19-08-2020, 10:44 PM
अजी सुनते है ….मधु की आवाज़ सुन मेरा ध्यान टूटा और मैं दौड़ कर पहुँचा , मधु गुस्सा करती बोली अब क्या सोच रहे हो जो खोये खोये हो , मधु प्यार से मेरे कंधो पर धस कर बोली चलिए नहीं करूंगी रंडियों सी बातें आपसे , उठा कर ले चलिए न गोद मे अपनी मधु को , मधु आपकी धर्मपत्नी है जी और सदा रहेगी ।
अचानक मधु के वेव्वाहर मे परिवर्तन देख मैं पागलपन महसूस करने लगा ,वैसे भी सुबह से जो कुछ भी हो रहा था वो मेरे लिए सामान्य नही था , मधु तोह ऐसे वैसे खुश थी कि कुछ भी हो उसकी प्यास बुझाने वाला मिल ही गया था बाकी मेरी तोह हालत अजीबो गरिब बन गयी थी ।
शालिनी भीभी और मोहल्ले की छिनालो की दावत , मधु का सस्ती लहजे मे बात करना , भाभी का मुझे नौकर बन रहने का फ़रमान और फिर मधु का प्यार से बोलना ।
मैं मधु को गोद मे उठाये आईने के सामने बिठा कर खड़ा हो गया और वो खुद के नोचे बदन को देखती बोली जी क्या लगता है मोहल्ले की सब रंडियो को मुझसे क्या काम होगा , कहीं वो लोग मुझे धंदे वाली तोह नहीं बना देगी और हँसने लगी ।
मधु क्या तुम मानसिक संतुलन खो बैठी हो ।
नहीं तोह जी खोई कहा कुछ बस पाई हूँ , देखिये न मेरे गोरे बदन पर निसान और ये फटी चुत , मधु ज़ोर से हँसते बोली कल तक बोल रहे थे किसी से चुदवा आना तेरी चुत चाट खाऊँगा मधु , अब क्या हुआ , क्यों डर रहे है ,क्या मज़ा नहीं आया देख के ।
मैं घुटनों पर बैठ मधु के झाघो पर सर रख के बोला मज़ा आया लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि शालिनी भाभी क्या चाहती है और लिस्ट मे जो लाने बोली है वो भी समझ के परे है ।
लिस्ट कहा है लिस्ट दिखाओ , ओह तोह सब रंडिया यहीं खेल करेंगी ।
क्या मतलब ।
मतलब ये मेरे पतिदेव यहां औरतों की वासना औरतें मिटाएगी , नंगी औरतें एक दूसरे से लिपट कर मर्दों की बातें करेंगी और आप इकलौते ऐसे पति होंगे जो कि ये देख सकेंगे क्योंकि आपने ख़ुद जो मुझे चुदवाया है ।
मधु क्या सोचेंगे सब मेरे बारे मे बताओ कैसे सह पाउँगा उनके ताने ।
मधु हँसती हुई बोली ताना कोई नहीं मरेगा मेरे पति को, बस आपकी ये छोटी सी लुल्ली देख कर ज़रूर कहेंगे अच्छा किया जो आपने अपनी अर्धांगनी को चर्मसुख दिला दिया , उनके पति भी तोह ढीले मर्द ही है तभी तोह वो सब रंडिया है ।
चलिए चिंता मत किजेए और ज़रा मेरी चुत चाटिए न बड़ी खुजली हो रहीं है ।
मधु निडर हो चुकी थी और यही अदा उसकी मुझे और डरा रही थी , खैर मैं भी घुटनों के बल उसके झाघो के बीच जा पहुँचा और वो टाँगे खोल मेरे बालों को खींच चुत पर लगा कर बोली आपकी वज़ह से मैं जानी की जिस्म की प्यास होती क्या है लेकिन आजीवन आपके नाम का मंगलसूत्र और सिंदूर पहन के ही चुदवाऊंगी और आप हमेशा इतना विश्वास रखना की मैं लाख गन्दी बातें करू ओर चुड़वाऊं पर अन्त मे आपके जीभ से चटवा कर की आपकी बीवी खुश होगी ।
