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Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#13
चक्रव्यहू (7th Part)


        "अब तो बता दो यार कि माजरा क्या हैं ?" आइस्क्रीम शाॅप के सामने खड़ी निहारिका ने पास खड़े हर्षित से पूछा।

         "आपको आपकी फेवरेट आइस्क्रीम मिल चुकी हैं न ?" हर्षित ने उसके सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा।

        "तो पहले शांति के साथ इसे खा लीजिए, तब तक मैं मेरे मोबाइल आ रही एक काॅल रिसीव कर लेता हूँ और फिर आपको सारा माजरा बताता हूँ।"

         "ओके।"

         "हाँ मानसी, बोलो ...।" हर्षित ने काॅल रिसीव करके कहा।

         "क्या बोलूँ यार, मैं पिछले एक घंटे से से तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ लेकिन न तुम्हारा कहीं कोई अता-पता नजर आ रहा हैं और न तुम मेरी काॅल रिसीव कर रहे हो। पता हैं तुम्हें, इस वजह से मैं कितनी परेशान हो गई थी ?"

         "मानसी, एक्चुअली बात हैं कि मेरी तुम्हारे साथ बात होने के बाद मेरे पास मेरी बुआ की काॅल आयी और उन्होंने बताया कि उनकी अचानक तबियत खराब हो गई तो मुझे काॅलेज आना कैंसिल करके उन्हें हास्पीटल लेकर आना पड़ा। इसी वजह से मैं तुम्हारी काॅल भी रिसीव नहीं कर पा रहा था।"

          "साॅरी, मुझे इसका कोई आइडिया नहीं था कि ऐसा कुछ हुआ होगा, इसलिए मैंने तुम्हारे साथ थोड़ी हार्ड टोन में बात कर लीं। आई एम रियली सो साॅरी फार इट।"

          "इट्स ओके।"

         "अब कैसी तबियत हैं उनकी ?"

         "पहले से ठीक हैं, बट अभी उनका ट्रीटमेंट चल हीं रहा हैं।"

         "उनके पास तुम्हारी अलावा उनकी केयर करने वाला कोई नहीं हैं क्या ?"

          "नहीं यार, इसीलिए तो मैं यहाँ रूका हुआ हूँ।"

          "कब तक फ्री हो जाओगे ?"

          "डेढ़-दो घंटे तो लग हीं जाएँगे।"

          "अरे यार, तब तक तो यहाँ फाॅर्म सबमिट करने का टाइम खत्म हो जाएगा।"

          "हाँ यार।"

          "तो फिर क्या करें ?"

          "एक काम करों, प्रेसीडेंट की पोस्ट के लिए तुम अपना फाॅर्म भर दो।"

          "नहीं यार, इस पोस्ट के लिए तुम ही राइट पर्सन हो। मैं तुम्हारे जैसी ऑनेस्ट और ऑइडियल स्टूडेंट नहीं हूँ, इसलिए इस पोस्ट के लिए तुम्हें ही फाॅर्म सबमिट करना होगा।"

           "यार, मैं तुम्हारी बात मान लेता था, लेकिन ये पाॅसिबल नहीं हो पाएगा, क्योंकि मैं बुआ को यहाँ अकेली छोड़कर काॅलेज नहीं आ सकता।"

           "तो एक काम करतीं हूँ, मैं वहाँ तुम्हारी बुआ की केयर करने के लिए आ जाती हूँ और मेरे आते हीं तुम काॅलेज के लिए निकल जाना।"

            "ऐसा करने पर भी मैं अपना फाॅर्म सबमिट नहीं कर पाऊँगा, क्योंकि हम लोग जिस हास्पीटल में हैं, वहाँ पहुँचने के लिए तुम्हें कम से आधे घंटे का समय लग जाएगा और इतना हीं समय मुझे यहाँ से काॅलेज पहुँचने में भी लगेगा। उसके बाद फाॅर्म लेकर फिल-अप करने और प्रिंसिपल से वेरिफाई कराने में ही फाॅर्म सबमिट करने का टाइम खत्म हो जाएगा, इसलिए प्लीज इस बार मेरी जगह पर तुम ही फाॅर्म भर दो। मैं हमेशा तुम्हारी बात मानता हूँ इसलिए प्लीज इस बार मेरी ये बात मान लो। तुमने टाइमली फाॅर्म जमा नहीं किया तो उस कमीने बबलू का प्रेसीडेंट बनना तय हो जाएगा और वो प्रेसीडेंट बन गया तो काॅलेज का अच्छा-खासा माहौल खराब कर देगा।"

          "हर्षित, कहीं ऐसा तो नहीं हैं न कि तुम मेरे मिसबिहेव की वजह से ....?"

