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Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#15
 "निक्की, ये क्या बकवास कर रही हो तुम ? अरे, हर्षित के कैरेक्टर पर तो उसके दुश्मन भी कोश्चन मार्क नहीं लगाते, फिर तुम तो उसकी बचपन की दोस्त और उसकी प्रजेंट लवर हो। उसने तुम्हारा दिल न टूटे, इसलिए इनडायरेक्टली मुझसे दुबारा रिश्ता जोड़ने से मना कर दिया और तुम ही उस पर इतना गंदा एलिगेशन लगा रही हो। आई कान्ट बिलिव इट।"

         "मानसी, मैं उसके चेहरे से मासूमियत का नकाब हटा दूँगी न तो तुम्हारे पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाएगी, पर मैं नहीं चाहती हूँ कि उसके इस चेहरे के बारे में ज्यादा लोग जाने, क्योंकि उसकी बदनामी के छीटे हम दोनों के दामन पर भी पड़ेंगे। लोग सोचेंगे कि हम दोनों कितनी स्टूपिड लड़कियाँ हैं जो एक ऐसे लड़के को एक-दूसरे से छीनने की कोशिश में लगी हुई थीं जो किसी भी शरीफ लड़की के काबिल नहीं हैं, इसलिए यदि तुम ये राज जानना चाहता हूँ तो अपने ग्रुप के सारे लोगों को यहाँ से दूर भेज दो। इसके बाद मैं तुम्हें सबकुछ साफ-साफ बता दूँगी, क्योंकि मैं भी चाहती हूँ कि तुम इस घिनौने राज को जान लो, ताकि तुम्हारे दिल में हर्षित को खोने का अफसोस न रहे और तुम उसे भूलकर नार्मल लाइफ जी सको।"

         "तुम सब लोग कैंटिन में जाकर कुछ खा-पी लो, बिल मैं आकर दे दूँगी।" मानसी की बात सुनकर उसके सभी साथी उस जगह से काॅलेज के कैंटिन की ओर चले गए, जहाँ निक्की और मानसी आमने-सामने खड़ी थीं।

        "हाँ निक्की, अब बोलो कि तुम क्या बताना चाह रही थीं ?" कुछ पलों की खामोशी के मानसी ने दुबारा बातचीत का सिलसिला शुरू किया।

       "एक्चुअली बात ये हैं कि परसो हर्षित ने अपनी जिस बुआ के ट्रीटमेंट का बहाना बनाकर तुम्हें काॅलेज आने से इनकार कर दिया था, उन्हीं के साथ हर्षित के इल्लिगल रिलेशन हैं।"

        "व्हाट ?"

        "कल जब मुझे पहली बार ये बात चली थीं, तब मैं भी ऐसे हीं चौंकी थीं।"

         "अरे, लेकिन ये बात सच कैसे हो सकती हैं यार ? हर्षित का मेरे साथ डेढ़ साल तक अफेयर रहा और इस बीच उसने कभी भी अपनी लिमिटेशन क्राॅस नहीं की, जबकि मैंने उसे कई बार इनडायरेक्टली इनवाइट भी किया और मौके भी दिए। जो लड़का अपनी हम उम्र लवर के साथ अपनी लिमिटेशन क्राॅस नहीं कर सकता, वो अपनी खुद की बुआ के साथ इल्लिगल रिलेशन कैसे बना सकता हैं ? आई कान्ट बिलिव इट। मुझे पता नहीं हैं कि तुम्हें ये नाॅनसेंस इन्फार्मेशन कहाँ से मिलीं, बट फिर भी मैं पूरे काॅन्फिडेंस के साथ कह सकती हूँ कि ये फिजूल की बकवास के अलावा कुछ नहीं हैं।"

         "मानसी, तुम मेरी पूरी बात सुन लो, फिर किसी डिसिजन पर पहुँचना।"

          "ओके, मैं तुम्हारी पूरी बात सुनूँगी, ताकि तुम्हें बता सकूँ कि तुम कहाँ गलत हो ? अब तुम नाॅनस्टाॅप अपनी बात पूरी कर सकती हो।"

           "मानसी, एक्चुअली बात ये हैं कि हर्षित की जिस बुआ की मैं बात कर रही हूँ वो उसकी सगी बुआ नहीं हैं और न हीं हर्षित का  ......।"

           "उनसे कोई ब्लड रिलेशन हैं। हर्षित उन्हें सिर्फ इस वजह से उन्हें अपनी सगी बुआ की तरह मानता हैं क्योंकि उन्होंने हर्षित के बचपन के दिनों में उसकी और उसकी फेमिली की बहुत हेल्प की थीं। वे हर्षित की स्कूल टीचर भी थीं और उसका बहुत ध्यान रखती हैं, इसलिए स्कूल छोड़ देने के बाद भी हर्षित के उनकी बुआ के साथ रिलेशन बने हुए हैं। वे हर्षित की टीचर और बुआ होने के साथ-साथ उसकी अच्छी फ्रेंड भी हैं और इसकी वजह ये हैं कि वे हर्षित से एज में चौदह-पंद्रह साल बड़ी होने के बावजूद उसकी फिलिंग को उसके सेम एज के दोस्तों से बेहतर समझती हैं। ये सब मुझे हर्षित कई बार बता चुका हैं, इसलिए इन बातों को छोड़ों और मेन पाईंट पर आओ।"