मधु की बातें सुन मुझे उसके पतिव्रता होने पर गर्व होने लगा और जीभ डाल मैंने भी कुत्ते की तरह उसके चुत को सुख दिया जिसके फलस्वरूप मधु ने मेरे मुख को चुत के पानी से भिगो कर कृतार्थ करते बोली अब उठिए और बाज़ार जा कर सामान लेते आईये ।
मैं जीभ घुमा कर अपने होंठो को चाट मधु के होंठो पर चुम्बन दे कर बोला भाभी बोली हैं मधु को ऐसे त्यार होना है कि देख के लगे नई रंडी हो , मधु हँसते बोली समझ लिजेए आप ऐसे ही मुझे देखेंगे जैसे कि आपकी अर्धांगनी एक नई नवेली रंडी हो और आँख मारते बोली जी बाज़ार जा ही रहे है तोह 34डी की कुछ सतरंगी ब्रा भी लेते आईये मैचिंग पैंटी के साथ और मैं बोला फैंसी वाली ला दूँगा जान की कोई देखे तोह बोले महँगी रांड है ये तोह ।
मैं पैंट शर्ट पहन के बाजार निकल गया और सब समान ले कर लेडीज कार्नर वाली दुकान मैं दाखिल हुआ और एक गबरू जवान लड़के ने मुश्कुराते मेरा अभिवादन करते पूछा क्या दिखाऊ , मैं बेशर्म हो ही चुका था तोह बेफिक्र बोला 34डी की फैंसी ब्रा दिखाओ एकदम नई , वो हँसते बोला डिज़ाइन कैसी , मैं बोला कुछ ऐसा दिखाओ की देख कर मिजाज हरा हो जाए , वो मुश्कुराते बोला एक दम लटेस्ट दिखता हुँ जैसी फिल्मों मैं हीरोइन पहनतीं है ना वैसी । करिब आधा दर्ज़न कमुक अंग वस्त्र देखने के बाद मैंने छ ब्रा ले लिया और फिर वो बोला भाईसाहब पैंटी भी है एक से एक देखोगें, मैं बोला दिखाओ, वो बड़ी मनमोहक पैंटी दिखाते बोला मैचिंग वाली दे देता हूँ भाभी पे जचेगी । उसके मुँह से भाभी सुन कर लगा कि हो न हो कही एक रात मधु इससे ही न स्टाइलिश अंगवस्त्र उतवाने लग जाए ये सोच मेरा मूंगफली सनसनाहट महसूस करने लगा था ।
खैर चंचल मन कुछ भी सोचे होता तोह वही है जो होना होता है ।
सारी खरीदारी कर मैं घर की और चल पड़ा और मोहल्ले के चौक पर पान बनवाने लगा । किसी के हाथों का स्पर्श कांधे पर महसूस कर मुड़ा तोह देखा शर्मा जी मुश्कुराते बोले आप कब से पान खाने लगे , मैं हँसते बोला अरे शर्मा जी मैं कहा, वो मधु मंगाई है अपनी सहेलियों के लिए वो हँसते बोले लगता है भाभी जी को ये गुलकंद वाली पान पसंद आने लगी और मेरे खरीदारी पर इशारा करते पूछे क्या क्या ले लिया लगता है पूरी बाजार खरीद आये , अरे नहीं बस कुछ घर का रासन है ।
बातों बातों मे पान की पुड़िया मेरे हाथों मे समेट कर पान वाले ने देते हुए बोला बाबू जी लिजेए और मैं पैसे दे कर शर्मा जी से बोला चलिए , वो बोले नहीं थोड़ा घूम आता हूं शालिनी कही जा रहीं काम से तोह अकेले क्या करूँगा घर पे ।
ओह तोह शालिनी भाभी ने शर्मा जी को चूतिया बना दिया था और ये जनाब निकल भी पड़े घूमने , मैं उनसे विदा ले घर की और चल पड़ा और देखा शालिनी भाभी दरवाज़े से अंदर गयी ।
