बुलाती हुँ दोनों मिल के रात भर उछल उछल संभोग सुख लूटेंगे और भाभी ने ब्लाउज उतार फेंकी और ब्रा उतार झुक के मधु के मुँह मे अपने नर्म गर्म गुदगुदे निप्पल को दे कर बोली चूस मेरी बहन और मधु ने भाभी के चुचियों को मसल स्तनपान करते भाभी को भावविभोर कर दिया ।

मेरा मूंगफली सिकुड़ गया ये सुन के की ये दोनों न जाने अब किसको बुला चुदवाते मेरे नामर्द होने का प्रचार करने वाले है और उधर मधु और शालिनी भाभी आलग ही दुनिया मे पहुँच गए और हौले से पेटीकोट की रस्सी खिंच मधु ने भाभी के जिस्म से आखरी वस्त्र को भी उतार दिया था और भाभी की झांटो वाली चुत पर हाथ फेरती उँगली डाल उनको उकसाती बोली दीदी मुझे तीन लौड़े एक साथ चाहिए ,भाभी हँसते बोली दिला दूँगी तेरे तीनों छेद के लिए एक एक मर्द पर फिर तू एक से कभी शांत नहीं हो पाएगी और रंडी बन जाएगी ।प्यास बुझाने को कही घर पर चकला न चलाने लगो , मधु शर्माती हुई भाभी के चुत पर उँगली तेज़ तेज़ अंदर बाहर करती बोली आप ली हो न दीदी तीन एक साथ , भाभी रांड की तरह मधु को झुक कर बोली हाँ मैं तोह गयारह मर्दों से एक साथ कि हूँ और मधु आश्चर्य के भाव लिए बोली कहा मिले इतने लोग , भाभी बोली सब बता दूँगी रे अब तोह तू भी रांड हैं अभी दूध पी और भाभी निप्पल चुस्वाती मज़ा लेने लगी, मधु की उँगली चुदाई चलती रहीं और मैं ये देख सोचा अब पक्का दलाल बना ही देगी ये दोनों रंडिया मुझे ।


मधु ने भाभी के निप्पल को वैसे ही दाँतो से नोची जैसे रात खुद के नोचवाई थी और भाभी करहाती बोली तू एक रात में सब सिख गईं रे कुल्ठा और अपने हाथों से मधु के दोनों निप्पलों को खिंचती बोली धंदे वाली बन जा हफ्ते भर चुदवाईगी तोह अनगिनत लौड़े भी मिलता हैं और पैसे भी , मधु बोली बन जाऊँगी दीदी बस अब लड़ चाहिए मेरी चुत को ,भाभी बोली अरि करमजली तेज़ उँगली चला झड़ने वाली हुँ और मधु उँगलियों को तेज चलाती भाभी के जिस्म को अकड़ती देखती खुद भी झड़ गईं ।


भाभी वापस बिस्तर पर लेट गई और मधु बोली चाटिए जी मेरी दीदी के चुत को देख नही रहे तड़प रही है और भाभी बोली काश ये मर्द होता रोज तेरे यहाँ चुद्वती तेरे मरद से ,मधु हँसते बोली अगर ऐसा होता दी तोह पता कैसे चलता ,ये नामर्द निकले तोह न आज आप जान पाई , भाभी बिना कुछ बोले मेरे मुखमैथुनवक का आनंद लेती रही और मधु देखती रोमांचित भाव से अपनी ख़ुद के निपल्लों को सहलाने लगी ।

भाभी ने बोला बस करो देवर जी अब बिना लड़ उपाय नहीं है और मैं उठ खड़ा हुआ और भाभी एक एक करके अंगवस्त्र धारण करती बोली क्यों रे क्या पहनेंगी दावत मैं , मधु शर्माती बोली सोच रही ऐसे ही रहूँ , उफ्फ साली पूरी छिनाल बन गईं तू तोह चल तेरे कसम ने जो जालीदार ब्रा पैंटी लाई है वो पहन के साड़ी डाल और है मांग मैं गहरे लाल वाली सिंदूर लगाओ और गले मे वो मंगलसूत्र जो विवाह के समय पहनी थी , कोई देखे तोह लगे किसी की बीवी हो तभी मर्द अच्छे से पेलते है ये सोच के की जो भी हो साली बस चुदाई करवाएगी बाकी कोई भुवक ड्रामा नहीं चोदेगी इश्लिये हम जैसे विवाहित महिलाएं मर्दो की कमज़ोरी है और उनका लड़ ही खोजते हमलोग बाकी बाबू सोना नहीं ।