        "ओके, आई एम कमिंग टू द मेन पाईंट। एक्चुअली, कल तक मैं भी ऐसा ही कुछ समझती थीं, जैसा तुम समझ रही हो, पर मुझे कल हर्षित के बड़े पापा की बेटी ने इन दोनों के रिश्ते की असलियत के बारे में बताया तो तुम समझ भी नहीं सकती कि मुझ पर क्या बीती। हुआ ये कि मुझे कल शाम को हर्षित के मुझसे झूठ बोलकर अपनी बुआ के ट्रीटमेंट के उन्हें न्यू मार्केट में ले जाकर आइस्क्रीम खिलाने की बात पता चली तो मैं हर्षित के घर उससे मुझसे झूठ बोलने का रिजन पूछने गई थीं, पर उसने अपनी कजिन के घर में होने की बात कहकर मुझे इसका रिजन अगले दिन बताने के लिए कन्वेंस कर लिया। इसके बाद उसकी कजिन ने मौका देखकर मुझसे पाँच मिनट के लिए अकेले में मिलने के लिए कहा और मैं उससे उसकी बताई जगह पर मिली तो उसने मुझे ये सब बताया।

          मानसी, तुम्हारे चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा हैं कि तुम्हें अब भी मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ, बट कोई बात नहीं। मैं तुम्हें अब जो बताऊँगी, उसके बाद तुम्हें मेरी बात पर यकीन करना हीं पड़ेगा। तुम जिन बेसेस पर इस बात पर यकीन नहीं कर रही हो, इस बात की एवीडेंस भी उन्हीं बेसेस में छुपी हुई हैं। हर्षित ने जैसे तुम्हारे इन्विटेशन्स के बावजूद कभी अपनी लिमिटेशन्स क्राॅस नहीं की, उसी तरह तुमसे ब्रेक-अप होने और मुझसे रिलेशन जुड़ने के बाद मुझे भी एक हद से ज्यादा करीब नहीं आने दिया, लेकिन इसका रिजन ये नहीं हैं कि वो निहायत हीं शरीफ और संस्कारी लड़का हैं, बल्कि इसका रिजन ये हैं कि उसके पास एक ऐसी पर्मानेन्ट लवर हैं जो हम दोनों से उम्र में चौदह-पंद्रह साल बड़ी होने के बावजूद अपनी बेहतरीन फिटनेस की वजह से हमारी हमउम्र लगती हैं। इसके अलावा वो हम दोनों से ज्यादा खूबसूरत भी हैं और हर्षित को हम दोनों से बेहतर समझती हैं। इस वजह से हर्षित को हममें से किसी की या किसी और हमउम्र फिमेल पार्टनर की जरूरत हीं नहीं हैं। तभी वो कभी किसी हमउम्र लड़की में जरा-सा इन्ट्रेस्ट नहीं लेता। मैंने आज सुबह जल्दी काॅलेज आकर अपनी कुछ जान-पहचान की लड़कियों से पूछताछ की तो मुझे पता चला कि तुमसे पहले इस काॅलेज की काफी लड़कियाँ उसे प्रपोज कर चुकी हैं, जिनमें से कुछ का फेस और फिगर तुमसे भी अच्छा था। क्या मुझे मिली ये इन्फार्मेशन गलत हैं ?"

          "नहीं, तुम्हें मिली इन्फार्मेशन एक्युरेट हैं।"

          "और ये इन्फार्मेशन सही हैं या गलत कि उससे अपना प्रपोजल एक्सेप्ट कराने के लिए तुम्हें भी काफी पापड़ बेलने पड़े और उसके तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट करने के बाद दूसरों को अपने इशारो पर नचाने वाली तुम उसके इशारो पर नाचती रही ?"

         "ये भी सच हैं। इनके अलावा एक सच्चाई ये भी हैं कि हम दोनों के बीच डिसपुट्स पैदा होने पर हमेशा मैंने ही कम्प्रोमाइज किया और हम दोनों के रिश्ते को बचाने के लिए अपनी काफी सारी हैबिट्स भी चेंज की, बट उसने न कभी कोई कम्प्रोमाइज किया और न कभी अपनी कोई हैबिट चेंज नहीं की।"

         "क्या इन बातों पर गौर करके अब तुम्हें ऐसा नहीं लग रहा हैं कि उसने तुमसे परेशान होकर मजबूरी में तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट किया था और वो मजबूरी में इस रिश्ते को ढो रहा था ?"

