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Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#9
चक्रव्यहू (5th Part)

       "आई एम सो साॅरी हर्षित, मेरी वजह से तुम्हारी और मानसी के साथ कैमेस्ट्री बिगड़ गई। बिलिव मी, मुझे ऐसा होने का जरा-सा अहसास होता तो मैं सिटी इंटरकाॅलेज स्पोटर्स काॅन्टेस्ट में इस काॅलेज की ओर से रिप्रजेंट करने के लिए एप्लाई हीं नहीं करती।" तेज कदमों के साथ काॅलेज की बिल्डिंग की ओर बढ़ रहे हर्षित के साथ चलने का प्रयास करते हुए निक्की ने खेद प्रकट किया।

        "निक्की, तुमने कुछ गलत नहीं किया, इसलिए तुम्हें इतना अफसोस जाहिर करने की जरूरत नहीं हैं। अब रहा सवाल मेरी और मानसी की मेरी कैमेस्ट्री बिगड़ने का, तो मैं तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ कि हम दोनों के बीच कोई कैमेस्ट्री कभी थीं हीं नहीं।" निक्की की बात सुनने के बाद हर्षित ने अपने कदमों को ब्रेक लगाकर बताया।

        "क्या बात कर रहे हो यार। मुझे तो पता चला था कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे और तुम अपने शर्मिले स्वभाव की वजह से तुम दोनों के इस रिश्ते को लोगों के सामने स्वीकार नहीं करते थे, जबकि मानसी ने अपने डैड से छुपाने के लिए इस रिश्ते को फ्रेंडशीप का नाम दे रखा था।"
        
          "किसने बताया तुम्हें ये ?"

           "रवीना ...।"

           "ओह ! तो ये मुझे मानसी से अलग करने के लिए बबलू एंड कम्पनी की चली गईं एक चाल थीं और तुम्हारे और मानसी के साथ-साथ मैं भी इसका मोहरा बन गया।"

           "तुम दोनों का तो पता नहीं, बट मैं किसी का मोहरा नहीं बनी। मैं अपने इन दो कोश्चन्स का आन्सर जानने के लिए रवीना के इस प्लान में शामिल हुई थीं कि इस काॅलेज की ब्यूटी क्वीन मानसी और काॅलेज के मिस्टर रिलाएबल हर्षित के बीच कनेक्शन क्या हैं और वैसा कोई कनेक्शन हैं जिसके होने से कोई से इनकार तो कोई नहीं करता हैं, बट किसी के पास कोई प्रूफ न होने की वजह से इसके होने का दावा भी नहीं करता हैं और यदि ऐसा कोई कनेक्शन हैं तो क्या ये कनेक्शन तुम्हारे लिए मेरी फ्रेंडशीप से ज्यादा मायने रखता हैं। और मुझे इस मैच से मेरे दोनों सवालों के जवाब मिल गए, बट आई एम सो साॅरी कि इसके चक्कर में मैंने तुम्हारा इर्रिप्रेबल लाॅस कर दिया, क्योंकि बात सिर्फ तुम्हारी किसी के साथ फ्रेंडशीप टूटने की होती तो मैं इस लाॅस की भरपाई करने की कोशिश करती, बट तुम्हारी लवर के तुमसे दूर हो जाने की भरपाई के लिए तो कुछ किया ही नही जा सकता क्योंकि किसी के फ्रेंड का कोई अल्टरनेट बन सकता हैं, लेकिन मोहब्बत के मामले में किसी का अल्टरनेट मिल पाना बहुत मुश्किल हैं।"

       "यू आर राइट, बट यदि मुझे मानसी का कोई अल्टरनेट मिल भी जाए तो भी मैं उसे एक्सेप्ट नहीं करूँगा।"

       "क्यूँ, उससे बेइंतहा प्यार करते थे, इसलिए ?"

       "प्यार तो मैं उससे वाकई बेइंतहा हीं करता था, लेकिन उसके किसी अल्टरनेट को एक्सेप्ट न करने की ये वजह नहीं हैं।"

       "तो फिर क्या वजह हैं ?"

