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Incest भाई बहन की आपस में चुदाई
#5
लड़का नाशिक में रहता था. उसके माता, पिता नही थे. उसकी एक बड़ी बहन थी जिसकी शादी हुई थी और उसका ससुराल नाशिक में ही था. अलग प्लोत पर लडके का खुद का मकान था. उसका खुद का राशन का दुकान था जिसे वो मेहनत कर के चला रहा था. शालू दीदी ने बीना किसी ऐतराज से यह रिश्ता मंजूर कर लिया. लेकिन मुझे इस लडके का रिश्ता पसंद नही था. शालू दीदी के लिए ये लडका ठीक नही है ऐसा मुझे लगता था और उसकी दो वजह थी. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | एक वजह ये थी की लड़के की उम्र 34 साल का था यानी शालू दीदी से काफ़ी बड़ा था. शादी नही हुई इसलिए उसे लड़का कहना चाहिए नही तो वो अच्छा ख़ासा अधेड उम्र जैसा आदमी था.

इसलिए वो मेरी जवान बहन को कितना सुखी रख सकता है इस बारे में मुझे आशंका थी. और उनकी उम्र के ज़्यादा फरक की वजह से उनके ख़यालात मिलेंगे के नही इस बारे में भी मुझे आशंका थी. सिर्फ़ उसका खुद का मकान और दुकान है इसलिए शायद शालू दीदी ने उसके लिए हां कर दी थी. दूसरी वजह ये थी के उसके साथ शादी हो गयी तो मेरी बहन मुझसे दूर जाने वाली थी. उसने अगर कल्याण का लडक पसंद किया होता तो शादी के बाद वो कल्याण में ही रहती और मुझे उससे हमेशा मिलना आसान होता. लेकिन मेरी बहन की शादी के बारे में में कुछ कर नही सकता था, ना तो मेरे हाथ में कुछ भी था.इस कहानी का शीर्षक भाई बहन की आपस में चुदाई है |  देखते ही देखते उसकी शादी उस लडके से हो गयी और वो अपने ससुराल, नाशिक में चली गयी. उसकी शादी से में खुश नही था लेकिन मुझे मालूम था के एक ना एक दिन ये होने ही वाला था. उसकी शादी होकर वो अपने ससुराल जाने ही वाली थी, चाहे उसका ससुराल नाशिक में हो या कल्याण में. यानी मेरी बहन मुझसे बिछडने वाली तो थी ही और मुझे उसके बिना जीना तो था ही.


शालू दीदी के जाने के बाद में उसके जवान बदन को याद कर के और उसकी कुछ पुरानी ब्रा और पैंटी हमारे अलमारी में पडी थी, उसका इस्तेमाल कर के में मूठ मारता था और मेरी काम वासना शांत करता था. दीदी हमेशा त्योहार के लिए या किसी ख़ास दिन की वजह से मायके यानी हमारे घर आती थी और चार आठ दिन रहती थी. जब वो आती थी तब में ज़्यादा तर उसके आजू बाजू में रहता था. में उसके साथ रहता था, उसके साथ बातें करता रहता था. गये दिनो में क्या क्या, कैसे कैसे हुआ ये में उसे बताता रहता और उसके साथ हँसी मज़ाक करता था. इस तरह से में उसके साथ रहके उसको काम वासना से निहाराता रहता था और उसके गदराए बदन का स्पर्श सुख लेता रहता था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाई बहन की आपस में चुदाई - by neerathemall - 07-03-2019, 10:16 AM



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