          "अरे नहीं यार, इस मेटर पर हम लोगों की बात हो चुकी हैं, फिर मैं क्यों इस मेटर को इश्यू बनाकर इलेक्शन से बचने की कोशिश करूँगा ?"

           "मैं फाॅर्म सबमिट करूँगी तो तुम मेरे लिए कैम्पेनिंग करोगे न ?"

          "अरे यार, ये भी कोई पूछने वाली बात हैं क्या ? तुमने लगातार दो साल तक मेरे लिए कैम्पेनिंग की तो मैं तुम्हारे लिए कैम्पेनिंग करने से मना कैसे कर सकता हूँ ?"

          "हाँ, लेकिन तुमसे इसलिए अपने फेवर में कैम्पेनिंग करने के लिए नहीं कह रही हूँ कि मैंने तुम्हारे लिए कैम्पेनिंग की थीं, बल्कि इसलिए कह रही हूँ क्योंकि ये मेरा राइट हैं।"

          "ओके, अब तुम काॅल डिस्कनेक्ट करों और फाॅर्म सबमिट करने की प्रोसेस स्टार्ट करों। बेस्ट आॅफ लक।"

          "थैंक्स, बट मैं तब तक काॅल डिस्कनेक्ट नहीं करूँगी, जब तक तुम मुझे आई लव यू नहीं बोलोगे।"

          "यार, मैं ये नहीं बोल सकता क्योंकि मेरे आसपास काफी लोग मौजूद हैं।"

           "तो ठीक हैं, मैं ही बोल देती हूँ। आई लव यू हर्षित।"

           "ओके, बाय।"

            "बाय।"

           "हर्षित, तुम्हारे भेजे में भूसा भरा हैं क्या ?" मोबाइल पर विकास की बातचीत खत्म होते हीं निहारिका ने आँखें तरेरकर उसे घूरते हुए दबे स्वर में कहा।

            "क्यों, मैंने किया ?"

            "पब्लिक प्लेस पर खड़े होकर मोबाइल पर इतना लाऊडली झूठ बोल रहे थे कि यहाँ खड़े काफी लोगों को क्लियरली सुनाई दे रहा था और बड़ी मासूमियत से पूछ रहे हो कि तुमने किया क्या ? तुम्हारी बात सुनकर लोग तुम्हें और मुझे अजीब नजरों से देखकर मुस्करा रहे थे। एक लड़का जो कुछ सेकंड्स पहले यहाँ से गया, वो तो आइस्क्रीम वाले के कान में कह रहा था कि कितना फ्राॅड लड़का हैं ये, एक गर्लफ्रेंड को आइस्क्रीम खिला रहा हैं और दूसरी को उसी के सामने बता रहा हैं कि मैं हास्पीटल में अपनी बुआ का ट्रीटमेंट करा रहा हूँ। यार, आज वाकई तुमने अपने साथ-साथ मेरी भी आठ-दस लोगों के सामने नाक कटा दीं।"

            "यार बुआ, आप अपनी नाक कटने का ब्लैम मेरे ऊपर मत लगाइए क्योंकि आपकी नाक मेरी मोबाइल पर लाऊडली बात करने की वजह से नहीं कटी, बल्कि आपकी फिटनेस की वजह से कटी। आप मुझसे उम्र में चौदह-पंद्रह साल बड़ी होने के बावजूद भी अपनी बेहतरीन फिटनेस की वजह से मेरी हमउम्र नहीं लगती तो मेरे लाऊडली बात करने की वजह से सिर्फ मेरी नाक कटती, आपकी नहीं। आप मेरी बुआ हैं तो बुआ की तरह दिखा करों न ?"

