06-03-2019, 08:04 PM
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रोहित तो बहुत पहले से ही मेखला की तरफ आकर्षित था लेकिन रिश्तो की मर्यादा ने उसको बांध रखा था | रोहित ने पहले भी मेखला को अपने दिल की बात बताने की सोची, लेकिन किसी न किसी वजह से खुद को पीछे खीच लिया | उसे लगा ये सही समय है मेखला से अपने दिल की बात कहने का | पहले भी मेखला की लेकर उसके मन में काफी भावनावो के ज्वार उठे, कई बार वो रातो को सो भी नहीं पाया, लेकिन सच ये भी है कभी सीधे सीधे मेखला को अप्रोच ही नहीं किया | उसने कभी भी मेखला को चोदने के लिए ईमानदारी से कोशिश भी नहीं करी | खुद पर ही पछता रहा था, इतने साल से मेखला अकेली थी , तब उसने कभी ऐसा सोचा ही नहीं |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.