       "अब मेरा प्यार-मोहब्बत जैसी चीजों से विश्वास उठ गया हैं।"

        "क्यूँ  ?"

        "जिस बंदे का अठारह माह तक बेहद केयर करके बड़ा किया मोहब्बत का पौधा स्वार्थ और कर्तव्य के बीच हुई मामूली-सी खीचातानी में पलभर में उखड़ जाए तो फिर उस बंदे का मोहब्बत से विश्वास उठ हीं जाएगा न ?"

        "हाँ, लेकिन तुम्हारी मोहब्बत का पौधा अभी उखड़ा नहीं हैं, सिर्फ मुरझाया हैं। यदि तुम मानसी से मिलकर उसे मनाने की कोशिश करोगे तो तुम्हारी मोहब्बत का ये पौधा फिर से हरा-भरा हो जाएगा। इस पौधे को फिर से हरा-भरा करने में मैं भी खाद-मिट्टी डालने में हेल्प कर सकती हूँ। मैं मानसी के मन में तुम्हारे प्रति पैदा हुई नाराजगी दूर करने के लिए सिटी इंटरकाॅलेज स्पोटर्स टूर्नामेंट में इस काॅलेज को रिप्रजेंट करनेवाले प्लेयर्स की लिस्ट से अपना नाम वापस ले लूँगी। मानसी को इस टूर्नामेंट रिप्रजेंट करने का चांस मिल जाएगा तो काफी हद तक उसकी नाराजगी दूर हो जाएगी और उसके मन में जो थोड़ी-बहुत नाराजगी बाकी रह जाएगा, उसे तुम साॅरी बोलकर दूर कर देना।"

         "न मैं उसे साॅरी बोलने वाला हूँ और न तुम्हें ऐसा कुछ करने दूँगा।"

         "क्यूँ  ?"

         "क्योंकि इनमें से कोई भी काम सही नहीं लग रहा हैं और जो काम मुझे सही नहीं लगता हैं, उसे मैं न खुद करता हूँ और अपने टच के लोगों को करने देता हूँ। और वैसे भी ये करके बेनीफिट कम और लाॅस ज्यादा होनेवाला हैं, क्योंकि मानसी के डैड के पास नाइन या टेन डिजिट में मौजूद वेल्थ एंड सीए की हेल्प के बिना काउंट न की जा सकने वाली मंथली इन्कम और मेरे पापा की सेवन डिजिट्स में काउंट होनेवाली वेल्थ एंड जैसे-तैसे फेमिली का मेंटेनेन्स होने लायक इन्कम की वजह से कभी न कभी हम दोनों का रिश्ता टूटना तय था और ये जितना लेट टूटता, उतनी हीं हम दोनों को ज्यादा तकलीफ होती, सो ....।"

        "ऐसा हैं तो तुम दोनों को अपनी लव-कैमेस्ट्री स्टार्ट हीं नहीं करनी चाहिए थीं।"

         "यू आर राइट, बट मानसी ये बात समझने के लिए तैयार हीं नहीं थीं। उसे लगता था कि उसके डैड उसकी खुशियों के लिए हम दोनों का रिश्ता एक्सेप्ट कर लेंगे, बट एक दिन उड़ते-उड़ते हम दोनों के अफेयर की खबर उसके डैड के कानों तक पहुँची और उन्होंने मानसी को किसी लड़के साथ न अफेयर रखने के लिए और खासतौर पर ऐसे लड़के के साथ जो उनके स्टेटस का नहीं हैं, हार्ड वार्निंग दी तो उसके होश ठिकाने पर आ गए और उसने हम दोनों के रिश्ते को दिल तक सीमित रखने और जनरल फ्रेंड की तरह ओपन प्लेस पर बातचीत करके सटिस्फाइड हो जाने के लिए मेरे काफी पहले दिए गए सजेसन को बिना कहें एक्सेप्ट कर लिया। बट इस तरह से भी हम लोगों की प्यार की गाड़ी सिर्फ दो साल की बची हुई काॅलेज लाइफ तक हीं केरी कर पाती, सो समझदारी इसी में हैं कि हम दोनों के रिश्ते पर यहीं फुल स्टाॅप लग जाने दो।"

