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Non-erotic चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger'
#8
 "अरे, मैं यलो टाॅप और ब्लैक स्कर्ट वाली उस लड़की की बात कर रही हूँ जो हम लोगों को फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर आते समय सीढ़ियों पर मिली थीं।"

         "उसका नाम मानसी हैं।"

         "अरे, मैंने उसका नाम नहीं पूछा था। मैं तो ये पूछ रही थीं कि वो तुम्हारे लिए कुछ खास हैं क्या ?"

         "नहीं।"

         "पर तुम दोनों के चेहरों पर एक-दूसरे को देखकर आए फेस एक्सप्रेशंस तो कुछ और हीं कह रहे थे।"

         "तुम्हारी इस नाॅनसेंस बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं हैं।"

          "गुस्सा क्यूँ हो रहे हो यार, मैं तो सिर्फ टाइम पास कर रही थीं। बाइ द वे, तुम्हारी कोई न कोई गर्लफ्रेंड तो जरूर होंगी।"

           "तुम पूछ रही हो या बता रही हो ?"

           "न पूछ रही हूँ और न बता रही हूँ, मैं तो सिर्फ पाॅसिब्लिटी एक्सप्रेस कर रही हूँ। तुम्हारा क्या कहना हैं ?"

            "कुछ नहीं।"

            "यार, तुम कितने बदल गए हो ? खुद कुछ बोलते नहीं हो और मैं कुछ बोलती हूँ तो रूखा-सा जवाब देते हों। अच्छा होता कि मैं दुबारा तुमसे मिलीं हीं नहीं होती, कम से कम मेरे दिमाग में तुम्हारी क्यूट ब्वाय की इमेज तो बनी रहती।"

           "साॅरी, बट तुम्हारे साथ इस टाइप का बिहेवियर करने के लिए मैं कम और तुम ज्यादा रिसपांसिबल हो। तुम इस टाइप की नाॅनसेंस बात कर रही हो कि न चाहते हुए मुझे रूखे जवाब देने पड़ रहे हैं।"

         "कहीं ऐसा तो नहीं हैं न कि मेरे इस काॅलेज में आने से तुम्हारी फ्रीडम में बाधा पैदा हो गई हैं, इसीलिए तुम चिढ़चिढ़ा व्यवहार कर रहे हो ?"

         "ऐसा कुछ नहीं हैं। न तुम्हारे आने से मेरी फ्रीडम में कोई बाधा पैदा हुई हैं और न मैं इस वजह से चिढ़चिढ़ा व्यवहार कर रहा हूँ।"

          "हाँ, बट तुम्हें मेरी वजह से अपने अदर फ्रेंड्स को छोड़कर मेरी नाॅनसेंस बातें तो झेलनी पड़ रही हैं न ?"

           "तो क्या हुआ, अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना तो करना हीं पड़ेगा न। और तुम हमेशा तो इस तरह मुझे दिनभर के लिए बुक करके तो रखोगी नहीं। थोड़े दिनों में तुम्हारे यहाँ कुछ न्यू फ्रेंड्स बन जाएँगे तो तुम्हारी मुझ पर डिपेंडेंसी अपने आप खत्म हो जाएगी।"

          "लिसन मिस्टर हर्षित, मैं यहाँ न कोई न्यू फ्रेंड्स बनाने वाली हूँ और न कभी तुम्हारा पीछा छोड़ने वाली हूँ। बाइ द वे, तुम मुझसे इतने साल तक अलग रहने के बाद भी मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड मानते हो, इसके लिए थैंक यू सो मच। मैं तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ कि तुम भी अभी तक मेरे बेस्ट फ्रेंड हो।"

           "अभी तक मतलब आगे नहीं रहूँगा क्या ?"