मैं भी उनके पीछे दाखिल हो दरवाज़ा बंद कर दिया और भाभी मेरे पास आ कर बोली ढीला पति हो तोह तेरी तरह हो , खुद मर्दो से अपनी बीवी चुदवा दे । भाभी की बाते सुन मेरा हलक सुख गया और वो बोली देवर जी क्या हर टाइम सोचते रहते हो ।
मेरे हाथों से सामान ले कर किचन मे रख कर बोली चलो देखूं तोह मधु त्यार हुई कि नहीं ।
मधु नंगी बैठ अपने कुदरती गोरे गालो को बाज़ार के मेक अप से चमका रही थी कि भाभी बोली क्यों रि मधु अब किसका लेगी जो सज धझ रही है और मधु के पीठ को सहलाते गले मे हाथों को डाल उसके चुचियों को पकड़ कर बोली मस्त निचोड़ा कुत्ते ने तुझे तोह , मधु शर्मा कर झेप गई और भाभी निप्पलों को सहलाते बोली शर्माती क्या है वसंत से भी तगड़े मर्द है बोल तोह आज रात एक को बुला दु तेरी ये प्यासी चुत के लिए । मधु बिल्कुल शर्मा के बोली क्या दीदी , शालिनी भाभी बोली सच्ची रे मधु मैं सबसे चुदाई हुँ ,इतना मज़ा आता क्या बताऊँ एक बार तू भी पार्टनर बदल बदल कर चुदवा तोह फिर देखना कैसे नशा करेगी तू मर्दो का , वैसे भी तेरा मरद तोह मस्त है सामने चुदवा बिना किसी डर से , मधु शर्म से लाल हो चुकी थी और आँखे हवस की और बढ़ चली थी तभी भाभी ने चुचियों को मसल कर बोला क्या वसंत ने बोला तुझे दर्द मे उसे मज़ा आता है , मधु हाँ मे सर हिला कर आईने से शालिनी भाभी की आँखों मे देखी ओर भाभी बोली मर्द जात जो होते है ना ये जिस्म को नोच कर ही संतुष्ट होते है वैसे भी लड़ के लिए थोड़ी तकलीफ सहनी पड़ती है और मधु शर्मा कर पलके झुका ली तोह शालिनि भाभी बोली अरि पगली कितना शर्माती है ,चल बता न कैसा लगा लड़ वसंत का जब उसने डाला तेरी सख्त सुखी चुत में , आपको कैसे पता सुखी चुत मे मधु इतना बोल झेप गई ओर भाभी बोली अरे पगली तुझे क्या लगता है मेरी चुत पोछे बिना उसने डाला था क्या और दोनों हँसने लगे और भाभी बोली सच कहूँ रात शर्मा जी जब बोले कि वसंत देवर है मधु का , सुन के समझ गई कि मेरी भोली भाली मधु रंडी बन गई अब तोह और सुबह सुबह वसंत को जाते देख गीली हो गई मे जान कर की मेरी छोटी बहन एकलौती ऐसी बीवी हैं जिसके खसम के सामने नथ उतरी ।
मधु होंठो को दबा हँसती हुई बोली क्या बताऊँ दीदी इनका ही मन था देखने का और इनके कहने पर ही बुलायी , ओह तोह मेरा देवर इतना प्यार करता है तुझे की खुद के हाथों से तेरी प्यास बूझवा दि, शालिनी भाभी मेरी और मुड़ कर बोली देवर जी मस्त पति हो तुम अगर कभी शर्मा जी को समझा पाए तोह समझा देना की शालिनी कितना छुप छुप चुदवाते फिरेगी अच्छा तोह होगा कि सामने चुदवा दे ।
भाभी इतनी बड़ी रांड होगी ये सोच मेरा दिमाग खराब होने लगा पर ये अलग बात है कि मेरी मूंगफली तन गई थी और फिर शालिनि भाभी ने अपनी साड़ी खिंच कर उतार फेंकी और ब्लाउज पेटीकोट पहने बिस्तर पर बैठ बोली मधु तेरे मरद से चटवा लेती हूँ और हँसते टांग उठा पेटीकोट ऊपर कर के अपनी झांटो वाली चुत पर उंगली फेरती बोली देवर जी आओ चख कर बताओ कैसी है तेरी भाभी की चुत और मधु मुझे देखते बोली चलिए जाईये चाटिए न ।