           "अब तुम इन लोगों के सामने चीख-चीखकर मुझे बुआ मत बोलो यार, नहीं तो और ज्यादा बेइज्जती हो जाएगी। ये लोग सोचेंगे कि रिश्ते में तुम्हारी बुआ होने बावजूद मैंने तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनना एक्सेप्ट कर लिया। तुम जल्दी से उसे आइस्क्रीम के पैसे दो और चलो यहाँ से।"

            "ठीक हैं।" कहने के साथ ही हर्षित ने अपना पर्स निकाल लिया।
                                  ...............

            "तुम्हें टाइमपास करने के लिए यही एक जगह नजर आयी क्या ?" हरे-भरे पार्क में एक आम के पेड़ की छाँव में बैठने के बाद निहारिका ने आसपास के माहौल का मुआयना करते हुए कहा।

           "यार बुआ, अब यहाँ क्या प्राॅब्लम हैं ?" जवाब में निहारिका सामने बैठे हर्षित ने बुरा-सा मुँह बनाकर पूछा।

           "इस पार्क में मुझे हर जगह लवर-कपल्स हीं नजर आ रहे हैं।"

           "तो उनसे हमें क्या प्राॅब्लम हैं ?"

           "वे लोग हमें भी हमें भी अपने जैसा हीं समझेंगे तो ?"

           "यार बुआ, जिसे जो समझना हैं, समझने दो क्योंकि मैं अब इतना परेशान हो गया हूँ कि आपको कहीं और नहीं ले जा सकता हूँ। हम सिर्फ आधा घंटा यहाँ बैठकर कैसे भी टाइम पास कर लेते हैं, फिर सीधे घर वापस लौट जाएँगे।"

           "ठीक हैं। अब तुम मुझे बताओ कि ये मैटर क्या हैं, जिसकी वजह से तुम उन दोनों लड़कियों को मेरा ट्रीटमेंट कराने में बिजी होने की बात कहकर मुझे पिछले डेढ़ घंटे से मुझे यहाँ-वहाँ घुमा रहे हो ?"

           "समझ में नहीं आ रहा हैं कि आपको वो मैटर बताऊँ कैसे ?"

           "अपने मुँह से बोलकर बता दो या फिर मेरे मोबाइल पर मैसज करके बता दो।"

           "प्लीज बुआ, इस वक्त मजाक मत कीजिए, क्योंकि मैं बहुत ज्यादा टेंशन में हूँ।"

           "ओके, बट अब तुम बिना टाइम वेस्ट किए मुझे सीधे और साफ शब्दों में अपने टेंशन की वजह बताओगे। पिछले डेढ़ घंटे से मेरा ये सोच-सोचकर दिमाग खराब हो गया कि हमेशा सीधी राह से चलनेवाला ये नीट एंड क्लीन कैरेक्टर का लड़का किस चक्कर में फँस गया हैं जो इसे एक साथ दो-दो लड़कियों से झूठ बोलना पड़ रहा हैं।"

          "बुआ, एक्चुअली बात ये हैं कि मैं दुनिया के सबसे डेंजर ट्राईंगल में फँस गया हूँ और मेरी समझ में नहीं आ रहा हूँ कि इस ट्राईंगल से बाहर कैसे निकलूँ ?"

          "तुम शायद लव-ट्राईंगल की बात कर रहे हो, हैं न ?"

          "यू आर राइट।"

         "हर्षित, तुम इतने समझदार होकर भी इस टाइप के नाॅनसेंस मैटर में कैसे फँस गए ?"

            "जब इंसान का खराब टाइम होता हैं, तब उसकी सारी समझदारी रखी की रखी रह जाती हैं और वो न चाहते हुए भी इस टाइप के लफड़े में फँस जाता हैं।"

            "डोंट वरी, मैं इससे निकलने में तुम्हारी हेल्प करूँगी। तुम मुझे नाॅनस्टाॅप पूरा मैटर बताओ, ताकि मैं ये सोच सकूँ कि तुम्हें इस उलझन से बाहर निकालने के लिए क्या किया जा सकता हैं।"

            "बुआ, एक्चुअली हुआ ये कि आज से करीब डेढ़-दो साल पहले मेरे काॅलेज की मानसी नाम की एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया था जिसे मैंने थोड़ी ना-नुकुर करने के बाद एक्सेप्ट कर लिया था। इसके बाद करीब डेढ़ माह पहले तक हम दोनों के बीच अफेयर चलता रहा, लेकिन डेढ़ माह पहले एक छोटी-सी बात को लेकर मानसी मुझसे रूठ गई और उसके बाद उसने मेरे साथ बुरा बर्ताव करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मैंने ये मान लिया था कि हम दोनों का रिश्ता खत्म हो चुका हैं। इसके बाद आज से करीब एक माह पहले निक्की ने अपने बर्थडे पर मुझे प्रपोज किया, जिसका मैं कोई जवाब दिए बिना हीं घर वापस आ गया।