         "मुझे पहले तो ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ, पर अब लग रहा हैं कि ऐसा हीं कुछ था, क्योंकि उसे जैसे हीं मौका मिला, उसने मेरा साथ छोड़ने में पलभर की देर नहीं की, पर उसके एक छोटी-सी बात को लेकर मुझसे डिस्टेंस बनाने की वजह तुम लग रही थी, इसलिए ......।"

         "मानसी, ये वजह भी गलत हैं क्योंकि उसने तुमसे जब डिस्टेंस बनाया, तब हम लोग सिर्फ फ्रेंड थे। मैंने तो उसे पंद्रह दिन पहले मेरे बर्थडे पर प्रपोज किया था और उसने तुमसे डेढ़ माह पहले हीं डिस्टेंस बना लिया था। एक बात तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ कि मेरे प्रपोजल को भी उसने आसानी से एक्सेप्ट नहीं किया था। उसने मेरे बर्थडे पर मेरे प्रपोजल को सुनकर भी अनसुना कर दिया था और पार्टी के दौरान मेरी आँखों में कई बार आँसू देखकर भी नहीं पिघला। इसके बाद मैंने लगातार अठारह घंटों तक अपने कमरे में बंद रहकर भूख हड़ताल की और मेरी मम्मी ने उसे इसके बारे में बताया, तब उसने इनडायरेक्टली मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट करने का इंडिकेशन दिया। पर तुम्हें ये जानकर हैरानी होगी कि आज तक मुझे अपने खुलकर मस्ती करने की छूट नहीं दीं। वो तो मैं हीं कभी-कभी जबर्दस्ती उसके साथ मस्ती कर लेती थीं जिसके लिए मुझे उसके लम्बे-लम्बे लैक्चर्स सुनने पड़ते थे।

         अब तुम मेरे कुछ कोश्चन्स सुन लो, उसके बाद अपनी ओपिनियन बताना। मेरा फर्स्ट कोश्चन ये हैं कि निहारिका मैम ने शादी के सिर्फ दो साल विडो होने के बाद अब तक दूसरी शादी क्यूँ नहीं की ? दूसरा कोश्चन ये हैं कि उनकी दूसरी शादी करने की इच्छा नहीं थीं तो उन्होंने अपने आप को अब तक इतना फिट क्यूँ रखा ? तीसरा कोश्चन ये हैं कि हर्षित को अपनी हमउम्र लड़कियों में इन्ट्रेस्ट क्यूँ नहीं हैं और मेरा फोर्थ एंड लास्ट कोश्चन ये हैं कि हर्षित ने यदि काॅलेज के इलेक्शन में एज द कैंडिडेट पार्टिसिपेट करने से बचने के लिए तुम्हें निहारिका मैम की बीमारी का बहाना बताया था, ताकि उसका तुमसे डिस्टेंस बना रहे तो उसे यही बहाना मुझे बताने की क्या जरूरत थी ?"

         "यानि, उसने तुम्हें भी यही बहाना बताया ?"

         "हाँ।"

         "निक्की, तुम्हारी सारी बातें सुनकर मुझे भी पूरा यकीन हो गया हैं कि हर्षित की कजिन की बताई हुई बात सच हैं। थैंक यू सो मच कि तुमने मुझे अपना समझकर इस सच्चाई से वाकिफ करवाया, अदरवाइज मुझे जिंदगी भर हर्षित को खो देने का अफसोस रहता।"

          "यानि, अब तुम्हारे मन उसे खोने का कोई अफसोस नहीं रहा ?"

           "नहीं।"

          "तो अब उठो और इलेक्शन कैम्पेनिंग की तैयारी शुरू करों।"

           "मैं भी यही सोच रही हूँ क्योंकि मेरी पैनल के अदर कैंडिडेट्स के दुखी और मायूस चेहरे मुझसे देखे नहीं जाते। बेचारे मेरे डिस्पाईन्टेड होकर बैठ जाने से बेहद हताश हो गए हैं। क्या तुम कैम्पेनिंग में मेरी हेल्प करोगी ?"

           "श्योर, बिकाज वी आर फ्रेंड्स नाऊ।"

            "थैंक्स।" कहकर मानसी ने निक्की ओर हाथ बढ़ा दिया, जिसे निक्की ने बिना देर किए थाम लिया।
                            ..................

        "मानसी, हर बार की तरह इस बार भी बबलू एंड कम्पनी ने इस काॅलेज के लगभग सिक्स्टी परसेन्ट लड़कों को अपने फेवर में कर लिया हैं। मुझे मिली इन्फार्मेशन के एकार्डिंग वो और उसके खुराफाती दोस्त अपने पुराने हथकंडे यूज करके हर क्लास के मोस्ट पापुलर ब्वायस को अपनी टीम में शामिल करने में कामयाब हो चुके हैं, इसलिए अब हमें भी हर बार की तरह सेवंटी परसेन्ट गर्ल्स को अपने फेवर में करना होगा, तभी हम लोगों के इलेक्शन जीतने की उम्मीद बनी रहेगी।" अपने ग्रुप के साथ काॅलेज के कैंटिन में बैठे चेतन ने अपने सामने बैठी मानसी के सामने संजीदगी के साथ अपनी बात रखी।

