17-08-2020, 11:23 AM
(14-08-2019, 03:17 PM)neerathemall Wrote: मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा। ..........................................
मुझे उनको छूने में आनन्द आ रहा था.. वो गर्म हो रही थी।
मैंने अचानक उसके एक चूचे को दबा दिया- आअहह भैया!
उसके मुँह से सिसकारी निकल गई.. मैंने तुरन्त ही उसको चूमना चालू कर दिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