          एक्चुअली, निक्की मेरी बचपन की फ्रेंड हैं और मेरा मानसी के साथ ब्रेक-अप होने को करीब पंद्रह ही हुए थे, इसलिए उसके मुझे प्रपोज करने पर उसके लिए मेरे मन में वैसी फीलिंग आयी हीं नहीं थीं, जैसी मानसी के प्रपोज करने पर आयी थीं, इस वजह से मैं निक्की का प्रपोजल एक्सेप्ट करने के मूड में नहीं था, लेकिन निक्की मेरी कोई बात सुनने-समझने के लिए तैयार हीं नहीं थीं। उसने अपनी बर्थडे पार्टी खत्म होने के बाद खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया और दूसरे दिन शाम के पाँच बजे तक अपने कमरे से बाहर हीं नहीं निकली। उसके काॅलेज न आने और मेरी काॅल भी रिसीव न करने की वजह से मैं शाम को उसके घर पहुँचा और उससे बात की तो मुझे लगा कि वो किसी भी सिच्युएशन में पीछे नहीं हटेगी, इसलिए अपनी बचपन की दोस्ती का लिहाज करते हुए उसकी खुशी के लिए उसका प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया।

          लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं हैं कि मुझे मजबूरी में निक्की का प्रपोजल एक्सेप्ट करने का कोई अफसोस हैं क्योंकि मुझे मानसी के साथ की तुलना में निक्की का साथ हर तरह से ज्यादा कम्फॅर्टेबल लगता हैं। मानसी काफी बड़े बिजनेसमेन की बेटी होने की वजह से उसका रहन-सहन और आचार-विचार मुझसे काफी अलग हैं, इसलिए उसके और मेरे विचारों में अक्सर टकराव होता रहता था, पर हम दोनों की आँखों पर प्यार की पट्टी बँधी होने की वजह से कभी वो एडजेस्ट कर लेती थीं और कभी मैं एडजेस्ट कर लेता था, पर मुझे इस बात का अहसास था कि हम दोनों का प्यार अपने अंजाम तक पहुँचेगा, क्योंकि हम दोनों के विचारों और रहन-सहन में अंतर होने के साथ-साथ हम दोनों हम दोनों के परिवारों की आर्थिक-सामाजिक हैसियत में भी भारी अंतर था। लेकिन मेरे और निक्की की बीच की ऐसी कोई मेजर प्राॅब्लम नहीं हैं, क्योंकि बचपन के मेरे आठ-नौ साल के बुरे दौर को निकाल दे तो हम दोनों की परवरिश लगभग एक जैसे माहौल में हुई हैं, इसलिए हम दोनों के रहन-सहन और आचार-विचार में ज्यादा अंतर नहीं हैं।

         हम दोनों के बीच चंद दिनों में परफेक्ट लवर-कपल जैसी कैमिस्ट्री बन जाने की एक वजह ये भी हैं कि उसने मेरे बचपन के बुरे दौर में हमेशा मेरा साथ दिया था और वक्त की बेरहम आँधियों के हम दोनों को दो अलग-अलग जगह पर उड़ा ले जाने के बावजूद मुझे नहीं भूली, इसलिए मुझे उससे अतिरिक्त लगाव हैं और उसने बचपन में मेरी लाइफ का काफी खराब दौर देखा था, इसलिए उसे भी मुझसे अतिरिक्त लगाव हैं। हम दोनों में से किसी की भी फेमिली से हमारे रिश्ते को रेड-सिगनल मिलने की सम्भावना नहीं हैं, इसलिए मैं हम दोनों अपने रिश्ते के फ्यूचर लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हूँ।"

        "हर्षित, तुमने अभी तक जो कुछ बताया, उसमें मुझे कहीं भी प्राॅब्लम जैसी कोई बात नजर नहीं आयी तो फिर तुम बेवजह इसे लव-ट्राईंगल कहकर टेंशन क्यूँ ले रहे हो ?"