मैं भाभी के टैंगो के बीच मुँह लगा कर झांटो को सूंघने लगा और भाभी बोली हरकतें मर्दों वाली है पर मर्द नहीं हो तुम , झांटो को बढ़ा कर रखी हुँ एक जवान लड़के के लिए , जानते हो मेरी बूढ़ी चुत उसे झांटो से भरी चाहिए तभी वो अपना जवान लड़ डालेगा , मधु बोली कौन है दीदी वो , शालिनी भाभी बोली तेरे घर ही चुदवाउँगी देख लेना वैसे भी मोहल्ले मे अब तेरा ये बिस्तर ही हम सब रंडियो को शान्त करेगा और मेरे बालों को खीच कर चुत पे लगाती बोली मधु खायेंगी न रोज नए लौड़े ।
मधु शर्मा कर बोली दीदी खिलाओगी तोह खाऊँगी न और मैंने कुत्ते की तरह चुत चाटना शूरु कर दिया और भाभी चित्कारिया भर्ती बोली वाह देवर जी तोह ऐसे ही चाट कर तुमने मेरी मधु को इतने सालों तक सम्हाला और मेरे सर को चुत पर दबाती चीखते बोली जीभ घुमाओ अंदर देवर जी हफ्ते भर से तड़प रहीं थी , आज तुझे पिलाऊंगी पानी , मधु बोली नाक नहीं कटवा दीजेएगा भाभी को झाड़ दीजेए आपको मधु की कसम है , शालिनी भाभी सिसकी लेते बोली वाह रे रांड अब तू खुल के बोली , मज़ा आ रहा है तेरे इस नामर्द से चटवाने मे जी चाहता है मुत दु इसके मुँह मे, मधु बोली जो करना है करो भाभी ये सब पसंद करते है और भाभी बोली अहह मधु तेरे पति का जीभ भी न मुत निकलने नहीं देगा ऐसे लप लप कर रहा है कि लड़ की याद आ गई और कुछ ही देर मे शालिनी भाभी झड़ते हुए मेरी मुँह भीगा कर हाँफने लगी और मैं चाट कर मधु को चूमने लगा और फिर भाभी के ऊपर चढ़ कर उनके लबो को चुसते चूची सहला कर बोला बहुत रसीली चुत है भाभी ।
अचानक मधु के वेव्वाहर मे परिवर्तन देख मैं पागलपन महसूस करने लगा ,वैसे भी सुबह से जो कुछ भी हो रहा था वो मेरे लिए सामान्य नही था , मधु तोह ऐसे वैसे खुश थी कि कुछ भी हो उसकी प्यास बुझाने वाला मिल ही गया था बाकी मेरी तोह हालत अजीबो गरिब बन गयी थी ।
शालिनी भीभी और मोहल्ले की छिनालो की दावत , मधु का सस्ती लहजे मे बात करना , भाभी का मुझे नौकर बन रहने का फ़रमान और फिर मधु का प्यार से बोलना ।
मैं मधु को गोद मे उठाये आईने के सामने बिठा कर खड़ा हो गया और वो खुद के नोचे बदन को देखती बोली जी क्या लगता है मोहल्ले की सब रंडियो को मुझसे क्या काम होगा , कहीं वो लोग मुझे धंदे वाली तोह नहीं बना देगी और हँसने लगी ।
मधु क्या तुम मानसिक संतुलन खो बैठी हो ।
नहीं तोह जी खोई कहा कुछ बस पाई हूँ , देखिये न मेरे गोरे बदन पर निसान और ये फटी चुत , मधु ज़ोर से हँसते बोली कल तक बोल रहे थे किसी से चुदवा आना तेरी चुत चाट खाऊँगा मधु , अब क्या हुआ , क्यों डर रहे है ,क्या मज़ा नहीं आया देख के ।
मैं घुटनों पर बैठ मधु के झाघो पर सर रख के बोला मज़ा आया लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि शालिनी भाभी क्या चाहती है और लिस्ट मे जो लाने बोली है वो भी समझ के परे है ।