        "अच्छा, इसीलिए तुमने इस मैच में पार्टिसिपेट करने से मुझेे या न मानसी को रोकने की कोशिश नहीं की और न हीं इस मैच में अम्पायरिंग करने इनकार किया। बट, क्या तुम्हें इस बात का अनुमान था कि ऐसी कोई सिच्युएशन बन सकती हैं जिससे तुम्हारा मानसी के साथ कुछ दिन बाद होनेवाला ब्रेक-अप इसी मैच में हो जाएगा ?"

         "सिर्फ अनुमान नहीं, मुझे तो इस बात का यकीन भी था कि आज ऐसा कुछ जरूर होगा।"

          "इस यकीन की वजह ?"

          "मानसी की अपनी हार को आसानी से पचा न पाने की आदत और अभिजीत सर की उसके लिए एकतरफा अंधी मोहब्बत।"

          "यदि इस मैच में मेरी जगह कोई और लड़की होती तो तुम क्या करते ?"

           "वही, जो आज किया, बट आज के मैच तुम नहीं होती तो मेरी जगह पर मैं भी नहीं होता और हो सकता हैं कि ये मैच हीं नहीं होता, क्योंकि कोई और लड़की मानसी को चेलेंज करती या काॅलेज-डिपार्टमेंट उसे किसी के साथ एक मैच खेलकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए ऑर्डर जारी करता तो वो ये कहकर अपनी पिछले साल की चैम्पियनशिप दाँव पर लगाने से मना कर देती कि चैम्पियन को एक मैच में हरा देने से कोई चैम्पियन नहीं होता, उससे टकराने का शौक हैं तो काॅलेज के जनरल स्पोर्ट्स टूर्नामेंट तक वेट करें, बट उसे चैलेंज करने वाली तुम थीं, इसलिए उसने आवेश में आकर कुछ दिन और केरी हो जानेवाली अपनी चैम्पियनशिप दाँव पर लगाने के लिए तैयार हो गई।"

         "मैं थीं, मतलब ?"

         "उससे किसी भी गर्ल की मेरे साथ नजदीकियाँ बर्दाश्त नहीं होती और इस वजह से वो तुम्हें मेरे साथ पहली बार देखने के बाद से हीं मन हीं जल-भुन रही थीं, बट उसने ये बात मुझ पर इसलिए जाहिर नहीं होने दीं, क्योंकि मैं उसे काफी पहले समझा चुका हूँ कि जब तक हम दोनों का पूरी तरह से ब्रेक-अप नहीं हो जाता, तब तक ये तो सोचना भी मत कि किसी और लड़की को मैं अपने दिल में जगह दूँगा, बट उसने कभी बेवजह मुझ पर उंगली उठाई तो उसी समय हम दोनों का ब्रेक-अप हो जाएगा।"

         "इसलिए बेचारी हम दोनों को साथ देखकर भी तुम्हें स्माइल देकर निकल जाती थीं। ये सब जानकार मेरे मन में उसके लिए काफी सिम्पैथी पैदा हो रही हैं। क्या तुम्हारे मन में उसके लिए कोई सिम्पैथी पैदा नहीं हुई ?"

          "हुई।"

          "तो फिर तुम्हें .....।"

          "निक्की, प्लीज इस टाॅपिक पर कोई और बात कहकर मेरे हम दोनों की मोहब्बत की पूरी न हो पानेवाली दास्तान को यहीं क्लोज करने के लिए लिए गए अपने हार्ड डिसिजन को चेंज करने के लिए मत उकसाओ, क्योंकि ये मेरी दिल में बड़ी मुश्किल से बुझी मोहब्बत की आग दुबारा शोला बन गई तो हम दोनों के परिवारों की खुशियों को निगल जाएगी।"

          "ओके, आई लेफ्ट दिस टाॅपिक।"

          "थैंक्स, अब तुम ये बताओ कि आज तुम मुझे अपनी जीत की खुशी में काॅफी पिलाओगी या आज भी मेरे हीं पैसे खर्च कराओगी ?"