        "बुआ, मैं पागल नहीं हूँ जो इसे बेवजह लव-ट्राईंगल का नाम देकर टेंशन लूँगा। इस मैटर में वाकई लव-ट्राईंगल की सिच्युएशन क्रिएट हो चुकी हैं जिसके बारे में मैं अब बतानेवाला हूँ लेकिन क्या मैं इससे पहले एक मिनट का ब्रेक लेकर इत्मीनान से चंद साँसे ले सकता हूँ ?"

          "श्योर।"

           एक-डेढ़ मिनट तक खामोश रहने के हर्षित ने दुबारा अपनी बात शुरू की- "एक्चुअली, आज मेरा ये अनुमान गलत साबित हो गया कि मेरी तरह ही मानसी भी अपनी ओर से हम दोनों के बीच का रिश्ता हमेशा के लिए खत्म कर चुकी हैं। आज सुबह करीब ग्यारह बजे मैं घर से काॅलेज के लिए निकल रहा था, तभी मानसी ने मुझे काॅल की और ये कहकर मेरा बीपी बढ़ा दिया कि वो मेरे बिना नहीं जी सकती। मैंने उसे बताने की कोशिश की, उसके मुझसे दूर हो जाने के बाद निक्की मेरी जिंदगी में आ चुकी हैं, लेकिन उसने मेरी बात को मजाक समझकर हवा में उड़ा दी और मेरे प्रति इस तरह की दीवानगी का इजहार किया कि मेरी उससे दुबारा ये बात कहने की हिम्मत हीं नहीं हई। अब मेरी समझ नहीं आ रहा हैं कि क्या करूँ ? मैं निक्की को अपनी लाइफ से निकालकर मानसी को दुबारा अपनी लाइफ में इन्ट्री भी नहीं दे सकता और मानसी से ये भी नहीं कह सकता कि अब मेरे दिल और मेरी लाइफ में उसके लिए कोई जगह नहीं हैं।

         मैं आज आपको बीमार बनाकर ट्रीटमेंट के बहाने लेकर इधर-उधर इसलिए घूम रहा हूँ, ताकि मैं आज काॅलेज जाकर अपनी पैनल की ओर से स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन का फाॅर्म भरने से बच जाऊँ, क्योंकि मैं ये फाॅर्म भर देता तो हमारी पैनल की को-ऑर्डिनेटर होने के नाते मानसी से इलेक्शन तक मेल-जोल रखना हीं पड़ता और मैं ऐसा करता तो निक्की आसमान सर पर उठा लेती और मैं मानसी से मेल-जोल नहीं रखता तो वो समझ जाती कि मेरे दिल में उसके लिए कोई जगह नहीं हैं।"

         "बेटा, मैं तुम्हारी सारी प्राॅब्लम समझ गई। अब तुम इसका साॅल्युशन सुनो। तुम एक बार अपने दिल को कड़ा करके मानसी को सच्चाई बता दो। सच्चाई जानने के बाद उसे कोई शाॅक लगता हैं तो लगने दो, क्योंकि मेरे एकार्डिंग तो गलती उसी की हैं, इसलिए यदि किसी को सजा भुगतनी हैं तो उसे भुगतनी चाहिए। उसकी गलती की सजा तुम क्यूँ  भुगत रहे हो ?"

          "मैं भी ऐसा हीं कुछ सोच रहा हूँ, पर अगले एक सप्ताह तक मैं मानसी को एक्चुअल सिच्युएशन नहीं बता सकता क्योंकि मैंने ऐसा किया तो मानसी काॅलेज के स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन में कैम्पेनिंग नहीं करेंगी और उसके साथ-साथ हमारी पैनल के बाकी कैंडिडेट्स भी इलेक्शन हार जाएंगे और एक बहुत हीं गंदी पैनल के कैंडिडेट्स इलेक्शन जीतकर काॅलेज में उत्पात मचाएँगे।"

           "अरे, लेकिन तुम एक सप्ताह तक निक्की के साथ काॅलेज जाओगे और वो तुम्हारे साथ एज द लवर बिहेव करेंगी तो मानसी तो बिना बताएँ भी जान जाएँगी कि उसकी जगह अब निक्की ले चुकी हैं। तुम इस सिच्युएशन को कैसे काउंटर करोगे ?"