लिस्ट कहा है लिस्ट दिखाओ , ओह तोह सब रंडिया यहीं खेल करेंगी ।
क्या मतलब ।
मतलब ये मेरे पतिदेव यहां औरतों की वासना औरतें मिटाएगी , नंगी औरतें एक दूसरे से लिपट कर मर्दों की बातें करेंगी और आप इकलौते ऐसे पति होंगे जो कि ये देख सकेंगे क्योंकि आपने ख़ुद जो मुझे चुदवाया है ।
मधु क्या सोचेंगे सब मेरे बारे मे बताओ कैसे सह पाउँगा उनके ताने ।
मधु हँसती हुई बोली ताना कोई नहीं मरेगा मेरे पति को, बस आपकी ये छोटी सी लुल्ली देख कर ज़रूर कहेंगे अच्छा किया जो आपने अपनी अर्धांगनी को चर्मसुख दिला दिया , उनके पति भी तोह ढीले मर्द ही है तभी तोह वो सब रंडिया है ।
चलिए चिंता मत किजेए और ज़रा मेरी चुत चाटिए न बड़ी खुजली हो रहीं है ।
मधु निडर हो चुकी थी और यही अदा उसकी मुझे और डरा रही थी , खैर मैं भी घुटनों के बल उसके झाघो के बीच जा पहुँचा और वो टाँगे खोल मेरे बालों को खींच चुत पर लगा कर बोली आपकी वज़ह से मैं जानी की जिस्म की प्यास होती क्या है लेकिन आजीवन आपके नाम का मंगलसूत्र और सिंदूर पहन के ही चुदवाऊंगी और आप हमेशा इतना विश्वास रखना की मैं लाख गन्दी बातें करू ओर चुड़वाऊं पर अन्त मे आपके जीभ से चटवा कर की आपकी बीवी खुश होगी ।
मधु की बातें सुन मुझे उसके पतिव्रता होने पर गर्व होने लगा और जीभ डाल मैंने भी कुत्ते की तरह उसके चुत को सुख दिया जिसके फलस्वरूप मधु ने मेरे मुख को चुत के पानी से भिगो कर कृतार्थ करते बोली अब उठिए और बाज़ार जा कर सामान लेते आईये ।
मैं जीभ घुमा कर अपने होंठो को चाट मधु के होंठो पर चुम्बन दे कर बोला भाभी बोली हैं मधु को ऐसे त्यार होना है कि देख के लगे नई रंडी हो , मधु हँसते बोली समझ लिजेए आप ऐसे ही मुझे देखेंगे जैसे कि आपकी अर्धांगनी एक नई नवेली रंडी हो और आँख मारते बोली जी बाज़ार जा ही रहे है तोह 34डी की कुछ सतरंगी ब्रा भी लेते आईये मैचिंग पैंटी के साथ और मैं बोला फैंसी वाली ला दूँगा जान की कोई देखे तोह बोले महँगी रांड है ये तोह ।
मैं पैंट शर्ट पहन के बाजार निकल गया और सब समान ले कर लेडीज कार्नर वाली दुकान मैं दाखिल हुआ और एक गबरू जवान लड़के ने मुश्कुराते मेरा अभिवादन करते पूछा क्या दिखाऊ , मैं बेशर्म हो ही चुका था तोह बेफिक्र बोला 34डी की फैंसी ब्रा दिखाओ एकदम नई , वो हँसते बोला डिज़ाइन कैसी , मैं बोला कुछ ऐसा दिखाओ की देख कर मिजाज हरा हो जाए , वो मुश्कुराते बोला एक दम लटेस्ट दिखता हुँ जैसी फिल्मों मैं हीरोइन पहनतीं है ना वैसी । करिब आधा दर्ज़न कमुक अंग वस्त्र देखने के बाद मैंने छ ब्रा ले लिया और फिर वो बोला भाईसाहब पैंटी भी है एक से एक देखोगें, मैं बोला दिखाओ, वो बड़ी मनमोहक पैंटी दिखाते बोला मैचिंग वाली दे देता हूँ भाभी पे जचेगी । उसके मुँह से भाभी सुन कर लगा कि हो न हो कही एक रात मधु इससे ही न स्टाइलिश अंगवस्त्र उतवाने लग जाए ये सोच मेरा मूंगफली सनसनाहट महसूस करने लगा था ।
