07-03-2019, 08:29 AM
(This post was last modified: 07-03-2019, 09:42 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब गर्मियों में एक बार जब मेरे घर में कोई भी नहीं था, बस मेरे और साजिद के तो मैंने अपने भाई से बोला कि साजिद में अब नहाने जा रही हूँ, तुम इसलिए अभी बाहर नहीं जाना और मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े भी बाहर छोड़ दिए. थोड़ी देर के बाद जब में नहाकर फ्री हुई तो मेरे प्लान के हिसाब से मैंने अब साजिद को बाथरूम के अंदर से आवाज़ देकर उससे कहा कि साजिद ज़रा तुम मेरे कपड़े तो लाकर देना, वो में गलती से लाना भूल गई हूँ प्लीज और जब वो मेरे कपड़े लेकर आया तो मैंने अपने कपड़े लेने के बहाने से अपने हाथ को थोड़ा सा ज्यादा आगे बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वो मेरे बूब्स को बहुत आराम से जी भरकर देख ले और ठीक वैसा ही हुआ.
अब जब वो मुझे मेरे कपड़े देने लगा तो उसकी प्यासी नज़र मेरे एक नंगे गोरे बूब्स पर चली गई और वो उसको लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखता ही रहा. उस दिन मुझे उस खेल में बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद जब में वापस बाहर आई तो वो तुरंत वॉशरूम में जा घुसा और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो क्या करने जा रहा था.
अब जब वो मुझे मेरे कपड़े देने लगा तो उसकी प्यासी नज़र मेरे एक नंगे गोरे बूब्स पर चली गई और वो उसको लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखता ही रहा. उस दिन मुझे उस खेल में बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद जब में वापस बाहर आई तो वो तुरंत वॉशरूम में जा घुसा और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो क्या करने जा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.