12-08-2020, 08:24 PM
पिछली होली
सबसे पहले मेरी सास बोलीं
" अब लग रहा है होली का असर , ... "
और मेरी जेठानी ने राज खोला , ...
" पिछली होली तो एकदम फीकी , ..बात करने में . "
पता ये चला की इनका कैम्पस सेलेक्शन था , पहले फरवरी के आसपास फाइनल सेमेस्टर , और उसके तुरंत बाद से नौकरी के लिए कम्पनी थीं , वो भी कई कई राउंड , ... पूरे अप्रेल तक , और ये उस कमेटी में भी थे जो लड़कों का सेलेक्शन करवाती है , ... इसलिए पिछले साल होली हुयी ही नहीं देवर भाभी की ,
फिर चाय पीते पीते इनकी भाभी ने अपनी पहली होली का किस्सा सुनाया , ... पांच साल पहले का ,... जब से आयी तभी से उनका वन प्वाइंट प्रोग्राम था
देवर की रगड़ाई ,
ये उस समय इंटर कर रहे थे , उसकी शरम लाज छुड़ाने का , ...
पर दोस्ती तो उनकी पक्की हो गयी थी , जेठ जी अक्सर बाहर चले जाते थे , वैसे भी दिन में ,... बात करने में भी उनके देवर उनसे शरमाते थे , डबल मिंनिंग डायलॉग उनकी भाभी बोलती भी तो वो एकदम , ' मैं शरम से लाल हो गयी ' टाइप ,.. और मेरी जेठानी और ,...
होली के लिए उन्होंने बहुत प्लान बनाया था पर होली उनके देवर के इंटर के बोर्ड के इक्जाम के बीच में पड़ी , ...
और इम्तहान के डेढ़ महीने पहले से देवर का कमरा बंद , सिर्फ उनकी भाभी के लिए खुलता , दूध , नाश्ता , खाना सब वहीँ कमरे में ये खुद ले जातीं ,...
यहाँ तक की सेंटर कहाँ पड़ा है , उनका कमरा कहाँ है , सब बातें उनकी भाभी ने पता कर के बताई ,
कब होली आयी कब गयी पता नहीं चला.
रोज इम्तहान देने जाने के पहले उन्हें दही गुड़ खिलाना , टीका लगाना , ... सब काम उनकी भाभी का ,...
लेकिन जिस दिन वो फाइनल पेपर देकर आये
दो दो बाल्टी में आंगन में मेरी जेठानी ने पहले से ही रंग घोल कर रखा था ,
पेपर कैसे हुआ ये बाद में पूछा गया , एक बाल्टी रंग पहले पड़ा , ... और जबरदस्त डिफर्ड होली ,
उनकी यूपी बोर्ड में पोजीशन आयी और उसी साल आई आई टी बॉम्बे में एडमिशन भी हो गया , ...
फिर कई बार सेमस्टर के इम्तहान और होली में मामला फंसता तो वो अगर जाड़े में भी आते और पता चलता की होली में नहीं आ पाएंगे तो होली उसी समय हो जाती।
पर आज , वो कुछ बोलतीं उसके पहले कम्मो बोल पड़ी।
" अरे आज तो डबल भौजाई थीं , अभी तो शुरुआत है , ... "
"एकदम , "
जेठानी जी बोली लेकिन तब तक उनका फोन घनघनाया , ... "
इनके बुआ के यहाँ से फोन था , हमारी ननद की गोदभराई है आज ही तय हुआ , कल सुबह ,... ये और सासू जी दोनों लोग आ जाएँ , ... आज ही सारी तैयारी करनी है
ज्यादा दूर नहीं जाना था मऊ , घंटे भर का रास्ता था , ... कल शाम तक लौट भी आना था ,
गयी वो और मेरी सास , पर जाने के पहले सास मुझे और कम्मो दोनों को चार बार याद दिला के गयीं , ... वो भांग वाली गुझिया अभी बची हैं , ... खोया बना के रखा है , ...