           "सिर्फ इसी सिच्युएशन को नहीं, बल्कि एक और मुश्किल सिच्युएशन को भी काउंटर करने की प्राॅब्लम मेरे सामने खड़ी हैं। पहले मानसी मुझसे छुप-छुपकर मिलती थीं लेकिन आज मुझसे कह दिया कि वो अब मुझसे ओपनली मिला करेंगी, इसलिए मेरी समझ में नही आ रहा हैं कि वो ऐसा करेंगी तो मैं निक्की से क्या कहूँगा ? मैंने आज तो निक्की को काॅलेज जाने से रोक लिया, पूरे एक सप्ताह तक क्या कहकर उसे काॅलेज जाने से रोकूँगा ?"

         "इसका साॅल्युशन ये हैं कि तुम निक्की से ये सारी बातें साफ-साफ बता दो, जो तुमने मुझे बताई हैं। मुझे पूरा यकीन हैं कि निक्की तुम्हें अपने काॅलेज और तुम्हारे छात्र-संगठन की भलाई के लिए एक सप्ताह तक तुमसे दूर रहकर तुम्हें मानसी से मेल-जोल रखने की परमिशन दे देगी।"

         "यदि निक्की इतनी समझदार होती तो मैं सुबह हीं उसे सारी बातें बता देता और आराम से घर पर बैठे-बैठे मानसी को बता देता कि मैं आपका ट्रीटमेंट करा रहा हूँ क्योंकि वो देखने नहीं आती थी कि मैं हास्पीटल में आपका ट्रीटमेंट करा रहा हूँ या घर पर हूँ। मैंने ये सारा ड्रामा तो हमारे काॅलोनी वाली मैडम के सवाल-जवाब से बचने के लिए किया। मैं ये ड्रामा न करके निक्की को डायरेक्ट बता देता कि मैं इस वक्त मानसी का दिल नहीं तोड़ सकता, इसलिए उससे झूठ बोलकर आज काॅलेज नहीं जा रहा हूँ तो उसे लगता कि मानसी के मेरे साथ इतना बुरा बर्ताव करने और उसके मुझ पर चाहत का दरिया उड़ेल देने के बावजूद भी मेरे दिल में मानसी के लिए जगह बची हुई हैं क्योंकि उसके लिए काॅलेज और संगठन की भलाई जैसी बातें पर्सनल रिलेशनशीप से ज्यादा मायने नहीं रखती हैं।

          "बेटा, एक बात सच-सच बताना कि अब तुम्हारे दिल में वाकई मानसी के लिए कुछ नहीं बचा हैं या तुम अपने दिल में उसके लिए कुछ होने के बावजूद मुझसे छुपा रहे हो ?"

          "मेरे दिल में उसके लिए वैसा तो कुछ नहीं बचा हैं, जैसा उससे ब्रेक-अप से पहले था, लेकिन वो डेढ़ साल तक अपने रईसी ठाठ और नखरों को परे रखकर मेरा साथ बड़ी शिद्दतसे निभाती रही और उसने आज हम दोनों के रिश्ते को बचाने के लिए अपने इगो को एक तरफ रखकर खुले दिल से अपने मिसबिहेव के लिए अफसोस जाहिर किया, इसलिए मेरे दिल में उसके लिए कुछ भी न हो, ये कैसे हो सकता हैं ? मेरे दिल में उसके लिए एक साॅफ्ट कार्नर अब भी बचा हुआ हैं इसलिए मैं उसे अपना और उसका रिश्ता खत्म हो जाने का अहसास तो दिलाना चाहता हूँ लेकिन इस तरह से कि उसे इस बात अहसास भी हो जाए और उसे शाॅक भी न लगे।"

           "बेटा, मैं तुम्हें बचपन से जानती हूँ इसलिए मैं तुम्हारी भावनाओं को बहुत अच्छी तरह से समझती हूँ पर तुम भी एक बात अच्छी तरह से समझ लो कि तुमने अपने साॅफ्ट इमोशंस के चक्कर में फँसकर मानसी को सच्चाई अहसास कराने में ज्यादा देर की तो तुम्हें निक्की भी गलत समझने लग जाएगी और मानसी भी। उन दोनों को हीं लगेगा कि तुम एक साथ उन दोनों के साथ प्यार का खेल खेल रहें हो, इसलिए जितनी जल्दी हो सके, तुम उतनी जल्दी इस सच्चाई से पर्दा उठा दो।"