खैर चंचल मन कुछ भी सोचे होता तोह वही है जो होना होता है ।
सारी खरीदारी कर मैं घर की और चल पड़ा और मोहल्ले के चौक पर पान बनवाने लगा । किसी के हाथों का स्पर्श कांधे पर महसूस कर मुड़ा तोह देखा शर्मा जी मुश्कुराते बोले आप कब से पान खाने लगे , मैं हँसते बोला अरे शर्मा जी मैं कहा, वो मधु मंगाई है अपनी सहेलियों के लिए वो हँसते बोले लगता है भाभी जी को ये गुलकंद वाली पान पसंद आने लगी और मेरे खरीदारी पर इशारा करते पूछे क्या क्या ले लिया लगता है पूरी बाजार खरीद आये , अरे नहीं बस कुछ घर का रासन है ।
बातों बातों मे पान की पुड़िया मेरे हाथों मे समेट कर पान वाले ने देते हुए बोला बाबू जी लिजेए और मैं पैसे दे कर शर्मा जी से बोला चलिए , वो बोले नहीं थोड़ा घूम आता हूं शालिनी कही जा रहीं काम से तोह अकेले क्या करूँगा घर पे ।
ओह तोह शालिनी भाभी ने शर्मा जी को चूतिया बना दिया था और ये जनाब निकल भी पड़े घूमने , मैं उनसे विदा ले घर की और चल पड़ा और देखा शालिनी भाभी दरवाज़े से अंदर गयी ।
मैं भी उनके पीछे दाखिल हो दरवाज़ा बंद कर दिया और भाभी मेरे पास आ कर बोली ढीला पति हो तोह तेरी तरह हो , खुद मर्दो से अपनी बीवी चुदवा दे । भाभी की बाते सुन मेरा हलक सुख गया और वो बोली देवर जी क्या हर टाइम सोचते रहते हो ।
मेरे हाथों से सामान ले कर किचन मे रख कर बोली चलो देखूं तोह मधु त्यार हुई कि नहीं ।
मधु नंगी बैठ अपने कुदरती गोरे गालो को बाज़ार के मेक अप से चमका रही थी कि भाभी बोली क्यों रि मधु अब किसका लेगी जो सज धझ रही है और मधु के पीठ को सहलाते गले मे हाथों को डाल उसके चुचियों को पकड़ कर बोली मस्त निचोड़ा कुत्ते ने तुझे तोह , मधु शर्मा कर झेप गई और भाभी निप्पलों को सहलाते बोली शर्माती क्या है वसंत से भी तगड़े मर्द है बोल तोह आज रात एक को बुला दु तेरी ये प्यासी चुत के लिए । मधु बिल्कुल शर्मा के बोली क्या दीदी , शालिनी भाभी बोली सच्ची रे मधु मैं सबसे चुदाई हुँ ,इतना मज़ा आता क्या बताऊँ एक बार तू भी पार्टनर बदल बदल कर चुदवा तोह फिर देखना कैसे नशा करेगी तू मर्दो का , वैसे भी तेरा मरद तोह मस्त है सामने चुदवा बिना किसी डर से , मधु शर्म से लाल हो चुकी थी और आँखे हवस की और बढ़ चली थी तभी भाभी ने चुचियों को मसल कर बोला क्या वसंत ने बोला तुझे दर्द मे उसे मज़ा आता है , मधु हाँ मे सर हिला कर आईने से शालिनी भाभी की आँखों मे देखी ओर भाभी बोली मर्द जात जो होते है ना ये जिस्म को नोच कर ही संतुष्ट होते है वैसे भी लड़ के लिए थोड़ी तकलीफ सहनी पड़ती है और मधु शर्मा कर पलके झुका ली तोह शालिनि भाभी बोली अरि पगली कितना शर्माती है ,चल बता न कैसा लगा लड़ वसंत का जब उसने डाला तेरी सख्त सुखी चुत में , आपको कैसे पता सुखी चुत मे मधु इतना बोल झेप गई ओर भाभी बोली अरे पगली तुझे क्या लगता है मेरी चुत पोछे बिना उसने डाला था क्या और दोनों हँसने लगे और भाभी बोली सच कहूँ रात शर्मा जी जब बोले कि वसंत देवर है मधु का , सुन के समझ गई कि मेरी भोली भाली मधु रंडी बन गई अब तोह और सुबह सुबह वसंत को जाते देख गीली हो गई मे जान कर की मेरी छोटी बहन एकलौती ऐसी बीवी हैं जिसके खसम के सामने नथ उतरी ।