और गुझिया बनाते समय मैंने कम्मो को अपने मन की बात बता दी।
सबसे पहले मेरी सास बोलीं
" अब लग रहा है होली का असर , ... "
और मेरी जेठानी ने राज खोला , ...
" पिछली होली तो एकदम फीकी , ..बात करने में . "
पता ये चला की इनका कैम्पस सेलेक्शन था , पहले फरवरी के आसपास फाइनल सेमेस्टर , और उसके तुरंत बाद से नौकरी के लिए कम्पनी थीं , वो भी कई कई राउंड , ... पूरे अप्रेल तक , और ये उस कमेटी में भी थे जो लड़कों का सेलेक्शन करवाती है , ... इसलिए पिछले साल होली हुयी ही नहीं देवर भाभी की ,
फिर चाय पीते पीते इनकी भाभी ने अपनी पहली होली का किस्सा सुनाया , ... पांच साल पहले का ,... जब से आयी तभी से उनका वन प्वाइंट प्रोग्राम था
देवर की रगड़ाई ,
ये उस समय इंटर कर रहे थे , उसकी शरम लाज छुड़ाने का , ...
पर दोस्ती तो उनकी पक्की हो गयी थी , जेठ जी अक्सर बाहर चले जाते थे , वैसे भी दिन में ,... बात करने में भी उनके देवर उनसे शरमाते थे , डबल मिंनिंग डायलॉग उनकी भाभी बोलती भी तो वो एकदम , ' मैं शरम से लाल हो गयी ' टाइप ,.. और मेरी जेठानी और ,...
होली के लिए उन्होंने बहुत प्लान बनाया था पर होली उनके देवर के इंटर के बोर्ड के इक्जाम के बीच में पड़ी , ...
और इम्तहान के डेढ़ महीने पहले से देवर का कमरा बंद , सिर्फ उनकी भाभी के लिए खुलता , दूध , नाश्ता , खाना सब वहीँ कमरे में ये खुद ले जातीं ,...
यहाँ तक की सेंटर कहाँ पड़ा है , उनका कमरा कहाँ है , सब बातें उनकी भाभी ने पता कर के बताई ,
कब होली आयी कब गयी पता नहीं चला.
रोज इम्तहान देने जाने के पहले उन्हें दही गुड़ खिलाना , टीका लगाना , ... सब काम उनकी भाभी का ,...
लेकिन जिस दिन वो फाइनल पेपर देकर आये
दो दो बाल्टी में आंगन में मेरी जेठानी ने पहले से ही रंग घोल कर रखा था ,
पेपर कैसे हुआ ये बाद में पूछा गया , एक बाल्टी रंग पहले पड़ा , ... और जबरदस्त डिफर्ड होली ,
उनकी यूपी बोर्ड में पोजीशन आयी और उसी साल आई आई टी बॉम्बे में एडमिशन भी हो गया , ...
फिर कई बार सेमस्टर के इम्तहान और होली में मामला फंसता तो वो अगर जाड़े में भी आते और पता चलता की होली में नहीं आ पाएंगे तो होली उसी समय हो जाती।
पर आज , वो कुछ बोलतीं उसके पहले कम्मो बोल पड़ी।
" अरे आज तो डबल भौजाई थीं , अभी तो शुरुआत है , ... "
"एकदम , "
जेठानी जी बोली लेकिन तब तक उनका फोन घनघनाया , ... "
इनके बुआ के यहाँ से फोन था , हमारी ननद की गोदभराई है आज ही तय हुआ , कल सुबह ,... ये और सासू जी दोनों लोग आ जाएँ , ... आज ही सारी तैयारी करनी है
ज्यादा दूर नहीं जाना था मऊ , घंटे भर का रास्ता था , ... कल शाम तक लौट भी आना था ,
गयी वो और मेरी सास , पर जाने के पहले सास मुझे और कम्मो दोनों को चार बार याद दिला के गयीं , ... वो भांग वाली गुझिया अभी बची हैं , ... खोया बना के रखा है , ...
और गुझिया बनाते समय मैंने कम्मो को अपने मन की बात बता दी।