          "मैं भी यही सोच रही थीं, बट मुझे लगता हैं कि इस बार हमारे लिए सेवंटी परसेन्ट गर्ल्स को अपने फेवर में करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इस बार हर्षित हमारे साथ नहीं हैं।" चेतन की बात के की बात पर मानसी ने कुछ चिंतित स्वर में अपनी राय रखी।

          "क्यूँ, क्या इस काॅलेज की सेवंटी परसेन्ट गर्ल्स इतनी बेवकूफ हैं कि एक मोस्ट पापुलर ब्वाय के किसी पैनल के साथ होने से उस पैनल के फेवर में वोटिंग करती थीं और उसके उस पैनल के साथ न होने से उस पैनल के फेवर में वोटिंग नहीं करेगी ?" ये सवाल मानसी के बगल में बैठी निक्की ने किया।

         "हाँ, कुछ ऐसा हीं समझ लो, लेकिन इस काॅलेज के हर किसी मोस्ट पापुलर ब्वाय के किसी पैनल के साथ होने से गर्ल्स की मेज्योरिटी मिलने की गारंटी नहीं हैं। ये सिर्फ दो साल से हर्षित के इस काॅलेज के मोस्ट पापुलर स्टूडेंट्स के बाद से हीं ऐसा हो रहा हैं। जब मैं और हर्षित इस काॅलेज में मोस्ट जूनियर्स थे, उस समय के इस काॅलेज के सबसे पापुलर स्टूडेंट अभिषेक की अपील को इस काॅलेज की न गर्ल्स इतना सीरियसली लेती थीं और न ब्वायस और मुझे लगता हैं कि हर्षित के बाद भी जो कोई इस काॅलेज का मोस्ट पापुलर स्टूडेंट बनेगा, उसकी भी अपील को कोई इतना सीरियसली लेगा, क्योंकि हर्षित की पर्सनाल्टी में जो अट्रेक्शन हैं, वैसा अट्रेक्शन मैंने अपनी पूरी लाइफ में किसी स्टूडेंट की पर्सनाल्टी में नहीं देखा। उसकी अपील से सिर्फ इस काॅलेज की गर्ल्स हीं नहीं बल्कि ब्वायस और काॅलेज का पूरा स्टाॅफ सीरियसली लेता हैं। 

         मैंने हर्षित से पर्सनली हर्ट होने की वजह से भले हीं उसकी पापुलर्टी पर उंगली उठाकर उसे प्रूव करने का चेलेंज दे दिया था, बट मैं अच्छी तरह से जानती हूँ कि हमें पिछले दो इलेक्शन में जो सेवंटी टू एट्टी परसेन्ट गर्ल्स और फोर्टी टू फोर्टी फाइव परसेन्ट ब्वायस के वोट मिले थै, उसका सबसे बड़ा रिजन हर्षित का खुद एज द कैंडिडेट इलेक्शन में खड़े होना और हमारे बाकि कैंडिडेट्स के लिए भी कैम्पेनिंग करना था, लेकिन उसके हमारे साथ होने के बावजूद हमें ब्वायस की मेज्योरिटी नहीं मिलने का ये मतलब नहीं हैं कि वो ब्वायस के बीच वो ज्यादा पापुलर नहीं हैं। एक्चुअली, वो ब्वायस के बीच भी लगभग उतना ही पापुलर हैं जितना गर्ल्स के बीच हैं, लेकिन हमारी अपोजिट पैनल पैसे, शराब, लड़कियों जैसे ओछे हथकंडे यूज करके ब्वायस के बीच हर्षित की पापुलर्टी को काफी हद तक काउंटर कर लेती हैं, पर फिर उसकी पापुलर्टी की वजह से हमें ब्वायस के फोर्टी टू फोर्टी फाइव परसेन्ट वोट मिल हीं जाते थे। इसलिए उसके इस बार हमारे साथ न होने की वजह से हमारे सामने सिर्फ गर्ल्स की मेज्योरिटी को अपने फेवर में करने का हीं चेलेंज नहीं हैं, बल्कि ब्वायस की माइनर्टी को भी अपने फेवर में बनाए रखने का चेलेंज हैं। समझ भी नहीं आ रहा हैं कि इन चुनौतियों का सामना हम लोग कैसे करें ?"

         "मानसी, आई थिंक हमारे पास जो आॅप्शन उपलब्ध नहीं हैं, उस पर विचार न करके हम जो कुछ कर सकते हैं, उस पर विचार करना चाहिए।"

          "यू आर राइट निक्की, बट मेरे दिमाग में ऐसा कोई सालिड आइडिया नहीं आ रहा हैं, जिनसे इन चुनौतियों से निपटा जा सके। क्या तुम कोई सालिड आइडिया मुझे दे सकती  हो ?"

           "एक सालिड आइडिया तो हैं मेरे दिमाग में, बट पहले तुम एक बात बताओ कि इस काॅलेज के स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसीडेंट की सीट कितने सालों से ब्वायस के पास हैं ?"