           "ये तो तुम्हारे ऊपर डिपेंड करेगा। यदि तुम मुझे इसी तरह कम्पनी देते रहोगे तो आगे भी मेरे बेस्ट फ्रेंड बने रहोगे और तुम मुझे छोड़कर अपने आसपास मंडराने वाली तितलियों पीछे भागे तो तुम मेरे बेस्ट फ्रेंड रहोगे और न आॅडनरी फ्रेंड रहोगे।"

          "यार, तुम सिर्फ मेरी फ्रेंड हो न ? आई मीन, गर्लफ्रेंड, लवर वगैरह तो कुछ हो नहीं ?"

          "यू आर राइट।"

          "तो फ्रेंड की तरह बिहेवियर करो न, गर्लफ्रेंड या लवर की तरह बिहेवियर क्यों कर रही हो ? आई थिंक, तुम्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होना चाहिए कि मैं किसके पीछे भागता हूँ और किसके पीछे नहीं। तुम्हें तो सिर्फ इस बात से मतलब रखना चाहिए कि मैं तुम्हें एज द बेस्ट फ्रेंड जितना टाइम देना चाहिए, उतना दे रहा हूँ या नहीं। एम आई राइट ?"

           "राइट एण्ड साॅरी फाॅर माई स्टूपिड बिहेवियर।"

           "इट्स ओके नाऊ। आओ, मैं तुम्हें काॅफी पिलाता हूँ।"

           "थैंक्स यार, मुझे तो लग रहा था कि तुम आज भी मुझे कल जैसे हीं लंच टाइम में यहाँ-वहाँ ऐसे घुमाकर वापस क्लासरूम में छोड़ दोगे।"

            "निक्की, मैं इतना भी खड़ूस नहीं हूँ जितना तुम समझ रही हो।"

            "ये मैं बाद में डिसाइड करूँगी कि मैं तुम्हें जितना खड़ूस समझ रही हूँ, तुम उससे कम हो या ज्यादा। फिलहाल तो मैं तुम्हारा आॅफर एक्सेप्ट करके काॅफी पी लेती हूँ। क्या पता ज्यादा देर की तो जनाब का मूड बदल जाए और सामने नजर आ रही काॅफी भी हाथ से निकल जाए।"

         "ऐसा कुछ नहीं होगा, आओ।" कहकर हर्षित, निक्की के साथ काॅलेज के कैंटिन की ओर मुड़ गया।
                                   ..............

         "बाॅस, ऐसी इन्फार्मेशन लाया हूँ कि तुम्हारा मन खुश हो जाएगा।" काॅलेज कैम्पस में एक पेड़ की छाँव में अपने ग्रुप के बीच खड़े एक हट्टे-कट्टे युवा छात्र के करीब आकर लगभग उसी की उम्र एक दुबले-पतले छात्र ने चहकते हुए कहा।

        "क्यों बे नितिन, ऐसी कौन-सी खबर तेरे हाथ लग गई जो इतना उड़ रहा हैं ?" हट्टे-कट्टे छात्र ने सवाल करने के साथ हीं दुबले-पतले छात्र के कंधे पर इतनी जोर से हाथ मारा कि मारा कि वह गिरते-गिरते बचा।

         "बबलू, बेचारे की हालत देखकर उस पर हाथ पटका करो। कभी उसकी हड्डी-पसली टूट गई तो तुम्हारा एक इन्फाॅर्मर कम हो जाएगा।" एक स्टाइलिश युवा छात्रा ने मजाकिया अंदाज में ये बात कही तो नितिन को छोड़कर सब लोग ठहाका मारकर हँस पड़े।

         "अबे, बता न कि कौन-सी इन्फार्मेशन लाया हैं ?" कुछ पलों तक हँसने के बाद बबलू ने नितिन से सवाल किया।

        "नहीं बताऊँगा।"

         "मतलब दो-चार लात खाने के बाद बताएगा ?"