मधु होंठो को दबा हँसती हुई बोली क्या बताऊँ दीदी इनका ही मन था देखने का और इनके कहने पर ही बुलायी , ओह तोह मेरा देवर इतना प्यार करता है तुझे की खुद के हाथों से तेरी प्यास बूझवा दि, शालिनी भाभी मेरी और मुड़ कर बोली देवर जी मस्त पति हो तुम अगर कभी शर्मा जी को समझा पाए तोह समझा देना की शालिनी कितना छुप छुप चुदवाते फिरेगी अच्छा तोह होगा कि सामने चुदवा दे ।
भाभी इतनी बड़ी रांड होगी ये सोच मेरा दिमाग खराब होने लगा पर ये अलग बात है कि मेरी मूंगफली तन गई थी और फिर शालिनि भाभी ने अपनी साड़ी खिंच कर उतार फेंकी और ब्लाउज पेटीकोट पहने बिस्तर पर बैठ बोली मधु तेरे मरद से चटवा लेती हूँ और हँसते टांग उठा पेटीकोट ऊपर कर के अपनी झांटो वाली चुत पर उंगली फेरती बोली देवर जी आओ चख कर बताओ कैसी है तेरी भाभी की चुत और मधु मुझे देखते बोली चलिए जाईये चाटिए न ।
मैं भाभी के टैंगो के बीच मुँह लगा कर झांटो को सूंघने लगा और भाभी बोली हरकतें मर्दों वाली है पर मर्द नहीं हो तुम , झांटो को बढ़ा कर रखी हुँ एक जवान लड़के के लिए , जानते हो मेरी बूढ़ी चुत उसे झांटो से भरी चाहिए तभी वो अपना जवान लड़ डालेगा , मधु बोली कौन है दीदी वो , शालिनी भाभी बोली तेरे घर ही चुदवाउँगी देख लेना वैसे भी मोहल्ले मे अब तेरा ये बिस्तर ही हम सब रंडियो को शान्त करेगा और मेरे बालों को खीच कर चुत पे लगाती बोली मधु खायेंगी न रोज नए लौड़े ।
मधु शर्मा कर बोली दीदी खिलाओगी तोह खाऊँगी न और मैंने कुत्ते की तरह चुत चाटना शूरु कर दिया और भाभी चित्कारिया भर्ती बोली वाह देवर जी तोह ऐसे ही चाट कर तुमने मेरी मधु को इतने सालों तक सम्हाला और मेरे सर को चुत पर दबाती चीखते बोली जीभ घुमाओ अंदर देवर जी हफ्ते भर से तड़प रहीं थी , आज तुझे पिलाऊंगी पानी , मधु बोली नाक नहीं कटवा दीजेएगा भाभी को झाड़ दीजेए आपको मधु की कसम है , शालिनी भाभी सिसकी लेते बोली वाह रे रांड अब तू खुल के बोली , मज़ा आ रहा है तेरे इस नामर्द से चटवाने मे जी चाहता है मुत दु इसके मुँह मे, मधु बोली जो करना है करो भाभी ये सब पसंद करते है और भाभी बोली अहह मधु तेरे पति का जीभ भी न मुत निकलने नहीं देगा ऐसे लप लप कर रहा है कि लड़ की याद आ गई और कुछ ही देर मे शालिनी भाभी झड़ते हुए मेरी मुँह भीगा कर हाँफने लगी और मैं चाट कर मधु को चूमने लगा और फिर भाभी के ऊपर चढ़ कर उनके लबो को चुसते चूची सहला कर बोला बहुत रसीली चुत है भाभी ।