         "ठीक हैं, मैं काॅलेज के इलेक्शन का रिजल्ट एनाउंस होते हीं मानसी को सच्चाई बता दूँगा। उसका इलेक्शन जीतना तो लगभग तय हीं हैं, इसलिए मैंने इस दिन को चुना हैं। इस दिन वो काॅलेज के स्टूडेंट यूनियन की प्रेसीडेंट बनने के जश्न में डूबी रहेगी, इसलिए ये सच्चाई जानकार ज्यादा शाॅक्ड नहीं होगी।"

         "और तुम एक सप्ताह तक निक्की को काॅलेज जाने से कैसे रोकोगे ?"

         "आपकी हेल्प से। उससे आप अभी जाकर कहेगी कि आपको डॉक्टर ने एक सप्ताह तक बेड रेस्ट करने के लिए कहा हैं और आपका कॉलेज मैनेजमेंट आपको इतने दिन की लिव्स इस शर्त पर देने के लिए तैयार हैं कि आप अपनी जगह पर सप्ताह भर के लिए किसी ग्रेज्युएट लड़की को पढ़ाने भेजेगी और आपके पास उसे अपनी जगह पर भेजने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं हैं।"

          "और कॉलेज मैनेजमेंट से क्या कहूँगी ?"

          "कह देना कि डॉक्टर ने सप्ताह भर बेड रेस्ट करने के लिए कहा और आप नहीं चाहती हैं कि आपकी अब्सेंसी की वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान हो, इसलिए आप एक सप्ताह के लिए अपनी जगह पर निक्की को पढ़ाने भेज रही हैं।"

          "यार, तुम्हारे पास तो हर प्राॅब्लम्स के साॅलुशंस हैं, बट इस प्राॅब्लम का तो डेफिनेटली तुम्हारे पास कोई साॅलुशन नहीं होगा कि यदि निक्की को पता चल गया कि मेरी जगह पर किसी को भेजने के लिए कॉलेज मैनेजमेंट ने नहीं कहा, बल्कि मैंने कॉलेज मैनेजमेंट से ऐसा कहा तो मैं निक्की से क्या कहूँगी ?"

          "इसका भी मेरे पास साॅलुशन हैं। आप निक्की से भी वही कह दीजिए, जो मैंने आपको कॉलेज मैनेजमेंट से कहने के लिए कहा हैं। मुझे यकीन हैं कि निक्की बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होने से बचाने के लिए न सही, बट उसे आपकी तरह छोटे बच्चों को पढ़ाने का शौक होने की वजह से आपकी जगह पढ़ाने के लिए तैयार हो जाएगी। वो हम दोनों की शादी के बाद यही करने वाली हैं।"

          "सुनो, ये जो तुम मुझसे करवाना चाह रहें हो, इसमें मेरी रेपुटेशन खराब होने की रिस्क तो नहीं हैं न ?"

          "अरे यार बुआ, ये कैसी बात कर रही हैं आप ? मुझे यदि आपकी रेपुटेशन खराब होने का खतरा नजर आता तो मैं आपको ये काम करने लिए कह सकता क्या ? क्या आप जानती नहीं हैं कि मुझे आपकी रेपुटेशन की तो अपनी मम्मा की रेपुटेशन से भी ज्यादा चिंता हैं ?"

         "जानती हूँ इसीलिए तो बिना ज्यादा सोचें-समझें तुम्हारे उल्टे-सीधे प्लान में शामिल हो जाती हूँ। अब तुम भी एक बात जान लो।"

          "यही न कि आपको भी मेरी अपनी बेटी के बराबर परवाह हैं ?"

           "बेटी के बराबर नहीं, बल्कि बेटी से भी ज्यादा, पर मैं ये बात नहीं, बल्कि कुछ और कहना चाह रही थीं।"

           "वो भी बात मुझे पता हैं। आप ये कहना चाह रही थी कि आपको सप्ताह भर हर दिन आपकी एक फेवरेट आइसक्रीम खिलानी पड़ेगी।"

         "हर्षित, मानना पड़ेगा कि तुम वाकई बेहद समझदार हो।"

         "बुआ, प्लीज नो चापलूसी। आप जानती हैं कि मुझे चापलूसी बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं। चलिए, अब हमारे जाने का टाइम हो गया हैं।"

         "क्यूँ , मेरा ट्रीटमेंट कम्प्लिट हो गया ?"