         "बाॅस, मारना मत, बता रहा हूँ।"

         "अब आया न, लाइन पर। अब नई-नवेली दुल्हन की तरह शर्माना बंद कर और तेरे पेट में जो कुछ हैं, उगल दे, नहीं तो मुझे उगलवाने के लिए तेरे पेट पर लात मारना पड़ेगा।"

        "बाॅस, बात ये हैं कि इस काॅलेज में कल एक लड़की ने एम एस-सी फर्स्ट सेम में एडमिशन लिया था और उसे मैंने अभी-अभी हर्षित के साथ घूमते देखा। मुझे लगता हैं कि हम इस मौके का सही इस्तेमाल करें तो तुम इस बार हर्षित को काॅलेज के स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट की पोस्ट से हटाकर इस पोस्ट पर काबिज हो सकते हैं।"

        "लगता हैं कि ये साला पागल हो गया हैं। अबे गधे, तुझे क्या लगता हैं कि किसी लड़की के साथ घूमने की बात फैलाकर हम अपने उस सबसे बड़े दुश्मन को इतना बदनाम कर सकते हैं कि उसके इलेक्शन हारने की नौबत आ सकती हैं ?"

         "बाॅस, तुम मेरी पूरी बात सुनोगे तो तुम्हें लगेगा कि मैं पगलाया नहीं बल्कि डबल स्याना हो गया हूँ। दरअसल बात ये हैं कि वो लड़की कोई आम लड़की नहीं हैं बल्कि हर्षित की बचपन की दोस्त निक्की हैं।"

         "अबे इडियट, उस लड़की के मेरे सबसे बड़े कम्पेटेटर हर्षित की बचपन दोस्त भी होने से इलेक्शन के रिजल्ट पर क्या फर्क पड़ेगा। क्या तुझे ऐसा लगता हैं कि हर्षित की बचपन की दोस्त के आ जाने से काॅलेज के सारे स्टूडेंट उसके दुश्मन बन जाएँगे ?"

          "बबलू , इसकी पूरी बात तो सुन लो यार। हो सकता हैं कि इसके दिमाग में वाकई ऐसा प्लान हो जिससे हम इस बार हर्षित को मात देने में सक्सेज हो जाए।"

         "रवीना, मुझे लगता तो नहीं हैं कि इस जोकर के पास कोई काम की बात होगी, पर तुम कह रही हो तो सुन लेता हूँ। चल भाई, अब तू एक हीं साँस में तेरे पेट में पड़ी सारी बात उगल दे, ताकि तुझे भी राहत मिल जाए और हमें भी।"

         "ओके बाॅस। मैं ये बता रहा था कि मैंने कैंटिन में काफी देर तक निक्की और हर्षित की आपसी बातचीत सुनी की और उससे दो नतीजों पर पहुँचा। एक तो ये कि उन दोनों की दोस्ती फेविकोल के जोड़ से भी ज्यादा मजबूत हैं और मैंने दूसरा नतीजा ये निकाला कि निक्की स्टेट लेबल तक बैडमिंटन खेलकर आ चुकी हैं। अब मेरे दिमाग में आया खुराफाती दिमाग में बना प्लान सुनो कि हम यदि ऐसी सिच्युएशन पैदा कर दे कि हर्षित को उसकी स्कूल की दोस्त निक्की और काॅलेज की दोस्त मानसी में से एक को चुनना पड़े तो आधी जंग हम वैसे ही जीत जाएँगे क्योंकि ऐसी सिच्युएशन पैदा होने पर हर्षित अपनी बचपन की दोस्त को चुनेगा और फिर उसकी काॅलेज की दोस्त उसे उस पैनल से निकलवा देगी, जिसका लीडर होने की वजह से हर्षित पिछले दो सालों से प्रेसीडेंट की पोस्ट पर बैठा हुआ हैं।"

         "तेरा आइडिया तो वाकई धासू हैं, पर यदि हर्षित ने निक्की को न चुनकर मानसी को चुन लिया तो हमारे हाथ में फिर से वही हार का कद्दू आ जाएगा।"

          "हाँ, लेकिन ऐसा नहीं होगा। मैंने हर्षित और निक्की की जितनी बातें सुनी, उससे मुझे लगता हैं कि हर्षित के लिए मानसी से ज्यादा निक्की मायने रखती हैं, इसलिए दोनों में से एक को चुनने की सिच्युएशन पैदा होने पर हर्षित जरूर निक्की को ही चुनेगा।"

         "ठीक हैं, लेकिन ऐसी सिच्युएशन पैदा होगी कैसे ?"