            "हमारे काॅलेज में जो लिस्ट लगी हैं, उसके एकार्डिंग छः साल पहले कोई निशा शर्मा नाम की एक गर्ल एक साल के लिए प्रेसीडेंट रही, उसके बाद से ये सीट ब्वायस के पास हीं हैं।"

            "गुड, हमें इसी पाईंट को अपने कैम्पेनिंग का मुख्य अस्त्र बनाना हैं। आई मीन, हमें इस इलेक्शन की मेन पोस्ट के लिए हमारी पैनल की कैंडिडेट एक गर्ल के होने का एडवांटेज लेना चाहिए। हमें अपनी कैम्पेनिंग में सबसे ज्यादा इसी बात का प्रचार करना चाहिए कि पिछले छः सालों से प्रेसीडेंट की सीट ब्वायस के पास हैं तो इस बार ये सीट एक गर्ल को मिलनी चाहिए। खुशकिस्मती से हमारी अपोजिट पैनल से तुम्हारे अपोजिट एक ब्वाय खड़ा हैं, उस पैनल से भी गर्ल खड़ी होती तो ये फंडा काम नहीं आता, बट ऐसा नहीं हैं, इसलिए ये हमारे काम आएगा। हम इस फंडे का यूज करके एट्टी परसेन्ट से भी ज्यादा गर्ल्स को अपने फेवर में कर सकते हैं। कैसा लगा मेरा आइडिया ?"

           "एकदम धासू। वाकई मानना पड़ेगा कि माइंड एप्लाई करने में तुम हर्षित से कम नहीं हो।"

           "मानसी, प्लीज मुझे उसके साथ कम्पेयर मत करों।"

           "ओके एंड साॅरी फार इट। अब चलो, हम सबसे पहले हम कुछ ऐसी पापुलर गर्ल्स से मिलते हैं जो वीमेन इम्पाॅवरमेन्ट की हमेशा पैरवी करतीं रहती हैं। चलो गाईस, निक्की के दिए आइडिया का इम्प्लिमेंटेशन स्टार्ट करके बबलू एंड कम्पनी की बैंड बजा देते हैं। यदि इस आइडिया से मुझे एट्टी परसेन्ट गर्ल्स का सपोर्ट मिल जाता हैं तो हमारी पूरी पैनल को जीतने से कोई नहीं रोक पाएगा, क्योंकि इस काॅलेज के इलेक्शन का ट्रेक रिकॉर्ड हैं कि जो वोटर जिस पैनल के प्रेसीडेंट के कैंडिडेट को वोट देता हैं, जनरली वो उसी पैनल के बाकी कैंडिडेट्स को भी वोट देता हैं।" अपनी बात खत्म करते हीं मानसी अपनी जगह से उठकर खड़ी हो गई। जिसके बाद निक्की के साथ-साथ मानसी के बाकी साथी भी फुर्ती के साथ उठकर खड़े हो गए और मानसी के साथ कैंटिन से बाहर निकल गए। सभी के चेहरों और चाल-ढाल में एक नया जोश और उत्साह नजर आ रहा था।
                          ..................

         "साॅरी मानसी, मैंने इस इलेक्शन में न्यूट्रल रहने के फैसला किया हैं, इसलिए मैं इस बार तुम्हारी या तुम्हारी पैनल की कोई हेल्प नहीं कर पाऊँगी।"अपने सामने खड़ी छात्रा की बात सुनकर मानसी और उसके ग्रुप के छात्र-छात्राओं के चेहरों पर मायूसी छा गई।

          " रागिनी दी, क्या मैं जान सकतीं हूँ कि वीमेन इम्पाॅवरमेंट की जबर्दस्त सपोर्टर होने के बावजूद आप एक गर्ल को सपोर्ट करने से क्यों इनकार कर रही हैं ?" पलभर की खामोशी के बाद मानसी ने सवाल किया।

         "मानसी, वीमेन इम्पाॅवरमेंट की सपोर्टर होने का ये मतलब नहीं हैं कि मैं राइट या रांग देखे बिना मैं किसी भी लड़की के कोई भी मिशन को सपोर्ट कर दूँ।"

          "दी, आपके कहने का मतलब हैं कि या तो मैं गलत लड़की हूँ या फिर मेरा मिशन गलत हैं। अब आपके दिल की बात जुबान पर आ हीं गई हैं तो ये भी बता दीजिए कि मैं गलत लड़की हूँ या फिर मेरा इस इलेक्शन में एज द प्रेसीडेंट कैंडिडेट फाइट करना गलत हैं ?"