भाभी एक परिपक्व रांड थी जिसके फलस्वरूप मेरी मधु का आकर्षण उनकी ओर सुदृढ़ होने लगा और वो एक रांड बन जीने के लिए उतारू होती बोली दीदी सब मिल कर जब चोदते है तोह कैसी हालत होती हैं, अरे जान क्या बताऊँ अंग अंग तृप्त हो जाता है उनके छुवन से और बस कुतिया बन चुपचाप जो बोले जैसा बोले करती जा ओर आखिर मे इतना थका देंगा की तू स्वर्ग पा लेगी बिस्तर पर टाँगे खोले उनके लड़ से और फिर अमृत बरसा कर नहला भी देगा बदन को ।
मधु अपनी चुत सहलाते बोली दीदी मुझे वहीं स्वर्ग दिलवाओ न ,अरि बाबली सब भोगेगी उतावली काहे को हो रही और क्या खुद से खेल रहीं ,चुत मर्दो के लिए होती है ना कि खुद के सहलाने के लिए चल जा पहन कपड़े देख थोड़ी देर मे मोहल्ले की रंडिया आयेंगी और फिर सब की बात सुन कही उनके सामने तू चुत रगड़ने लगी तोह हो गया । मधु मेरी और देखती बोली सुनिए जी ज़रा मेरी मांग भर दीजेए अच्छे से और पहना दीजेए मंगलसूत्र अब तोह दीदी की कृपा से कई लौड़े भोग लगाएंगे मुझे और आप उनके दिए अमृत को चाट चाट खा कर मुझे प्यार देंगे हैं ना जी, बिल्कुल मेरी जान अब क्या सोचना जब चुदना है ही तुझे तोह क्या फ़र्क पड़ता है एक चोदे या अनेक और मैंने मेरी अर्धागनी की मांग गहरे लाल सिंदूर से सजा मंगलसूत्र चुचियों के बेच डाल उसके होठों को चुसते बोला ,मधु मेरी जान आखिर मे मेरी जीभ ही तेरी चुत को आराम देगी और वो मेरे चेहरे पर हाथ फेरती बोली हाँ जी ।


मधु लाल साड़ी ब्लाउज और नई लाल ब्रा पैंटी पहन कर तैयार हो गईं और पल्लू को रंडी की तरह अपने उभारो से अलग रखते बोली कैसी लग रहीं हुँ दीदी , शालिनी भाभी बोली एक दम मस्त रांड लग रही है चल एक बड़ी बिंदी लगा के झुमके पहन और लिपस्टिक लगा ओर हाँ बालों को चुटिया बना कर रखना क्योंकि मर्द जब घोड़ी की सवारी करते है उनको बाल खिंच के थप्पड़ गाँड पर जड़ कर ही जोश मिलता है और तू जितना जोश दिलाएगी उतनी तेरी चुदाई होगी ।


मधु ने भाभी की हर बात को मान कर वैसे ही खुद को त्यार किया और हल्के कदमों से चल के शालिनि भाभी के पास जा कर खड़ी हो गयी और मैं घुटनों के बल बैठ टेबल चाटने लगा जिसपर मधु बैठी थी और झड़ी थी , भाभी मुझे देख बोली चल अच्छा हुआ तेरा पति ऐसा निकला रोड पे भी चुद गई तोह ये वही तेरी चुत चाट कर तुझे फिर किसी और लौड़े के लिए तैयार कर देगा और दोनों हँसते मेरा उपहाश उड़ाते हॉल की और बढ़ चले और मैं अपने मूंगफली के बेईमानी को झेलता अकड़ गया और दिन के पहले मैथुन का त्याग कर फुर्ती से उठ हॉल की और बढ़ चला ये सोच कही कुछ देखने सुनने से वंचित न रह जाऊ ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 21-08-2020, 06:28 AM
RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM



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