         "डोंट वरी बबलू, मेरी समझ में आ गया कि ऐसी सिच्युएशन कैसे पैदा की जा सकती हैं। बस तुम मुझे ये सिच्युएशन क्रिएट करने के लिए आज शाम तक फ्री छोड़ दो।" बबलू की बगल में खड़ी स्टाइलिश छात्रा ने कहा।

         "ओके रवीना, तुम आज शाम तक इस मिशन को अंजाम तक पहुँचाने के लिए पूरी तरह से फ्री हो।

         "नितिन, तुमने उस लड़की की क्लास का क्या नाम बताया था ?"

         "एम एस-सी फर्स्ट सेम।"

         "सब्जेक्ट कौन-सा हैं ?"

         "ये तो मुझे नहीं पता।"

       "कोई बात नहीं, मैं पता कर लूँगी।" कहकर रवीना अपने ग्रुप का साथ छोड़कर काॅलेज की बिल्डिंग की ओर बढ़ गई।
                               .................

       "रवीना, तुम्हारे चेहरे की चमक बता रहीं हैं कि तुम्हारे खुराफाती दिमाग में कोई धासू प्लान बनकर तैयार हो चुका हैं।" अपने ग्रुप के साथ एक पेड़ के नीचे खड़े बबलू ने रवीना के करीब आते ही उसके चेहरे को देखते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की।

        "बबलू , तुम कितने स्लो हो यार। अरे, मेरे ब्रिलियंट माइंड में हर्षित की न्यू एण्ड ओल्ड फ्रेंड्स को आपस में लड़वाने का एक फुलप्रुफ प्लान तो नितिन की बात खत्म होते हीं बन चुका था। मैं तो दो घंटे के लिए उसे एग्जिक्युशन स्टार्ट करने गई थीं और फिफ्टी परसेन्ट एग्जिक्यूट भी कल चुकी हूँ।" जवाब में रवीना ने चहकते हुए बताया।

        "गुड, मुझे तुमसे यही उम्मीद थीं। अब जल्दी से बताओ कि तुम्हारा वो प्लान क्या था और उसे तुमने आधा प्लान एग्जिक्यूट कैसे किया ?"

          "मेरा प्लान ये था कि मानसी और निक्की के बीच एक बैडमिंटन का मैच करवा दिया जाए और उस मैच का हमारे काॅलेज के स्पोटर्स टीचर प्रोफेसर अभिजीत और हर्षित को अम्पायर्स बना दिया जाए, इससे होगा ये कि अभिजीत सर के मानसी को फेवर करके उसके फेवर में गलत डिसिजंस देंगे, जिसकी वजह से हमारे काॅलेज में सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र के वंशज माने जानेवाले हर्षित महाशय को निक्की का फेवर लेकर अभिजीत सर से डिसिजन चेंज कराने के लिए झगड़ा करना पड़ेगा और वो मानसी को नजरों में विलेन बन जाएगा। इसके बाद मानसी अपनी पैनल की को-आॅर्डिनेटर होने का पाॅवर का मिसयूज करके अपने पैनल से हर्षित को बाहर का रास्ता दिखा देगी और तुम्हारा स्टूडेंट्स यूनियन का प्रेसीडेंट बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।"

         "रवीना, तुम्हारा प्लान सुनने में तो बहुत बढ़िया लग रहा हैं, पर मुझे लगता नहीं है कि सक्सेजफुली एग्जक्यूट हो जाएगा।"

          "क्यों ?"