         "आज भी तुम्हारे हीं पैसे खर्च करवाऊँगी, क्योंकि मुझे इस जीत की जरा-सी खुशी नहीं हैं कि इसके लिए मैं तुम्हें काॅफी पिलाकर इसे सेलिब्रेट करूँ।"

         "पैसे बचाने के लिए बहाना अच्छा हैं।"

         "क्या तुम्हें ऐसा लगता हैं कि मैं थोड़े से पैसे बचाने के लिए बहाना बना रही हूँ ?"

          "नहीं।"

          "तो फिर मुझ पर ये झूठा ब्लैम क्यूँ लगाया ?"

          "तुम पर ब्लैम नहीं लगाया यार।"

           "तो फिर ?"

          "तुम काफी टेंशन में लग रही हो, इसलिए हल्की-फुल्की बातें करके तुम्हारा टेंशन दूर करने की कोशिश कर रहा था।"

          "थैंक्स। अरे, तुम्हें तो काॅफी पीनी हैं न ?"

           "हाँ।"

           "तो काॅलेज के तरफ क्यूँ जा रहे हो, कैंटिन के तरफ चलो न।"

           "काॅफी अभी नहीं, लंच ब्रेक में पिएँगे। अभी हम लोग लंच के पहले वाला एक पीरियड अटैंड करेंगे।"

          "कितने डिसिप्लीन्ड हो यार तुम ?"

           "जरूरी हैं, क्योंकि इंसान डिसिप्लीन में रहे बिना कुछ नहीं कर सकता।"

           "और ये बात तुम्हें तुम्हारी मम्मा ने सिखाई होगी।"

           "नहीं, ये बात मुझे मेरी बुआ ने सिखाई।"

           "बट, तुमने तो बचपन में मुझे बताया था कि तुम्हारी कोई बुआ हैं हीं नहीं ?"

            "जब मैंने तुम्हें बताया, तब वाकई मेरी कोई बुआ नहीं थीं। मेरी बुआ तो तुम्हारे कॉलेज छोड़कर जाने के बाद मुझे मिली।"

            "शायद तुम निहारिका मैम की बात तो कर रहे हो ?"

            "हाँ, मैं उन्हीं ग्रेट लेडी की बात कर रहा हूँ। पर, अब तुम बातचीत बंद करो और अपने क्लासरूम में जाकर घास-फूस का अध्ययन करों, मैं गैलेक्सी की सैर करके आता हूँ।"

           "ओके, थैंक्स फाॅर गिविंग कम्पनी।" कहने के साथ ही निक्की अपने क्लासरूम में चली गईं।
                            .................

          "वो कैंटिन वाला क्या कह रहा था तुमसे ?" कैंटिन से थोड़ी दूरी पर एक टीन शेड के नीचे बेंच पर बैठने के बाद निक्की ने पूछा।

         "कह रहा था कि वो आज के बाद मुझे अपने कैंटिन में काॅफी नहीं पिला पाएगा।" हर्षित ने भावहीन स्वर में जवाब दिया।

           "क्यूँ, तुम उसे टाइमली पेमेंट नहीं करते हो क्या ?"

           "नही यार, मैं तो उसे हर समय इमिजेट पेमेंट करता हूँ।"

           "तो फिर वो ऐसा क्यूँ बोल रहा था ?"

           "उसे मानसी ने मुझे उसके कैंटिन में कुछ भी खिलाने-पिलाने पर उसका कैंटिन हीं बंद करवा देने की धमकी दीं हैं, इसलिए।"

          "ये काॅलेज मानसी के बाप का हैं क्या, जो वो यहाँ जो चाहेगी, वही होगा ?"