           "गर्ल्स हो या ब्वाय, किसी का भी स्टूडेंट्स यूनियन का इलेक्शन लड़ना तो गलत हो हीं नहीं सकता, क्योंकि ये तो हर स्टूडेंट का राइट हैं। लेकिन मेरे कहने का मतलब ये भी नहीं हैं कि तुम गलत लड़की हो। तुम एक अच्छी लड़की हो, बट पिछले कुछ दिनों से तुम हर्षित के साथ जैसा मिसबिहेव कर रही हो, उसकी वजह से मेरी अंतरात्मा मुझे तुम्हें या तुम्हारी पैनल के लिए कैम्पेनिंग करने की इजाजत नहीं दे रही हैं, बट तुम इतनी उम्मीद के साथ मेरे पास अपनी पैनल को लेकर आयी हो तो मैं तुम्हें और तुम्हारी पैनल को निराश नहीं करूँगी। मैं तुमसे प्राॅमिश करती हूँ कि मैं अपने खुद के सारे वोट तुम्हें और तुम्हारी पैनल को हीं दूँगी।"

           "थैंक्स दी।"

          "बेस्ट आॅफ लक।" कहकर रागिनी ने मानसी से हाथ मिलाया और उसके ग्रुप से कुछ कदमों की दूरी पर खड़ी दो छात्राओं के पास जाकर बात उनके साथ बातचीत में मशगुल हो गईं।

            "यार मानसी, इतनी स्टूपिड गर्ल्स हिन्दुस्तान के किसी कोने में नहीं मिलेगी, जितनी इस काॅलेज की गर्ल्स हैं। हम लोग जितनी भी गर्ल्स से मिल रहे हैं, वे सब की सब एक हीं बात कह रही हैं, 'मानसी, तुमने हर्षित के साथ जो किया, उसकी वजह से मेरा दिल तुम्हें सपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं हो रहा हैं। आई कान्ट बिलिव इट कि इतनी सारी गर्ल्स एक कैरेक्टरलेस लड़के के प्रति इतनी ब्लाइंड फैथ रख सकती हैं।" रागिनी के उनके पास से हटते हीं निक्की ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा।

           "निक्की, धीरे बोलो यार क्योंकि रागिनी दी पास हीं खड़ी हैं। उन्होंने हमारे ग्रुप में से किसी के मुँह से हर्षित के बारे में कुछ भी उल्टा-सीधा सुन लिया तो वे बहुत बुरी तरह से भड़क जाएगी, जिसके बाद वे खुद भी हमारी पैनल को वोट नहीं करेंगी और हमारे सौ-डेढ़ दूसरे वोटर्स को हमारे खिलाफ कर देगी। वे इस काॅलेज में किसी भी फिमेल स्टूडेंट या प्रोफेसर के साथ कुछ भी गलत होने पर उनके फेवर तुरंत खड़ी हो जाती हैं, इसलिए वे भी इस काॅलेज की गर्ल्स के बीच काफी पापुलर हैं।"

           "मानसी, मेरी तारीफ करने के लिए मेनी-मेनी थैंक्स, बट मुझे बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा हैं कि मेरी तारीफ करने के बावजूद तुम्हें मेरी वजह से इस इलेक्शन में काफी डिसएडवांटेड उठाना पड़ेगा।" मानसी की बात खत्म हीं रागिनी उन लोगों के पास पलटकर आयी और मानसी को एक जोरदार झटका दिया।

           "साॅरी दी, एक्चुअली निक्की को पता नहीं था कि आप हर्षित को अपना छोटा भाई मानती हैं, इसलिए उसके खिलाफ कोई भी उल्टा-सीधा बोले तो आपसे बर्दाश्त नहीं होता। प्लीज, हम लोगों को माफ कर दीजिए। आफ्टर आल हम लोग भी तो आपसे छोटे होने की वजह से आपके लिए हर्षित जैसे हीं हैं।"

             "मानसी, तुम्हारी ये बात गलत हैं कि लोग मेरे लिए हर्षित जैसे हो क्योंकि तुम लोगों में और हर्षित में जमीन-आसमान का अंतर हैं। वो कभी किसी के बारे में बुरा बोलता हैं और न किसी का बुरा करता हैं जबकि तुमने तो उससे डेढ़ साल तक अफेयर होने के बावजूद एक छोटी-सी बात को लेकर उसकी कई बार सरे-आम इन्सल्ट कर डाली और ये तुम्हारे साथी तुम्हारे साथ खड़े रहकर तुम्हारी हौसला अफजाई करते रहे। ये मत सोचना कि ये मुझे हर्षित ने बताया। वो इतना सुलझा हुआ और प्यारा लड़का हैं कि ऐसी बातों को ज्यादा तूल नहीं देता। मुझे ये बात काॅलेज के दूसरे लड़के-लड़कियों ने बताई, जिसके बाद मैं तुम्हें तुम्हारी इन घटिया हरकतों के लिए कड़वी घुट्टी भी पिलानेवाली थीं, पर मुझे लगा कि मैं ऐसा करूँगी तो भाई मुझसे नाराज हो जाएगा, इसलिए मैंने आज तक तुम्हारी उसके साथ की गई हरकतों के लिए तुम्हें कभी कुछ नहीं कहा।