          "हम लोग निक्की और मानसी को एक-दूसरे के साथ बैडमिंटन मैच खेलने के लिए तैयार कैसे करेंगे ?"

           "बबलू, अब मेरी समझ में आया कि तुम पिछले दो साल से हर्षित से शिकस्त क्यों खा रहें हो। इसकी वजह ये हैं कि तुम्हारा कम्पेटेटर हर्षित जितना स्मार्ट हैं, तुम उतने हीं स्टूपिड हो। बट, तुम्हारी किस्मत अच्छी हैं कि इस बार मैं तुम्हारे साथ हूँ। अब तुम इस टेंशन की वजह से अपने दिमाग के कुछ बचे हुए फ्यूज उड़ाना बंद करो कि उन दोनों को आपस में मैच खेलने के लिए तैयार कैसे करेंगे क्योंकि मैं उन दोनों के मैच का पूरा अरेंजमेंट करके आ गई हूँ।"

          "वेरी गुड, पर ये तुमने किया कैसे ?"

          "सुनो, हर्षित की न्यू एंड ओल्ड दोनों फ्रेंड्स का शटल क्वीन होने की वजह से मुझे ज्यादा दिमाग खर्च नहीं करना पड़ा। मानसी हमारे काॅलेज की गर्ल्स कैटिगिरी की बैडमिंटन चैम्पियन हैं, इसलिए उसका बिना कोई टेस्ट दिए किसी भी इंटरकाॅलेज टूर्नामेंट में हमारे काॅलेज की ओर से खेलने के लिए उसका सलेक्शन हो जाता हैं। लेकिन इस बार उसे ट्वेंटी सेवंथ सेप्टेम्बर से स्टार्ट होनेवाले सिटी इंटरकाॅलेज स्पोटर्स टूर्नामेंट में काॅलेज को रिप्रजेंट करने के लिए निक्की के साथ एक मैच खेलकर प्रूव करना होगा कि निक्की के इस काॅलेज में आने के बाद भी वही इस काॅलेज की गर्ल्स कैटिगिरी की बेस्ट बैडमिंटन प्लेयर हैं क्योंकि मेरी एडवाइज पर निक्की आज हीं स्पोटर्स डिपार्टमेंट में रिटन एप्लीकेशन देकर इस टूर्नामेंट में गर्ल्स कैटिगिरी के बैडमिंटन काॅन्टेक्ट में काॅलेज को रिप्रजेंट करने के लिए दावेदारी ठोक चुकी हैं और निक्की के बैडमिंटन की स्टेट लेबल की प्लेयर होने की वजह से स्पोटर्स डिपार्टमेंट के इंचार्ज प्रोफेसर माथुर ने उसकी दावेदारी को सीरियसली लेते हुए ये डिसाइड किया हैं कि वे दो दिन बाद निक्की और मानसी का मैच कराएँगे और उस मैच की जो विनर होगी, उसे काॅलेज को रिप्रजेंट करने का मौका देंगे।"

          "वाह ! क्या बात हैं। रवीना, तुमने तो सचमुच कमाल कर दिया। अब ये बताओ कि हम लोग हर्षित को इस मैच का अम्पायर कैसे बनाएँगे ?"

          "इसके लिए तुम्हें अभिजीत सर को पटाना पड़ेगा, क्योंकि स्पोटर्स टीचर होने की वजह से किसी भी मैच में एक रैफरी या अम्पायर वे खुद होते हैं और दूसरे किसी ऐसे प्रोफेसर या स्टूडेंट को भी वे हीं अपाईंट करते हैं जिसके नाम पर दोनों प्लेयर्स या टीमों को कोई ऑब्जेक्शन न हो। ये भी तय हैं कि उन्होंने इस जाॅब के लिए हर्षित का नाम एनाउंस किया तो न निक्की ऑब्जेक्ट करेगी और न मानसी, क्योंकि दोनों में से हर किसी को लगेगा कि हर्षित उसके साथ चीटिंग नहीं करेगा।"

