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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#29
मेरे दिल में एक डर उठा,एक अजीब सा डर ..
“वो मुझे नही पता की मैं तुम्हे किस करती की नही लेकिन अब मैं शादी शुदा हु बस इतना समझ लो “
“मतलब अब भी चांस है ..”
“रोहित बोला ना की मैं ..”
वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही रोहित ने बात काट दी 
“याद है वो रात जब हम ..”
“रोहित प्लीज् ,..वो एक गलती थी “
“तुम्हे आज भी ये लगता है की वो एक गलती थी या शराब के कारण था “
मोना कुछ भी नही बोल पाई जो की एक सबूत था की वो ये नही मानती 
“बोलती क्यो नही मोना “
“क्या बोलूं,चलो मुझे काम में जाना है “
उधर से रोहित एक अजीब सी हँसी हंसा जिसमे एक दर्द था साथ ही व्यंग भी ..
“हा जाओ जाओ जब भी मैं उस रात की बात छेड़ता हु तुम्हे काम ही याद आ जाता है “
“रोहित जो हो चुका उसे हम भुला नही सकते क्या,इस तरह हम दोस्त भी नही रह पायेगें और मैं तुम्हारी दोस्ती को खोना नही चाहती ..”
“मैंने भी बहुत कोशिस की है मोना की हम दोस्त रह पाए लेकिन ...शायद मैं टूट जाता हु तुम्हारे साथ ,खुस को सम्हाल नही पाता उस रात के बाद से ही मैं …”
“रोहित मैं चलती हु ,बाय,”
मोना ने फोन रख दिया ,और मैं एक सोच में डूब गया,मोना उसे अब उस तरह से मना नही कर रही थी जैसा उसने पहली बार में किया था,लग रहा था की अगर रोहित थोड़ी कोशिस करे तो कुछ हो जाएगा,मोना के व्यव्हार में भी एक चेंज था शायद वो भी रोहित के साथ अपने जिस्मानी रिश्ते को आगे ले जाना चाहती थी ,और शायद इसका दोषी मैं ही था क्योकि मैंने ही उसे ये छूट दे दी थी ,मैंने आखिरी काल चेक की जो की अब्दुल को की गई थी ,रोहित से बात करने के लगभग आधे घण्टे के बाद ..
“जी भाभी जी “
“गुस्सा तो नही हो गए जो मैंने कहा “
अब्दुल सच में चौक ही गया होगा 
“जी नही नही ,कहिए..”
“बस ऐसे ही तुम्हारी याद आ गई “
“मेरी .???.”
अब्दुल अभी भी थोड़ा डरा हुआ ही था होता भी क्यो ना पहले बार में मोना ने जो उसे झाड़ा था ..
“क्यो तुम्हे मेरी याद आ सकती है तो मुझे तुम्हारी क्यो नही “
“क्यो मजाक कर रही हो भाभी जी ,बतलाइए की क्या काम है ..”
मोना ने एक उदास ही हँसी हँसी जिसका आभस अब्दुल को ही गया था 
“क्या हुआ भाभी जी आप उदास लग रही हो ..”
“हा थोड़ी सी हु “
“मैं कुछ कर सकता हु ..??”
“घूमने ले चलोगे मुझे ..”
अब्दुल के साथ साथ मैं भी आश्चर्य में पड़ गया था ,आखिर मोना कर क्या रही है..
“कहा...यानी कब ..यानी..”
अब्दुल के इस जवाब से मोना खिलखिलाकर हँस पड़ी 
“अभी आ जाओ ,कही चलते है,एक चाय हो जाए या काफी ..मेरे ऑफिस आ जाओ ..”
“बिल्कुल बिल्कुल अभी आया “
मोना की इस हरकत ने मुझे थोड़ा चिंता में डाल दिया,अब्दुल को लेकर नही क्योकि वो भले ही इस शहर का डॉन बन जाए लेकिन वो उतना मेच्योर नही था की मोना जैसी लड़की के साथ कुछ गलत कर पाए,असल में उसकी आंखों में मैंने मोना के लिए एक अजीब सा आकर्षण देखा था,और मोना में ये काबिलियत थी की उसे वो अपनी उंगलियों में नचा सकती थी ,लेकिन मुझे चिंता हो रही थी मोना के लिए ,वो रोहित को माना रही थी ,उसे सही तरीके से मना भी नही कर पा रही थी ,वो अपना दिमाग शांत करने के लिए अब्दुल के साथ चाय पीने जा रही थी,मुझे समझ नही आ रहा था की मेरी मोना को हो क्या रहा है कही ये मेरे द्वारा फैलाया गया सियापा तो नही जिसके कारण मोना टेंसन में है ,मुझे यकीन था की मोना कोई भी गलत कदम नही उठाएगी ,वो समझदार थी ,और गलत कदम का मतलब था की किसी भी के साथ संबंध नई बनाएगी लेकिन रोहित के साथ ….ये कहना तो अभी मुश्किल था,सबसे ज्यादा चिंता वाली बात ये थी की अगर उसने ऐसा किया तो मेरा रियेक्सन क्या होगा,क्या मैं गुस्सा होंउंगा,या मजे लूंगा जैसा मैं उसे कहता हु,...अभी तो मुझे भी नही पता था ...
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 10-08-2020, 09:21 AM



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