          तुम्हारी ये बात भी गलत हैं कि मैं उसे अपना छोटा भाई मानती हूँ इसलिए मुझसे उसके बारे में कही जानेवाली उल्टी-सीधी बातें मुझसे बर्दाश्त नहीं होती, क्योंकि सच ये हैं कि वो बेहद हम्बल, ऑनेस्ट और क्यूट लड़का हैं, इसलिए मुझसे उसके बारे में कही जानेवाली उल्टी-सीधी बातें बर्दाश्त नहीं होती। अब रहा सवाल तुम लोगों को माफ करने का तो मैं तुम लोगों को तभी माफ करूँगी, जब तुम ये साबित कर दोगे कि भाई कैरेक्टरलेस हैं और इस काॅलेज की बहुत-सी लड़कियाँ भाई के कैरेक्टरलेस होने के बावजूद उसकी ब्लाइंड फालोवर्स हैं, इसलिए उन्हें स्टूपिड कहना गलत नहीं हैं।"

          "दी, मैं आपका ये चेलेंज एक्सेप्ट कर रही हूँ लेकिन हर्षित को कैरेक्टरलेस प्रूव करने के लिए मुझे आपकी हेल्प की जरूरत पड़ेगी।" मानसी के कुछ बोलने से पहले हीं निक्की ने रागिनी की बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर दीं।

           "मानसी, ये लड़की कौन हैं और किस बेस पर इतनी काॅन्फिडेंट हैं कि हर्षित को कैरेक्टरलेस प्रूव कर देगी ?" रागिनी ने निक्की से कुछ कहने की जगह मानसी से सवाल किया।

           "आपके एक सवाल का जवाब तो मैं सबके सामने दे सकती हूँ बट आपके दूसरे सवाल का जवाब इन सबके सामने नहीं दे सकती, इसलिए मैं, आप और निक्की काॅलेज के पीछेवाले गार्डन में चलकर बात करते हैं। गाईस, तुम लोग थोड़ी देर रेस्ट कर लो, मैं और निक्की दस मिनट में आते हैं। आइए दी, आओ निक्की।" कहकर मानसी ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए।
                              ................

         "निक्की, तुमने हर्षित और निहारिका बुआ पर जो घटिया इल्जाम लगाया हैं, उसे सुनकर मैं काफी शाॅक्ड हूँ। मैं तो कभी सोच भी नहीं सकती थीं कि किसी महिला और किसी लड़के के बीच बने इतने पवित्र रिश्ते के बारे में भी कोई इतनी घटिया बात कर सकता हैं। मैं हर्षित को तो सिर्फ तीन साल से जानती हूँ लेकिन निहारिका बुआ को मैं आठ-दस साल से जानती हूँ। वे और हर्षित की फेमिली जिस बिल्डिंग में किराए से रहती हैं, वो मेरे अंकल की हैं और मेरे अंकल और उनकी फेमिली भी उसी बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर निहारिका बुआ के जस्ट बगल वाले ब्लॉक में ही रहती हैं, लेकिन अंकल या उनकी फेमिली से किसी ने भी कभी ऐसी कोई बात मुझे नहीं बताई और न उस काॅलोनी में उन दोनों के पवित्र रिश्ते पर कभी किसी ने उंगली उठाई। मैंने ये वाहियात बात आज पहली बार तुम्हारे मुँह से सुनी हैं और सुनते हीं मैं इस बात से जितनी शाॅक्ड हुई, उससे भी ज्यादा ये सोचकर हैरान हुई कि हर्षित जैसा सुलझा हुआ लड़का इतने लम्बे समय तक क्या सोचकर तुम्हें अपनी आल टाइम बेस्ट फ्रेंड मानता रहा और उसने तुम्हारे अंदर ऐसा क्या देख लिया कि मानसी के साथ पैदा हुई दूरियाँ कम करने की कोशिश करने की जगह उसने तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया ? ये सब जानने के बाद मुझे तो लगने लगा हैं कि यकीनन भाई के जीनियस माइंड के किसी इम्पाॅर्टेंट पार्ट में कोई न कोई फाॅल्ट आ गया हैं।" गार्डन की हरी-भरी मुलायम घास पर निक्की और मानसी के सामने बैठी रागिनी ने हैरान-परेशान स्वर में कहा।

           "दी, आपको हर्षित पर ब्लाइंड फैथ हैं, इसलिए आप ऐसा कह रही हैं। आप मेरे एक छोटे-से प्लान को एग्जक्यूट करने में मेरी हेल्प कर देगी तो सारी सच्चाई आपके सामने आ जाएगी।" रागिनी की बात पर निक्की ने गजब आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

           "मेरे सामने ऐसी कोई सच्चाई आने का प्रश्न हीं नहीं उठता, जैसा तुम सोच रही हो क्योंकि मैं जानती हूँ कि ऐसा कुछ हैं हीं नहीं, लेकिन भाई और निहारिका बुआ पर लगाए गए तुम्हारे घटिया इल्जाम को फाॅल्स प्रूव करना मेरी ड्यूटी हैं, इसलिए मैं तुम्हारी हेल्प करने के लिए तैयार हूँ। बोलो, ये एलिगेशन सच्चा हैं या झूठा, ये जानने के लिए तुम्हें मेरी क्या हेल्प चाहिए ?"