          "फिर तो कोई प्राॅब्लम नहीं हैं क्योंकि अभिजीत सर को मैं आसानी से अपने शीशे में उतारकर उनसे हर्षित को सेकंड अम्पायर अपाईंट करा लूँगा और उन्हें मानसी के फेवर में गलत डिसिजंस देने के लिए भी कन्वेंस कर लूँगा।"

         "तुम्हे उन्हें मानसी के फेवर में डिसिजन देने के लिए कन्वेंस करने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि वे ऐसा अपनी मर्जी से खुद ही करने वाले हैं।"

         "तुम ये बात इतने यकीन के साथ कह रही हो ?"

         "क्योंकि मैं पिछले कई मैचेस में वे ऐसा कर चुके हैं। एक्चुअली, वे मानसी पर हद से ज्यादा फिदा हैं, इसलिए वे अपनी अदर मैचेस में आॅनेस्टली डिसिजंस देते हैं पर मानसी का मैच होने पर अपनी ड्यूटी और रेपुटेशन को दाॅव पर लगाकर खुलेआम उसका फेवर करते हैं। ये बात अलग हैं कि इस मेहरबानी के बावजूद मानसी उन्हें जरा-सा भी घास नहीं डालती।"

        "यानि, मुझे अभिजीत सर को केवल हर्षित को सेकंड अम्पायर अपाईंट करने के लिए अपने शीशे में उतारना हैं ?"

       "हाँ, लेकिन इसके लिए भी तुम्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। तुम्हें बस अभिजीत सर के दिमाग में ये बात डालनी हैं कि ये सब मानसी और हर्षित के बीच झगड़ा कराने के लिए किया जा रहा हैं। इसके बाद वे खुद ही खुशी-खुशी तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हो जाएँगे, क्योंकि वे मानसी और हर्षित की सीक्रेट कैमेस्ट्री को अपनी राह का रोड़ा समझते हैं।"

       "वाकई आज तो मुझे मानना पड़ेगा कि तुम्हारे जैसी ब्रिलियंट और जीनियस लड़की इस काॅलेज में तो क्या, पूरे शहर में नहीं होगी। मुझे लगता हैं कि हमारे प्लान के नाइंटी नाइन परसेन्ट सक्सेज होने के चांसेज बन चुके हैं। बस यदि इस प्लान के अनसक्सेज होने की ये एक परसेन्ट की पाॅसिब्लिटी खत्म हो जाए तो आज तुम्हारे मनपसंद रेस्टाॅरेंट में तुम्हारा डिनर आज तय हैं।"

      "अब तुम्हें इस प्लान के अनसक्सेज होने की कौन सी एक परसेन्ट पाॅसिब्लिटी लग रही हैं ?"

       "एक्चुअली मुझे लगता है कि हर्षित को पता चलेगा कि उसकी दो फ्रेंड्स ......।"

        "समझ गई कि तुम्हारे दिमाग में क्या डाऊट है। ये डाऊट मेरे दिमाग में भी आया था, इसलिए मैंने इसका भी ट्रीटमेंट कर दिया हैं। मैंने हर्षित की न्यू फ्रेंड के लिए इस मैच को प्रेस्टिज इश्यू बना दिया हैं और ओल्ड फ्रेंड के दिमाग में ये बात डाल दीं हैं कि वो इस मैच जीतकर हर्षित को मानसी जैसी बिगड़ी हुई रईसजादी के चंगुल से आजाद कर सकती हैं, इसलिए हर्षित के कहने पर भी कोई पीछे नहीं हटेगी।"

       "रवीना, यू आर रियली सो जीनियस गर्ल।"

       "तारीफ करने से काम नहीं चलेगा, मेरे लिए चार घंटे के मंदाकिनी होटल की सारी सर्विसेज फ्री करवानी पड़ेगी।"

        "नो प्राॅब्लम।"

        "और मेरे लिए भी।" नितिन से जल्दी से अपनी भी डिमांड रख दीं।

          "अबे, अपनी औकात में रहा कर। ये ले पाँच सौ रूपए और किसी ढाबे पर दो देशी के क्वार्टर्स के साथ चिकन फ्राई खा ले।" कहकर बबलू ने पाँच सौ का एक नोट नितिन के हाथ में थमा दिया।
                             ...................

