07-03-2019, 10:22 AM
(This post was last modified: 15-03-2024, 02:38 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उस प्रोग्राम में वो कल्याण के नज़दीकी हिल स्टेशन के बारे में जानकारी दे रहे थे. पहले उन्होने लोनावाला के बारे में बताया. फिर वो खपोली के बारे में बताने लगे. खपोली के बारे में बताते समय वो खपोली के हरेभरे पहाड़, पानी के झरने और प्रकृती से भरपूर अलग अलग लुभावनी जगह के बारे में वीडियो क्लिप्स दिखा रहे थे. कॉलेज के बच्चो की ट्रिप, ऑफीस के ग्रूपस, प्रेमी युगल और नयी शादीशुदा जोड़ी ऐसे सभी लोग खपोली जा के कैसे मज़ा करते है यह वो डक्युमेन्टरी में दिखा रहे थे. कितनी सुंदर जगह है ना खपोली!
शालू दीदी ने टीवी की तरफ देखकर कहा.
हाँ! बहुत ही सुंदर है! में गया हूँ वहाँ एक दो बार मैंने जवाब दिया.सच? किसके साथ, राहुल शालू दीदी ने लाड से मुझे पुछा.</p><p>एक बार मेरे कॉलेज के ग्रूप के साथ और दूसरी बार हमारी सोसयटी के लडको के साथ
तुम्हे तो मालूम है, राहुल. शालू दीदी ने दुखी स्वर में कहा,अपनी नाशिक-कल्याण बस खपोली से होकर ही जाती है और जब जब में बस से वहाँ से गुज़रती हूँ तब तब मेरे मन में इच्छा पैदा होती है की कब में यह मनमोहक जगह देख पाऊँगी. क्या कह रही हो, दीदी? मैंने आश्चर्या से उसे पुछा,तुमने अभी तक खपोली नही देखा है?
नही रे, राहुल.. मेरा इतना नसीब कहाँ कमाल है, दीदी! तुम अभी तक वहाँ गयी नही हो? नाशिक से तो खपोली बहुत ही नज़दीक है और जीजू तुझे एक बार भी वहाँ नही लेके गये? में नहीं मानता, दीदी तुम मानो या ना मानो! लेकिन में सच कह रही हूँ. तुम्हारे जीजू के पास टाइम भी है क्या मेरे लिए शालू दीदी ने नाराज़गी से कहा. ओहा! कम ऑन, दीदी! तुम उन्हे पुछो तो सही. हो सकता है वो काम से फूरसत निकालकर तुझे ले जाए खपोलीमैंने बहुत बार उन्हे पुछा है, राहुल ,शालू दीदी ने शिकायत भरे स्वर में कहा,
लेकिन हर समय वो दुकान की वजह बताकर नही कहते है. इस कहानी का शीर्षक भाई बहन की आपस में चुदाई है | तुम्हे बताऊ, राहुल? तुम्हारे जीजू ना. ऱोमान्टीक ही नही है. अब तुम्हे क्या बताऊ? शादी के बाद हम दोनो हनीमून के लिए भी कही नही गये थे. उन्हे रोमान्टीक जगहपर जाना पसंद नही है. उनका कहना है के ऐसी जगह पर जाना याने समय और पैसा दोनो बरबाद करना है</p><p>मुझे तो पहले से शक था के मेरे जीजू वयस्क थे इसलिए उन्हे रोमांस में इंटरेस्ट नही होगा. और उनसे एकदम विपरीत, शालू दीदी बहुत रोमाटीक थी. शालू दीदी के कहने पर मुझे बहुत दुख हुआ और तरस खा कर मैंने उससे कहा,
शालू दीदी ने टीवी की तरफ देखकर कहा.
हाँ! बहुत ही सुंदर है! में गया हूँ वहाँ एक दो बार मैंने जवाब दिया.सच? किसके साथ, राहुल शालू दीदी ने लाड से मुझे पुछा.</p><p>एक बार मेरे कॉलेज के ग्रूप के साथ और दूसरी बार हमारी सोसयटी के लडको के साथ
तुम्हे तो मालूम है, राहुल. शालू दीदी ने दुखी स्वर में कहा,अपनी नाशिक-कल्याण बस खपोली से होकर ही जाती है और जब जब में बस से वहाँ से गुज़रती हूँ तब तब मेरे मन में इच्छा पैदा होती है की कब में यह मनमोहक जगह देख पाऊँगी. क्या कह रही हो, दीदी? मैंने आश्चर्या से उसे पुछा,तुमने अभी तक खपोली नही देखा है?
नही रे, राहुल.. मेरा इतना नसीब कहाँ कमाल है, दीदी! तुम अभी तक वहाँ गयी नही हो? नाशिक से तो खपोली बहुत ही नज़दीक है और जीजू तुझे एक बार भी वहाँ नही लेके गये? में नहीं मानता, दीदी तुम मानो या ना मानो! लेकिन में सच कह रही हूँ. तुम्हारे जीजू के पास टाइम भी है क्या मेरे लिए शालू दीदी ने नाराज़गी से कहा. ओहा! कम ऑन, दीदी! तुम उन्हे पुछो तो सही. हो सकता है वो काम से फूरसत निकालकर तुझे ले जाए खपोलीमैंने बहुत बार उन्हे पुछा है, राहुल ,शालू दीदी ने शिकायत भरे स्वर में कहा,
लेकिन हर समय वो दुकान की वजह बताकर नही कहते है. इस कहानी का शीर्षक भाई बहन की आपस में चुदाई है | तुम्हे बताऊ, राहुल? तुम्हारे जीजू ना. ऱोमान्टीक ही नही है. अब तुम्हे क्या बताऊ? शादी के बाद हम दोनो हनीमून के लिए भी कही नही गये थे. उन्हे रोमान्टीक जगहपर जाना पसंद नही है. उनका कहना है के ऐसी जगह पर जाना याने समय और पैसा दोनो बरबाद करना है</p><p>मुझे तो पहले से शक था के मेरे जीजू वयस्क थे इसलिए उन्हे रोमांस में इंटरेस्ट नही होगा. और उनसे एकदम विपरीत, शालू दीदी बहुत रोमाटीक थी. शालू दीदी के कहने पर मुझे बहुत दुख हुआ और तरस खा कर मैंने उससे कहा,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.