           "ये काॅलेज तो उसके बाप का नहीं हैं, पर ये काॅलेज जिस जगह पर बना हैं, वो जगह उसके बाप की हैं। काॅलेज मैनेजमेंट ने ये जगह उसके डैड से बीस साल के लिए लीज पर ली हुई हैं।"

           "ठीक हैं, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं हैं न कि इस वजह से मानसी इस काॅलेज में जो चाहे, वो कर सकती हैं ? काॅलेज मैनेजमेंट ने इस जमीन को लीज पर लेने की एवज में मानसी के बाप को इसका रेंट दिया होगा न ?"

           "हाँ, लेकिन फिर काॅलेज मैनेजमेंट को मानसी और उसके छोटे भाई की मनमानी सहन करनी पड़ेगी, क्योंकि लीज का पीरियड खत्म होने में सिर्फ डेढ़ साल का समय बचा हुआ हैं और यदि इन डेढ़ सालों में काॅलेज मैनेजमेंट ने मानसी के डैड को नाराज कर दिया तो वे लीज के पीरियड को आगे न बढ़ाकर मैनेजमेंट को उनकी जगह खाली करने के लिए कह देंगे, इससे काॅलेज मैनेजमेंट बेहद सीरियस प्राॅब्लम में फँस जाएगा। इस सीरियस प्राॅब्लम को अवाइड करने के लिए काॅलेज मैनेजमेंट के इन्ट्रंक्शंस के एकार्डिंग प्रिंसिपल और काॅलेज का बाकी का स्टाॅफ हमेशा मानसी और उसके भाई से पंगा लेने से बचने की कोशिश करता हैं। आज प्रिंसिपल को उनकी और काॅलेज की स्टूडेंट्स के बीच रेपुटेशन खराब होने के डर से मानसी के खिलाफ मजबूरी डिसिजन देना पड़ा, अदरवाइज उन्हें अपने आदर्शों और सिद्धांतों को अलग रखकर किसी के साथ भी मानसी या उसके भाई का डिसपुट होने पर हमेशा मानसी और उसके भाई का हीं फेवर लेने के लिए बाध्य होना पड़ता हैं।

          "यार, आई कान्ट बिलिव इट कि मानसी और उसकी फेमिली की इस टाइप की मेंटलिटी होने की बात जानने के बावजूद भी तुम मानसी से प्यार करते हो।"

         "निक्की, तुम्हारी ये बात तो हण्ड्रेड एंड वन परसेंट गलत हैं कि मैं मानसी से प्यार करता हूँ क्योंकि मेरे मानसी से प्यार करने की बात अब पास्ट बन चुकी हैं। अब बचा ये सवाल कि क्या मैं मानसी और उसकी फेमिली की इस टाइप की मेंटलिटी होने की बात जानने के बावजूद मानसी से प्यार करता था तो इसका आंसर ये हैं कि मैंने जब मानसी का प्रपोजल एक्सेप्ट किया था, तब मुझे नहीं पता था कि मानसी और उसकी फेमिली की मेंटलिटी इस टाइप की हैं। मुझे जब ये बात पता चली, तब तक हम दोनों का प्यार परवान चढ़ चुका था, लेकिन तब भी मैंने ये बात मेरे नाॅलेज में आते ही मानसी को ये वार्निंग दे दीं थीं कि वो जिस भी दिन इस टाइप की घटिया मेंटलिटी दिखाएँगी, उस दिन हम दोनों के रास्ते अलग हो जाएँगे और मानसी ने मेरी वार्निंग को सीरियसली लेते हुए अपना नेचर काफी हद तक सुधार लिया था, लेकिन आज उसके कैंटिन वाले को इस टाइप की धमकी देने की बात से मुझे लगता हैं कि वो मेरे साथ अपना रिश्ता तोड़कर अपने पुराने रंग में लौटने का मन बना चुकी हैं।"

         "ऐसा हैं तो वो सिर्फ तुम्हारी कैंटिन से चाय-काॅफी बंद करवाने से सटिस्फाइड नहीं होंगी, बल्कि तुम्हें कोई बड़ी चोट देने की कोशिश करेगी।"

          "मुझे भी ऐसा ही लगता हैं।"

          "इसके बाद भी तुम इस तरह से केयरलेस होकर बैठे हो, जैसे तुम्हें किसी का कोई डर हीं नहीं हो।"

           "तो क्या करूँ, काॅलेज छोड़कर भाग जाऊँ ?"