        काॅलेज के बैडमिंटन कोर्ट के आसपास स्टूडेंट्स और काॅलेज स्टाॅफ का जबर्दस्त जमावड़ा था। कोर्ट के अंदर मानसी और निक्की के बीच जारी बैडमिंटन मैच निर्णायक मोड़ पर था, इसलिए दोनों के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था। कोर्ट के बाहर खड़े अधिकांश 'मानसी-मानसी' चिल्ला रहे थे, जबकि अधिकांश छात्राएँ 'निक्की-निक्की' के नारे लगा रही थीं। काॅलेज के स्पोटर्स टीचर प्रोफेसर अभिजीत नेट के खम्भे के पास और हर्षित दूसरे खम्भे के पास खड़े होकर इस मैच में अम्पायर्स की भूमिका निभा रहे थे।

       निक्की ने मैच का पहला सेट 21-7 के बड़े अंतर से जीतकर बढ़त बना ली थीं, लेकिन मानसी ने दूसरा सेट 21-19 के मामूली अंतर से जीतकर निक्की बराबरी कर ली थी, इसलिए विजेता बनने के लिए दोनों तीसरा व निर्णायक सेट जीतने के लिए अपनी सारी उर्जा और खेल-कौशल झोंक रहीं थीं। इस वक्त तीसरे सेट में निक्की के 20 और मानसी के 19 पाईंट्स थे, इसलिए मानसी की एक गलती उसके मैच जीतने के सपने को चकनाचूर कर सकतीं थीं, जबकि निक्की की एक गलती मैच में मानसी को उसके बराबरी में लाकर खड़ी कर सकतीं थी।

       समर्थकों के शोर-शराबे के बीच निक्की ने सर्विस की, जिसका मानसी ने बेहतरीन तरीके से अंडरआर्म रिटर्न किया। इसके बाद निक्की ने मानसी पर दबाव बनाने के उद्देश्य से शानदार ढंग से शटलकाॅक को स्मैश किया और मानसी ने उसके ट्रैप में फँसकर ऊँचा रिटर्न कर दिया, फिर इसी टाइप के मौके का इंतजार कर रही निक्की ने जम्प करके पूरी ताकत से मानसी की पहुँच से दूर जबर्दस्त स्मैश मारा, जिसे डिफेंड करने के लिए मानसी ने काफी फुर्ती दिखाई, लेकिन  अपने भरपूर प्रयास के बावजूद शटल मानसी के रैकेट पर पूरी तरह से नही आयी और उसके रैकेट के एक सिरे से टकराकर कोर्ट की साइडलाइन के बाहर गिर गईं।

         प्रोफेसर अभिजीत ने तुरंत मानसी को एक पाईंट मिलने का इशारा कर दिया, जिसके बाद ब्वायस के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी, जबकि गर्ल्स 'चीटिंग-चीटिंग' चिल्लाने लगीं।

        "सर, ये तो खुली चीटिंग हैं।" हर्षित ने कोर्ट पार करके प्रोफेसर अभिजीत के पास पहुँचकर उसके इस डिसीजन पर अपना विरोध प्रकट किया।

          "कैसे चीटिंग हैं ? निक्की का शाॅट कोर्ट के बाहर गिरा तो पाईंट तो अपोजिट प्लेयर को ही मिलेगा न ?" प्रोफेसर अभिजीत ने अपने डिसिजन को जस्टिफाई करने की कोशिश करते हुए कहा।