          "दी, आपको एक रात के लिए निहारिका मैम के बैडरूम में चुपके से एक हिडन वीडियो कैमरा फिट करके उसे सुबह चुपके से निकालना पड़ेगा।"

           "ये मैं नहीं कर पाऊँगी, क्योंकि बाइ चांस निहारिका बुआ ने अपने बैडरूम में फिट कैमरे को देख लिया तो उनकी नजरों में मेरी लाइफ टाइम के लिए इमेज खराब हो जाएगी। हाँ, मैं तुम्हें अपने साथ निहारिका बुआ के बगलवाले ब्लॉक में रातभर रहकर उनके घर में होनेवाली एक्टीविटिज सुनकर आब्जर्व करने में हेल्प कर सकती हूँ क्योंकि मेरे अंकल अपनी पूरी फेमिली के साथ चार-पाँच दिन के लिए बाहर गए हुए हैं और उन्होंने अपने घर की चाबियाँ मेरे घर पर छोड़ी हैं ताकि हमारा कोई फेमिली मेम्बर जाकर सुबह-शाम उनके घर के पूजाघर में दीपक जला आए।"

          "ठीक हैं, आज रात तो यही करके देख लेते हैं। आप आज शाम को सात से आठ बजे के बीच मेरे घर आ जाइए, मैं अपनी मम्मी को आपके घर जाने का बहाना बताकर आपके साथ आपके अंकल के घर आ जाऊँगी।"

         "मानसी, क्या तुम भी आज रात हम लोगों के साथ मेरे अंकल के घर पर बिताना चाहोगी ?"

         "दी, एक्चुअली मेरे मन में भी इस एलीगेशन की सच्चाई जानने में काफी इन्ट्रेस्ट पैदा हो गया हैं और मैं भी आज रात आपके अंकल के घर पर रहकर इस एलीगेशन की सच्चाई को पर्सनली वाच करना चाहती हूँ बट इसके लिए मेरी मम्मी से परमिशन लेने में आपको मेरी वैसी हीं हेल्प करनी होगी, जैसी निक्की आपसे चाहती हैं।"

          "अरे, तुम लोगों ने अपनी पैरेंट्स की नजरों में अपनी कैसी इमेज बना रखा हैं कि तुम्हें एक रात के लिए अकेले कहीं जाने के लिए इस टाइप के बहाने बनाने पड़ते हैं। मुझे तो दस दिन के लिए भी अकेले कहीं जाने के लिए मेरे मम्मी-पापा से पूछना तक नहीं पड़ता हैं।"

         "यार दी, निक्की को अकेले कहीं जाने के लिए अपने पैरेंट्स को इस टाइप के बहाने क्यों बनाने पड़ते हैं, ये तो मुझे नहीं पता, मुझे अपने बारे में इतना पता हैं कि मैंने अपनी लाइफ कभी ऐसा कुछ नहीं किया कि उन्हें मुझे लेकर कभी कोई डाऊट करना पड़े और मेरे पैरेंट्स मुझ पर डाऊट भी नहीं करते हैं, बट जमाना इतना ज्यादा खराब हैं कि वे मेरी सुरक्षा के लिए इस तरह अकेले कहीं जाने के लिए परमिशन देने से पहले पूरी तरह से सटिस्फाइड होना जरूरी समझते हैं।"

           "मुझे अपनी मम्मी से आसानी से परमिशन न मिल पाने की भी वजह कुछ ऐसी हीं हैं और मुझे लगता हैं कि इसमें कुछ गलत भी नहीं हैं। शायद आपके पैरेंट्स मेरी सुरक्षा को लेकर केयरलेस हैं क्योंकि उन्हें यकीन होगा कि आप किसी सिच्युएशन को आसानी से हैंडल कर सकती हैं।"

            "निक्की, तुम्हारी गैसिंग एकदम परफेक्ट हैं। मेरे पैरेंट्स को इतना यकीन हैं कि मैं कभी मुसीबत में फँसने लायक कोई काम कर ही नहीं सकती और बाइ चांस मैं किसी मुसीबत में फँस भी गईं तो निकलने में केपेबल हूँ। मैं कोशिश करती हूँ कि हर लड़की मेरी तरह बनें, बट किसी को मेरी तरह बनने में इन्ट्रेस्ट हीं नहीं हैं। चलो, छोड़ों इस बात को और ये बताओ कि शाम को मुझे पहले किसके घर आना हैं ?"

          "निक्की का घर तो उसी काॅलोनी में हैं जहाँ हमें जाना हैं, इसलिए आप पहले मेरे घर आ जाना और फिर हम दोनों निक्की के घर चलें जाएँगे।"

         "ओके, तुम पाँच बजे तक मुझे अपना और निक्की एड्रेस और काॅन्टेक्ट नम्बर लिखकर देना। अब मैं जा रही हूँ।" कहकर रागिनी जवाब की प्रतिक्षा न करके फुर्ती के साथ उठी और काॅलेज की बिल्डिंग की ओर चल पड़ी।
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RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 06-03-2019, 07:02 PM



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