           "अरे बाबा, मैं तुम्हें काॅलेज छोड़कर भागने के लिए नहीं कह रही हूँ और न ही इस बात को लेकर टेंशन लेने के लिए कह रही हूँ। मैं तो तुम्हारे इतने ज्यादा निडर हो जाने की बात पर हैरानी जता रही हूँ। याद हैं तुम्हें कि तुम बचपन में कितने स्नीकी थे ?"

           "हाँ, याद हैं मुझे।"

            "और क्या-क्या याद हैं तुम्हें ?"

            "तुम्हारा मेरे लिए मोहित की काॅलर पकड़ना, मोहित को डराने के लिए टाॅय आॅडियो-रिकार्ड से उसकी बात की रिकार्डिंग करना, मेरा मोहित से पीछा छुटने पर पीपलवाले भगवान जी को अपने पैसे से नारियल चढ़ाना, अपने इस शहर से दूर जाने पर मेरी रिस्पांस्ब्लिटी निहारिका बुआ को सौंपकर जाना और भी बहुत कुछ याद हैं मुझे।"

           "थैंक्स यार। मुझे तो लगा कि तुम ये सब कुछ भूल गए होंगे।"

           "पर तुम तो ये सब भूल गई थी न ?"

           "नहीं।"

           "तो फिर मुझे काॅल करना क्यों बंद कर दिया था ?"

            "यार, तुम्हें मैं बता तो चुकी हूँ न कि तुम्हारी मम्मा का मोबाइल नाॅट रिचेबल ......।"

            "ओके-ओके, मुझे ये तुम्हारे बताने से पहले से भी पता था कि तुम मुझसे बिछड़ जाने के करीब टू एंड हाफ ईयर्स के बाद क्यों डिस्कनेक्ट हो गई थीं।"

           "तो फिर बार-बार मुझसे काॅल नहीं करने और मिलने नहीं आने को लेकर कम्प्लेन्ट क्यूँ करते रहते हो ?"

            "ये जानने के लिए कि तुम पहले की तरह मेरे हर सवाल का जवाब देकर मुझे सटिस्फाइड करने की कोशिश करती हो हो या मुझसे पीछा छुड़ाकर भाग जाती हो ?"

          "और मैं भी ये जानने के लिए तुम्हें परेशान करती हूँ कि सिच्युएशन चेंज हो जाने के बाद भी तुम मेरी हरकतें बर्दाश्त करते हो या नहीं ?"

           "रिजल्ट क्या निकला ?"

           "यही कि तुम ऊपर से तो बहुत ब्रेव और मैच्योर हो चुके हो, बट अंदर से वही आठ साल की उम्र के हर्षित हो। प्लीज, हमेशा ऐसे हीं रहना। तुम ऐसे ही रहोगे तो मेरे लाइफ टाइम बेस्ट फ्रेंड बने रहोगे।"

           "मैं अंदर से ऐसा तो बना रह सकता हूँ बट लाइफ टाइम तक हम लोगों की फ्रेंडशीप इसी तरह केरी हो पाना पाॅसिबल नहीं हैं।"

           "क्यूँ, क्या तुम कभी मुझसे फ्रेंडशीप तोड़ने वाले हो ?"

          "मैं तो नहीं तोड़ूँगा, बट तुम्हें अपनी शादी के बाद तोड़नी पड़ेगी, क्योंकि जमाना कितना भी माडर्न क्यों न हो जाए, जनरली किसी भी गर्ल का हसबैंड को ये पसंद नहीं करेगा कि उसकी वाइफ किसी अदर ब्वाय के साथ इतनी क्लोज फ्रेंडशीप रखें, जैसी तुम्हारी मेरे साथ हैं।"

          "आई एग्री विद यू , बट ये तुमसे किसने कह दिया कि मैं शादी करने वाली हूँ ?"

          
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RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 06-03-2019, 06:59 PM



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