         "सर, निक्की का शाॅट कोर्ट के बाहर गिरा जरूर, लेकिन अपने आप नहीं, बल्कि मानसी के रैकेट से शटल टकराने की वजह से डिफ्लेक्ट होकर गिरा हैं, इसलिए ये पाईंट निक्की को मिलना चाहिए।"

         "हर्षित इज टेलिंग राइट।" कई गर्ल्स ने एक स्वर में कहा।

         "नो, अभिजीत सर इज टेलिंग राइट।" गर्ल्स की बात के जवाब में कई ब्वायस ने एक स्वर में कहा।

          तभी 'हटिए-हटिए' कहते हुए छात्र-छात्राओं की भीड़ को चीरकर काॅलेज का प्रिंसिपल हर्षित और प्रोफेसर अभिजीत के पास पहुँच गए।

          "क्या प्राॅब्लम हैं ?" प्रिंसिपल के पूछने पर अभिजीत और हर्षित ने बारी-बारी से अपना-अपना पक्ष उनके सामने रख दिया।

           "आप लोगों में से बहुत से लोगों ने इस मैच की वीडियो की रिकार्डिंग की होगी ?" प्रिंसिपल ने दोनों की बातें ध्यान से सुनने के बाद छात्र-छात्राओं की ओर देखकर कहा।

         "यस सर।" कई छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में जवाब दिया।

         "तो आप लोगों में से कोई ऐसा स्टूडेंट मुझे इस शाॅट की रिकार्डिंग दिखाएँ, जिसके मोबाइल में शटल लैंड करने वाला स्कैन क्लियरली रिकार्ड हुआ हैं।"

           "सर, मेरे मोबाइल में ये स्कैन काफी क्लियरली रिकार्ड हुआ हैं। ये देखिए ..।" कहने के साथ एक छात्रा ने प्रिंसिपल को अपना मोबाइल थमा दिया।

           "प्रोफेसर अभिजीत, मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थीं।" मोबाइल में मैच के लास्ट शाॅट की वीडियो क्लिप दो-तीन बार देखने के बाद सामने खड़ी छात्रा को उसका मोबाइल लौटाते हुए प्रिंसिपल ने प्रोफेसर अभिजीत को लताड़ा।

         "सर, एक्चुअली ......।"

         "मुझे आपकी कोई सफाई नहीं सुननी हैं। आपको आपकी इस घटिया हरकत के लिए क्या पनिसमेंट देनी हैं, ये तो काॅलेज का मैनेजमेंट बोर्ड तय करेगा, लेकिन फिलहाल मैं अपने पाॅवर का यूज करके तुम्हें मैनेजमेंट बोर्ड की नेक्स्ट मीटिंग तक के लिए इसी वक्त सस्पेंड कर रहा हूँ। हर्षित तुम अपनी हेल्प के लिए किसी और को एक अम्पायर चुनकर आगे का मैच करवाओ।"

         "सर, दिस मैच इज ओवर। इस मैच को 3-2 से हमारे काॅलेज की न्यू स्टूडेंट मिस निक्की जीत चुकी हैं, आप आॅफिसियल एनाउंसमेंट कर दीजिए।" हर्षित की बात सुनते प्रिंसिपल ने पास खड़े अपने एक मातहत को माइक लेकर आने के लिए कहा, जबकि उन्हीं के पास खड़ी मानसी, हर्षित की बात सुनकर उसे कुछ देर तक ज्वलंत निगाहों से घूरने के बाद पैर पटकती हुई छात्र-छात्राओं को हटाकर ग्राउंड से बाहर निकल गई। उसके जाते हीं ब्वायस की तादाद भी धीरे-धीरे कम होने लग गई।
Images/gifs are from internet & any objection, will remove them.
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RE: चक्रव्यहू by Jayprakash Pawar 'The Stranger' - by pastispresent - 06-03-2019, 06:59 PM



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