         "हाँ।" जवाब देने के साथ हीं हर्षित उठकर खड़ा हो गया।
                                 ..................

          "हर्षित, हम लोग डेढ़ माह बाद पहली बार नार्मल ढंग से मिले हैं और तुम हो कि मुझसे बातें करने की जगह अपने आप में ही खोए हुए हो। कहीं ऐसा तो नहीं हैं कि तुम मेरे मिसबिहेव को नहीं भूला पा रहे हो ?" मानसी की बात सुनकर हर्षित कुछ इस तरह चौंका, जैसे उसे अचानक किसी ने गहरी नींद से जगा दिया गया हो।

       "नहीं मानसी, ऐसी कोई बात नहीं हैं। एक्चुअली, मैं अपनी पर्सनल प्राॅब्लम की वजह से कुछ परेशान हूँ इसलिए मैं तुम्हारे साथ ठीक से बात नहीं कर पा रहा हूँ। आई एम सो साॅरी फाॅर इट।" हर्षित ने अनमने ढंग से मानसी की बात का जवाब दिया।

        "यार, मुझे तुम्हारा मेरे साथ बात नहीं करना इतना बुरा नहीं लगा, जितना तुम्हारा ये कहना बुरा लगा कि तुम अपनी पर्सनल प्राॅब्लम की वजह से परेशान हो, इसलिए तुम्हें साॅरी बोलना हैं तो अपनी इस मिस्टेक के लिए बोलो, क्योंकि मैं तुम्हें कई बार समझा चुकी हूँ कि मुझसे रिश्ता जुड़ने के बाद मेरा और तुम्हारा कुछ भी पर्सनल नहीं रहा हैं, न खुशी और न दुख या परेशानी, लेकिन तुम अपनी खुशियाँ तो मेरे साथ शेयर कर लेते हो, बट हमेशा अपने दुख और परेशानी मुझसे छुपाकर मुझे बेगानेपन का अहसास कराते रहते हो। हर्षित, प्लीज मेरी फीलिंग को समझो यार, मैं तुम्हारी इस आदत से वाकई बहुत ज्यादा हर्ट हो जाती हूँ। बताओ, मैं ऐसा क्या करूँ कि तुम्हारा दिल मुझसे अपनी सारी प्राॅब्लम्स शेयर करने के लिए मजबूर हो जाए और मै सही मायनों में तुम्हारी सुख-दुख की साथी बन जाऊँ ?"

       "मैं इसके बारे में तुम्हें बाद में बताऊँगा, तुम पहले मुझे ये बताओ कि तुमने इलेक्शन कैम्पेनिंग शुरू करने के लिए तुम्हारे माइंड में कोई धासू आइडिया हैं या इसके लिए मुझे अपने थके हुए दिमाग को हीं कुछ कसरत करवानी पड़ेगी।"

       "इलेक्शन कैम्पेनिंग शुरू करने के बारे में हम बाद में डिसकस करेंगे, पहले तुम मेरे इस कोश्चन का आन्सर दो कि मैं तुम्हें आज कुछ चेंज नजर आ रही हूँ या पहले जैसी ही लग रही हूँ ?"

        "पहले जैसी ही लग रही हो।"

        "हर्षित, तुम्हारे इस एक सेन्टेंस का आन्सर सुनकर मुझे कितनी तकलीफ हो रही हैं, इसका तुम अनुमान भी नहीं लगा सकते। इतनी तकलीफ तो मुझे तब भी नहीं हुई, जब कल तुम्हारे साथ फोन पर हुई बातचीत में तुमने मुझसे कहा कि अब निक्की तुम्हारी लाइफ में आ चुकी हैं, क्योंकि मुझे तुम्हारी उस बात पर यकीन हीं नहीं हुआ, लेकिन मैं अब जान चुकी हूँ कि मैं तुम अब वाकई मेरे नहीं रहे। जानते हो, मैंने तुम्हारे इस एक सेन्टेंस के आन्सर से कैसे जान लिया कि मैं तुम्हें हमेशा के लिए खो चुकी हूँ ?

        
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RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 06-03-2019, 07:01 PM



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